episode 2

वात्सल्य के घर में इस समय जोरों - शोरों से पार्टी चल रही थी। आज उसकी जीत की खुशी में उसने सबको पार्टी में बुलाया था और इस पार्टी में सब लोग खुल के इंजॉय कर रहे थे। वात्सल्य नैना का हाथ पकड़ कर एक बार काउंटर के पास खड़ा था। उसके हाथ में ऑरेंज जूस था, क्योंकि उसने कभी ड्रिंक नहीं की थी और ना ही नैना को ड्रिंक करने का शौक था, लेकिन अपने दोस्तों को वो जमकर पिलाया करता था।

 तभी वहां पर दो लोग आते हैं। एक लड़का और एक लड़की..लड़के की उम्र कुछ वात्सल्य की उम्र की ही है और लड़की नैना से सिर्फ एक साल बड़ी लग रही थी, लेकिन जैसे ही उन दोनों की नजर वात्सल्य और नैना पर जाती है, वो दोनों एक दूसरे को देखकर उस तरफ इशारा करते हैं।

   वो लड़की कहती है "अरे वो देखो, वहां खड़े है लव बर्ड्स।" 

 उस लड़के ने उस तरफ देखा और अपना सिर हिलाते हुए कहा.. "चलो इन्हें कंग्रॅजुलेशन करके आते हैं।"

 वो लड़का उस लड़की का हाथ पकड़ कर वात्सल्य नैना के पास आता है। जैसा ही नैना की नजर उनके ऊपर जाती है, वो जल्दी से वात्सल्य के कंधे पर हाथ रखते हुए कहती है "वात्सल्य ये देखो आ गए ये दोनो, हमेशा की तरह लेट!"

 वात्सल्य अपना ऑरेंज जूस काउंटर पर रखता है और उन दोनों को गुस्से में देखते हुए कहता है.. "रावी और केतन, तुम दोनों के पास अगर हमारे लिए वक्त ही नहीं है तो तुम दोनों हमारे बेस्ट फ्रेंड्स बने ही क्यों हो?"

 केतन सबसे पहले अपने हाथ में पकड़ा हुआ गिफ्ट वात्सल्य के हाथों में देता है और कहता है "तेरी सारी नाराजगी मंजूर है, लेकिन सबसे पहले तो तुझे जीत की मुबारक हो मेरे यार!"

 वात्सल्य के चेहरे पर जो गुस्सा था, वो धीरे-धीरे कम हो जाता है और वो उन दोनों को देखकर हंसने लगता है।

   नैना इस बात पर ना में अपना सिर हिलाते हुए कहती है "जब इतने प्यार से ही मान जाना था, तो क्यों इन दोनों से नाराज होने का नाटक कर रहे थे?"

 रावी और केतन.. वात्सल्य और नैना के सबसे अच्छे दोस्त हैं और उन दोनों को एक करने में इन दोनों का भी बहुत बड़ा हाथ है। यहां तक की रावी और केतन आपस में भी एक दूसरे से बहुत प्यार करते हैं, लेकिन न जाने क्यों पिछले कुछ समय से इनके रिश्ते में अनबन चल रही है।

   हालांकि ये दोनों एक दूसरे से प्यार तो करते हैं.. लेकिन इस समय इन दोनो के रिश्ते के हालात सही नहीं है, एक साथ होकर भी ये दोनों एक दूसरे से अलग-अलग महसूस कर रहे हैं। पर वो जानते हैं कि वात्सल्य और नैना को अगर इस बारे में पता चल गया, तो उन्हें बहुत बुरा लगेगा। इसीलिए अपनी पर्सनल प्रॉब्लम वो दोनों अपने पास ही रखते हैं। अपने दोस्तों के सामने शेयर नहीं कर रहे हैं, क्योंकि अपनी प्रोब्लम से पहले..वात्सल्य नैना की खुशी उनके लिए सबसे पहले है।

