ये क्सिउ ने दृढ़ता से सब कुछ छोड़ दिया, जिससे भूमि सप्तम और अन्य उसे स्वीकार कर सकें। वह सभी पुराने दोस्त थे और उन्होंने भाईचारे से गिरी हुई चीजों को आपस में बांट लिया। मकड़ी का जहर पैसों में बेचा जा सकता था। यह मायने नहीं रखता कि कौन चुनता। उसे बेचने के बाद वो पैसे को आपस में बांट लेते। जूते भी साधारण नीले इक्विपमेंट थे तो हर कोई बेफिक्री से उसे छोड़ने को तैयार हो गया। अंत में सूर्यास्त मेघ ने 100 अंकों के लिए उसे छोड़ दिया। जहाँ तक महोगनी ताची का सवाल था आने वाले वर्गों में वह या तो सूर्यास्त मेघ के पास जाती या सुषुप्त शेखर के पास। सूर्यास्त मेघ ने अभी अभी जूते रखे थे। हालांकि जूते की तुलना में महोगनी ताची ज्यादा अंक रखता था फिर भी उसने खुशी-खुशी महोगनी ताची छोड़ दी। सुषुप्त शेखर ने उत्तेजना से और कुछ अजीब ढंग से, महोगनी ताची स्वीकार की।
पहली मकड़ी की गुफा पार की जा चुकी थी और पहला मकड़ी का बादशाह मारा जा चुका था। दोनों से ही उन्हें बहुत ज्यादा अनुभव प्राप्त हुआ था। विकट देव 12 वे दर्जे तक पहुंच गया था जबकि भूमि सप्तम और बाकी इस कोठरी के बाद एक दर्जा उपर उठ गये थे। साधारण सरगना को मारना बहुत आसान था और उन्होंने तुरंत उसे ठिकाने लगा दिया।
कोठरी को पार करने के बाद सुषुप्त शेखर ने एक बार फिर से विरोधाभास महसूस किया। उसने शुरू में तय किया था कि इस दौर के बाद वह दल छोड़ देगा, पर उसे अभी अभी महोगनी ताची मिली थी। इक्विपमेंट मिलते ही, दल छोड़ना अच्छे आचरण नहीं लग रहे थे। "अगर मैं यह दल छोड़ता हूँ तो कोई फायदा नहीं होगा। भूमि सप्तम ने पहले ही मुझे चले जाने के लिए कह दिया था अगर मैं नहीं छोड़ता हूँ तो मैं अपना व्यक्तित्व भी खो दूंगा"
किस्मत से भूमि सप्तम एक अच्छा दोस्त था और वो उसे बुलाने के लिए आगे आया। ऐसा महसूस हुआ कि जो उसने कोठरी में कहा था वो बस एक मजाक था। इसलिए चीजें इस तरह खत्म हुई। विकट देव को नेता चुनकर सभी एक बार फिर मकड़ी गुफा में घुस गए।
सुषुप्त शेखर के जैसे, नीलधारा और उसके समूह नील नदी संघ में भी भेदभाव था और लोग परेशान थे। वह पहले नहीं थे जो मकड़ी गुफा को पार कर रहे थे और 3 सरगनाओं में से दो को पहले ही चुरा लिया जा चुका था। यह चौथी बार था जब वह कोठरी में घुस रहे थे और अंत में उन्हें फिर कोई नहीं मिला। जैसे ही वह लोग कठोरता से आगे बढ़े वैसे ही यह घोषणा हुई। अंतिम 3, मकड़ी योद्धा, छिपे हुए सरगना मकड़ी गुफा में मारे जा चुके थे।
मकड़ी योद्धा को सबसे पहले मारने वाले पहले तीन महान संघ में से एक औषधि उद्यान के सदस्य थे। और पिछले छिपे सरगना को साफ करने वाले सदस्य, और कोई नहीं महान संघ भयावह महत्वकांक्षा से थे। इन सब से यह देखा जा सकता था कि तीन महान संघ एक दूसरे को टक्कर दे रहे थे पर इस बार यह आदमी विकट देव ने सब कुछ छीन लिया। विकट देव इस समय सबसे ज्यादा, पहली बार पार करने वाला खिलाडी बना चुका था। उसने 3 बार पार करके यह कीर्तिमान बनाया था। इससे भी ज्यादा, उसके पीछे चल रहा उसका दल 10 वे दर्जे की अंकतालिका में 2 स्थान ले लिए थे। इसके कारण नील नदी संघ काफी छोटा महसूस कर रहे थे। जहाँ तक छिपे हुए सरगना का सवाल था वह सिर्फ अपनी बुरी किस्मत को दोषी ठहरा सकते थे। पर जब उन्होंने उस 10 सेकंड के बारे में सोचा जो पहली कोठरी पार करने में देर कर दी थी तो उनका खून खौल उठा।
