Shairy No 29

अर्ज़ कुछ यूँ किया है ज़रा गौर फरमाइयेगा

कामयाबी की सीढ़ी कैसे चढ़ना है यह हम जानते है

कामयाबी की सीढ़ी कैसे चढ़ना है यह हम जानते है

बस है तलाश किसी की तो उसकी जो हमारा साथ दे