ऐसा बहुत देर तक करते रहने से उसके युद्ध के कारण थके हुए शरीर को आराम मिलने लगता है उसके शरीर की एक एक नस सामान्य गति से चलने के कारण उसको शांति की एक नई अनुभूति होती है थोड़ी ही देर में वह गहरे ध्यान की अवस्था में चला जाता है जहां पर उसे वक्त का और समय का बिल्कुल भी पता नहीं चलता और वह एक गहरे शांति की अनुभूति कर रहा होता है जिसके कारण उसकी युद्ध की वजह से आई हुई थकान गायब हो जाती है वह करीब करीब आधे दिन तक ध्यान कर रहा होता है पर उसका अपनी ध्यान मुद्रा से बाहर निकलने का इरादा नहीं होता है और ना ही केदार उसकी ध्यान साधना में कोई भी विघ्न डालता है योद्धाओं की दुनिया में युद्ध कलाओं के साथ-साथ ध्यान का भी काफी महत्व होता है कई युद्धकलाए तो सिर्फ ध्यानशक्ति के माध्यम से ही सीखी जाती थी केदार यह अच्छे से जानता था भले ही केदार की ध्यान शक्ति गर्व जितनी ना हो परंतु वह भी ध्यान का महत्व अच्छे से जानता था और इसीलिए वह गर्व के ध्यान में बिल्कुल भी खलल नहीं डालता और अपना युद्धाभ्यास करते रहता है इस तरफ गर्व अपने ध्यान के कारण गहरे शांति के स्तर पर पहुंच जाता है उसके पूरे शरीर में शांति का स्तर बढ़ जाता है गहरी शांति के कारण उसका हृदय दिमाग और पूरा शरीर एक हो जाता है और उसका पूरा शरीर हल्का होने लगता है वह भले ही स्टोरेज रिंग में हो परंतु इस ग्रह के गुरुत्वाकर्षण का असर स्टोरेज रिंग में भी होता है इसलिए स्टोरेज रिंग में रखी हुई सारी चीजों पर भी गुरुत्वाकर्षण का असर पड़ता है और वह सारी चीजें नीचे की तरफ होती है पर ध्यान करते-करते कई घंटे गुजर जाने के बाद गर्व का शरीर पूरा हल्का हो जाता है उसका शरीर हृदय दिमाग सारे एक हो जाते हैं ध्यान करते वक्त उसका शरीर पूरा हल्का होने के कारण अब गुरुत्वाकर्षण का असर भी उसके शरीर पर पडना बंद हो जाता है और वह पद्मासन की मुद्रा में बैठे बैठे ही जमीन की सतह से ऊपर उठने लगता है यह देखकर तो केदार के आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा इस दुनिया में बहुत ही कम ऐसे योद्धा थे जो हवा में तैरते हुए ध्यान करते थे और वह जो भी थे वह खासकर बड़े देशों में ही मौजूद थे हवा में तैरते हुए ध्यान करना तो सिर्फ संत महात्मा लोगों की ही बस की बात होती है पर यहां तो वह ऐसे लड़के को यह कारनामा करते हुए देख रहा था जोकि एक छोटे से आश्रम से आया हुआ था वह खुद को गर्व के साथ रहकर गौरवान्वित महसूस कर रहा था अगर गर्व ऐसे ही युद्ध अभ्यास करता रहा तो एक दिन वह इस विश्व का अजेय योद्धा बन जाएगा उसे तो मंदार के बारे में बहुत ही बुरा लग रहा था कि वह इस नजारे को नहीं देख पाया अगर वह यहां होता तो उसके चेहरे के हाव भाव देखने लायक होते हैं गर्व को हवा में तैरते हुए ध्यान करते देखकर केदार अपने युद्धाभ्यास को रोक देता है जिसके कारण गर्व की ध्यान साधना में कोई बाधा ना हो और वह गर्व की तरफ ध्यान से देखने लग जाता है इस तरफ गर्व अपने ध्यान साधना में मग्न था वह अब जमीन से चार पांच फीट की ऊंचाई में तैरते हुए ध्यान कर रहा था इतने देर तक ध्यान करने से वजह से वह अपने शरीर की ऊर्जा की काफी खपत कर रहा था उसकी इच्छा शक्ति बहुत ही जबरदस्त होती है उसके शरीर को कुछ भी हो जाए पर अपने ध्यान से बिल्कुल भी विचलित होने वाला नहीं था और पूरा हफ्ता भर हवा में तैरते हुए ध्यान करते रहता है और एक हफ्ते बाद वह आखिर में नीचे जमीन की सतह पर आ जाता है ध्यान