बदलता बसंत

गोब्लिन व्यापारी का शिकार उत्साह के साथ शुरू हुआ था और शान्ति से खत्म हो गया।

एक बार नील नदी संघ और औषधि उद्यान ने हार मान ली, तो और संघ जिनमे थोड़ी सी भी कुशलता थी, उन्हें समझ आ गया और उन्होंने भी समय नष्ट न करते हुए, पीछे हटने का मन बना लिया। बचे हुए खिलाड़ी अभी भी हालात समझ नहीं पाए थे और उन्होंने पीछे हटने से मना कर दिया। वो भयावह महत्वाकांक्षा के सहायक साबित हुए, नुकसान बढ़ाने में। आखिरकार, जब भयावह महत्वाकांक्षा गोब्लिन व्यापरी के पहले शिकारी घोषित हुए, नील नदी संघ और औषधि उद्यान बेहद शांत थे।

एक संघ कहलाने के लिए, पहले शिकार के लिए संघ में बाहर से खिलाड़ी नहीं होना चाहिए था। हालांकि विकट देव ने अभी हाल ही में नील नदी संघ छोड़ा था और पांच दिन भी नहीं गुजरे थे, तो वो भयावह महत्वाकांक्षा से नहीं जुड़ सकता था। साफ़ तौर पर सरगना के गिरते ही उसने पार्टी छोड़ दी और अब वो अंकतालिका में नहीं दिखाई, देगा, जिससे पूरा श्रेय भयावह महत्वाकांक्षा को जायेगा।

नीलधारा को इस बात से नफरत थी क्योंकि वो जानता था कि भयावह महत्वाकांक्षा द्वारा गोब्लिन व्यापारी को मारने में विकट देव का बड़ा योगदान था। नीलधारा को विश्वास था कि दूसरे टैंकों के फटने से सरगना का रास्ता तय करना, ये भयावह महत्वाकांक्षा के खिलाड़ियों के बस की बात नहीं थी। ऐसा इसलिए था क्योंकि अगर नील नदी संघ इस तरह की योजना नहीं बना सकते तो बिना किसी शक के भयावह महत्वाकांक्षा भी ऐसा करने में सक्षम नहीं था। ये सब विकट देव के नेतृत्व का कमाल था।

नीलधारा को पूरा विश्वास था कि विकट देव की ताकत उन सब से ज्यादा, एक अलग ही मुकाम पर थी। वो एक महान जानकार था जो उसके जैसे आम खिलाड़ियों को दबा सकता था। इस ताकत के साथ, वो कैसे कोई नहीं था? किस जानकार ने ये निचले दर्जे का खाता बनाया? नीलधारा साफ़ तौर पर विकट देव को नया खिलाड़ी नहीं मान सकता था। इस तरह की बहादुरी भरा नेतृत्व का मतलब था कि उसे खेल की अतुलनीय जानकारी थी। वो नया खिलाड़ी नहीं हो सकता था।

"भाई" नीलधारा ने अपने दोस्तों की सूची खोली और शांति से एक संदेश विकट देव को भेजा, "तुम्हे क्या लगता है, तुम्हे 23 वे दर्जे तक पहुँचने में कितना समय लगेगा?"

"सबको इसकी कितनी चिंता है?" ये क्सिऊ ने जवाब दिया।

नीलधारा को कोई आश्चर्य नहीं हुआ। सबको इस समस्या की इतनी चिंता क्यों थी, इसका कारण आसान था। 23 वे दर्जे पर, वो कब्रिस्तान की कोठरी में घुस सकता था। सब उसके दर्जे के उठने के इंतजार में थे और फिर उसे आमंत्रित करके नए कीर्तिमान को स्थापित करना चाहते थे। आज भयावह महत्वाकांक्षा ने गोब्लिन व्यापारी को चुरा कर सफलता का स्वाद चखा था। उन्हें भी इस महान जानकार की कीमत का अंदाजा हो गया था।

