जिया और सिद्धार्थ इस वक्त कार में थे,, सिद्धार्थ एकदम नॉर्मल था लेकिन जिया के चेहरे पर घबराने वाले एक्सप्रेशन थे,, क्योंकि उसके फोन पर उसकी मां का फोन आ रहा था और उसे समझ नहीं आ रहा था कि वो अपनी मां को कैसे बताए,, क्या कहे उनसे
वो खुद से ही घबराते हुए बोली,, मां का कॉल क्या बोलू मां से,, सिद्धार्थ ने कहा, देखो कॉल तो तुमने उठाना होगा वरना वो बार-बार कॉल करेंगी,, जिया ने उसकी तरफ देखा और चिढ़ते हुए बोली,, ये मुझे पता है मिस्टर अकड़ू लेकिन मेरी प्रॉब्लम ये है कि मैं बोलूंगी क्या अपनी मां से सच नहीं बता सकती,,
फोन एक बार फिर रिंग होकर बंद हो गया,, जिया को समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या करे,, एक बार फिर फोन बजा अब जिया के पास कॉल पिक करने के अलावा और कोई ऑप्शन नहीं था
इसलिए उसने एक लंबी सांस लेकर अपने को नॉर्मल किया और कॉल उठाया और बोली,, हेलो,, सामने उसकी माँ सीमा जी बोली,, गुड्डो कहाँ है तू कब से फोन कर रही हूँ उठ क्यों नहीं रही तू ठीक है ना बेटा,, जिया ने कहा,, हाँ माँ मैं बिल्कुल ठीक हूँ
ये सुन सीमा जी को राहत मिली वो आगे बोली, तू है कहाँ और घर कब तक आएगी तुझे याद है ना हमें आज रात को निकलना है,,
जिया ने कहा,, हाँ माँ मुझे याद है मैं आ जाऊँगी,, वो असल में मैं पंख आ गई थी,, वहाँ अम्मा ने बताया कि कुछ सामान लाना है बस वहीं लेने जा रही हूँ,,
सीमा जी बोली,,, अच्छा ठीक है तू जल्दी आ जाइयो और टीना से बात हो गई तेरी वो कब तक आएगी,,
जिया बोली,, हाँ माँ मेरी बात हो गई थी वो डायरेक्ट स्टेशन आएगी,, सीमा जी ने ठीक बोलकर कॉल काट कर दिया,,
जिया अब रिलैक्स हो गई बोली, भगवान का शुक्र है मां को कुछ पता नहीं चला लेकिन कब तक इस बात को छिपाऊंगी,
सिद्धार्थ ने उसकी सारी बातें सुनी थीं उससे वो इतना जो समझ गया था कि जिया कहीं जाने की तैयारी कर रही है
उसने जिया से पूछा, कहां जाने की बात कर रही थी तुम, जिया ने उसकी तरफ देखा और चिढ़े हुए ही कहा, आपका मतलब,
उसकी ये टोन सुन जहां सिद्धार्थ को गुस्सा आ गया वहीं ड्राइविंग सीट पर बैठा सिद्धार्थ का असिस्टेंट नील हंस आ गया, लेकिन सिद्धार्थ के डर से उसने वो दबा ली,
सिद्धार्थ ने नील को कुछ इशारा किया जो समझे नील ने एक बटन दबाकर दिया जिसकी कार में एक पार्टीशन आ गया जिसकी वजह से अब नील जिया और सिद्धार्थ को देख नहीं सकता था और ना ही उनकी बात सुन सकता था,
वहीं पार्टीशन होते ही सिद्धार्थ ने जिया की कलाई थी और उसने अपनी तरफ से खींच लिया उसके ऐसे खींचने से जिया उसके बहुत क्लोज आ गई थी,
वो सिद्धार्थ की तरफ देख रही थी, और दोनो के दिल बहुत फास्ट बीट हो रहे थे, सिद्धार्थ ने अपनी हार्ड वॉयस में जिया से कहा, मेरी बीवी के बारे में मुझे जाने का पूरा अधिकार है, मिसेज जिया सिद्धार्थ ओबेरॉय इसलिए अच्छी बीवी की तरह मुझे बताओ कि तुम कहाँ जाने की बात कर रही थी मेरी सास से,,
