पिछले हिस्से में हमने देखा कि कैसे अफरोज और लड़कियों द्वारा कोचिंग में बहोत बड़ी समस्या बानी।और
अफरोज के दोस्त इस समस्या को हल करने की कोशिश कर रहे थे और इसकेलिए योजना बना रहै थे। और वह योजना थी प्लान "C''। तो चलिए देखते हैं क्या होने जा रहा है इस पार्ट मे।
अब परीक्षा की फाइनल तारीख बहुत करीब थी और सभी छात्र परीक्षा को लेकर बहोत तनाव मे थे, लेकिन अफरोज और लड़कियों के बीच का मामला परीक्षा से ज्यादा तनाव का था, कब इसी लिए अफ़रोज के दोस्तों ने अपनी योजना यानी योजना "सी" का उपयोग करने का निर्णय लिया।
उन्ही लड़कों में से एक लड़का
जिसका नाम सुरेश था वह सबसे पहले अफरोज के पास गया और
अफरोज को और नकली भावनाओं में उसे बताया कि लड़किया तुम्हारे लिए खुदको बहुत दोषी महसूस कर रहे हैं। क्योंकि उन्होंने आपको तकलीफ दी।जब की कि तुम्हारी कोई गलती नहीं थी।और सारी समस्याएँ जो सिर्फ लड़कियों की वजह से बनी थी और उनमेसे एक लड़की अपनी गलती को महसूस करने के बाद रो पडि।
अफरोज ने यह सुना तो उसका दिल लड़कियों के लिए पिघल गया और उसने भी खुद को दोषी महसूस किया।और अब अफरोज सॉरी बोलने को तैयार हो गया। अफरोज ने सुरेश से पूछा कि वह लड़कियों से कहां मिलेंगे उन्हें सॉरी कहने के लिए।
सुरेश ने कहा,कोचिंग की छत पर क्लास ख़त्म होने के बाद।
आधी योजना तो काम कर गई थी
और यह बहुत महत्वपूर्ण था कि योजना
लड़कियों पर भी काम करनी चाहिए और अब सुरेश की जिसने
अफरोज से बात की अब वह लड़कियों से वही बात करने के लिए जाता है.
सुरेश ने लड़कियों से कहा कि अफरोज तुम्हारे लिए खुद को इतना दोषी महसूस कर रहा है क्योंकि उसे
एहसास हुआ कि सारी समस्याएँ केवल उसी की वजह से पैदा हुई. और
उसमे आपकी कोई गलती नहीं थी।और वह
यह जानकर रो पड़ा । लड़कियों का दिल
अफरोज के लिए भी पिघल गया और उन्होंने भी पूछा कि कहां
हम अफरोज को सॉरी कहें । सुरेश ने कहा ,
कक्षा ख़तम होने के बाद कोचिंग की छत पर ।
अब आखिरी क्लास समाप्त हो गया लेकिन सारे लड़कियों ने देखा कि अफरोज कक्षा में नहीं था , फिर सारी लड़किया कोचिंग की छत पर चली गई और वे फिर से हैरान हो गए। उन्होंने देखा कि अफरोज
बहुत सारे गुलाबों के साथ छत पर लड़कियों का इंतजार कर रहा था
लेकिन क्यों,ये तो किसी को भी पता नहीं था । जैसेही लड़कियां टैरेस पर आती हैं अफरोज हर लड़की को एक गुलाब देता है और उसके बाद अफरोज सभी लड़कियों से बहुत महत्वपूर्ण शब्द कहता है
और वो शब्द था 'सॉरी'. तब लड़कियों ने भी कहा कि, नहीं नहीं अफ़रोज इसमें तुम्हारी कोई गलती नहीं थी. हम भी उतने ही दोषी है जितने की तुम. इतना कहने के बाद लड़किया अफ़रोज की तरफ एक दोस्ती का हात बढाती है और अफ़रोज भी उन लड़कियों से हात मिलाकर दोस्ती कर लेता है. और इसके बाद सारे छात्र मिलकर फाइनल एक्साम्स की पढ़ाई मे लगजाते है. और इसी तरह इस कहानी की हैप्पी एंडिंग होजाती है.