सारी पहली बार पार करने वाली बातें खत्म हो चुकी थी। नीलधारा और अन्य, दुख के सागर में डूब चुके थे।
"ये विकट देव कहाँ से आया है? क्या गांव के लोग इस पर ध्यान दे रहे हैं" नीलधारा ने बेचैनी में कहा।
वह ये क्सिउ, जिसे वह बुरी नजर से देख रहे थे वह बहुत ही सकारात्मक ऊर्जा के साथ था। कोठरी को छोड़ना और वापस घुसना, वह लगातार व्यस्त था। 10 वे सर्वर की शुरुआत से ही वह लगातार व्यस्त था और इसी तरह आगे बढ़ रहा था। कुछ लोग खुश थे जबकि कुछ लोग परेशान थे।
जब चेन गुओ सो के उठी तो 11:00 बज चुके थे, लगभग दोपहर हो चुकी था। वैसे तो वो संयमित थी और बहुत ही कम देर तक सोती थी। केवल कल, 10 वे सर्वर की शुरुआत थी। इस आदमी के पीछे चलते चलते और उत्तेजनाओं को देखते-देखते वह काफी देर तक सो गई। चेन गुओ ने समय देखा और पाया वह 8 घंटे से सो रही थी। वह संतुष्ट थी, उसने अपने हाथ फैलाए और वह बिस्तर से बाहर निकल आई।
चेन गुओ इंटरनेट कैफे में ही रहती थी। सही कहा जाए तो वह दूसरे माले के उस छोटे कमरे में ही सोती थी, उसी जगह जहाँ पर ये क्सिउ था।
इस नए आए ये क्सिउ की तुलना में, चेन गुओ वहाँ के वातावरण से अच्छे से परिचित थी। वह खुशहाल इंटरनेट कैफे में ही खाते, सोते, काम करते बड़ी हुई थी। अपने कॉलेज के समय में भी वह घर जाने के बजाय इंटरनेट कैफे में ही आ जाती थी। इसी कारण बहुत ही कम गलतफहमी थी।
खुशहाल इंटरनेट कैफ़े उसका घर था। चेन गुओ को ऐसा दिल से लगता था, बहुत पहले से, जब वह बहुत छोटी थी। क्योंकि उसके माता पिता भी इसी तरह थे और वो इंटरनेट कैफ़े बड़े से ध्यान चलाती थी, जैसे उसका परिवार हो। जब इंटरनेट कैफ़े काफी छोटा था तब चेन गुओ भी काफी छोटी थी। अब उसका घर बहुत बड़ा हो गया था पर उसके परिवार के नाम पर बस वही रह गया थी।
उस साल जब वह अपने कॉलेज में दाखिला लेने गई थी, चेन गुओ के पिता दिल की बीमारी से गुजर गए।
चेन गुओ की मां नहीं थी, उसे हल्का सा भी याद नहीं था। अपने पिता का अंतिम संस्कार करने के बाद उसके परिवार के सदस्यों ने तय किया था कि इंटरनेट कैफ़े कैसे संभालना है। जैसे ही इसके बारे में बात करने लग गए कि चेन गुओ का क्या करना है, बिना कुछ सोचे चेन गुओ ने अपने कॉलेज के दाखिले के खत को फाड़ के फेंक दिया और कैफ़े सँभालने लग गई। उसके दोस्त, रिश्तेदार उसको देख कर चौक गए थे। वह अपने पिता के जैसे दिखती थी और इंटरनेट कैफे को संभालना जारी रखा और घर को भी देखने लग गई।
एक झटके में 9 साल गुजर गए।
आज की चेन गुओ के पास काफी पैसा था कि वह अपने लिए एक अच्छा घर खरीद सके पर उसके मन में कभी ख्याल नहीं आया। वह हमेशा महसूस करती थी कि वह कैफ़े में खुश थी। इंटरनेट कैफ़े को उसने हमेशा स्थाई और स्थिर पाया, जैसे परिवार होते है। यही कारण था वो अकेली थी पर उसे कभी अकेलापन महसूस नहीं हुआ।
"आज का मौसम अच्छा है" खिड़की पर खड़े होकर चेन गुओ ने बाहर देखा। चांदी जैसे सफेद रंग की दुनिया सूरज की रोशनी में चमक रही थी।
