### **शेखावत मेंशन में स्वागत**
प्रियांश और क्रियांश, नन्ही सुकून को अपनी बाहों में संभाले शेखावत मेंशन में दाखिल हुए ही थे कि सूर्या जी ने उन्हें रोक लिया।
**सूर्या जी:** "क्या यह बच्ची आपके साथ ही रहेगी?"
**क्रियांश:** "हाँ।"
**सूर्या जी:** "लेकिन इसकी क्या ज़रूरत है? हम इसे किसी अच्छे अनाथालय में भी रख सकते हैं। अगर तुम दोनों चाहो, तो हम इसके लिए एक केयरटेकर की व्यवस्था भी कर सकते हैं।"
**प्रियांश** (संजीदगी से): "दादाजी, आप बूढ़े हो चुके हैं। आपको अपने शरीर को आराम देना चाहिए।"
इतना कहकर वह उन्हें नज़रअंदाज़ करता हुआ आगे बढ़ गया। क्रियांश भी बिना कुछ कहे, सुकून को अपनी बाहों में छुपाते हुए सीधा थर्ड फ्लोर की ओर बढ़ गया।
---
### **कमरे में**
प्रियांश और क्रियांश कमरे में पहुंचे। क्रियांश ने सुकून को बड़े प्यार से अपनी गोद से उठाकर बेड पर लिटा दिया, ताकि उसकी नींद न टूटे। वहीं, प्रियांश ने चारों ओर तकिए लगा दिए, जिससे वह लुढ़ककर गिर न जाए।
**प्रियांश:** "क्रियांश, तुम जाकर शावर ले लो, तब तक मैं भी शावर लेकर आता हूं फिर हमें अपने नए प्रोजेक्ट पर डिस्कशन भी करना है।"
**क्रियांश:** "ओके, ब्रो।"
इतना कहकर वह वॉशरूम में चला गया। उसके जाते ही प्रियांश ने सुकून के माथे को हल्के से चूमा और खुद भी नहाने चला गया।
---
### **कमरे के बाहर**
कुछ समय बाद, कमरे के दरवाजे के पास हल्की-हल्की फुसफुसाहट सुनाई दी।
**प्रियांशी:** "भैया दिखे आपको?"
**धन्य:** "नहीं, दोनों भैया रूम में दिख नहीं रहे। मॉम तो कह रही थीं कि भैया आ चुके हैं, लेकिन वे यहाँ क्यों नहीं हैं?"
यह कहते हुए उसने हल्के से दरवाजा खोला और अंदर झाँकने लगा। तभी उसकी नजर बेड पर पड़ी, जहाँ एक नन्ही-सी आकृति हिल रही थी।
**धन्य:** (आश्चर्य से) "यह क्या है?"
वह धीरे-धीरे अंदर गया और बेड के पास पहुंचा। उसने सुकून को ध्यान से देखा और फिर उत्साहित होकर बोला,
**धन्य:** "तुम कौन हो? क्या तुमने मेरे भैया को देखा? और क्या भैया तुम्हें मेरे लिए लाए हैं? वैसे तुम बहुत क्यूट हो! मैं तुमसे दोस्ती कर लूंगा, लेकिन तुम तो बहुत ही छोटी हो!"
धन्य की नॉन-स्टॉप बातें सुनकर सुकून खिलखिलाकर हंस पड़ी।
**धन्य:** (हैरानी से) "ओह! तुम कितनी प्यारी हँसती हो। और तुम्हारे गालों में तो बहुत सुंदर डिंपल पड़ते हैं!"
वह सुकून के गालों को छूने ही वाला था कि पूरे कमरे में एक गूंजती हुई गुस्से भरी आवाज़ आई—
**"DON'T TOUCH HER!"**
धन्य एकदम से रुक गया और डरते-डरते आवाज़ की दिशा में देखने लगा। वहाँ, दरवाजे पर खड़े प्रियांश और क्रियांश तौलिए में थे, जो नहाकर अभी-अभी बाहर निकले थे।