करते वक्त भले ही वह अपने सारे विचारों और भावनाओं से छुटकारा पा लेता है पर फिर भी वह शरीर तो उसी का होता है उसका अपने शरीर पर पूर्ण नियंत्रण होता है इसलिए वह ध्यान करते वक्त अपने शरीर को चाहे तो हवा में उठा सकता था या फिर जमीन पर रह कर भी ध्यान कर सकता था हवा में तैरते हुए ध्यान करते वक्त शरीर और मन की ऊर्जा की बहुत ज्यादा खपत होती है इस वक्त लेकर तांडव कबीले के हत्यारों से लड़ने के लिए उसे ऊर्जा की ही सबसे ज्यादा जरूरत होती है वह जितनी ज्यादा ऊर्जा की खपत करेगा उतनी ही ज्यादा उसके शरीर की ऊर्जा बढ़ेगी जैसे वह नीचे स्टोरेज रिंग के जमीन की सतह पर आता है वह एकदम से गिर जाता है क्युकी ध्यान करते करते उसने कई सारी ऊर्जा लगा दी थी और अब वह पूरी तरह से थक चुका था उसके शरीर में पुनः ऊर्जा लाने के लिए उसको बहुत सारा भोजन का सेवन करना पड़ेगा केदार उसको भोजन ला कर देता है उसमें शाकाहार के साथ साथ मासाहर भी होता है खाना खाने से पहले गर्व एकदम थक चुका था उसके शरीर की सारी शक्ति एकदम खत्म हो चुकी थी उसकी सारे हाथ पैर के नसे बाहर आ चुकी थी शरीर की सारी चरबी गायब हो गई थी उसका पूरा पेट अंदर तक चला गया था वह करीब तीस चालीस किलो का भोजन ग्रहण करता है पर आश्चर्य की बात तो यह थी कि उसकी अभी भी भूख शांत नहीं हुई थी इसलिए केदार स्टोरेज रिंग के बाहर जाकर कई सारे फल लेकर आता है और साथ ही कई सारे जंगली जानवरों को मारकर भी वह स्टोरेज रिंग में वापस आता है और वह खाना पकाकर गर्व को देता है और खुद भी भोजन करने लगता है गर्व अपने ध्यान करने के कारण उसकी भूख की सीमा बहुत ही बड़ी हो गई थी वह चालीस किलो और भोजन का सेवन करके फिरसे स्टोरेज रिंग के बाहर जाकर कई सारे जंगली जानवरों को मारकर स्टोरेज रिंग में वापस आता है और साथ में कई जंगली पहाड़ी फलों को भी स्टोरेज रिंग मे लेकर आता है सस्टोरेज रिंग में आधे से भी ज्यादा जगह खाने के सामान से भरी हुई थी इसके बाद गर्व स्टोरेज रिंग में वापस आकर खाने पर टूट पड़ता है स्टोरेज में पहले से ही केदार ने कई सारे जंगली प्राणियों के मांस को पका कर रखा था गर्व करीब करीब दोसौ किलो भोजन का सेवन कर चुका था पर केदार ने सिर्फ बीस किलो के भोजन का सेवन कर चुका था यही फर्क होता है एक ऊंचे ध्यानशक्ति वाले योद्धा में और एक सामान्य योद्धा में इतना सारा भोजन करने के बाद गर्व की शारीरिक और मानसिक शक्ति बढ़ने लगती है उसकी तो शक्ति पहले के मुकाबले इस कई गुना तक बढ़ गई थी वह तो अब आकाश मंडल का योद्धा बन चुका था उसकी ताकत अब केदार के बराबर हो गई थी और वह कई जादुई शक्तियों का उपयोग करके अपने से ज्यादा ताकतवर और बड़े युद्ध मंडल के योद्धाओं को भी हरा सकता था ध्यान करने के कारण उसका शरीर जो कमजोर और पतला हो गया था वह भोजन करने के कारण फिर से सामान्य हो गया था वह तो पहले से भी ज्यादा ताकतवर दिख रहा था उसकी पूरी मांसपेशियां ऊपर तक आ गई थी उसका चेहरा भले ही एक सोलह साल के लड़के की तरह लग रहा हो पर उसका शरीर किसी योद्धा की तरह लग रहा था केदार गर्व को देखकर बहुत ही आश्चर्य चकित हो गया था साथ ही साथ वह गर्व से बहुत प्रभावित भी हो गया था उसने तो बस सुना था कि ध्यान शक्ति से योद्धा अपनी ताकत को बड़ा सकते है उसको यह सब मजाक लगता था इसीलिए उसने कभी इन बातो को ज्यादा गंभीरता से नहीं लिया और वह सिर्फ युद्धकौशल का ही अभ्यास करता रहा उसी की वजह से वह आकाश मंडल का था