कमजोर शरीर

गर्व इस आश्रमशाला को देखने का निर्णय लेता है वह भलेही अब किसी दूसरे के शरीर में होता है भी उसे इस दूसरे शरीर वाले गर्व के बारे में उसे कुछ भी मालूम नही होता है इसलिए वह इस शरीर के असली मालिक के बारे में पता करने के लिए आश्रमशाला में टहलने का निर्णय लेता है जैसे ही वह आश्रमशाला में इधर उधर टहलने के लिए जाता है कोई कोई बच्चे उसका उपहास करते जा रहे थे कोई कोई उसको देखकर अलग अलग उल्टी सीधी बाते करते जा रहे थे कोई कोइंटो उसका तुलतुल तुलतुल कहते हुए उसके मुंह के सामने ही उसकी बेज्जती करते जा रहे थे उसके सामने कई सारे बच्चे उसका उपहास करते जा रहे थे उन आश्रमशाला के बच्चों की बाते सुनकर गर्व कोबेक भात तो पक्की हो जाती है कि इस शरीर का पुराना मालिक एक नाकारा कमजोर लड़का था जिसकी कोई भी इज्जत नहीं करता था यहां तक कि कोई लड़किया भी उसको निचली नजर से देखे जा रही थी पिछले जन्म में तो लड़किया उसकी एक झलक पाने के लिए तरसती रहती थी पर अब उसका वक्त बदल चुका है उन सब लोगो से अपना ध्यान हटाकर गर्व आश्रमशाला के पुस्तकालय में जाने लगता है क्योंकि उसे मालूम करना होता है की वह किस जगह पर आ गया है इसके बारे तो उसे कुछ भी पता नहीं होता है और वहआखिर किस राज्य में है पुस्तकालय में जाकर वह सबसे पहले वह मौजूद दैनिक वर्तमानपत्र को पढ़ता है वहा पर जैसे ही वह आजकी तारीख को देखता हैं उस्किंपरो तले जमीन ही खिसक जाती है आज़की तारीख को देखकर वह लगभग गिर ही पड़ता है वह  जैसे तैसे खुदको  संभालता है और वापस से खड़ा हो जाता है वह जैसे ही नीचे गिरने वाला होता है उस पुस्तकालय में मौजूद लोगो की उसके ऊपर नजर जाती है पर यह तो सबको पता होता है की वह तुलतुल है और वह इस आश्रमशाला का सबसे निकम्मा और कमजोर इंसान है इसलिए वह उसके ऊपर से दुर्लक्ष कर देते है दरअसल आजकी तारीख और वर्ष उसके पिछले जन्म की नही है वह तो वक्त में नौसो साल आगे आ चुका होता है आज्की तारीख उसके वक्त से नौसो साल आगे की होती है तब गर्व अपने मन में खुद से ही कहता है कुछ तो गड़बड़ है गर्व कुछ तो गड़बड़ है यह पूरी दुनिया ही गड़बड़ है और वह फिर इतिहास का पता लगाने के लिए इतिहास के पुस्तकों की ओर जाता है इतिहास को पढ़कर उसे पता चलता है कि वह जिस राज्य में है उसका नाम भरतपुर राज्य है और उसका निर्माण होकर महज फोड़ों साल हो गए है और वह एकगरीब राज्य है जिसके पास बहुत ही कम मात्रा में नैसर्गिक और युद्ध संसाधन है बल्कि वह अपने पिछले जन्म में जिस राज्य में था वह पाटलिपुत्र राज्य आज भी सबसे ताकतवर राज्य था और पुरी दुनिया में उसका मध्यवर्ती शासन चल रह था दरअसल गर्व अपने पिछले जन्म इतना ताकतवर था की वही शिक्षा खतम होने के बाद पाटलिपुत्र की राजगाड़ी पर बैठता पर उसके मारने के बाद पाटलिपुत्र का सारा राज उसके भाई के पास आ गया वह भलेही गर्व के जितना शूरवीर ना हो पर वह भी एक महायोध्या था उसकी ध्यान शक्ति भी गर्व से ज्यादा थी उसके ध्यान करते वक्त उसके आस पास का वक्त पूरा रुक जाता था वह ध्यान शक्ति की बदौलत कई कई सारे जादुई और चमत्कारी शक्तियों का स्वामी था गर्व के मरने के बाद उसके राज्य की सत्ता गर्व के भाई के पद यानी की अश्वध के पास आ गई ही और वह बन gaya चक्रवर्ती सम्राट अश्वध एक बार गर्व के मन में विचार आया की कई उसके मौत के पिच इसके भाई का हाथ तो नही है पर इस नही हो सकता कुकी उसका भाई तो उसकी काफी इज्जत करता था un dono ne साथ साथ कई युद्ध लड़े थे और कई योद्धाओं महायोद्धाओऔर राक्षसी को को भी मृत्यु के दर्श कराए थे फिर ऐसा क्या हुआ की उसकी एक रात में ही हत्या कर दी गई उसका तो अपने परिवार से एकदम से