एक ही कैफे में जय और जानवी

आजकल सगाई में सभी डायमंड की रिंग पहनाते हैं।

"इसमें क्या है?" जानवी ने लापरवाही से कहा।

"तुम नहीं जानती। हमारा ज्वेलरी का कारोबार है। इसकी कीमत कितनी है, कि तुम सोच भी नहीं सकती। अभी न्यू कलेक्शन लॉन्च हुआ है एक टॉप ज्वैलरी ब्रांड का। हमारे यहाँ भी इसकी कॉपी बन रही है! अगर कॉपी की कीमत इतनी है, तो ओरिजिनल की कितनी होगी?" रेणुका कहने लगी।

"तुम्हारे कड़े भी बहुत खूबसूरत हैं।"

"हमारे जीजू कौन हैं? किसके साथ सगाई की तुमने?" वह आपस में बातें कर रही थीं।

तभी उस कैफे में एक आदमी, जिसके चेहरे पर मास्क था और आँखों में गॉगल्स लगे हुए थे, आया।

"मेरी गाड़ी खराब हो गई है! मैं इंटरनेशनल कैफे में बैठा हूँ। वहीं पर गाड़ी भेज दो।" उस आदमी ने वहाँ चेयर पर बैठते ही किसी को फोन पर कहा।

उसने अपनी गॉगल्स उतार कर टेबल पर रख दी थीं, लेकिन अपने चेहरे का मास्क नहीं उतारा था। असल में जयराज सिंघानिया अपने किसी काम की वजह से अकेले ही गाड़ी उठाकर आया था। उसके साथ न तो ड्राइवर था, न ही उसकी सिक्योरिटी। उसकी गाड़ी खराब हो गई थी। वह चेहरे पर मास्क लगाए हुए कैफे में आकर बैठ गया था। वह अपनी सिक्योरिटी की वजह से कहीं अकेले आने-जाने में काफी सावधान रहता था।

तभी वेटर उसके पास आया। उसने कॉफ़ी ऑर्डर की और अपने फ़ोन को देखने लगा। तभी उसका ध्यान पीछे बातें कर रही लड़कियों की तरफ़ गया, क्योंकि उनमें से किसी लड़की ने जयराज सिंघानिया कहा था। वह उनकी बातें ध्यान से सुनने लगा।

"उसका नाम क्या है? यह तो बताओ और कैसे दिखते हैं?"

"जयराज सिंघानिया नाम है उसका।" जानवी ने बताया।

"वह कैसा दिखता है, मुझे नहीं पता।"

"तुमने बिना देखे सगाई कर ली?" प्रीति ने हैरानी से कहा। "तुम ऐसा कैसे कर सकती हो?"

"हो सकता है वह हैंडसम न हो, कोई काला-कलूटा हुआ तो।" रेणुका ने कहा।

"ऐसा भी तो हो सकता है कि वह बहुत हैंडसम हो।" प्रीति ने कहा।

"पता है तुम लोगों को, जब मेरे रिश्ते की बात चली, एक मल्टी-बिलियनियर का रिश्ता मेरे लिए आया है और उसकी माँ और डैड की ख्वाहिश है कि वह मुझे बहू बनाना चाहते हैं। मैं तो हैरान रह गई। कौन है जो मेरा दीवाना बना हुआ है? किसको मुझसे प्यार हो गया, जिसने अपनी मॉम-डैड को मेरे घर भेजा?"

उसकी बातें सुनकर जयराज काफी हैरान हो रहा था। "यह लड़की कितना झूठ बोल रही है। इस लड़की के साथ मेरे मॉम-डैड मेरी शादी करना चाहते हैं।" उसे जानवी की बात सुनने के बाद उससे नफ़रत महसूस होने लगी।

