Poem No 20 चन्द्रमा की तरह

चन्द्रमा की तरह

रुख बदलता है प्रेम

कभी कुछ ज्यादा

तो कभी कम

फिर भी प्रेम है

यह कैसे समझाऊं मै

चन्द्रमा की तरह

रुख बदलता है प्रेम

----Raj