बकवास!
ये क्सिऊ बस इतना ही कह सका इस तरह के शिकार के चोरो पर।
कब्रिस्तान में बहुत लोग नहीं थे। वहाँ बहुत से राक्षस थे खिलाड़ियों को मारने के लिए, पर इस आदमी ने अप्रत्याशित ढंग से उसका शिकार चुरा लिया। इस तरह की बुरी, शिकार की चोरी, ज्यादातर अपनी कुशलता के दिखावे के लिए ही होती थी।
इस खिलाड़ी ने अपने हाथ में खम्बा लिया हुआ था। उसके पैरों के नीचे जादू मंडरा रहा था। वह एक मंझा हुआ मायावी योद्धा था। उसके पैरों के नीचे का जादू एक छलावा था जिसे मायावी युद्ध की पहचान, "अनुसरण" की कुशलता का प्रयोग कर के किया गया था।
अनुसरण का उपयोग कई मायावी युद्ध कुशलता की मदद से किया जा सकता था, जो कुल 5 थी। अनुसरण का शुरुआत करने के बाद, वो मायावी योद्धा के शरीर के इर्ग गिर्द 30 सेकंड तक चक्कर लगाते थे। इन 30 सेकंड में अनुसरण उड़ कर लक्ष्य पर हमला कर सकता था। लक्ष्य को घायल करने या मारने के बाद, पात्र 20 सेकंड तक छलावे में रहता था।
20 वे दर्जे पर, मायावी योद्धा 1 ही अनुसरण सीख सकते है: निष्पक्ष अनुसरण। इसको नागदंत की मदद से शुरू किया जाता था और 5 अनुसरण में सबसे कम प्रभाव इसी का था। जो छलावा ये करता था उससे पात्र की हलचल की रफ़्तार बढ़ जाती थी। पहले दर्जे का निष्पक्ष अनुसरण 1% हलचल की रफ़्तार बढ़ाता था वही सबसे ज्यादा 20 वे दर्जे में रफ्तार 20% बढ़ जाती थी।
अनुसरण मायावी युद्ध का सबसे अलग गुण था, जिसके कारण कहा जाता था कि वो जादू का इस्तेमाल करके अपने लड़ने की क्षमता बढ़ा लेते थे। वैसे तो विकट देव पहले ही 20 वे दर्जे पर था, उसके पास कुशलता सीखने का विकल्प नहीं था।
इस मायावी योद्धा ने इस कुशलता का भली भांति उपयोग किया। राक्षस को हवा में उड़ा देने के बाद, वो तुरंत राक्षस के पीछे चला गया और नागदंत से वार किया, जिससे हवाई और पीछे से हमला दोनों पूरे हो गए। निष्पक्ष अनुसरण खम्भे के नोक पर इकट्ठा हो गया और बगल से चमकने लगा। हमला कैसे किया गया था इसके अनुसार अनुसरण के शुरू होने में अंतर आ जाता था: छोटा, बड़ा, मध्यम। हालांकि नाप से छलावे पर असर नहीं पड़ता था, पर अनुसरण के नुकसान पर प्रभाव पड़ता था। ग्लोरी में, युद्ध के ज्ञान पढ़ना आसन था पर उस पर महारथ हासिल करना कठिन था। अनुसरण के इस्तेमाल और युद्ध की आत्मा के लिए जरूरी तकनीकी बाते इसे पेशेवर ढंग से खेलने के लिए और कठिन बना देते थे।
वो आदमी पलटा और विकट देव के सामने आ गया। शिकार चोरी करने के बाद भी, ये आदमी सामने आने की हिम्मत रखता था।
ये क्सिऊ ने देखा और पाया कि ये आदमी साधारण नहीं था। वो उसके दिखावे में नहीं आ रहा था, वो उसके पात्र के चिढ़ाते हुए चेहरे को देखकर बता रहा था। कितना बेढंग सा चेहरा था! इतना अटपटा नतीजा, न ही खेल के एडिटर से, न ही अचानक बनी रचना के कारण हो सकता था।
ये क्सिऊ ने सर हिलाया। उसने सोचा भी नहीं था कि वो छोटे राक्षस के बदले इस तरह के दिखावे के धनी व्यक्ति से उलझ जायेगा। किसने सोचा था की दिखावे का धनी ये व्यक्ति पलटेगा और 2 बार अपना दिखावा पेश करेगा और फिर गलती कर बैठेगा। जो राक्षस अब तक हवा में था, वो नीचे गिर पड़ा।
ये क्सिऊ हँसने के लिए बेबस था। जैसे ही वो छोड़कर जाने वाला था, उसने इस आदमी को अपना नाम लेते सुना, "विकट देव?"