उसके ऐसे करने से एक पल के लिए डर गई लेकिन फिर सिद्धार्थ की बातों का जवाब देते हुए बोली,, मैं इस शादी को नहीं मानती और मेरी लाइफ को कंट्रोल करने की कोशिश मत करो,, उसने अपने को सिद्धार्थ से छुड़ाया,, और एक अमीर औरत की तरह बोली,, मैं चाहे ये करू मैं चाहे वो करू मेरी मर्जी,,
उसके ऐसे तेवर देख सिद्धार्थ को गुस्सा बहुत आ रहा था,, वो कुछ करता उससे पहले उसे नील की आवाज आई जो बोल रहा था,, सर हम पाहुंच गए,,
उनके ये बोलने पर सिद्धार्थ ने अपने आपको नॉर्मल किया और जिया से बोला,, मेरा घर आ गया है और तुम्हारे साथ मेरे अंदर चलना है,, फिर वो उसे थोड़े धमाकेदार अंदाज में बोला,, और अगर वहां तुमने कुछ भी उथल-पुथल हरकत की ना तो तुम्हारे परिवार का नामो निशान मिटा दूंगा,,
जिया उसकी धमक से डर चुकी थी लेकिन ये उसने अपने चेहरे पर शो नहीं होने दी वो बोली,, तुम मुझे ऐसा धमाका नहीं समझ सकते,,
सिद्धार्थ उसके चेहरे के एक दम पास आकर अपने चेहरे पर एक मुस्कान लाते हुए बोला ,, धमकना तो मैंने अभी शुरू नहीं किया है बेबी इसलिए अपना मुँह बंद रखो चलो मेरे साथ,, जिया ने फिर से उसकी तरफ देख चिढ़कर कहा,, मिस्टर अकडू ओबेरॉय,,
सिद्धार्थ ने उसकी बात पर बस अपना सर हिला दिया,, और वो कार से उतर गया,, और वो उतार कर जिया की तरफ आया और उसके लिए कार का दरवाजा खोल दिया,, और अपने हाथ जिया की तरफ बढ़ा दिया,,
जिया ने उसकी तरफ देखा और बुझमन से उसके हाथ में अपना हाथ दे दिया,, और कार से उतर गई।
जिया ने जैसा ही देखा तो उसकी आंखें सदमे से बड़ी हो गई थीं।
ओबेरॉय मेन्शन दिल्ली के बड़े घरो से एक था या यू कहे कि दिल्ली में सबसे बड़ा ओबेरॉय मेन्शन ही था ओबेरॉय मेन्शन 101 वर्ग फुट की जमीन में बना हुआ बंगला था
जहां काफी हरियाली देजा देखी जा सकती थी ओबेरॉय मेन्शन व्हाइट मार्बल से बनाया गया था
गाड़ी को देखते ही गार्ड्स ने सिद्धार्थ और जिया को नमस्ते किया,, पाथवे के डोनो तरफ गार्डन था
जहां पर काफी सारे फूल लगे हुए थे गार्डन की लेफ्ट साइड में एक झूला था और साथ में कुर्सियां लगी हुई थी
जिया अभी भी चौंका देने वाले एक्सप्रेशन के साथ ओबेरॉय मेन्सशन को देख रही थी ,, सिद्धार्थ ने उसका हाथ पकड़ा और वो दोनों अंदर की तरफ चले गए,,
वो दोनों अंदर कदम रखते उसे पहले ही, एक आवाज आई, जो उन्हें रुकने के लिए बोल रही थी।
वो दोनों इस आवाज़ से वहीं रुक गए थे ,,उनके कदम आगे नहीं बढ़ रहे थे,, और जिया की आँखों में हैरानी आ गई
क्योंकि उनको रोकने वाली दादी थी,, उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि दादी ने उन्हें अचानक क्यों रोका,, दादी उनकी तरफ बड़ी और उन दोनो के सामने आकर खड़ी हो गयी,
और उन दोनों की तरफ़ देखते हुए तेज़ आवाज़ में कहा,, तुम दोनों अंदर नहीं आ सकते ,,जिया उनकी बात सुन डर चुकी थी उसे समझ नहीं आ रहा था की ऐसा क्या हो गया,, वो और सिद्धार्थ दादी को देख रहे थे उनकी आँखों में डर देख,, दादी जोर से हंस दी और और हंसते हुए दोनों से बोली,, चेहरा देखो दोनों डर गये सिद्धार्थ ने कहा,, दादी से कहा,, दादी ये क्या है।
