उसे पता नहीं था कि यह अपना घाव भी अपने आप ही ठीक कर सकते हैं फिर भी वह बाफ के अंदर मौजूद होने के कारण उनका ठीक हुआ घाव फिर से हरा होते जा रहा था इसका फायदा उठाकर गर्व उन कमरों के ऊपर से बर्फ की मोटी चादर बिछाकर वहां से तेजी से भागना चालू करता है क्योंकि यहां वह निली ऊर्जा से बने कमरों का ऊपरी भाग भी नीली ऊर्जा से बना था और वह कमरे 7 फीट ऊंचे होते हैं इसलिए वह उन कमरों के ऊपर से तेजी से मंदार की तरफ भाग रहा था सारे तरफ बाफ ही बाफ फैलता हुआ देखकर मंदार सकपका जाता है और तेजी से उस यंत्र की तरह बढ़ता है क्योंकि वह यंत्र जमीन से 100 फीट की ऊंचाई पर बना होता है इसलिए वहां पर सीढी से चढ़ना पढ़ता था इसकी वजह से मंदार को उस तरफ जाने के लिए वक्त लग रहा था वह ऊपर चढ़ ही रहा होता है कि वह देखता है बाफ के धुए में से एक आकृति उसकी तरफ बढ़ते आ रही थी यह आकृति किसी और की नहीं बल्कि गर्व की ही होती है वह तुरंत ही अपने अंग रक्षकों को आदेश देता है पकड़ो उसको उसके अंगरक्षक गर्व की तरफ लपक पडते हैं और मंदार तेजी से ऊपर की ओर चढ़ने लगता है अपनी तरफ वह भेड़िया मानव को आता हुआ देखकर भी गर्व रुकता नहीं है हवा में अपनी तरफ आते हुए भेड़िया मानव के सिर को वह अपनी तलवार की मदद से पूरा बर्फ से जमा देता है और वह उसकी रस्सी को छीनते हुए उसके सर पर पैर रखकर ऊंचाई की तरफ छलांग मार देता है वह ऊपर छलांग मार ही पता उसके पहले ही वहां मौजूद दूसरा अंगरक्षक गर्व की तरफ हवा में छलांग मारता है गर्व उसके भी सर को बर्फ से जमा कर उसके सर पर अपना पैर रखकर और ऊंचाई की तरफ छलांग मारता है और सीधा जाकर उस नीली ऊर्जा को नियंत्रित करने वाले यंत्र के पास जाकर पहुंच जाता है गर्व को अपने पहले ही उस यंत्र तक पूछते हुए देखकर मंदार को गुस्सा आ जाता है और वह वहां मौजूद भेड़िया मानव को गर्व को मारने का आदेश देता है और सारे भेड़िया मानव गर्व की तरफ लपक पडते हैं पर वह उस तक पहुंच पाते इससे पहले ही गर्व उस यंत्र को अपने बर्फ की तलवार से पूरा जमा देता है और वह ऊंचाई पर मौजूद सारे परिसर को भी बर्फ से जमा देता है जिससे कि वह ऊंचाई पर कोई भी पहुंच ना सके और वहां से फिसल कर नीचे गिर जाए पर उस यंत्र पर वह भेड़िया मानव लगातार उस यंत्र पर मुक्के मारे जा रहे थे और उन मुक्को की वजह से वह बर्फ फिसलकर नीचे आते जा रहा था गर्व को इस समय जल्द से जल्द कुछ करना होगा नहीं तो वह भेड़िया मानव उस यंत्र को खराब कर सकते थे तभी उसकी नजर यहां मौजूद छत की तरफ जाती है इस कारागार के मुख्य दरवाजे काफी मजबूत थे वह सारे भेड़िया मानव भी उस दरवाजे को तोड़ नहीं पाते पर इस कारागार की छत साधे लोहे से बनी हुई होती है वह जल्दी से वहां पर एक बर्फ की सीडी बनाकर छत तक पहुंचता है और वह छत को बर्फ से जमा देता है वह