"हाँ?" ये क्सिऊ ने अपना नाम सुना और विकट देव पलटा। वो आदमी विकट देव की और बढ़ा जबकि राक्षस का अनुसरण हो रहा था।
"तो वो तुम हो" सामने वाले ने कहा।
"और तुम?" ये क्सिऊ ने इस आदमी का नाम जानना चाहा। सहस्त्र रचना, कोई जानकारी नहीं। क्या ये इंटरनेट कैफ़े में हालिया बने दोस्तों में से कोई था? ये क्सिऊ ने अपने दोस्तों की सूची खोली और देखने वाला ही था, जब सामने वाले आदमी ने कहा, "मैं सुना है तुम काफी अच्छे हो? आओ, देखे तो जरा"
"तुम कौन हो?" उसकी दोस्तों की सूची में 30 से ज्यादा लोग थे। ये क्सिऊ ने तेजी से देखा पर सहस्त्र रचना जैसा कोई नाम नहीं दिखा।
"वो जरूरी नहीं है। जरूरी बात ये है कि मैं तुमसे लड़ना चाहता हूँ" सहस्त्र रचना ने कहा।
ये क्सिऊ ने कुछ और नहीं कहा और विकट देव को वापस जाने के लिए घुमा लिया।
"हे, जाओ मत" सहस्त्र रचना ने तुरंत कहा, पर आधी लड़ाई में छूटा राक्षस अभी भी उस पर हमला कर रहा था। सहस्त्र रचना ने आकाशीय आक्रमण करके उसे गिरा दिया और फिर गिरते हुए फूलों के पंजे का इस्तेमाल किया। जिस राक्षस से वो लड़ रहा था, वो उड़ गया और विकट देव से टकरा गया।
शुरुआती गाँव छोड़ने के बाद सिस्टम खिलाड़ियों की रक्षा नहीं करता, इसलिए खिलाड़ी अब पीके कर सकते थे। जैसे ही लगा की राक्षस विकट देव से टकरा गया, विकट देव ने अपना शरीर घुमा लिया। अपना युद्ध भाला निकाल कर उसने राक्षस को बीच हवा में ही मार गिराया। हाथ की एक लहर से ही, राक्षस जमीन पर जा गिरा। उसने फिर "गोल झूले" का इस्तेमाल करते हुए, सहस्त्र रचना द्वारा उसकी ओर फेंके राक्षस को मारते हुए, लड़ाई का अंत किया।
"तुममे सही में कुछ कुशलता है। पर मेरी राय है कि तुम मेरे साथ रंगभूमि में चलो, जिससे तुम कोई अनुभव न भूलो" सहस्त्र रचना ने ये कहा, पर दूसरी तरफ से कोई जवाब नहीं आया। दूसरी और भी वही हुआ जो उसने किया था। उसने भी आकाशीय आक्रमण करने के बाद गिरते हुए फूलों के पंजे का इस्तेमाल किया। पर इस बार, गिरते हुए फूलों का पंजा तेजी से इस्तेमाल किया गया और राक्षस उसकी और उड़ गया।
"हुंह" सहस्त्र रचना ने घृणा से आवाज निकाली। उसने अपने खम्भे से रोक लिया और वही करने वाला था जो विकट देव ने उसके साथ किया था। उसने भी गोल झूले के इस्तेमाल के साथ उड़े हुए राक्षस को खत्म किया।
खम्भे ने ये काम आसानी से कर दिया। सहस्त्र रचना खुद ही अपनी तारीफ करने लगा, ये सोच कर की उसके द्वारा पहले किया गया वार बहुत ही बेहतर था दिखने में। पर कौन जानता था कि जो राक्षस उसकी और उड़ते हुए आ रहा था वो अचानक ही जमीन पर गिर पड़ेगा। खम्भे ने अचानक ही हवा में वार किया।
सहस्त्र रचना चौंका हुआ था।
अगर ये संयोग नहीं था, तो इस आदमी ने गिरते हुए फूलों के पंजे का सही ताकत से इस्तेमाल किया था और उसने घूमते झूले को सही गणना करके इस्तेमाल किया था। नतीजतन राक्षस उड़ कर गोल झूले के दायरे से बाहर निकल गया और उसके खम्भे से बच गया। छोटी छोटी बातों पर कितना ध्यान दिया गया था?