"मुझे भी नहीं पता। खेलते रहो और हम जान जायेंगे" ये क्सिऊ ने जवाब दिया।

"तुम्हे कब्रिस्तान की कोठरी के लिए हमसे बात करनी होगी!!" नीलधारा ने कहा।

"इसके बारे में बाद में बात करेंगे" ये क्सिऊ ने जवाब नहीं दिया।

नीलधारा निराश और बेचैन था। उसने पहले ही बता दिया था कि 10 वे सर्वर में, तीनो महान संघ विकट देव के साथ से कीर्तिमान बनाने और तोड़ने के लिए आपस में बेतहाशा लड़ेंगे। क्योंकि उसने विकट देव का शांत स्वाभाव और अपने लिए बुद्धिमत्ता को पहले ही देख लिया था, उसे डर था कही विकट देव सबसे महंगा किराये का हत्यारा न बन जाए। उसके पास इस स्थिति को सम्भालने के लिए बहुत आत्म-विश्वास नहीं था।

नीलधारा ने काफी देर सोचा और फिर खेल से बाहर निकल गया। वो एक दूसरे कार्ड से खेल में घुसा, ऊँचे दर्जे का नील बसंत फुहार बन कर।

इस समय, अनंत द्वार में, सभी खिलाड़ी अपनी नयी कोठरियों को लेकर चहल कदमी कर रहे थे। पर एक बार जैसे ही नील बसंत फुहार ऑनलाइन हुआ, उसने संघ में बहुत से लोगों के आकर्षण का केंद्र बन गया। ये संघ के पांच बड़े जानकारों में से एक था। इससे भी ज्यादा, क्या उसे 10 वे सर्वर में नहीं होना चाहिए था? वो अचानक यहाँ क्यों भाग आया?

नीलधारा को संदेश भेजने वाला सबसे पहला व्यक्ति नील नदी संघ का नेता बदलता बसंत था।

संदेश काफी आसान था, चार बड़े बड़े ???? प्रश्नवाचक चिन्ह।

"किसी काम में लगे हो?" नीलधारा ने पूछा।

"कोठरी" मतलब अभी वो कोठरी में था।

"बाहर निकलने पर बात करते है" नीलधारा ने कहा।

"जरूरी है?"

"जरूरी तो नहीं है, पर मुझे तुमसे बात करनी है"

"रुको"

बदलते बसंत के संदेश हमेशा ऐसे ही छोटे होते थे। ऐसा इसलिए नहीं कि उसके पास कहने को कुछ शब्द ही होते थे, पर इसलिए की उसे लिखने में आलस महसूस होता था। इस आदमी की हाथों की रफ़्तार बहुत तेज थी। वो इस बात को लेकर पागल भी था। वो जानबूझकर कुछ उट-पटांग हरकत करता था जिससे उसके हाथो की रफ़्तार बढ़ जाये और साथ ही बात करने में समय न गंवाना पड़े।

उसका सबसे चर्चित लम्हा वो होता था जब दुनिया भर के चैनल पर कोई बदलते बसंत पर गुस्सा होता था। अंत में, बदलता बसंत हमेशा ऑनलाइन रहता था पर कभी जवाब नहीं देता था। एक महान संघ के नेता के लिए इतना आलसी होना ठीक नहीं था। यहाँ तक कि उसे किसी से बहस करने में भी आलस महसूस होता था, फिर भी वो संघ का नेता था। दुनिया के चैनल पर गुस्सा जताए जाने से पूरे संघ को लगता था कि उनकी इज्जत मिट्टी में मिल रही हो। संघ के सदस्य चाहते थे कि वो जवाब दे पर बदलता बसंत कहता था कि उसने पहले ही जवाब दे दिया था। सभी निराश हो जाते थे। बाद में, जब उन्होंने दुनिया के चैनल को खोल कर देखा तो आश्चर्यजनक रूप से उन्होंने वहां पाया भी।

दुनिया के चैनल में संदेशों के ढेर में बदलते बसंत ने बस तीन शब्द लिखे थे: भ में जा (भाड़ में जाओ)

समूचा संघ उसके कदमों में झुक गया। तबसे "भ में जा" नील नदी संघ में लोग गुस्से से एक दूसरे को इसी शब्द में जवाब देने लगे। वो आज भी इसे इस्तेमाल करते थे।

नीलधारा पुराने बसंत के अंदाज से परिचित था। उसने कुछ और नहीं कहा और इंतजार किया।

10 मिनट गुजरने के बाद, बदलते बसंत ने संदेश भेजा, "कहाँ?"

