मुंबई
एयरपोर्ट के बाहर,
एक लड़की व्हाइट कलर का अनारकली सूट पहने एयरपोर्ट के बाहर खड़ी थी। उसके एक हाथ में चूड़ियां, थी तो दूसरे हाथ में महंगी वॉच... कानों में सिल्वर ऑक्सिडाइज झुमके और आंखों का रंग एकदम गहरा काला....
वो लड़की दिखने में हद से ज्यादा खूबसूरत थी इसीलिए जैसे ही वो वहां पर आकर खड़ी हुई आसपास के लोगों की नजरे उस पर टिक गई। कोई भी उसे देखकर नजर अंदाज नहीं कर पा रहा था लेकिन उस लड़की को इंतजार था उस गाड़ी का जो उसे वहां पर लेने आई होगी। वो लड़की थी Cherry...
जो आज से सालों पहले इंडिया छोड़कर गई थी.... और आज इतने सालों बाद वो वापस आई थी जिसकी वजह से उसके चेहरे पर नर्वसनेस साफ दिखाई दे रही थी....
उसकी आंखों के सामने उसके बचपन की एक तस्वीर चल रही थी जिसमें वो और एक और दूसरा बच्चा नजर आ रहा था।
Cherry की नजरे उस बच्चे पर टिकी हुई थी... और वो उससे बोल रही थी "तुम्हारी वजह से नहीं जा रही हूं मैं Avocado लेकिन चाहते तो तुम यही होना कि मैं यहां से चली जाऊं... पर मेरी एक बात सुन लो...
वो खिलौना नहीं है कोई जो टूट गया तो, और नया आ जाएगा...
वो दिल था मेरा जो तुमने तोड़ दिया पर मैं फिर भी मुस्कुराउंगी...
मैं जा रही हूं तुम्हारी दुनिया से... क्योंकि तुमने कहा है जाने को...
देखना जब वापस बुलाओगे तो भी नहीं आऊंगी... ये बोलते हुए Cherry की आंखों में आंसू थे।
तकरीबन 4-5 साल की वो मासूम सी Cherry बस सामने खड़े Avocado मतलब दिव्यांश रावत को देखे जा रही थी। दिव्यांश रावत जो खुद तकरीबन 5 साल का था लेकिन 5 साल की उम्र में ही उसे नफरत हो गई थी, नफरत Cherry से....
Cherry की बात सुनकर दिव्यांश जो रेलिंग के पास खड़ा था उसने अपने हाथ रेलिंग पर कस लिए और दांत पीसते हुए बोला "मैं तुम्हें कभी बुलाऊंगा ही नहीं Cherry, तुम मुझे मेरी वजह से छोड़कर नहीं जा रही हो, अपनी हरकतों की वजह से जा रही हो... अगर तुमने मुझसे मेरी मम्मा को नहीं छीना होता तो मुझे तुमसे कोई प्रॉब्लम नहीं थी, But now I don't care तुम कहीं भी जाओ I just don't care.....
उसकी बात सुनकर Cherry रोते हुए वहां से चली गई थी.....
बचपन के पलों को याद करते हुए Cherry की आंखों नमी तैर गई थी। वो इतना खो चुकी थी कि उसे महसूस नहीं हुआ कि कब एक शख्स जो करीबन 25 साल का था, दिखने में हद से ज्यादा अट्रैक्टिव... व्हाइट शर्ट और ब्लैकपेंट.... हाथों में मेहंदी वॉच और डायमंड की तीन-चार रिंग्स... पहने उस शख्स की पर्सनैलिटी बहुत ही हॉट थी.. उसकी आंखों में एक गहरा समंदर नजर आया था, जो नफरत से भरा था... या दीवानगी से कुछ कहा नहीं जा सकता था लेकिन अब जब उस शख्स की गर्म सांसे Cherry को अपने चेहरे पर महसूस हुई तो वो एकदम से होश में आई...
अचानक से ही अपने सामने उस शख्स को देखकर Cherry हड़बड़ा गई और पीछे की तरफ हटने को हुई लेकिन उस शख्स ने उसकी कमर पर अपना हाथ रखा और बोला "संभाल कर Red गिर जाओगी...
