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यह सुनकर तो अधिकारी विजेंद्र सिंह की दिमाग की बत्ती जल उठी यह तो उन्होंने सोचा कि नहीं था वह आश्चर्य से गर्व की तरफ देखे जा रहे थे उन्होंने तो यह सोचा भी नहीं कि जो एक साथ 15 अधिकारियों से निपट सकता है वह कितना प्रतिभाशाली हो सकता है उन्हें अपनी गलती का एहसास हो गया फिर थोड़ा संभलते हुए उन्होंने अधिकारी आकाश सिंह से कहा अरे मैं तो सिर्फ यहां देख रहा था कि यहां गर्व सच में केंद्रीय सत्ता के अधिकारी के पद की परीक्षा देने के योग्य है या नहीं तुम तो जानते ही हो कि वह परीक्षा कितनी कठिन होती है अच्छे अच्छे लोग इस परीक्षा को पास नहीं कर पाते जिस तरह से गर्व ने हम सब के साथ मुकाबला किया है उसके हिसाब से मुझे लगता है इसकी केंद्रीय अधिकारी की परीक्षा पास करने की 50% की उम्मीद है बाकी उसको खुद की मेहनत से ही सब कुछ हासिल करना पड़ेगा वह सब ठीक है पर केंद्रीय सत्ता ने तुम्हें जिस काम के लिए इस राज्य में भेजा वह तो तुम्हें याद है कि नहीं कि तुम्हें वह भी याद दिलाना पड़ेगा अधिकारी आकाश सिंह ने अधिकारी विजेंदर सिंह से ऊंची आवाज में कहा मुझे सब कुछ पता है यहां का सारा बंदोबस्त में अच्छे से कर लूंगा उसकी ज्यादा चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है वैसे भी आपको मेरे जासूसी प्रतिभा के बारे में पता ही होगा आसपास के 20 राज्यों में मेरी से अच्छा जासूसी अधिकारी कहीं नहीं मिलेगा विजेंद्र सिंह ने अधिकारी आकाश सिंह से कहा हम्मम ठीक हैं आप तो राजा वीर प्रताप सिंह से मिल ही चुके होंगे वह आपको आगे की सारी चीजों के बारे में समझा देंगे इतना कहकर उन्होंने राजा वीर प्रताप सिंह को पास बुलाया और उन्होंने अधिकारी विजेंद्र सिंह और राजा वीर प्रताप सिंह के साथ इधर उधर की थोड़ी देर बाते की राजा वीर प्रताप सिंह अधिकारी विजेंद्र सिंह और उनके बाकी अधिकारियों के साथ इस युद्धपोत के बाहर निकल गए इस वक्त युद्धपोत के अंदर अधिकारी आकाश सिंह के साथ उनके अधिकारी और 15 सैनिक मौजूद थे उन लोगों के बाहर जाते ही गर्व ने अधिकारी आकाश सिंह से सवाल पूछा यह अधिकारी विजेंद्र सिंह तो बहुत घमंडी लगते हैं क्या वह राजा वीर प्रताप सिंह के साथ अच्छे से काम कर पाएंगे यही सवाल वहां मौजूद बाकी के लोह मानव सैनिकों के मन में भी चल रहा था वह भी यह सवाल सुनकर अधिकारी आकाश सिंह की तरफ देखने लगे गर्व का सवाल सुनकर अधिकारी आकाश सिंह हंस पड़े उन्होंने कहा कि गर्व के कंधों को थपथपाया और कहा सही पकड़ा है तुमने गर्व यह विजेंदर सिंह बहुत ही घमंडी इंसान है क्योंकि इसने कई सारे जासूसी कामों को सफलतापूर्वक पूरा किया है इन्होंने आज तक कई गड़े मुर्दों को उखाडा है इसलिए इसे थोड़ा घमंड आ गया है पर घबराने की कोई भी जरूरत नहीं है अगर काम की बात आती है तो यही अधिकारी विजेंद्र सिंह बहुत ही गंभीरता से अपना काम करते हैं और तुम्हें तो पता ही है इंसानों कभी लोग लोगों ने भरतपुर राज्य में इन तांडव कबीले के लोगो ने कितना रायता फैलाया है और अब इसी स्थिति को संभालने के काम अधिकारी विजेंदर सिंह अच्छे से करने वाले है यह सुनकर गर्व के साथ वहां मौजूद बाकी के सैनिकों की जान में जान आ गई भले ही गर्व का लक्ष्य अपनी पिछली जिंदगी की सच्चाई जानने का होता है पर वह पता नहीं क्यों उसको विजेंद्र सिंह के बारे में काफी डर लग रहा