मोहिनी की बात सुनने के बाद जब्बार ने उसे बताया कि जब 10 नंबर की गुफा में बगावत शुरू हुई, तो पहले दरवाजे के पीछे के पहरेदार और बाहर के पहरेदारों की लड़ाई के हमले में वह निरीक्षण करने वाला आ गया और उसकी मृत्यु हो गई।
मोहिनी ने कसकर अपनी आंखें बंद कर ली उसके चेहरे पर चिंता के भाव दिखाई दे रहे थे, उसका पहले खूबसूरत दिखने वाला चेहरा अब मुरझा सा गया था।
उसे पता था इस खजाने के बारे में बहुत कम लोगों को पता था, क्योंकि शहर के कुलपति ने इसकी खबर किसी को नहीं बताई थी, कि 10 नंबर गुफा के अंदर क्या चल रहा है।
शहर के कुलपति और उसके भरोसेमंद लड़ाकू योद्धाओं को ही पता था, और इस समय इस शहर में मोहिनी और उस निरीक्षण करने वाले के अलावा ऐसा कोई मौजूद नहीं था, जिसको उस खजाने के बारे में पता हो।
मोहिनी अभी अपने विचारों में खोई हुई थी, उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था तभी अचानक उसे कुछ याद आया और वह घर के पीछे तेजी से भागी ।
मोहिनी को इस तरह जल्दी से भागता हुआ देखकर जब्बार भी उसके पीछे जाने लगा।
जब्बार ने देखा की मोहिनी घर के पीछे गुफा की पत्थर की दीवार पर निकले एक पत्थर को दबा रही थी, और वह पत्थर दीवार के अंदर घुसता जा रहा था।
जब वह पत्थर उस दीवार में पूरा अंदर समा गया, तो उस पत्थर से कुछ दूर अचानक से एक दरवाजा खुल गया, मोहिनी तुरंत उसके अंदर चली गई, मोहिनी के पीछे जब्बार भी उस दरवाजे से होता हुआ अंदर चला गया।
जब्बार ने देखा कि उस गुप्त कमरे के अंदर एक टेलिपोर्टेशन दरवाजा रखा हुआ था।
मोहिनी जब्बार से बोली, तुम मेरे साथ इस टेलिपोर्टेशन दरवाजे में चलो शायद मुझे तुम्हारी वहां पर जरूरत पड़ सकती है।
जी लीडर मोहिनी, जब्बार ने कहा।
जब्बार स्थिति की गंभीरता को समझता था, पहले तो उसे यह मामला और मामलों की तरह लग रहा था, पर जिस तरह मोहिनी घबराई हुई थी, तो उसे पता चल गया था, कि जितना वह सोच रहा है, हालात उससे कहीं ज्यादा खराब है ।
अगर हालात इतने खराब ना होते तो लीडर मोहिनी उसे अपने साथ चलने के लिए नहीं कहती वह अकेले ही सारी स्थिति को संभाल सकती थी।
मोहिनी और जब्बार उस टेलिपोर्टेशन दरवाजे के अंदर चले गए, जब वह टेलिपोर्टेशन दरवाजे के दूसरी तरफ निकले तो जब्बार ने देखा की इस जगह का क्षेत्रफल एक फुटबॉल के मैदान के क्षेत्रफल के बराबर का था।
और इस पूरी जगह में एक एक मंजिल के कमरे बने हुए थे, जो चारों दिशाओं में फैले हुए थे।
मोहिनी जब्बार की तरफ घूम गई और उसे समझाने लगी, इस जगह जितने भी कमरे बने हुए हैं, उन सभी कमरों में एक एक टेलिपोर्टेशन दरवाजा रखा हुआ है, जो ओबेरोन ग्रह के अलग अलग स्थान पर खुलता है।
इस टेलिपोर्टेशन दरवाजे को बनाने का एक महत्वपूर्ण कारण था, जब भी हमारे शहर पर बाहर से हमला होता और हम लड़ाई हारने वाले होते तो महत्वपूर्ण लोगों को पहले वाले टेलिपोर्टेशन दरवाजे से इस जगह पर लाया जाता।