दादी की बाजू पर मार्ते ह्यू बोली,, तू चुप कर नालायक अरे घर की बहू पहली बार घर आ रही है तो ऐसी ही थोड़ी आएगी,,इतना बोल दादी ने जिया की माथे को किस करते हुए कहा,, मेरी बहू का स्वागत पूरे रीति रिवाज से होगी शादी तो जल्दीबाजी में हो गई, लेकिन अब मैं कोई कमी नहीं रहने दूंगी
दादी ने नौकर को आवाज लगाई और,, उनके बोलने के बाद वहां एक साथ काम से कम 5 नौकर एक साथ खड़े हो गए,,
सबसे पहले जो सबसे आगे था वो नौकर आगे आया उसके हाथों में एक पूजा की थाली थी,, उसने वो थाली दादी के हाथों में दे दी,, दादी ने वो थाली ली और सिद्धार्थ और जिया के पास आईं जिया ने अपना दुपट्टा अपने सिर पर ओढ़ लिया उसको ऐसा करते देख दादी के चेहरे पर एक मुस्कान आ गई,,दादी ने उन दोनों की आरती उतारी
आरती के बाद उनहोने दूसरे नौकर को आगे बुलाया तो उसने एक चावल का कलश वहां रख दिया,, दादी ने जिया की तरफ देखा और कहा,, बेटा इस कलश को गिराओ और अंदर की तरफ आओ,,जिया ने वैसा ही किया उसके बाद तीसरे नौकर वहां एक सिन्दूर से भरी थाल राखी,, दादी ने फिर कहा,, बेटा इसमें पैर डालो और इसे अपने पैरों की छाप उस घर में छोड़ो इस घर की मिट्टी हमारे पैरों की छाप को अपनी मिट्टी में सोख लेगी
जिया ने वैसा ही किया,, फिर वो सभी अंदर लिविंग हॉल में आकर बैठ गए,, जिया को ये सब बहुत अजीब लग रहा था,, लेकिन वो कुछ कर नहीं सकती थी,,
वो बस अपनी नज़र इधर उधर कर ओबेरॉय मेन्सशन को देख रही थी ,,
ओबेरॉय मेन्शन अंदर से भी उतना ही शानदार था जितना बाहर से था मुख्य द्वार की दाहिनी ओर सीढ़ियाँ थी जो छत की तरफ जाती थी और पहली मंजिल भी थी जहां सारे लोगों के कमरे थे, वे
नीचे मुख्य गेट के सामने ही डाइनिंग टेबल थे और दाईं ओर स्टडी रूम था।
उससे थोड़ी दूरी मंदिर पर था जिसमें श्री कृष्ण और राधा की बहुत प्यारी संगेमरमर की मूर्ति थी जो एक नज़र में ही दिल को छू जाए।
जिया के मन में काफी डर था जो दादी समझ रही थी,, वो उसके पास आकर बैठ गई,, उन्हें जिया के चेहरे पर हाथ रख बड़े प्यार से बोला,, क्या हुआ बेटा,,जिया ने अपने चेहरे पर मुस्कान लाते हुए कहा,, कुछ नहीं दादी वो बस,,इतना बोल वो चुप हो गई लेकिन दादी उसकी बात समझ गई थी,, वो प्यार से उसके सिर पर हाथ फेर बोली,, बेटा ये अब से तुम्हारा घर है तुम्हें घबराने की ज़रूरत नहीं है,,मुझे पता है तुम्हें बहुत अजीब लग रहा होगा,, लेकिन हर लड़की के साथ होता है
दादी की प्यार भरी बातें सुनकर जिया की घबराहट थोड़ी सी कम हो गई थी अब वह थोड़ी रिलैक्स लग रही थी जो देखकर सिद्धार्थ को पता नहीं क्यों लेकिन बहुत अच्छा लग रहा था कि जिया अब थोड़ी सी शांति और अभी थोड़ी देर शांति से बैठी थी
तभी उन्होंने किसी औरत की आवाज लगाई जो कह रही थी,, बेबी प्लीज रुक जाइए खाना खा लीजिए बेबी खाना खा लीजिए उन्होंने दिशा में देखा तो वहां कुछ 45 साल की एक औरत और 5 साल की बच्ची के पीछे भाग रही थी वह उसे खाना खाने के लिए शायद कह रही थी
