Poem No 13 तूने बहुत मायूस किया

तूने बहुत मायूस किया

ग़म के सिवा क्या और दिया

उम्मीद थी कुछ खुशीयाँ आये

परन्तु तुमने ये क्या किया

आस लगाकर बैठे थे तुमपर

तूने बहुत मायूस किया

ग़म के सिवा क्या और दिया

चारों तरफ़ अंधेरा ही नज़र आये

उजाले की कोई पता तक नहीं

दर्द में डूबा है दिल मेरा

तूने बहुत मायूस किया

ग़म के सिवा क्या और दिया

---Raj