और उन्हें अलग अलग जगह पर भेज दिया जाएगा या फिर किसी एक जगह पर भी भेजा जा सकता है, इस जगह की एक और खासियत है कोई भी यह नहीं पता लगा सकता है की कौन से टेलिपोर्टेशन दरवाजे से वो लड़ाकू योद्धा उस तरफ गया है।
लेकिन इस टेलिपोर्टेशन दरवाजे में एक कमी छोड़ी गई है, जब भी कोई इस टेलिपोर्टेशन दरवाजे से दूसरी तरफ जाता है, तो उसका पता लगाना मुश्किल है लेकिन जब वह लड़ाकू योद्धा वापस लौटता है या कोई और लड़ाकू योद्धा वापस लौटता है तो वापस आने वाले लड़ाकू योद्धा के साथ यह टेलिपोर्टेशन दरवाजा कुछ मिट्टी टेलिपोर्टेशन दरवाजे के नीचे रख देता है जिससे पता चल जाता है।
मोहिनी के मुंह से यह सुनने के बाद अचानक जब्बार को कुछ याद आया, मोहिनी ने उससे पूछा था की कुल कितने बागी इस बगावत में मरे हैं, उसके बताने के बाद मोहिनी ने कहा था, कि इस गुफा में कुल इतने ही लड़ाकू योद्धा थे।
इसका मतलब जो कोई भी लड़ाकू योद्धा उस खजाने को लेकर इस टेलिपोर्टेशन पोर्टल से उस तरफ गया था, वह वापस लौटकर ऊपर गुफा के योद्धाओं के साथ शामिल हो गया।
इसके बाद मोहिनी और जब्बार एक-एक कमरे के अंदर गए और कुछ देर बाद बाहर लौटे।
मैं जिस पहले कमरे में गई वह उसी से गया था, मोहिनी जब्बार से बोली।
पर लीडर मोहिनी वह तो मेरे वाले कमरे में से गया था, जब्बार ने मोहिनी को बताया।
यह सुनने के बाद मोहिनी तुरंत उस कमरे की ओर भागी जिस कमरे में जब्बार गया था।
उस कमरे में पहुंचकर मोहिनी और जब्बार ने एक दूसरे के चेहरे को देखा दोनों असमंजस में थे, तभी दोनों जल्दी से उस कमरे से बाहर निकले और अन्य कमरों की तरफ दौड़ पड़े।
एक-एक करके मोहिनी और जब्बार ने 8-10 कमरों को देख मारा, उसके बाद वह दोनों वापस पहले की जगह पर आ गए।
उसने सभी टेलिपोर्टेशन दरवाजे का इस्तेमाल किया है, लेकिन मुझे नहीं लगता था यहां पर मौजूद किसी को भी इस टेलिपोर्टेशन दरवाजे की खासियत पता होगी।
मोहिनी के हाथ में अब कुछ नहीं रहा था वह निराश होकर फिर से महल में आ गई और उसने शहर कुलपति को इसकी खबर दे दी।
जब शहर के कुलपति को इस बात का पता चला कि उसका खजाना चोरी हो गया है, तो वह सभी कामों को छोड़कर वापस शहर में आ गया।
फिर उसने अपने ताकतवर लड़ाकू योद्धा जो उस खजाने के बारे में जानते थे उन्हें उस खजाने को ढूंढने के लिए भेज दिया।
और मोहिनी को सजा के रूप में शहर से निष्कासित कर दिया, क्योंकि कुलपति और बाकी लड़ाकू योद्धा के शहर में न होने पर उस समय पूरे शहर की जिम्मेदारी मोहिनी पर थी, इसीलिए उसे इतनी कड़ी सजा सुनाई गई थी।
लेकिन कई लड़ाकू योद्धाओं ने शहर के कुलपति से मोहिनी को एक मौका देने के लिए आग्रह किया ।
तो कुलपति ने कहा कि अगर मोहिनी उस खजाने को ढूंढ कर वापस ले आती है, तो उसे पहले की तरह पूरा सम्मान दिया जाएगा।
क्या मोहिनी उस खजाने को ढूंढ कर वापस अपने शहर में ला पाएगी या फिर मोहिनी हमेशा के लिए अपने शहर से दूर रहेगी, यह जानने के लिए सुनते रहिए इस कहानी को।