उसको इतना जमाता है कि वह पूरा छत जमकर कमजोर होते जाता है फिर गर्व एक जोरदार मुक्का उस छत की तरफ मारता है जिससे कि वह लोहे से बनी छत पर एक दरार आ जाती है अपने अगवा करने वाले शिकार को ऐसे जाते देख मंदार हड़बड़ा जाता है और वह अपने भेड़िया मानव को गर्व को पकड़ने का आदेश देता है और वह भेड़िया मानव इससे पहले की गर्व को पकड़ पाते तब तक बहुत देर हो चुकी थी और गर्व अपनी तलवार की मदद से उस छत के छेद को और बड़ा करके वहां से बाहर निकल चुका था अगर इस बार गर्व हाथ से निकल गया तो तांडव कबीले के बड़े अधिकारी मंदार का बहुत ही बुरा हाल करेंगे और अगर इस राज्य की सेना को गर्व की मदद से पता चल गया कि वह तांडव कबीले का जासूस मैं तो वह दोनों तरफ से फंस जाएगा उसे जल्द से जल्द कुछ करना होगा नहीं तो वह ना घर का रहेगा और ना ही घाट का उसे जल्द से जल्द कुछ तो सोचना होगा दूसरी तरफ गर्व कारागार की छत से होकर बाहर निकलता है और कारागार के सामने की ओर सावधानी से जाता है सामने की ओर जाते ही उसे सामने का नजारा देखकर झटका लग जाता है क्योंकि यहां पर सारे के सारे सैनिक बेहोश होकर नीचे गिरे हुए होते हैं इनमें केदार भी होता है वह कारागार की सुरक्षा दीवार की ऊंचाई की तरफ देखता है तो वहां भी सारे सुरक्षा रक्षक बेहोश हुए होते हैं इसलिए तो कारागार के अंदर तोड़फोड़ होने के बावजूद भी किसी का भी अंदर की ओर ध्यान नहीं गया था वह जल्दी से वहां बेहोश हुए केदार की तरफ भागता है और उसे एक कसकर चाटा मारता है चाटा पड़ते ही वह हड बड़ाते हुए जल्दी से उठ जाता है गर्व उससे पूछता है कि कारागार के दरवाजे की चाबीया किधर है क्युकी कारागार के छत के बाहर निकलते वक्त गर्व ने उस छत को पूरा बर्फ से जमा किया था और उसके जरिए कोई भी भेड़िया मानव बाहर नहीं आ सकता था इसीलिए उन भेड़ियां मानवो के पास उस कारागार के सुरंग से वापस लौट जाने के अलावा और दूसरा कोई भी रास्ता नहीं होता है और अब मंदार को भी यह बात पता चल गई होगी की गर्व कारागार के बाहर निकल चुका है और गर्व के जरिए बाकी सैनिकों को मंदार के जासूस होने की बात भी पता चल सकती थी इसीलिए मंदार के पास वहा से भागने के अलावा और दूसरा कोई रास्ता नही था इसीलिए गर्व को कारागार के दरवाजे खोलने थे इस से पहले की वह भेड़ियामानव उस यंत्र को खराब कर दे और वहा मौजूद बाकी के कैदियों को अगवा कर ले केदार अपने आजू-बाजू का नजारा देखकर सन्न रह गया था यह तो सारे सैनिक शाम तक इतने अच्छे चल फिर रहे थे पर शाम होने के बाद उसके साथ बाकी के सैनिक कैसे बेहोश हो गए केदार को सोचते हुए देखकर गर्व केदार को जोर-जोर से हिलाते हुए पूछता है दरवाजे की चाबियां किधर है जल्दी करो हमारे पास वक्त नहीं है उसके यह कहते ही केदार वह मूर्छित पड़े एक सैनिक के कपड़ों की तलाशी लेता