"तुम्हारे पास अभी भी रास्ते है जाने के लिए"
जब सहस्त्र रचना ने ये सुना तो, उसने तुरंत ही अपना कैमरा घुमाया। विकट देव पहले ही अपने काम से काम रखते हुए चल पड़ा था, जबकि उस पर उसके द्वारा बचे राक्षस ही हमला करने वाला था।
"तुम न जाओ तो बेहतर होगा" जिन लोगो को दिखावा करने का शौख होता था, वही हारने से सबसे ज्यादा डरता भी था। अब जब उसके साथ खेला जा रहा था और उसे नीचा दिखाया गया, तो सहस्त्र रचना का उसे माफ़ करने का मन नहीं था। उसने एक बार फिर, एक साथ राक्षस को मार उड़ाया और उस पर अनुसरण किया।
विकट देव ने एक बार फिर अपनी कुशलता का दिखाई। उसने अपना हाथ उठाया और नागदंत का इस्तेमाल किया। जो राक्षस उड़ता हुआ आ रहा था वो बीच हवा में ही लटक गया। आकाशीय आक्रमण के बाद उसने राक्षस को हवा में ऊँचा उछाला और उसे दो बार खंजर घोंपा। राक्षस अपनी बाँहे फैलाये सहस्त्र रचना के गले पड़ गया।
"धत्त" सहस्त्र रचना जो बहुत तेजी से भागा था, उसके पास पलटवार का समय नहीं था। उसने सोचा नहीं था कि विकट देव राक्षस के साथ इतनी देर खेलने के बाद, उसे वापस मारेगा। उड़ता हुआ राक्षस उसके चेहरे से आ टकराया। पहले आदमी के नजरिये से, पूरी स्क्रीन बुरी सी हो गयी थी, सड़े हुए ज़ोंबी की लाश, बहुत ही बुरी स्थिति में। सहस्त्र रचना, ज़ोंबी के कारण जमीन पर आ गिरा।
जोम्बी को धकेलने के बाद वो दोबारा उठ खड़ा हुआ। पर उसने पाया कि ज़ोंबी उसके पैरों के पास पड़ा था और उसका सड़ा हुआ मुंह, उसे काटने के लिए, खुला हुआ था। सहस्त्र रचना ने उसे खम्भे से खोदा। इस ज़ोंबी को मुश्किल से मारने के बाद, उसने अपने हेडफोन पर हड्डियों के टूटने की आवाज सुनी। उसे पता नहीं था, पर एक कंकाल उसे सँभालने के लिए आ गया था। कंकाल ने अपना कुल्हाड़ा उठाया और उसकी ओर दौड़ पड़ा।
"तुम्हे शिकार चुराने का बहुत शौख था न? बहुत समय है तुम्हारे पास" विकट देव ने चिल्लाया। सहस्त्र रचना तुरंत उसकी ओर देखा। इस आदमी ने थोड़ी ही देर में 4 राक्षस इकट्ठे कर लिए थे। इस समय, एक गिरते हुए फूलों का पंजा चला और चारों राक्षस सहस्त्र रचना की ओर फेंक दिए गये।