"पिताजी आप को जाकर नहा लेना चाहिए" चेन गुओ ने मजाक में कहा। अपने साथ, पिता की एक फोटो उठाई और उसे खिड़की से बाहर निकाल कर देखने लगी।
अपने कपड़े पहनने के बाद और मुंह धोने के बाद चेन गुओ ने जादुई ढंग से, ख़ुशी-ख़ुशी कमरे में प्रवेश किया। यह देखकर कि स्टोर रूम का दरवाजा भी खुला हुआ था उसने अपना सर हिलाया और एक झलक अंदर झांककर देखा, पर ये क्सिऊ दिखाई नहीं दिया।
"कहाँ गया?" चेन गुओ ने बुदबुदाया।
दरवाजा खोलकर चेन गुओ इंटरनेट कैफ़े में चली गयी। पूरा इंटरनेट कैफ़े भरा हुआ था क्योंकि ग्लोरी के 10 वे सर्वर की शुरुआत हुई थी। रात भर खेलने वाले वाले लोगों के जाते ही, दिन में खेलने वाले लोग आ गये। सभी स्क्रीन पर ग्लोरी ही चल रहा था। हर आदमी सर में हेडफोन लगाए हुए या तो हँस रहा था या गुस्सा हो रहा था। यह निर्भर था कि वो माइक्रोफोन से किस प्रकार की आवाजें सुन रहा था।
चेन गुओ सीढ़ियों से नीचे गई और सामने पूछताछ केंद्र पर अपने से छोटी महिला साथी से पूछा कि ये क्सिऊ कहाँ गया।
उस महिला ने इशारे से बताया कि वह सिगरेट पीने वाले क्षेत्र में गया था।
"अभी भी खेल रहा है?" चेन गुओ ने चौकन्ना होते हुए पूछा। वह तेजी से उस जगह पर गई।
सिगरेट पीने वाले जगह पर पूरी तरह से काले धुंएँ से भरे बादल थे। ये क्सिऊ, इस हादसे भरे क्षेत्र में एकदम बीचो-बीच खड़ा हुआ था। चेन गुओ ने गुस्से से अपनी भौएं चढ़ाई और धुआं हटाने की कोशिश की। वह तेजी से ये क्सिऊ के पास पहुंची और उसका हेडफोन निकाल कहा, "अभी भी खेल रहे हो! तुम पागल हो क्या?"
ये क्सिऊ बिजली की रफ्तार से पलटा और अपना सर हिलाते हुए कहा "सुप्रभात"। वो तुरंत ही वापस पलट गया और "पा पा" का आवाज कीबोर्ड से निकालने लग गया।
चेन गुओ ने अपनी आंखें स्क्रीन पर दौड़ाई "मकड़ी गुफा"
"हाँ"
"कौन सा दर्जा?"
" 17 "
चेन गुओ हैरान थी। उसने ध्यान से स्क्रीन पर देखा और पाया कि विकट देव के अनुभव का खांचा पूरा भरा दिख रहा था। इस कोठरी के बाद उसका दर्जा लगभग18 हो जायेगा।
इस वक्त 12:00 बजने में अभी भी 20 मिनट बचे हुए थे। 18 वे दर्जे में पहुँचने में बस 12 घंटे लगे, इसे तो नया कीर्तिमान होना चाहिए था। हालांकि सिस्टम में इस तरह के आंकड़ों की घोषणा नहीं की जाती थी, पर बहुत से लोग जो उसे काफी समय से खेल रहे थे, वह जान रहे थे कि इतना उपर दर्जे पर पहुंचने के लिए क्या रफ्तार चाहिए होती थी।
चेन गुओ ने एक बार फिर देखा और ये क्सिऊ के दल के सदस्यों को भी ध्यान से देखा।
सुषुप्त शेखर? चेन गुओ को अचानक लगा कि उसने ये नाम पहले भी कहीं देखा था। काफी देर सोचने के बाद उसे ध्यान आया।
"क्या यह वही आदमी है जो रात में तुम्हें गालियाँ दे रहा था?" चेन गुओ ने दल की सूची में सुषुप्त शेखर पर उंगली रखते हुए कहा।
"हम्म"
"तो फिर तुम्हारे दल में क्यों है?" चेन गुओ को समझ में नहीं आया।
"उसके गालियाँ देने के कारण मैं किसी के साथ कोई दल नहीं बना पाया था" ये क्सिऊ ने कहा
"तुमसे किसने, कारण पूछा" चेन गुओ गुस्सा हो गई।
"मेरे जैसे समझदार आदमी के लिए कैसे, किसी का गाली देना, पागल होने का कारण हो सकता है?" ये क्सिऊ हँसा।