"माउंट ब्रुक शहर"

माउंट ब्रुक शहर अनंत द्वार का सबसे बड़ा शहर था। क्योंकि इसके नाम में ब्रुक था जिसका मतलब नदी होता था, इसलिए नील नदी संघ ने अपना मुख्य कार्यालय वही बनाया था।

कुछ देर बाद, बदलते बसंत ने जल्दी दिखाई। दोनों खिलाड़ी मिले। बदलते बसंत ने बिना कुछ छोड़े कहा, "कुछ हुआ है?" 

"एक महान जानकार 10 वे सर्वर में आया है" नीलधारा ने कहा।

"कौन सा वर्ग?"

"उसने अभी तक वर्ग नहीं बदला है" नीलधारा ने कहा।

"वर्ग नहीं बदला?" 

"हाँ, उसने बहुत से वर्ग से कुशलता सीख रही है। कुछ ऐसे जैसे वो बिना विशेषता वाला पात्र हो" नीलधारा ने कहा।

बदलते बसंत ने हँसते हुए कहा, "अगर वो बिना विशेषता वाला पात्र है तो जाहिर तौर पर उसके शुरुआती दर्जे मजबूत होंगे। कुछ कुशलताओं में उसके फायदे ज्यादा होंगे। पर आगे चलकर, मध्यम से ऊँचे दर्जे की कुशलता के बीच वो संभाल नहीं पायेगा और नुकसान होगा। उसे बहुत से हथियार की जरूरत पड़ेगी। उतने ज्यादा भार से उसकी रफ़्तार पर असर पड़ेगा। उससे भी अधिक, 50 वे दर्जे के बाद वो नहीं खेल पायेगा। अब कौन बिना विशेषता के खेलते है?"

"जब मैंने उसे पहले देखा था, तो मैंने भी यही सोचा था। पर इस आदमी की ताकत यहाँ नहीं है। मुझे पता है कि शुरुआती दर्जो में फायदा होता है, पर इस आदमी के खेलने की रफ़्तार से इसके ज्ञान से इसके नेतृत्व से, लोग के साथ मिलकर खेलने के भाव से, वो बहुत मजबूत दिखता है" नीलधारा ने कहा।

"इस समय और दौर में बिना विशेषता वाले पात्र की तरह खेलना, जरूर इस आदमी को बहुत ज्यादा ज्ञान है पर..." बदलते बसंत ने कहा और सोचा की ये सफाई कुछ ज्यादा ही खिंची हुई थी। बहुत ज्यादा ज्ञान वाले किसी खिलाड़ी के कारण नीलधारा इस तरह से नहीं हिल जायेगा।

"इस समय, 10 वे सर्वर में उसने शुरुआती गाँव में पहले 3 शिकार किये। उसके भाग लेने के कारण जमे हुए जंगल में हमारी पार्टी ने कीर्तिमान स्थापित किया। उसके भाग लेने के कारण भयावह महत्वाकांक्षा ने गोब्लिन व्यापारी के रूप में पहला शिकार किया। पहले खूनी बंदूकबाज... उसने अचानक मिले खिलाड़ियों के साथ, तीनों महान संघ के सामने से उसे चुरा लिया" नीलधारा को लगा ये उपलब्धियां काफी थी उसे मनाने के लिए।

"वो हमारे साथ भी खेला? उसने भयावह महत्वाकांक्षा की भी मदद की? और फिर उसने खूनी बन्दूकबाज को भी तीनों महान संघ के सामने से चुरा ले गया? वो किस तरफ है?" बदलते बसंत को कुछ समझ नहीं आया।

"वो किसी तरफ नहीं है। मैंने उसे अपनी तरफ लेना चाहा, पर उसका मन नहीं था। जहाँ से मैं देख सकता हूँ, वो आदमी यूँ ही किराये पर काम करना चाहता है। वो दाम बढ़ाता जायेगा और अच्छी खासी जायदाद बना लेगा" नीलधारा ने कहा।

"ये आदमी... थोड़ा अजीब है। क्या नाम है?"

"विकट देव"

"विकट देव? इस नाम का कोई जानकार इस सर्वर में है?" बदलता बसंत ठगा हुआ सा था।