उस शख्स के मुंह से अपने लिए Red सुनकर Cherry की सांसे और भी ज्यादा फूलने लगी... उसके चेहरे पर उसकी नर्वसनेस साफ नजर आ रही थी। वही वो शख्स अब उसकी कमर पर अपना दूसरा हाथ रखकर बोला "But Don't Worry अगर तुम गिरोगी भी तो मैं तुम्हें गिरने नहीं दूंगा, कोई चोट नहीं लगने दूंगा तुम्हें लेकिन खुद तुम्हें कोई चोट नहीं दूंगा इस बात की रिस्पांसिबिलिटी मैं नहीं ले सकता!....
उसकी बात पर हैरान Cherry लड़खड़ाती हुई आवाज में बोली "आप.... आप यहां Avocado...
उसके मुंह से अपने लिए Avocado सुनकर उस शख्स के चेहरे पर मुस्कुराहट तैर गई। वो शख्स कोई और नहीं दिव्यांश रावत था, रावत इंडस्ट्रीज के सीईओ , जिसका मुंबई पर राज चलता था और एक और चीज थी जिस पर वो पूरी तरह से कब्जा करने वाला था और वो थी Cherry और उसकी सांसे....
दिव्यांश चेहरे पर एक तिरछी मुस्कुराहट लिए बोला "मैंने तो सुना था कि जब से तुम इंडिया से गई हो तब से लेकर आज तक तुमने मेरा चेहरा तक नहीं देखा लेकिन तुम तो मुझे देखते ही पहचान गई? क्या बात मुझे चोरी छुपे देखती थी क्या?
उसके सवाल पर Cherry के चेहरे का रंग उड़ गया क्योंकि जब भी दिव्यांश की मॉम धरा Cherry से दिव्यांश के बारे में बात करती थी तो Cherry हमेशा यही बोल देती थी कि उसे दिव्यांश से कोई लेना-देना नहीं है और वो प्लीज उससे दिव्यांश के बारे में बात ना किया करें, उसे दिव्यांश का ना ही जिक्र सुनना है और ना ही उसका चेहरा देखना है...
दिव्यांश एक बार फिर से तिरछा मुस्कुराया और बोला ""कहीं तुम मुझे इंस्टाग्राम पर स्टॉक तो नहीं करती थी? क्योंकि आज तक तुम्हारी फॉलो रिक्वेस्ट तो मुझे नहीं आई!
Cherry ने अपना चेहरा दूसरी तरफ घुमा लिया। वो कैसे ही बताएं दिव्यांश को कि वो कह तो देती थी कि वो दिव्यांश को देखना नहीं चाहती लेकिन कोई दिन नहीं था ऐसा जिस दिन वो दिव्यांश की तस्वीरें ना देखें! वो बचपन में उसे छोड़कर चली गई थी लेकिन जो एहसास बचपन में उसके दिल में पैदा होने शुरू हुए, उन्होंने उसे नहीं छोड़ा और वो एहसास लगातार बढ़ते ही गए।
वो Cherry जो बचपन में दिव्यांश की दोस्ती के लिए तरसती रह गई अब वो उसके प्यार के लिए तड़पने लगी थी....
जब Cherry ने कोई जवाब नहीं दिया तो दिव्यांश हल्का सा मुस्कुराया और बोला "तुम्हारा तो पता नहीं Red तुमने मुझे स्टॉक किया या नहीं लेकिन तुम्हारी हर एक चीज पर मेरी नजर थी.... तुम्हारी हर एक चीज मेरे कंट्रोल में थी बेशक से वो तुम्हारा कॉलेज जाना हो या फिर अपने फ्रेंड्स के साथ कहीं और जाना, हर पल तुम मेरी नजरों में थी? जानती हो क्यों?
Cherry ने उसे सवालिया नजरों से देखा। उसे समझ नहीं आ रहा था जब दिव्यांश पिछले इतने सालों से उससे बात नहीं कर रहा था तो वो उस पर नजर भी क्यों रख रहा था?
