लू मान के आँसू तुरंत गिरने लगे...

"एक बार लू हानली काण्ड के सभी सबूत जारी होने के बाद, एक के बाद एक घोटाले शुरू हो जायेंगे।"लू मान ने कहा।

टैंग ज़ी ने अपनी जाँघ पर हाथ मारते हुए कहा। "तुम लाजवाब हो!"

"जिओ मान,तुम्हें जल्द ही एक असिस्टेंट की नौकरी छोड़कर,मेरे साथ काम करना चाहिए। ये दोनों ही कठिन और थका देने वाले काम हैं, लेकिन तुम एक असिस्टेंट की तुलना में इस काम में अच्छा कमा सकती हो," टैंग जी ने सलाह दी।

लू मान हँसी।"मैंने पहले से ही सोच लिया है कि अब में एक असिस्टेंट की नौकरी नहीं करुँगी,लेकिन मैं एक पत्रकार भी नहीं बन सकती। मुझे अभी भी अपनी माँ की देखभाल करनी है। मैं पूरे दिन तुम्हारी तरह इधर-उधर नहीं भाग सकती, या फिर रात भर एक खबर के लिए कहीं नज़रें गड़ा कर नहीं बैठ सकती।"

"हाँ,यह सच है। तो फिर तुम क्या करने की योजना बना रही हो?" टैंग ज़ी ने पूछा।

लू मान ने अपना सिर हिला दिया। "मैंने अभी तक इसके बारे में सोचा नहीं है। मैंने एक असिस्टेंट के रूप में काम करके कुछ पैसा बचाया है, जिससे कुछ समय के लिए, मैं अपनी माँ के खर्चे उठा सकती हूँ। इसलिए, इस समय,मैं सिर्फ उनकी देखभाल करूँगी।"

दरअसल, लू मान एक फैशन डिजाइनर बनना चाहती थी, लेकिन उसे स्कूल छोड़ने के लिए मजबूर किया गया। लेकिन अब,उसके लिए इस सपने को फिर से पूरा करना इतना आसान नहीं था।

उसे ज़िआ किंगवेई के इलाज के लिए पैसे की सख़्त जरूरत थी। इसलिए अब स्कूल वापस जाना मुश्किल था।

हालांकि, अब जब उसे स्पष्ट रूप से पता चल गया था कि,लू कियुआन किस तरह का आदमी था, तो वो जान गयी थी कि,वो ज़िया किंगवेई के इलाज के लिए कोई पैसा नहीं देगा।

"मैं लू क्वी के असिस्टेंट के रूप में काफी समय से काम कर रही हूँ। उस दौरान, मैंने बहुत से स्टूडियो और आर्टिस्ट मैनेजमेंट कंपनियों के साथ संबंध बनाए हैं। मैं यह देखने की कोशिश करूंगी कि क्या मुझे उनके पास एक स्थिर नौकरी मिल सकती है।"लू मान ने कहा।

टैंग ज़ी ने सिर हिलाया। "मैं भी तुम्हारे लिए नौकरी ढूंढ़ने में मदद करूँगा।"

"डील।"

"एक मिनट रुको,"टैंग जी ने कहा और कार से उतर गया।

थोड़ी देर बाद,टैंग ज़ी दवाई के एक बैग के साथ दिखाई दिया। "तुम्हारा चेहरा बहुत सूजा हुआ है। इस पर ये दवा लगा लो।"

जब लू मान अपने चेहरे पर दवा लगा रही थी तो, उसने देखा कि टैंग ज़ी का दिमाग अपने काम की तरफ था। उसने हँसते हुए कहा,"ठीक है, जल्दी से वापस जाओ और उस खबर को लिखने के लिए कड़ी मेहनत करो। तुम्हें यहाँ मेरे साथ रहने की ज़रूरत नहीं है।"

"ठीक है! ठीक है! फिर मैं जा रहा हूँ।अगर तुम्हें कुछ ज़रूरत हो तो मुझे फोन करना।"

टैंग ज़ी कार से उतरा और पीछे खड़ी अपनी कार के पास चला गया।

***

टैंग ज़ी के जाने के बाद लू मान अस्पताल गयी।

पहले से ही रात के 11 बज रहे थे - अस्पताल में मिलने का समय ख़त्म हो चुका था।

इसलिए, नर्स ने लू मान को अंदर जाने से मना कर दिया। लू मान ने हताश होकर कहा,"मैं उनकी बेटी हूँ। मैं बस उन्हें कमरे के बाहर से देख लूँगी। मैं चुपचाप खिड़की से उन्हें देखने के बाद चली जाऊंगी। देखिये, यह मेरा पहचान पत्र है।"

अब जब वो अपने जीवन को फिर से शुरू कर रही थी, लू मान निश्चित रूप से ज़िया किंगवेई के बारे में सबसे अधिक चिंतित थी।

अपने पिछले जीवन में, वो अपनी माँ को उसके अंतिम समय में भी नहीं देख सकी थी। उसे उस बात का सबसे ज्यादा अफसोस था।

हालाँकि, अभी,अगर लू कियुआन ने उसे लू परिवार में जो कुछ हुआ, उसे निपटाने के लिए वापस नहीं बुलाया होता, तो वो तुरंत ज़िया किंगवेई से मिलने आ गयी होती।

लेकिन,यह अच्छा था कि,मिलने का समय ख़त्म हो चुका था, क्यूंकि लू मान नहीं चाहती थी कि, ज़िया किंगवेई उसके सूजे हुए और भद्दे चेहरे को देखे।

आठ साल बीत चुके थे,जब उसने आखिरी बार ज़िया किंगवेई को देखा था। उसे कोई खबर नहीं थी कि, उसकी मौत से पहले उसकी माँ की हालत कैसी थी।

यह महसूस करते हुए कि,वो अब अपनी माँ से मिल सकती है,लू मान भावुक हो गयी और घबराहट से उसकी आँखें लाल हो गयीं।

लू मान की आंखों से आंसू निकलते देखकर नर्स को उस पर दया आ गई,और उसने कोमलता से कहा, "ठीक है,आप अंदर जा सकती हैं और अपनी माँ को देख सकती हैं, लेकिन दूसरे मरीजों को परेशान न करें।"

लू मान ने जल्दी से नर्स को धन्यवाद दिया और ज़िया किंगवेई के कमरे में गयी।

हालांकि, उसने प्रवेश नहीं किया। उसकी हालत देखकर, क्या उसकी माँ को उसकी और चिंता नहीं हो जाती?

इसलिए,वो केवल कमरे के बाहर खड़ी होकर उसे देख रही थी।

वैसे भी, उस समय तक, ज़िया किंगवेई पहले से ही सो चुकी थी।

कमरे में पूरी तरह से अंधेरा था, सिवाय चांद कि रौशनी के जो बिस्तर पर चमक रही थी। उस रौशनी में बिस्तर पर सो रहे इंसान की आकृति दिखाई दे रही थी। ज़िया किंगवेई शांति से सो रही थी।

आखिर, आठ साल बाद,लू मान अपनी माँ को एक बार फिर से देख पा रही थी।

उसकी आँखों से आँसू तुरंत बहने लगे।

"माँ..."