लेकिन वह बच्ची बार-बार मना कर रही थी उसको ऐसे देख दादी बोले,, hey भगवान फिर शुरू हो गई है नटखट इसको खाना खिलाना ना दुनिया का सबसे मुश्किल काम है फिर वह सिद्धार्थ की तरफ देखते हुए बोली,, सिद्धार्थ जा तू ही संभाल अपनी बेटी को पता नहीं किसकी बात पर काबू होगी हमारी तो बात ही नहीं सुनती है ,, सिद्धार्थ उठकर वहां से जाने लगा
लेकिन यहां पर जिया की धड़कनें और आंखें दोनों बढ़ चुके थे क्योंकि अभी अभी उसने दादी के मुंह से यह सुना था कि सिद्धार्थ ही एक 5 साल की बेटी भी है और इस बारे में सिद्धार्थ ने उसे कुछ भी नहीं बताया जो खड़ी हो गई,
वह भी उसके बच्चों की तरफ देख रही थी जो भाग रही थी अचानक ही पता नहीं कैसे वह लड़की आकर जिया से टकरा गई वह गिरती उससे पहले ही जिया ने उसे संभाल लिया,, उस बच्ची ने भी जिया को कसकर पकड़ लिया था उसको देखकर ऐसा लग रहा था जैसे कि वह दुनिया की सबसे सुरक्षित बाहो में थी और वह यहां से निकलना नहीं चाहती थी उसने अपना मुंह जिया के पेट में छुपा लिया था जैसे कि वह गिरने से बुरी तरह से डर चुकी हो
उसको गिरता देख सिद्धार्थ और दादी दोनों को डर चुके थे लेकिन जैसी उन दोनों ने देखा कि जिया ने उसे संभाल लिया है वैसे ही वह दोनों थोड़े से शांत हो चुके थे सिद्धार्थ ने उस महिला की तरफ देखा जो उसे बच्ची को खाना खिलाने के लिए दौड़ रही थी उसने कहा,, आपको बेबी का ध्यान रखने के लिए कहा गया था और आप यहां क्या कर रहे हैं,, उसे मेड़ ने डरते हुए सिद्धार्थ से कहा ,, मुझे माफ कर दीजिए सर मैं बेबी के लिए खाना लेकर उनके कमरे में गई थी लेकिन बेबी खा ही नहीं रही थी और वह अचानक ही कमरे से भाग गई इसलिए मुझे माफ कर दीजिए,
वह बच्ची अभी भी जिया की बाहों में थी थोड़ी देर बाद वह उनसे अलग हुई तो उस बच्ची ने जिया की तरफ देखा जिया को देखते ही उस बच्ची की आंखों में एक चमक सी आ गई जैसे कि वह जिया को बहुत पहले से जानते हो और उसने बच्ची की शक्ल देखी और उसके चेहरे पर भी फ का चेहरा भी अलग-अलग सी रौनक आ गई जैसे वह दोनों एक दूसरे को काफी टाइम से जानते हैं
अचानक ही जिया घुटनों पर बैठी और उसने बच्ची के गले लगते हुए बोली ,, बेबी आप यहां क्या कर रही है उस बच्ची ने भी जिया को अपने गले से लगा लिया,
लेकिन वही दादी सिद्धार्थ और वह उन दोनों को बड़ी बालों वाली से देख रही थी क्योंकि वह तीनों जानते थे कि वह लड़की किसी को भी अपने करीब नहीं आने देती थी बहुत ही मुश्किल से कभी दादी या सिद्धार्थ उसे काबू कर पाए
लेकिन आज वह किसी और की बाहों में थी वह भी खुशी-खुशी यह संयुक्त राष्ट्र के लोगों के लिए बहुत ही चौंकाने वाली खबर थी, थोड़ी देर बाद वह दोनों अलग हुए, जिया ने उसके हाथों को पकड़ा और बड़े प्यार से कहा है ,,आप यहां क्या कर रही हैं उस लड़की ने अपने हाथों से इशारा करते हुए कहा ,,यह मेरा घर है आप यहां पर क्या कर रही हैं फिर वह अपनी आंखों में चमक ली और हाथों के इशारे से बोली ,, क्या आप यहां मुझसे मिलने आई हैं, जिया जैसा उसका इशारा समझ चुकी थी लेकिन वह समझ नहीं पा रही थी कि वह इस बच्ची को क्या जवाब दे
