Poem No 101 यही जवाब है तुम्हारा

यही जवाब है तुम्हारा

तुम मेरे साथ नहीं रहना चाहती

मुझसे दूर जाना चाहती हो

वो सारे प्यार, वो लम्हे

सब भूलना चाहती हो

मुझे दर्द सहने की आदत है

तुम्हे हम आज़ाद कर रहा हूँ

मन से ना सही, तन से दूर हो

दर्द तो होगा ही, सह लेंगे हम

----Raj