है उसके कपड़ों की जेब में से वह एक चाबी निकालकर गर्व को देता है चाबी मिलते ही गर्व केदार से कहता है इन सब को जल्दी से उठाओ हमें इनकी जरूरत है इसके बाद केदार सारे मूर्छित पड़े सैनिकों को उठाने लगता है और गर्व चाबी लेकर कारागार के दरवाजे को खोल देता है यह दरवाजा पूरा का पूरा धातु का बना होता है और यह 1 फीट मोटा लंबा दरवाजा होता है जिसकी वजह से अंदर इतनी शोरगुल होने के बावजूद भी बाहर तक आवाज नहीं जा पा रही थी दरवाजा खुलते ही वहां अंदर मौजूद सारे भेड़िया मानव की बाहर खड़े हुए गर्व के तरफ नजर पड़ती है वह भेड़िया मानव अभी भी गर्व की बनाई हुई दीवार पर मुख्य मारे जा रहे थे उनको उसी जगह पर अभी भी मौजूद होते हुए देखकर गर्व के पैरों तले से जमीन ही खिसक गई थी क्योंकि गर्व को लगा था की मंदार अपने साथ इन भेड़िया मानवो को लेकर उस सुरंग से वापस चला गया होगा पर ये तो अभी भी यहीपर मौजूद थे और अब यहापर मौजूद राज्य के सैनिकों की जान खतरे में आ गई थी जैसे ही गर्व कारागार का दरवाजा खुलता है वहा मौजूद सारे us यंत्र को छोड़कर गर्व के तरफ दौड़ पड़ते हैं वह सारे जोर जोर से दहाड़ मारते हुए गर्व की तरफ भागे जा रहे थे उनके जोर-जोर से दहाड़ मारने की वजह से वहा बेहोश पड़े सैनिकों की मूर्छा टूट जाती है और वह सारे वहां से भागने लगते हैं क्योंकि वह सैनिक अभी-अभी अपनी मूर्छा से उठे थे इसलिए उनकी भागने की गति बहुत धीमी होती है इस गति से वह भेड़िया मानव जल्द ही उन सैनिकों को पकड़ लेंगे अगर गर्व ने अभी कुछ नहीं किया तो वह सारे सैनिक उन भेड़िया मानवो के हाथों मारे जाते फिर गर्व वहां पर मौजूद निली उर्जा की दीवारों पर तेजी से बर्फ को जमाना चालू कर देता है वह वहां मौजूद 200 से भी ज्यादा कमरों की दीवारों पर तेजी से बर्फ जमाते जा रहा था जिससे वहां फिर से बहुत सारी गरम बाफ उत्पन्न हो जाती है इसके कारण वहां का तापमान 100 डिग्री के भी ऊपर पहुंच जाता है पर इसका गर्व पर कोई भी प्रभाव नहीं पड रहा था वह अपनी बर्फीली तलवार की मदद से अपने शरीर पर एक बर्फ का सुरक्षा कवच बनाता है अगर बाहर का तापमान ३०० डिग्री भी हो जाए तो भी इससे गर्व को कोई फर्क नहीं पड़ने वाला था गर्भ फिर भी रुकता नहीं है वह उन कमरों की ऊपरी सतह पर से भी तेजी से बर्फ को जमा करने लग गया था जिससे कि वहां पर तेजी से और ज्यादा बाफ बनना चालू होती है जिससे कारण वहां पर मौजूद भेड़िया मानव की गति बहुत ज्यादा कम हो जाती है उनके शरीर जलने के कारण वहां पर बहुत ज्यादा दुर्गंध फैलते जा रही थी इसके बाद गर्व जल्दी से कारागार के दरवाजे की तरफ भागता है यह दरवाजा एक फिट मोटा होने के साथ-साथ 10 मीटर लंबा था गर्व उस दरवाजे को बंद करने की कोशिश करता तो उसको बहुत ज्यादा वक्त लग जाता इतनी देर में अंदर मौजूद भेड़िया मानव