था उनका दिमाग घूम गया तो वह पूरे भरतपुर राज्य को रातों-रात राख बना कर रख देंगे अधिकारी आकाश सिंह की बातों को सुनकर उसके मन में विजेंद्र सिंह के बारे में सारी शंकाएं दूर हो गई इसके बाद अधिकारी आकाश सिंह ने वहां मौजूद लोगों को अपने लोह मानव के कवच को निकालकर बाहर आने का आदेश दिया उन्होंने कोई भी सवाल नहीं पूछते हुए वह उन कवच के बाहर आ गए इस वक्त अधिकारी आकाश सिंह ने अधिकारी विजेंद्र सिंह का कवच पहना होता है जिससे कि इस पूरे युद्धपोत का नियंत्रण किया जाता है उनको अपने कवच में लगे कुछ बटन को दबाया उनको दबाते ही वहां मौजूद दीवारों से फिर से वह लोहे के बने हाथ बाहर निकल गए उन्होंने उन कवच को पकड़ा और उन कवच को वह अपने साथ लेकर चले गए यह देखकर वह मौजूद सैनिकों के चेहरे पर चिंता की लकीरें दिखाई देने लगी उनको देखकर अधिकारी आकाश सिंह ने कहा तुम्हें चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है तुम्हारे लोह मानव के कवच एकदम सुरक्षित है क्योंकि हमारे यहां इन कवचो के बैठने की व्यवस्था नहीं है इसलिए तुम्हारी इन लोह मानवो के कवच को युद्धपोत के दूसरी तरफ जमा कर दिया गया है उनकी बातें सुनकर सैनिकों को सारी बातें समझ में आ गई इसके बाद अधिकारी आकाश सिंह ने वहां मौजूद सारे सैनिकों को और गर्व को एक दीवार की तरफ जाकर खड़े रहने को कहा गर्व ने और बाकी सैनिकों ने वैसे ही किया वहां मौजूद बाकी के अधिकारी वहां मौजूद दूसरी जगह की दीवारों पर जाकर पहले ही खड़े हो गए थे वहां मौजूद सारे लोग उन दीवारों से सट कर खड़े हो जाने के बाद अधिकारी आकाश सिंह वहा मौजूद कुर्सी पर जाकर बैठ गए और उन्होंने अपने कवच पर लगे बटन को दबा दिया वह बटन दबाते ही उस कुर्सी के आजू-बाजू की जगह की सतह में से धातु की पटिया बाहर आने लगी इन धातु की पट्टीयो ने आकाश सिंह के सर को छोड़कर पूरे शरीर को घेर लिया और फिर से उनके सामने कई सारे यंत्र आ गए उन यंत्रों के कुछ बटन दबाते ही जो लोग दीवार से सट कर खड़े हो गए उन लोगों की पिछली दीवार का आकार बदलने लगा और वह कुर्सी की आकर में बदल गए और जो लोग दीवार से सट कर खड़े हो गए थे वह अपने आप ही उन कुर्सियों पर बैठ गए और उनके शरीर को भी धातु की पट्टीयो ने घेर लिया वह अपने खुर्सियो से हिल नहीं पा रहे थे इसके बाद देखते ही देखते उस युद्धपोत का नजारा अपने आप ही बदलने लगा वह सारी खुर्सीया अपने आप एक सीधी रेखा में आने लगी हर आदमी के दाए और बाएं एक खिड़की बन गई जिससे कि वह बाहर के नजारे को देख सकते हैं अधिकारी आकाश सिंह के सामने भी एक बहुत बड़ी खिड़की बन गई जिससे कि वह आगे का सारा नजारा देख पा रहे थे इस वक्त गर्व के दाए बाजू पर खिड़की बनी हुई होती है गर्व खिड़की के बाहर जाकर झांक कर देखता है वह देखता है कि वह भले ही इस खिडकी से बाहर के नजारे को देख पा रहा था पर कोई भी बाहर से अंदर की ओर का नहीं देख सकता था बाहर खड़े सारे लोग प्रश्नार्थक नजर से युद्धपोत तरफ देखे जा रहे थे कोई भी गर्व के चेहरे को नहीं देख पा रहा था वह देखता है कि युद्धपोत धीरे-धीरे करते हुए ऊपर की ओर उठते जाता है उसने देखा कि जिस जगह पर यह युद्ध पोत खड़ा हुआ था उस जगह पर जमीन पर एक गोलाकार छेद तैयार हो गया था और उस जगह की मिट्टी और घास पूरी तरह से जल गई थी यह युद्धपोत धीरे-धीरे करके ऊपर उठ गया और आसमान में मौजूद ताजमहल की सुरक्षा कवच की छेद