नरक २

यह कहते कहते ही वह एक उल्टी कर लेता है उसके थोड़े ठीक होने के बाद केदार कहता है अगर यह लोग अपने साथियों से ही इतना घिनौना व्यवहार कर सकते हैं तो अगर हम इनके हाथ में आ गए तो यह हमारा क्या हाल करेंगे हाल वह नहीं हम उनका करेंगे गर्व अपनी आवाज चढ़ाकर कहता है वह आगे कहता है यह हत्यारे यहां पर हजारों की तादाद में हो परंतु यह अभी पहाड़ों पर है और हम अभी पहाड़ों की ऊंचाई पर है और युद्ध में जो ऊंचाई पर होता है उसको ही युद्ध में ज्यादा लाभ होता है गर्व की जानकारी देखकर मंदार और केदार हैरान रह जाते हैं कि कैसे एक सोलह साल के लड़के को इतनी जानकारी रह सकती है वह आगे कहता है अगर हम सही योजना बनाएं तो हम इस कालीचरण को छोड़कर सारे हत्यारों को नर्क में भेज सकते हैं बस हमें अपने आप पर भरोसा रखना होगा अगर हम युद्ध चालू होने से पहले ही हार जाएंगे तो हम इस जन्म में तो क्या अगले 100 जन्मों में भी नहीं जीत पाएंगे गर्व की यह बातें सुनकर मंदार और केदार में पुनः नई उर्जा आती है गर्व भले ही एक कम उम्र का लड़का हो पर उसकी बातें उसके नेतृत्व क्षमता को साबित कर रही थी उसकी बातें किसी भी हारे हुए आदमी में नया जोश उत्पन्न करा सकती हैं पहले तो जब राजा ने किसी आश्रम के लड़के को सुरक्षा देने के लिए मंदार और केदार को कहा था तब वह हैरान हो गए थे आखिर एक आश्रम के लड़के में क्या खास होगा जो उसकी सुरक्षा के लिए राजा स्वयं सैनिक भेजें पर अब इतनी कठिनाई भरी परिस्थिति में गर्व के साहस और शांत चित्त भाव को देखकर उन्हें गर्व पर भरोसा होने लगा था उन में नया जोश आ जाता है और वह हर कठिनाई का सामना करने का मन ही मन में निश्चय कर लेते हैं देखते-देखते काली रात खत्म होकर सवेरा हो जाता है पूरी रात जंगल में आदमी औरतों की चीखों की आवाज आती रहती है सुबह होते ही गर्व और उसके साथी निचली पहाड़ियों पर मौजूद तांडव कबीले के हत्यारों का निरीक्षण करने लगते हैं तभी कुछ हत्यारे बाज पक्षियों के ऊपर बैठकर हवा में उड़ जाते हैं और वह पहाड़ के ऊपर बने उसी जंगलों की तरफ बढ़ते हैं जहां पर गर्व और उसके साथी छिपे हुए होते हैं यह देखते ही वह जंगल के घने पेड़ों के बीच में खुद को छुपा लेते हैं साथ ही साथ कुछ पाच छह हत्यारों का समूह भी उसी जगह पर आ जाते हैं जहां पर गर्व और उसके साथी छुपे हुए होते हैं तभी गर्व आंखों ही आंखों से मंदार और केदार को इशारा करता है और वह गर्व के इशारे को समझ जाते हैं फिर मंदार और केदार अपनी तलवार को ऊपर एक भाले की तरह उठाते हैं और वह दोनों सीधा दो हत्यारों के मुंह की तरफ अपनी तलवार को फेकते हैं साथ ही वह तीनों एकदम से झाड़ी के पीछे से जाकर तीन हत्यारों की गर्दन के पीछे जाकर उनकी गर्दन को एक झटके में ही मरोड़ देते हैं और जिस हत्यारों पर तलवार फेंकी जाती है वह तलवार सीधे उनकी गर्दन के पीछे से घुस पीछे से घुसकर गले के सामने आ जाती है इस तरह एक झटके में ही 5 हत्यारों का वह तीनो काम तमाम करते हैं इसके बाद चील पर बैठे हत्यारे उसी जगह उतरने लग जाते हैं जहां उन तीनों ने इन पांचों की हत्या की थी यह देखकर वह झट से से तीन हत्यारों के कपड़े निकाल कर खुद पहन लेते हैं और उन पांचों को पहाड़ पर से धक्का देकर नीचे गिरा देते हैं जैसे ही वह पहाड़ पर से नीचे गिरते हैं बाज पर बैठे हत्यारे नीचे आकर उन तीनों से पूछते हैं क्या हुआ तुम्हें कुछ मिला कि नहीं साले पता नहीं कहां चले गए यहां पर तो कोई नहीं है गर्व उनको जवाब देता है यह सुनकर मंदार केदार को हंसी आती है और वहां