बाहर आ जाते फिर गर्व अपने बर्फीली तलवार की मदद से उस पूरे 10 मीटर बड़े दरवाजे पर एक बर्फ की मोटी चादर को बिछा देता है यह बर्फ की चादर दो फिट से भी ज्यादा बड़ी होती है तभी उस दीवार पर किसी के हाथ मारने की आवाज आती जा रही थी गर्व समझ गया कि वह भेड़िया मानव उस बर्फ की दीवार तक पहुंच गए हैं और वही उस बर्फ की दीवार पर अपने हाथ पर मारे जा रहे हैं फिर गर्व तेजी से वहापर मूर्छित पड़े सैनिकों की तरफ भागता है वहां पर अभी भी बहुत सारे राज्य के सैनिक मूर्छित पड़े हुए थे कई सारे सैनिक पहले ही उठ कर कारागार के 100 मीटर ऊंची सुरक्षा दीवार के ऊपर सुरक्षित पहुंच गए थे इस कारागार की मुख्य इमारत से कारागार की सुरक्षा दीवार की दूरी 50 मीटर से भी अधिक होती है और इस खाली जगह पर कई सारे जाल बिछाए हुए थे इन जालों को एक यंत्र की मदद से चालू करना होता है और यह यंत्र ऊंची दीवारों पर ही था पर यहां पर कई सारे सैनिकों के मूर्छित होने के कारण वह यहां पर मौजूद जालो को चालू नहीं कर सकते थे उस दीवार पर मौजूद सैनिक लगातार उनको आवाज दिए जा रहे थे जल्दी भागो जल्दी भागो जल्दी वह सुरक्षा दीवार के ऊपर मौजूद सैनिक इतने कमजोर हो गए थे कि वह किसी की उठाकर ले जाने में मदद भी नहीं कर पा रहे थे इस वक्त गर्व तेजी से अपने कंधों पर दो लोगों को उठाकर कारागार की सुरक्षा दीवार तक पहुंचाए जा रहा था उसने अभी तक 50 से भी ज्यादा सैनिकों को अपने कंधे पर उठाकर सुरक्षा दीवार तक सुरक्षित पहुंचा दिया था और अभी भी यहां पर 30 से भी ज्यादा सैनिक नीचे गिरे हुए थे वह इतने कमजोर होते हैं कि वह खुद के पैरों से चल भी नहीं पा रहे थे इस वक्त केदार भी सुरक्षा दीवार तक पहुंच गया होता है वह और वहां मौजूद सारे सैनिक देख रहे होते हैं कि कैसे गर्व लगाकर अपनी पूर्ण क्षमता से सैनिकों को सुरक्षा दीवार पर पहुंचा रहा होता है तभी गर्व के कारागार के दरवाजे पर बनाई हुई बर्फ की दीवारों पर दरार बढ़ते जा रही थी और वह एकदम से फट जाती है इस वक्त तो गर्व अपने स्टोरेज रिंग में भी उन सैनिकों को नहीं रख सकता था क्योंकि उसने पहले ही अपने स्टोरेज रिंग के सामानों को बाहर फेंक कर वहां पर कई सारे सैनिकों को रखा था और वह पूरी स्टोरेज रिंग सैनिकों से भरी हुई होती है लेकिन फिर भी वह रुक नहीं रहा था वह उन सैनिकों को लगातार सुरक्षा दीवार तक पहुंचाते जा रहा था वह दीवार फटकर वहां से कई सारे भेड़िया मानव बहार आ जाते हैं और वह गर्व की तरफ तेजी से भागते जा रहे थे केदार गर्व के तरफ देखकर लगातार चिल्लाते जा रहा था वापस आओ वह जाल को चालू करने की यंत्र पर ही खड़ा होता है और वह गर्व की तरफ देखकर चिल्लाते जा रहा था वापस आओ नहीं तो यहां पर हम सब की जान खतरे में पड़ जाएगी पर उसकी बात गर्व के कानों पर मानो पहुंच ही नहीं रही थी