 रावी और केतन फ्लोर पर एक दूसरे के साथ डांस कर रहे थे और वात्सल्य और नैना उन्हें देख रहे थे।

  तभी नैना ने वात्सल्य का हाथ पकड़ते हुए कहा "चलो ना चले, हम भी डांस करते हैं। हमारी पार्टी है और हम ही डांस नहीं कर रहे हैं।"

   वात्सल्य हंसते हुए नैना के साथ फ्लोर पर चला जाता है। वो नैना की कमर में हाथ डालता है और उसके साथ एक रोमांटिक गाने पर स्लो डांस करने लगता है। वो दोनों एक दूसरे की आंखों में देख रहे थे और अपनी ही दुनिया में खोए हुए थे।

 तभी नैना का फोन बजता है। नैना ने अपने फोन की और देखा तो ये उसकी मॉम का फोन था। वो मुस्कुराते हुए वात्सल्य से कहती है "मम्मी का फोन है, एक मिनट! मैं बात करके आती हूं।" 

 वात्सल्य मुस्कुराते हुए अपना सिर हां में हिलाता है। नैना वहां से साइड में चली जाती है और फोन पर अपनी मां से बात करने लगती है..

 वात्सल्य फिर से काउंटर पर आ गया था और अपना सॉफ्ट ड्रिंक लेकर उसे पीते हुए सब लोगों को एंजॉय करता हुआ देख रहा था।

  तभी एक लड़की वात्सल्य के पास आती है। उसने बहुत ही ट्रांसपेरेंट और छोटी सी ड्रेस पहनी हुई थी। वो वात्सल्य के सामने आते हुए कहती है "कैसे हो वात्सल्य? कभी हमसे भी हाय हेलो कर लिया करो. हम भी तुम्हारे चाहने वालों में से ही है कोई दुश्मन थोड़ी ना है।" 

 वात्सल्य थोड़ा ऑकवर्ड हो जाता है। वो जल्दी से इधर-उधर नैना को देखने लगता है और फिर जल्दी से उस लड़की से कहता है "ऐसी कोई बात नहीं है पेम , वो क्या है ना..रेसिंग पढ़ाई और उसके बाद नैना के साथ टाइम बताने के बाद फुर्सत ही नहीं मिलती है! वरना मैने तुम्हें कभी अपना दुश्मन नहीं समझा है।"

 इससे पहले वो लड़की कुछ और कह पाती नैना वहां आ जाती है और वात्सल्य के हाथों में अपना हाथ डालते हुए कहती है "हां हमने तुम्हें कभी अपना दुश्मन नहीं समझा है प्रमिला..

 लड़की ने जैसे ही प्रमिला नाम सुना, वो गुस्से में नैना से कहती है "मेरा नाम पेम है..

  नैना उसे देखकर कहती है "तुम्हारा नाम पेम हो या प्रमिला हो, मुझे उससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। फिलहाल तुम्हारी हरकतें प्रेम चोपड़ा जैसी है। अपनी ये जो चिप हरकत है ना कहीं और जाकर दिखाओ। मेरी बॉयफ्रेंड के पास आसपास नजर आओगी ना, तो तुम्हारी आंखें नोच लूंगी।" 

 प्रमिला गुस्से में भड़कते हुए कहती है "वात्सल्य अपनी गर्लफ्रेंड को समझा दो! बहुत बदतमीजी से बात कर रही है ये मेरे साथ.. मैं भी कोई ऐरी-गेरी लड़की नहीं हूं, मेरी भी फैमिली, इंडिया में बहुत बड़े लोग हैं! कहीं ऐसा ना हो कि इस बेज्जती का बदला इसके पूरे खानदान को चुकाना पड़े।"

 वात्सल्य वहां के माहौल को गर्म होता हुआ देख, जल्दी से नैना का हाथ पकड़ते हुए कहता है "नैना क्या कर रही हो? वो बस मुझसे बात ही कर रही थी और छोड़ो ना ये छोटी सी बात है। चलो हम पार्टी में चलकर डांस करते हैं।

  लेकिन नैना ने वात्सल्य के हाथ को और कस कर पकड़ लिया और साइड में रखा हुआ ऑरेंज उठाकर कहने लगी..