अपनी हसी दबाकर फिर से अपने मुंह पर गंभीर भाव को लाते हैं फिर वह हत्यारे उनसे कहते हैं पर हमें तो यहां पर कुछ आवाज आई थी वहां क्या था वह बस जंगली जानवर थे हमने उन्होंने यहां से भगा दिया मंदार उनसे कहता है ठीक है कुछ जानकारी मिले तो तुरंत ही संकेत कर देना इतना कह कर वह फिर से बाज पक्षियों पर बैठकर वहां से उड़ जाते हैं उनके जाते ही वह तीनों राहत की सांस लेते हैं आज तो बाल-बाल बच गए नहीं तो हम किसी कार्यक्रम के बलि के बकरे बन जाते तभी गर्व उनसे कहता है क्या हमें इनके भेष का इस्तेमाल करते हुए इनके बीच में शामिल हो जाना चाहिए हम इनके बीच में रहकर इनके कई सारे राज जान सकते हैं यह सुनकर मंदार और केदार आश्चर्य के भाव से गर्व की तरफ देखना चालू करते हैं वह सोच रहे थे क्या यह आदमी सचमुच में पागल तो नहीं है इन खतरनाक लोगों के बीच में रहकर क्या हम सच में इनके बारे में कुछ जान सकते हैं अगर हम गलती से भी पकड़े गए तो यह हमें साल भर नंगा करके शहर के बीच में चौराहे पर टांग देंगे और शरीर को तड़पाएंगे वह अलग से उन दोनों के चेहरे के भाव को गर्व समझ गया और मन में ही हंस पड़ा क्योंकि पिछले जन्म में उसने इससे भी ज्यादा खतरनाक मुश्किलों का सामना किया था यह तो उसके सामने कुछ भी नहीं अरे तुम इतने बड़े सैनिक होकर भी घबराते हो और मैं एक छात्र होकर भी डरता नहीं ऐसा लगता है कि मैं एक सैनिक हूं और तुम दोनों कोई छात्र इस बात का वह दोनों कुछ भी बुरा नहीं मानते हैं और केदार गर्व से कहता है यह तुम्हारा ही फैसला था कि हम मंदार पहाड़ी पर आए मंदार और मैंने तो तुमसे पहले ही कहा था कि राज्य के पास के जंगलों में अभ्यास करना चाहिए पर नहीं तुम्हें तो शूरवीर बनना था शूरवीर बनने का यह मतलब नहीं कि तुम जाओ और पहाड़ी पर से छलांग मार दो जो परिस्थिति को योग्य तरीके से समझकर निर्णय लेता है वही शूरवीर कहलाता है इनकी बातें चल ही रही थी कि फिर से बाज पक्षी घर बैठे कुछ हत्यारे उनकी तरफ आते हैं और कहते हैं चलो वापस अपने अड्डे पर चलो आज का काम में यही पर समाप्त हो गया और कप्तान कालीचरण को हम सब लोगों से कुछ कहना है यह सुनकर मंदार और केदार को डर लगने लगा तभी गर्व उनसे कहता है अच्छा ठीक है तुम जाओ हम आते हैं इतना कहते ही वह हत्यारे वहां से उड़ गए फिर गर्व उनके तरफ बढ़ता है और कहता है लो हमारे लिए न्योता भी आ गया अगर हम अभी कुछ होशियारी दिखाते हैं तो उनको हम पर शक हो जाएगा और हमारी जान फिर से मुसीबत में आ सकती है वैसे भी हम बहुत थके हुए हैं इनके साथ हम अभी जाते हैं अपनी शक्ति को पुनः एकत्रित करेंगे और फिर से हम आगे की योजना बनाएंगे इसके बाद वह तीनों लोगों ने अपने मुंह को मिट्टी और कीचड़ से खराब कर दिया क्योंकि तांडव कबीले में उनके पहचाने जाने का खतरा था और वैसे भी तांडव कबीले के हत्यारे बहुत ही गंदे तरीके से रहते थे उनके पूरे कपड़ों और शरीर पर मिट्टी खून कीचड़ और पसीने के सिवा कुछ भी रहता नही था कुछ कुछ तो कभी नहाते भी नहीं थे जल्द ही वह तांडव कबीले के अड्डे पर भी पहुंच जाते हैं वह पहुंचते ही एक बहुत ही तेज बदबू इन तीनों के नाक में जाती है यह बदबू किसी और की नहीं बल्कि तांडव कबीले के अड्डे की ही थीदरअसल इनको पता था कि यह हत्यारे कभी नहाते नहीं है वह यह बात भूल गए थे कि यहा पर इतने सारे एक ही तरह के लोग होंगे इन सारे लोगों की बदबू मिलाकर पूर्ण वातावरण में एक बदबू फैल गई थी और जगह-जगह आदमियों के मल मूत्र का ढेर लगा हुआ था कोई लोग उसी के पास में रह रहे थे सो रहे थे