एक लड़की जो अपने खोखले खवाबो के साथ
जिंदा है एक रोज वो एक ख्वाब देखती है जहा वो एक
ऐसे लड़के के साथ खुदको पाती है जिसको उसने कभी देखा
नहीं था ।
एक अजीब सी जगह है वहा के मकान अधेरो से भरे थे तब वो लड़का उसको कहता है तुम अंदर जाओ लड़की अचानक से डर जाती हैं उसको अहसास होता है चाहे जिंदगी में कही भी जाओ मुझे यह अकेलपन कभी भी छूटेगा वो लड़के की और देखती है और बिना कुछ बोले उस मकान की तरफ आगे बढ़ती है हालाकि वो इस वक्त उस ख्वाब से उठना चाहती थी ।
लेकिन अब तो कोई रास्ता ही नही था वो अपने अकेलेपन के अधेरों मैं आगे बढ़ ही रही थी की अचानक से वो अनजान लड़का उसका हाथ थाम लेता है और उसकी आंखो में देख बोलता है कुछ भी हो जाए मैं तुम्हे कभी अकेला नही छोडूंगा तब वो सोचती है यह क्या है क्या मैं कोई ख्वाब में हु क्या मैं ख्वाब में भी कोई ख्वाब देख रही हु क्युकी जिंदगी मुझपे इतनी मेहरबान नही हो सकती यह सोच ही रही थी वो की उसको वो लड़का दूर जाते देखा यह उसके जादुई ख्वाब के खत्म होने का इशारा था ।
जब उसकी आंख खुली तो वो वही अपनी नापसंद दुनिया में थी वो ख्वाब उसको भूलना मुमकिन नही था वो उसको ख्वाब सोच कर भुला देना चाहती थी लकें कहते है ना जिंदगी में वो होता है जो आप सोच नही सकते एक दिन उसको वो फिर ख्वाब में देखा यह कह सकते हैं की शायद किस्मत उसके साथ कोई प्यारा मजाक कर रही थी ।
वो रोज उसको ख्वाब मैं देखने लगी लड़की इंतजार करती थी उसको देखने का कुछ वक्त ऐसे ही चलता रहा और यह कुछ वक्त उसकी जिंदगी का एक बड़ा हिस्सा था वो अपनी उस दुनिया से बाहर आना ही नही चाहती थी लेकिन उसको यह नही पता था यह उसको उसकी हकीकत की दुनिया से दूर ले जायेगी जब वो उन लम्हों में रहती थी तो खुश होती वरना उसका चेहरा हमेशा उदास रहता वो इस दुनिया के लोगो के साथ जीना नही चाहती थी वो कही और जाना चाहती थी लेकिन हालात ऐसे थे की यह मुमकिन नही था ।
धीरे धीरे उसको यह एहसाह हुआ की यह वक्त हकीकत नही वो ख्वाब मैं है यह जो भी है वो असल मे नही यह सब उसका वहम ही है हालाकि वो इस सच को कुबूल नही करना चाहती थी अब उसको आगे बढ़ने के लिए किसी का सहरा चाहिए उसने अपने ख्वाबों को महज ख्वाब समझ कर भुला देना की कोशिश करना चाहती थी लेकिन यह बिलकुल ऐसा था जैसे खुदसे अपने लिए एक ऐसा जाल तैयार करना जिसे कभी बाहर न निकला जा सके वक्त बीतता गया साल बीतते गए लेकिन उसके हालत वही थे जो खुशी थी।
उसने उनका गला दबा के अलग करदिया यह उसकी गलती थी या उसके हक में बेहतर ? यह उसके समझ की बात नही थी लेकिन अब आगे क्या ? वो क्या करेगी कैसे रहेगी और क्या आखिर मैं वो सब वो लड़का उसका बस एक ख्वाबों का ही हिस्सा था? ऐसा था तो यह हकीकत क्यों लग रहा था ऐसा भी हो सकता है उसके साथ ऐसा मजाक नही हो सकता वो यही सोचते सोचते अपनी राते बर्बाद कर देती है ये उसकी जिंदगी का वो हिस्सा था। जहा उसने खुदको सबसे ज्यादा अकेला पाया कोई नही था जिसको वो बता सके अपना अकेलेपन वैसे यह सबको बताया भी नही जाता वो सोचती कुछ करिश्मा हो और वो इस वक्त से बाहर निकल जाए हकीकत मै बस इन बातों के जवाब खुद से मांग रही थी जबकि