तभी दादी वहां उस बच्ची के पास है और इस बच्चे से बोली,, पीहू बेटा आप इनको जानती है
Pihu ne दादी की तरफ देखा और अपने सर को हिलाया, दीया जैसा की वह कह रही हो कि मैं उनको बहुत अच्छे से जानती हूँ फिर
दादी ने जिया की तरफ देखा और उनसे पूछा, बेटा आप पिहू को कैसे जानती हैं, जिया ने एक नजर पिहू को देखा और फिर वह दादी की तरफ देख कर बोली, वह दादी असल में मैं और पिहू हम लोग एक हफ्ता पहले मॉल में मिले थे मुख्य वहां पर अपने कुछ दोस्तों के साथ शॉपिंग करने के लिए गई थी वह वहां पर हम मिले और हमारी दोस्ती हो गई।
दादी भी उस दिन को याद कर रही थी और उन्हें अचानक याद आया कि जब पिहू बाहर बाहर से घर वापस आई तो वह बहुत ज्यादा खुश थी उन्होंने उससे पूछा भी लेकिन पिहू ने उन्हें कुछ नहीं बताया आखिर उन्होंने बार-बार पूछने पर फिर उन्होंने सिर्फ इतना ही बताया था कि आज वो एक एंजल से मिली थी लेकिन उस एंजल को जानते नहीं थी
और उस एंजल को ढूंढने के लिए ही थी सिद्धार्थ की जान खा रखी थी कि वह उसकी एंजल को कहीं से भी ढूंढ़ कर ले, और सिद्धार्थ पिछले 1 हफ्ते से अपनी बेटी की एंजल को ढूंढने में लगा था लेकिन उससे उसका कुछ भी पता नहीं लग रहा था
क्योंकि उस दिन मॉल के सीसीटीवी कैमरों में कुछ प्रॉब्लम आ गई थी जिसकी फुटेज रिकॉर्ड नहीं हो पाई उसने नील की जान रखी थी कि वह कहीं से भी एंजल की खबर लेकर आए जिसकी बेटी के चेहरे पर मुस्कान थी
लेकिन उनकी यह सारी मेहनत मिट्टी में जा रही थी क्योंकि उन्हें कुछ खबर मिल नहीं रही थी, दादी के चेहरे पर एक मुस्कान आ गई और वह पु की तरफ देखते हुए खुशी से बोलीं तो ,,, वह तो बहुत अच्छी बात है हमारी पीहू की एंजल खुद ही उसके पास आ गई ,,
दादी की बात सुनकर पीहू ने भी खुशी से अपने से था मैंने हिला दिया जैसे की वह जिया किया आने से बहुत ज्यादा खुश थी और यह सच भी था और यह उसकी एक खुशी उसके चेहरे पर साफ-साफ देखी जा सकती थी,, तूने
फिर से जिया को हिलाकर अपनी तरफ से उसका ध्यान किया और वह फिर से इशारों में बोली,, आप बताओ ना आप मुझसे मिलने आये हो ना यहां पर,, जिया को अभी समझ में नहीं आ रहा था कि वह प्यारी सी बच्ची से क्या कहे लेकिन दादी को सब समझ में आ रहा था उन्होंने पीहू का हाथ पकड़ा अपनी तरफ से किया और वह भी घुटनों पर बैठ गई और प्यार से पीहू से बोली,, मैं आपको एक सीक्रेट बताऊं पीहू ने जल्दी से हां में सर हिलाया तो
दादी ने जिया और सिद्धार्थ की तरफ इशारा करते हुए कहा कि जो आपके पापा हैं ना उन्होंने आपकी एंजल से शादी कर ली, वह भी सिर्फ आपके लिए तो आप या जो आपकी एंजल है या आपकी मम्मा बन चुकी है और आपकी मम्मा आप हमेशा के लिए हमारे साथ यहीं रहेंगी,
जैसे ही पीहू ने यह सुना और खुशी से कूदने लगी कि अब उसके पास भी मम्मा होंगी, पीहू खुशी से तलियां बजाने लगी थी वो बहुत खुश थी।
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कैसे बताएंगी जिया अपने परिवार को अपनी शादी के बारे में?
कहां जा रही है जिया?