**धन्य:** (मासूमियत से) "भैया, यह कितनी क्यूट है! क्या आप इसे मेरे लिए लाए हैं? तब तो हम दोनों बहुत मस्ती करेंगे!"
लेकिन इससे पहले कि वह और कुछ कह पाता, प्रियांश ने गुस्से में कहा—
**"Shut up! दुबारा यहाँ मत आना और सुकून से दूर रहना, वरना मुझसे बुरा कोई नहीं होगा!"**
प्रियांश की गुस्से भरी आवाज़ सुनकर धन्य मुँह बनाते हुए भाग गया।
---
### **नीचे लिविंग रूम में**
धन्य, क्रियांशी का हाथ पकड़कर उसे खींचते हुए नीचे लिविंग रूम में ले गया।
**धन्य:** "तुम्हें पता है, भाई एक प्यारी-सी एंजल को लाए हैं! वो बहुत प्यारी है, जब वो हँसती है तो और भी क्यूट लगती है! भाई जब उसके पास नहीं होंगे, तब मैं तुम्हें उससे ज़रूर मिलवाऊंगा!"
क्रियांशी ने पहले ही प्रियांश की सारी बातें सुन रखी थीं, इसलिए उसने बस चुपचाप सिर हिला दिया और धन्य के साथ चला गया।
---
### **कमरे में वापस**
इस बीच, कमरे में सुकून धीरे-धीरे रोने लगी।
**क्रियाश:** "ओह, मेरी प्रिंसेस को क्या हुआ?"
वह उसे चुप कराने की कोशिश करने लगा और पास रखे कपड़े पहनाने लगा।
**प्रियांश:** (हंसते हुए) "अच्छा! तो मेरी प्रिंसेस मुझसे नाराज़ है?"
जैसे ही उसने सुकून को गोद में लेने की कोशिश की, सुकून ने नाराज़गी में मुँह फेर लिया और अपना सिर क्रियाश के सीने में छुपा लिया।
यह देखकर दोनों भाइयों के चेहरे पर मुस्कान आ गई।
**प्रियांश:** (मज़ाकिया अंदाज़ में) "ओह! तो मेरी प्रिंसेस मुझसे गुस्सा है? ठीक है, फिर मैं किसी और को अपनी प्रिंसेस बना लूँगा और उसे बहुत सारा प्यार दूँगा!"
यह सुनते ही सुकून तुरंत क्रियाश के सीने से मुँह निकालकर प्रियांश को घूरने लगी और अगले ही पल रोने लगी।
**क्रियाश:** (हंसते हुए) "हाहाहा! लगता है, हमारी प्रिंसेस को जलन हो रही है!"
सुकून उन दोनों को हँसते देख अपने छोटे-छोटे हाथों से उन्हें मारने लगी।
**प्रियांश:** (हंसते हुए) "ओह मेरी प्यारी प्रिंसेस!"
**क्रियाश:** "क्या मेरी प्रिंसेस को भूख लगी है?"
सुकून का रोना जारी रहा, तो प्रियांश तुरंत बोला—
**प्रियांश:** "जो दूध किचन में रखा है, वो ले आओ!"
**क्रियाश:** "जी, ब्रो!"
वह जल्दी से किचन में गया और दूध की बोतल लेकर आया। प्रियांश ने बोतल सुकून के मुँह से लगाई और वह जल्दी-जल्दी पीने लगी।
**प्रियांश:** "हमें आगे से ध्यान देना होगा कि हमारी प्रिंसेस को कभी भूख न लगे।"
**क्रियाश:** "हाँ, ब्रो!"
कुछ ही देर में सुकून ने दूध खत्म कर दिया। दोनों भाइयों ने उसे प्यार से बेड पर लिटाया और खुद भी उसके पास लेट गए, ताकि वह सुरक्षित रहे।
सुकून जल्द ही मीठी नींद में सो गई, और उसे निहारते-निहारते प्रियांश और क्रियाश भी सो गए।
---
### **5 साल बाद...**
**पाँच सालों में क्या बदलाव आए होंगे? जानने के लिए पढ़ते रहिए...**