भरोसा ही उठ गया उसका तो इस दुनिया से हर आदमी से भरोसा ही उठ गया उसने अपने मन में सोचा की वह इस जन्म में किसी पर भी भरोसा नही कर सकता है और उसकी सच्चाई का पता लगाना पड़ेगा की ऐसा क्या हुआ की उसकी एकदम रातो रात हत्या कर दी गई और उसकी हत्या को एक दुर्घटना का नाम दे दिया गया  उसकी हत्या के पीछे उसके परिवार का तो हाथ नही था नही नही ऐसा नहीं हो सकता सच्चाई का पता लगाए बिना वह किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकता और जबतक उसे सच्चाई का पता नही चलता उसको खुद की सच्चाई को छुपाकर रखना होगा की वही नौसो साल पुराना गर्व है और वह एक नए शरीर में आ गया है जबतक की वह अपने असली कातिलों तक पहुंच नही जाता और उनको उनकी सजा नही देता है यही सोचकर वह इतिहास की पुस्तकों को वापस अपनी जगह पर रखकर पुस्तकालय से बाहर अपने लक्ष्य की ओर निकल पड़ता है वह अपनी सेहत की जांच करने के लिए नर्स के पास जाता है नर्स जिसे hi उसके शरीर की जांच करती है वहआश्चर्यचकित हो जाती है आखिर इतनी गहरी चोट जिसको भरने के लिए पूरा एक हफ्ता लग जाता वह मात्र दो दिनों में ही कैसे भात गई और वह इस बारे में गर्व से भी पूछती है तो गर्व उस से कहता है भगवान की कृपा से मैं जल्दी थी हो गया भगवान का लाख लाख शुक्र है की मैं इतनी जल्दी ठीक हो गया दरअसल यह गर्व के ध्यान शक्ति का ही कमाल होता है की उसके घाव इतनी जल्दी ठीक हो गए थे उसको ध्यान करने के ऐसे ऐसे तरीके मालूम होते है की वह नर्स उसके बारे में अपने सपनो मे भी सोचनही सकती थी वैसे तो ध्यान साधना सभी करते थे पर किसी ध्यान करने की शक्ति कम होती थी तो वह किसी की ज्यादा होती थी यह सब उनके मानसिक बल पर निर्भर करता था क्यों ध्यान करते वक्त बहुत ज्यादा देर तक एक ही जगह पर बैठना होता है और यह बहुत ही उबाऊ काम होता है इसीलिए baut सारे लोग ज्यादा देर तक ध्यान नहीं कर पाते थे और वह ध्यान करने की असली शक्ति को भी समझ नही पाते थे उसे नर्स को गर्व यह नही बता सकता था की उसकी ध्यान शक्ति ज्यादा है वह नर्स गर्व को भालेही कमजोर होने के बावजूद भीसम्मान देती थी पर फिर भी गर्व को इस दुनिया मे किसी पर भी भरोसा नही रह गया था वह अपनी जादुई शक्तियों के बारे में किसकी बता नही सकता था भलेही वह कितना भी अच्छा हो या बुरा हो यह देखकर की गर्व अब ठीक हो गया है नर्स को खुशी हो जाती है और वह गर्व से कहती है भले ही तुम अब ठीक हो चुके हो पर तुम्हे अब ज्यादा ताकत वाले काम नही करने है तुम अभी तो सिर्फ पुस्तक वगाइरे ही पढ़ सकते हो मैं तुम्हे कुछ ताकत बढ़ाने वाली गोलियां देती हु जब तुम पूरी तरह से ठीक हो जाओगे तभी तुम व्यायाम वगैरे कर सकते हो इतना कह कर वह उसे कुछ गोलियां देती है और गर्व अपने हॉस्टल के कमरे के तरफ निकल पड़ता है वह कुछ लड़के उसको देखकर उसका मजाक उड़ाते लग जाते है क्युकी वह एक कमजोर सोलह साल का लड़का होता है हद तो तब होती है की वह देखता हैं की छोटे छोटे लड़के लड़कियां भी उसका मजाक उड़ाते जा रहे है पर उनको यह नही पता होता है की यह वही पुराना गर्व नही है जोकी एक कमजोर इंसान होता है वह तो उसकी असल ताकत का अंदाज भी नही लगा सकते है वह उन मजाक उड़ाते हुए लोगो को नजरंदाज कर देता है क्युकी उसके पास करने के लिए बहुत काम होता है अगर वह ताकतवर होता तो किसी की भी उसके सामने आंख उठाकर बात करने की हिम्मत नही होती जिसे किनुस्के पिछले जन्म में उसके साथ होता था उन सभी लोगो अनदेखा करते हुए गर्व अपने हॉस्टल में अपने नाम से आरक्षित चारपाई पर जाता है और बैठ जाता है तभी कुछ लड़के लड़कियों का समूह हसी मजाक करते हुए उसके पास आते है उस समूह का एक लड़ता