"मैं तो इतनी शॉकिंग थी कि मेरे साथ सचमुच ऐसा हो सकता है।" जानवी ने कहा।

"तुम्हारे साथ ऐसा क्यों नहीं हो सकता? इतनी खूबसूरत और प्यारी हो।" रेणुका ने कहा।

"मेरी पूरी बात तो सुनो।" जानवी ने रेणुका को टोका।

अब जय का पूरा ध्यान जानवी की बातों पर था। जय की पीठ उन लड़कियों की तरफ़ थी।

"मगर मैं तब रिलैक्स हुई जब मुझे पता चला, वो एक 32 साल का तलाकशुदा आदमी है, जिसका 5 साल का बेटा है। क्योंकि नॉर्मल चीज मेरी लाइफ़ में नहीं हो सकती। तुम लोगों को अच्छे से पता है, नॉर्मल चीजें तो मेरे साथ हो नहीं सकती।"

"तुमने मना क्यों नहीं किया? तुम सिर्फ़ 19 साल की हो। अभी सेकंड ईयर के एग्ज़ाम दिए हैं, अभी फ़ाइनल में जा रही हो। तो तुम इतने बड़े आदमी के साथ शादी क्यों कर रही हो? माना उस आदमी को पसंद आ गई हो, इसका मतलब यह तो नहीं कि तुम उसके साथ शादी के लिए तैयार हो जाओगी?" रेणुका ने गुस्से से कहा। "सिर्फ़ उसने तुम्हें पसंद कर लिया इसलिए?"

"किसने कहा तुम्हें कि मुझे किसी ने पसंद किया है? यह प्यार, पसंद, रिस्पेक्ट, यह तीन शब्द, क्या तुम्हें लगता है मेरी किस्मत में हैं? मॉम-डैड के सुसाइड के साथ ही मेरी ज़िंदगी में ऐसी चीजों ने भी सुसाइड कर लिया।" जानवी ने हँसते हुए कहा। "अगर उसे कोई दिलचस्पी होती मेरे साथ शादी में, तो खुद आता, एक बार मिलता मुझे। उसकी माँ ने कंगन और अंगूठी पहना दी। अब इतनी बेवकूफ़ तो नहीं हूँ कि यह सब नहीं समझती। शायद उसकी फैमिली उसकी शादी करना चाहती है और उसके मॉम-डैड मुझे बचपन से जानते हैं। फिर दादाजी की बीमार रहते हैं, मेरी ज़िम्मेदारी उन पर है। उनका मरना भी मुश्किल कर दिया है मैंने। उनके मरने के लिए रास्ता क्लियर कर दिया कि वह चैन से मर सकें। उनकी जान भी मुझ में ही अटकी हुई है।"

"यह क्या है?" रेणुका ने उसे कहा।

प्रीति और रेणुका दोनों के उदास होकर जानवी की तरफ़ देखने लगे।

"तुम लोगों के चेहरे क्यों उतरे हुए हैं? उसका नाम गूगल पर सर्च करके उसकी तस्वीर नहीं देखेंगे? आख़िर इतना बड़ा बिज़नेसमैन है, उसकी पिक्चर्स तो ज़रूर होंगी। मैं तो सगाई के बाद सीधा तुम लोगों के पास आ गई। सोचा तुम लोगों के साथ देखूँगी और तुम लोग इतनी उदास हो गईं।"

जानवी अपना फ़ोन निकालती है।

"यह तेरे फ़ोन की स्क्रीन कैसे टूट गई?" रेणुका ने उसे कहा।

"मैं अमरूद के पेड़ पर चढ़ गई थी। उसकी टहनी मज़बूत नहीं थी। वह टूट गई। मैं गिर गई। मेरे घुटने पर चोट है, मेरी कुहनी में भी चोट लगी है और मेरे फ़ोन की स्क्रीन टूट गई।"

"कोई सीधा काम तो करने से रही।" प्रीति उस पर गुस्सा हुई।

"कोई बात नहीं, मैं आते हुए ठीक करा कर ले जाऊँगी।"

"अच्छा, क्या नाम बताया था तुमने उसका?" रेणुका ने उससे पूछा।

"जयराज सिंघानिया।" जानवी ने कहा।

जैसे ही रेणुका गूगल पर जयराज सिंघानिया लिखती है, जय की बहुत सारी पिक्चर्स शो होने लगती हैं।