में से ऊपर की ओर उड़ गया नीचे खड़ी हुई की जनता इस ऊपर जाते हुए युद्धपोत की तरफ कुतूहल की नजर से देखे जा रही थी साथ ही गर्व ने यह भी देखा कि राज्य के प्रांगण में कई सारी आपातकालीन घर बने हुए थे वह उन्हीं लोगों के घर होते हैं जिनके घर उस अधिकारी के तीर के कारण नष्ट हो गए थे और वह इन आपातकालीन घरों में रहने के लिए मजबूर हो गए थे ताकतवर लोगों की राजनीति के चलते हमेशा ही कमजोर लोगों को कष्ट झेलने पड़ते हैं इस वजह से गर्व को बुरा लग रहा था यह युद्धपोत हवा में लगातार ऊपर की ओर जा रहा था 5 किलोमीटर ऊपर की ओर आने पर गर्व को दूर की तरफ मंदार पहाड़ी के भी दर्शन हुए इस पहाड़ी के बाहर की तरफ की पहाड़ियां साफ नजर आती है पर इसके बीच का जो हिस्सा होता है वह अभी भी पूरा कोहरे से ढका हुआ होता है वह कोहरा पूरा आसमान की तरफ् बढ़ते जा रहा था इस कोहरे में कौन-कौन से रहस्य हो सकते है यह कोई भी नहीं जान सकता है गर्व ने मन ही मन में सोचा तभी युद्धपोत ने गति पकड़ ली वह बहुत तेज गति से आगे की ओर बढ़ने लगा और देखते ही देखते यह युद्धपोत शहर के बाहर भी आ गया गर्व देखता है कि शहर के बाहर कई सारे लाशों को जलाया जा रहा है यह सारे उनकी लाशें होती है जो कि मंदार ने फैलाए हुए विषाणु की वजह से मारे गए थे अगर गर्व ने वक्त रहते उनकी मदद ना की होती तो भरतपुर राज्य में राजमहल में मौजूद लोगों को छोड़कर सारे लोग मारे जाते अपने परिजनों को खोने के कारण उनकी बीवी बच्चे रिश्तेदार चीख चीख कर रोए जा रहे थे उनकी चीखे और रोना सुनकर उस युद्धपोत में बैठे सारे लोगों की आंखों में आंसू भर उठे अधिकारी आकाश सिंह की आंखों में भी आंसू छलक गए उनकी चिताओं की अग्नि आसमान में ऊपर की ओर जा रही थी तभी युद्धपोत ने अपनी रफ्तार बढ़ा दी और वह बहुत तेज गति से सामने की ओर जाने लगा खिड़की के बाहर मौजूद सारी चीजें तेजी से पीछे की तरफ जाने लगे भरतपुर राज्य देखते ही देखते पीछे चला गया और वह नजरों के सामने से ओझल हो गया युद्धपोत ने जल्द ही गति पकड़ ली और तेज गति से सामने की ओर जाने लगा पीछे जाते हुए नजारे को देखकर गर्व ने अनुमान लगाया कि यह युद्धपोत आवाज की गति से 5 गुना तेज रफ्तार से जा रहा है गर्व इस युद्धपोत की तकनीक को देखकर हैरान रह गया था यह सब उसके सोचके परे होता है वह खिड़की के बाहर देखता है तो बाहर का नजारा उसे तेजी से पीछे की तरफ जाता हुआ दिखाई दे रहा था उसने कई सारे जमीनों को पहाड़ों को और नदियों को पीछे की तरफ जाते हुए देखा उसे समझ में नहीं आ रहा था कि इतनी देर होने के बाद भी वह केंद्रीय अधिकारियों के कार्यालय में क्यों नहीं पहुंचे हैं इतनी गति से तो वह वापस अपने पिछले जन्म के राज्य के घर भी जा सकता है उसे कुछ तो गड़बड़ होने का संदेह होते जा रहा था उसे आकाश सिंह पर संदेह होते जा रहा था उसे लगा कि महाराज अश्वद को पता तो नहीं चल गया कि मेरा पुनर्जन्म हुआ है उन्होंने ही आकाश सिंह को मुझे लेने के लिए भेजा है इसके कारण उसकी दिल की धड़कन तेज हो गई थी पर थोड़ी ही देर में उसकी सांसे फिर से सामान्य हो गई क्योंकि उसने दूर से ही केंद्रीय सत्ता के अधिकारियों के कार्यालय को देख लिया इस कार्यालय की जमीन की सतह से ऊंचाई 2 किलोमीटर होती है और इसकी ऊंचाई पर केंद्रीय अधिकारियों के निशान की मूर्ति होती है यानी कि काले तेंदुवे की मूर्ति वह मूर्ति बहुत ही विशाल होती है