अगले ही बोल दिव्यांश चेहरे पर इंटेंस एक्सप्रेशंस लिए बोला "Because you are mine Red और दिव्यांश रावत अपनी चीजों पर अपनी नजर हमेशा रखता है और खास चीजों पर तो खास नजर रखता है!!! "
उसकी बात सुनकर Cherry बस उसकी तरफ देखती रह गई! उसकी सांसे अब एक बार फिर से गहरी हो गई थी। उसे दिव्यांश की आंखों में एक अलग ही जुनून नजर आ रहा था!
अगले ही पल उसने अब खुद को संभाला और बोली "मुझे मुझे रावत मेंशन जाना है, स्ट्रॉबेरी मेरा इंतजार कर रही होगी....
Cherry दिव्यांश की मॉम धरा को स्ट्रॉबेरी बोलती थी..... बचपन में दिव्यांश और Cherry दोनों एक दूसरे के साथ ही थे और दोनों के बीच सब अच्छा था लेकिन दिव्यांश की मॉम धरा दिव्यांश से ज्यादा जब Cherry पर ध्यान देने लगी तो दिव्यांश इस बात पर गुस्से में रहने लगा और हालात धीरे-धीरे इतनी ज्यादा बिगड़ गए कि दिव्यांश को Cherry से नफरत हो गई जिसकी वजह से Cherry ने सबसे दूर जाने का फैसला ले लिया लेकिन आज वो इंडिया वापस आई थी क्योंकि दिव्यांश शादी कर रहा था.... हालांकि वो इस शादी में आना नहीं चाहती थी क्योंकि दिव्यांश को किसी और के साथ देखकर उसका दिल और भी ज्यादा बुरी तरह से टूट जाता लेकिन धरा ने जबरदस्ती उसे यहां पर बुलाया था।
और अब उसे समझ नहीं आ रहा था कि अगर दिव्यांश किसी और के साथ शादी कर रहा है तो वो Cherry से इस तरह की बातें क्यों कर रहा है? क्यों वो पिछले कई सालों से उस पर नजर रख रहा था?
वो अब पूरी तरह से पीछे हटी और बोली "मुझे नहीं लगता आप यहां मुझे लेने आए होंगे , Avocado!! स्ट्रॉबेरी ने जरूर मेरे लिए कोई गाड़ी भिजवाई होगी।
उसकी बात पर दिव्यांश तुरंत बोला "भिजवाई है ना क्यों नहीं भिजवाई ? वो देखो सामने !" ये बोलते हुए उसने सामने खड़ी एक लग्जरियस गाड़ी की तरफ इशारा किया जिसकी ड्राइविंग सीट पर ड्राइवर बैठा था।
Cherry ने एक गहरी सांस ली और अपना बैग लेकर उस गाड़ी की तरफ बढ़ने लगी लेकिन तभी दिव्यांश ने उसका हाथ पकड़ कर उसे तुरंत अपनी तरफ खींचा। Cherry एकदम कांप उठी।
उसके हाथ दिव्यांश के सीने पर थे और वो लंबी-लंबी सांसे लेते हुए दिव्यांश को देख रही थी।
दिव्यांश ने अपना एक हाथ उसकी कमर पर रखा और अपने दूसरे हाथ से उसके गालों पर झूल रहे बालों को पीछे की तरफ करते हुए बोला "तुम्हारे लिए गाड़ी आई जरूर है लेकिन तुमसे किसने कहा Red कि तुम उस गाड़ी में रावत मेंशन जाओगी तुम फिलहाल रावत मेंशन भी नहीं जाओगी क्योंकि तुम मेरे साथ चलोगी! लेकिन कहां? ये जानना तुम्हारे लिए जरूरी नहीं है लेकिन क्यों ये मैं तुम्हें बता देता हूं... !
उसके जवाब पर Cherry बस उसकी तरफ देखती रह गई और अब दिव्यांश पूरी तरह से उसके चेहरे पर झुका और उसके होठों पर अपनी गर्म सांसे छोड़ते हुए बोला "Because I want to feel you my Red..."
Cherry एकदम से फ्रीज हो गई क्योंकि दिव्यांश ने जिस तरह से उसकी कमर पर अपना हाथ रखा हुआ था। वो बहुत ही ज्यादा इंटेंस था और दिव्यांश के एक्सप्रेशंस भी बहुत सेडिक्टिव थे.....