काफी ताकतवर दिखाई दे रहा था वह हंसते हुए गर्व से कहता है अरे तुल तुल गर्व तू तो ठीक हो गया मुझे तो लगा था की तू कभी उठ ही नही पाएगा और जल्द ही कुंवारा ही भगवान को प्यारा हो जाएगा वह लड़का उसकी बेज्जती करने की कोशिश करते जा रहा था यह गर्व भी अच्छे तरह से समझ रहा था उसकी बाते सुनकर गर्व उसको एक नकली सी स्माइल देता है और कहता है आप सबकी बातो को सुनकर मैं खुश हुआ आप सबकी मेरे लिए इतनी चिंता करने के लिए शुक्रिया गर्व बहुत हीबेशरम होकर उसको जवाब देता है यह सुनकर वह लड़का गुस्सा हो जाता है उसे तो गर्व ऐसे जवाब की बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी क्योंकि पुराना गर्व तो हमेशा उस से डर कर रहता था गर्व का जवाब सुनकर उसे गुस्सा ही आ गया वह तो गर्व का यहापत मजाक बनाने के लिए आया था पर यह तो उल्टा गर्व ही उसका मजाक उड़ाते जा रहा है इसके कारण वह गुस्से से गर्व को कहता है अबे बहुत बोलने लगा है बे तू चोट लगने से तेरे दिमाग पर असर पड़ गया है क्या जनता नही मैं कौन हूं अक्षय नाम है मेरा अक्षय पूरे आश्रम में किसी की इतनी हिम्मत नही है की मेरे साथ जबान लड़ा सके मैं तलवार के एक ही बार से तुझको यमलोक के दर्शन करा सकता हु और जल्द ही राज्य की सैन्य प्रशिक्षण संस्था की परीक्षा होने वाली है उस परीक्षा में मैं तो इस आश्रम से पहले स्थान पर ही रहने वाला हूं और तू किस खेत की मूली है हर साल तो तू पिछले स्थान पर ही रहता है फिर तेरी हिम्मत कैसे हुई में साथ इस तरह से बात करने की दरअसल अक्षय भले ही गर्व से उमर में छोटा था पर वह ताकतऔर युद्ध कौशल में गर्व से कहो आगे था और वह एक घमंडी लड़का था जो की दूसरे कमजोर लोगो को तुच्छ समझता था उसके बातो को सुनकर गर्व डर जाता है क्युकी इस वक्त गर्व उसका सामना नही कर सकता था भले ही गर्व की ध्यान शक्ति बहुत ताकतवर हो पर वह इस वक्त उस अक्षय का मुकाबला नहीं कर सकता है गर्व को अपनी ध्यान शक्ति से यह पता चल गया होता है की उस अक्षय की शक्ति में और उसकी शक्ति में इस वक्त जमीन आसमान का फर्क होता है तभी बात को संभालते हुए गर्व अक्षय से कहता है अरे मैं ठहरा इतना कमजोर आदमी और आप इस आश्रम के सबसे ताकतवर और होशियार आदमी मैं तो यही सोच रहा था की इतने बड़े होशियार आदमी को मुझ जैसे कमजोर आदमी से क्या काम है वह मेरे बारे में कैसे सोच सकता है यह सुनकर अक्षय लज्जित हों के जैसा महसूस करता है वह सोचता हैं की उस जैसा एक ताकतवर इंसान कैसे गर्व जैसे एक कमजोर इंसान के बारे में सोच सकता है यह सोचकर वह गर्व से कहता है ठीक है आगे से मुझसे इज्जत से बात करना नही तो तुम्हे मै वापिस अस्पताल में भेज दूंगा औरवह और उसके साथी वहा से निकल जाते है दरअसल वह लड़के लड़कियां भले ही आराम में रहते है पर राज्य को हमेशा ही अपने राज्य के लिए ताकतवर और शूरवीर लोगो की जरूरत होती है और हर साल राज के स्कूलों में और आश्रमशाला में भी सैन्य भर्ती परीक्षा होती है और जो भी is परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन करते है और टॉप पर रहते है उनको राज्य की सेना में मान मिलता है और कई सारी अभ्यास संसाधन भी भी मिलते है जिससे की वह अपनी ताकत में तेजी से इजाफा कर सकते है और वह ज्यादा ताकतवर होकर अपने राज्य की सुरक्षा कर सके राज्य को कई जंगली प्राणियों लुटेरों और हथौरो से खतरा रहता था जो राज्य ताकतवर नहीं होता था उनका अस्तित्व ही हमेशा संकट में रहता था इसीलिए शूरवीर और ताकतवर योद्धा की राज्य को हमेशा से ही मांग रहती थी दुनिया के कई राज्यों को इन लुटेरों और हत्यारों ने खतम कर दिया था उनकी ताकत कई सारे राज्यो से भी ज्यादा होती थी