संभोग कर रहे थे जगह-जगह पर कुछ हत्यारे आदमियों के मांस को भी खा रही थे यह वही आदमी थे जो गुफा में से अपनी जान बचाकर भागे थे और सजा के तौर पर उनको मार दिया गया और उन्हीं लोगों के मांस को यह तांडव कबीले के लोग खा रहे थे यह सब नजारा देखकर मंदर और केदार उल्टी ही करने वाले थे परंतु गर्व में उन दोनों की तरफ देखकर आंखों से ही इशारा किया और फिर मंदार और केदार अपनी उल्टी को मुंह से ही वापस से निगल जाते हैं अगर उन्होंने वहां पर उल्टी की होती तो सबको उन पर शक हो जाता रहा और आगे क्या हुआ होता यह किसी को बताने की जरूरत नहीं उन तीनों को इस अड्डे पर एक-एक सेकंड एक-एक साल के बराबर लग रहा था वह किसी ठीक-ठाक जगह ढूंढते हैं और वहां पर बैठ जाते हैं तभी आसमान में तेज बिजली कड़कती है और सब ऊपर की तरफ देखने लग जाते हैं दूर से क्षितिज पर से एक विशाल बाज पक्षी तेजी से उनके तरफ आता है और नीचे उतरने लग जाता है वह और कोई नहीं बल्कि कालीचरण ही पक्षी था और उसके पीठ के ऊपर कालीचरण खड़ा हुआ था वह उसी जगह के पास नीचे उतर रहा था जहा गर्व मंदार और केदार थे यह देखकर गर्व मंदार और केदार अपने हाथ से अपने मुंह को लगाये हुए मिट्टी और कीचड़ को जांचने लग जाते हैं की उनके चेहरे का हुलिया ठीक है या नहीं वह एकदम ठीक होता है फिर भी वह दूसरे हत्यारों के पीछे खुद को थोड़ा सा छुपा लेते हैं क्योंकि कालीचरण की एकदम से उनपर नजर ना पड़े जल्द ही कालीचरण अपने बाज पक्षी से गर्व और मंदार केदार के कुछ ही दूरी पर उतर जाता है उसके नीचे उतरते ही सारे हत्यारे कालीचरण कालीचरण के नाम का जयघोष करने लग जाते है मजबूरी के मारे गर्व मंदार और केदार को भी जय घोष करना पड़ता है तभी वह कालीचरण हाथ उठाकर सब को शांत होने का संकेत देते हैं तभी सब शांत होकर कालीचरण की बात पर ध्यान देने लग जाते हैं वह आगे कहता है मेरे प्यारे भाइयों और प्यारी हत्यारी बहनों आज हम जिस काम के लिए इन पहाड़ों पर आए थे वह काम आज नहीं हो सका इसमें कोई बुरा मानने की जरूरत नहीं हम लोगों ने आज तक जो भी ठाना है उसको पूरा करके माना है यह सुनकर सारे कालीचरण के नाम का एक ही जयघोष करने लगे फिर से वह हाथ उठाकर सब को शांत करता है और आगे कहता है शिकार कितना भी चालाक क्यों ना हो वह कभी भी शिकारी से बच नहीं सकता हम जल्द ही अपने शिकार को पकड़ लेंगे और उन्हें पकड़कर हम पूरे तांडव कबीले के सामने हम उनकी खून की होली खेलेंगे यह सुनकर सारे हत्यारे कालीचरण के नाम का जय-जयकार करने लगे मजबूरी के मारे गर्व मंदार और केदार को अपनी ही शिकार किए जाने का जयघोष करना पड़ रहा था अगर वह ऐसा नहीं करते तो उनका यही पर शिकार हो जाता इसके बाद कालीचरण ऊंचे आवाज में घोषणा करता है तांडव कबीले की जय इसके बाद तांडव कबीले की जय के नारों से पूरा परिसर गूंज उठता है इसके बाद कालीचरण और उसका बाज पक्षी फिर से आसमान में उड़ जाता है तभी कुछ हत्यारे गर्व और उसके साथियों की तरफ आते हैं और उनको अपने साथ शामिल करके उनको खाने की जगह की तरफ लेकर जाते हैं वहां पर भी सारी जगह दुर्गंधी फैली हुई थी जगह जगह खून फैला हुआ था कहीं जगह आदमियों के हाथ पैर और सर कटे पड़े हुए थे आदमीयो की पेट की अतड़ीया जमीन पर फैली हुई थी कोई लोग आदमियों की निकाली हुई आंखों से गोटिया खेल रहे थे और कुछ जगह आदमियों को एक जगह बांधकर उनको तड़पाया जा रहा था उनकी चीखों का बाकी के हत्यारे लुप्थ उठा रहे थे यह वही जगह थी जहा पर यह हत्यारे अपने ही साथी हत्यारों के शरीर के मांस का भक्षण कर रहे थे