 "तुम्हारे लिए ये बात बहुत छोटी सी होगी, लेकिन मेरे लिए ये बहुत बड़ी बात है.. जब सारा कॉलेज जानता है कि तुम मेरे हो तो फिर इसकी हिम्मत कैसे हुई, तुम पर लाइन देने की?"

   उसके बाद नैना प्रमिला की तरफ देखते हुए कहने लगी "तुम्हारी ड्रेस बहुत अच्छी है, डिजाइनर है ना... तुम्हें पता है प्रमिला, एक प्रॉब्लम है! डिजाइनर ड्रेस पर दाग लग जाए तो वो साफ नहीं होता है।"

 इससे पहले की पेम और वात्सल्य कुछ समझ पाते, नैना ने उस ऑरेंज जूस को पेम की ड्रेस के ऊपर फेंक दिया और उसकी पूरी ड्रेस ने लाल रंग का रंग पकड़ लिया था। 

  

  वो हैरानी से अपनी ड्रेस को देखते जा रही थी और नैना वात्सल्य का हाथ पकड़ कर उसे अपने साथ दूसरी तरफ ले आया, जहां पर रावी और केतन बैठे हुए थे।

 नैना और वात्सल्य उनके पास आते हैं, तो वो दोनों हंस रहे थे और उन्हें हंसते हुए देख रहे थे। उन दोनों ने नैना का सारा सीन देख लिया था और बहुत मजे से उसे एंजॉय भी कर रहे थे। नैना के चेहरे पर अभी भी गुस्सा था और वात्सल्य हैरान था। 

 रावी हंसते हुए कहती है "क्या यार नैना तूने तो उसकी बैंड बजा दी है..उसकी वो डिजाइनर ड्रेस उसने स्पेशली इसी पार्टी के लिए आर्डर की थी और तूने उसे खराब कर दिया.!"

  ये कहने के बाद रावी और जोर-जोर से हंसने लगती है और केतन भी नैना और वात्सल्य को देखकर कहता है "हां यार उसके चेहरे का रंग देखने लायक था!"

 तभी वहां पर भागते हुए एक सर्वेंट आता है और वात्सल्य की तरफ फोन बढ़ाते हुए कहता है "मास्टर बड़े साहब का फोन है इंडिया से, वो कब से आपका फोन ट्राई कर रहे हैं लेकिन आप फोन ही नहीं उठा रहे हैं? इमरजेंसी है आपके घर में कोई प्रॉब्लम हो गई है! बड़े सर आपसे बात करना चाहते हैं।"

 सर्वेंट की बात सुनकर वात्सल्य हैरान हो जाता है और नैना और बाकी सब भी हैरान हो जाते हैं।

   वात्सल्य जल्दी से फोन उठाकर बाहर चला जाता है और इंडिया में अपने फैमिली से बात करता है। दस मिनट बाद बात करने के बाद वात्सल्य अंदर आता है, तो उसके चेहरे पर परेशानी थी और आंखों में दर्द था।

   जैसे ही नैना ने उसे ऐसे देखा, उसका दिल बेचैन हो जाता है। वो जल्दी से भागते हुए वात्सल्य के पास जाती है और उसका हाथ पकड़ते हुए कहती है "क्या बात है? क्या बात हुई है, तुम परेशान क्यों हो? सब ठीक तो है ना।"

 वात्सल्य ने नैना की आंखो में देखते हुए उससे कहा "मुझे इंडिया जाना होगा, मेरे डैड को हार्ट अटैक आया है और वो मुझे इंडिया बुला रहे हैं।"