Shairy No 38

अर्ज़ कुछ यूँ किया है ज़रा गौर फरमाइयेगा

चाय और नींद से ज़िन्दगी का गुजारा नहीं होता

चाय और नींद से ज़िन्दगी का गुजारा नहीं होता

मेहनत भी कोई चीज है जिसे गुजारा है होता