योद्धा बना था उसने कभी भी ध्यान करने को गंभीरता से नहीं लिया पर अब गर्व की ध्यान शक्ति को देखकर उसकी भी ध्यान साधना में दिलचस्पी पैदा हो गई थी इसमें केदार की कोई भी गलती नहीं थी वह तो एक छोटे से राज्य में पैदा हुआ एक सैनिक था जहां पर बहुत ही कम उच्च स्तरीय ज्ञान मौजूद था और यहां पर ध्यान साधना को लेकर योद्धाओं में रुचि भी कम होती है परंतु बड़े राज्यों के योद्धाओं में ध्यान साधना का बड़ा ही महत्व होता है वह लोग अपने ध्यानशक्ति के माध्यम से कई बड़े और खतरनाक काम करते थे जो छोटे राज्य की योद्धा सोच भी नहीं सकते वह अपनी ध्यान शक्ति के कारण कई अद्भुत और जादुई शक्तियों के मालिक थे खैर अपनी पेट पूजा करने के बाद गर्व और केदार दोनों भी स्टोरेज रिंग से बाहर निकलते हैं और पहाड़ों की ऊंचाई की तरफ बढ़ने लगते हैं इन पहाड़ों में रात के वक्त में भी काफी घना कोहरा छाया रहता है इसलिए यहां पर ज्यादा दूरी तक देख पाना मुश्किल होता है यहां पर कभी भी कुछ भी हो सकता है यहां पर भले ही तांडव कबीले के हत्यारे दिखाई नहीं दे रहे हो परंतु वह आसपास से मौजूद हो सकते हैं और वह अंधेरे में एकदम से अचानक हमला भी कर सकते हैं इसलिए वह बहुत ही सावधानी से पहाड़ियों के ऊंचाई पर बिना आवाज किए बढ़ते जा रहे थे वह पीछे तो नहीं जा सकते थे क्योंकि घने कोहरे के बाहर के पहाड़ों पर बहुत सारे हत्यारे मौजूद थे और उनसे बचकर जाना उन दो लोगों को असंभव था अचानक ही गर्व को कई सारे आदमियों के चलने की आहट होती है और वह सावधान हो जाता है तभी गर्व केदार को धक्का देकर पीछे करता है उसके धक्का देते ही केदार कुछ सेंटीमीटर पीछे हो जाता है और एक चाकू उसके गले से सिर्फ कुछ सेंटीमीटर दूरी से निकल पेड़ की डाली पर लग जाता है यह और कोई नही बल्कि तांडव कबीले के ही हत्यारो का काम होता है उन्हों ने ही केदार के तरफ चाकू से हमला किया होता है अगर इस वक्त गर्व ने केदार को धक्का ना दिया होता तो यह चाकू केदार के गले को चीरकर निकल जाता देखते ही देखते दोनों पर कई सारे चाकूओ की वर्षा हो जाती है गर्व अपने और केदार की सुरक्षा के लिए केदार को अपने पास लाकर अपने आजू-बाजू बर्फ की मोटी चादर अपनी तलवार की मदद से बिछा देता है और सारे चाकू उस बर्फ की चादर पर टकराकर उस में फंस जाते जा रहे थे गर्व को लगा कि कुछ देर बाद चाकू लगना बंद हो जाएंगे पर चाकूओ की बारिश होना बिल्कुल भी बंद नहीं होती है और उस पर की दीवार पर लगातार चाकू फंसते जा रहे थे और एक ऐसा वक्त आता है जब पूरी दीवार ही चाकूओ से ढक जाती है वह दोनों भी ज्यादा देर तक उस बर्फ की दीवार के बीच में नहीं रह सकते थे क्योंकि अगर वह ज्यादा वक्त लगा देते तो यहां पर कालीचरण भी आ सकता था और एक बार कालीचरण यहां पर आ गया तो इन दोनों का यहां से बचना मुश्किल हो जाता है यह देखकर गर्व अपनी पूर्ण शक्ति से बर्फ की दीवार को अंदर से तोड़ देता है उसके ऐसा करते हैं बर्फ के साथ-साथ कई सारे चाकू हवा में उल्टी दिशा की तरफ बढ़ने लग जाते हैं और वह अंधेरे में छुपे हत्यारों के तरफ बढ़ते जाते हैं उन चाकू को लगने से कई हत्यारों की जगह पर ही मौत हो जाती है परिस्थिति का फायदा उठाकर केदार को गर्व पहाड़ों की ऊंचाई की तरफ बढ़ने लगता है और घने कोहरे में जाकर गायब हो जाता है और वह एक तरफ जा कर रुक जाते हैं तब गर्व केदार को एक अंगूठी देकर कहता है हम सारे वक्त इन हत्यारों से भाग नहीं सकते हमें भी ईट का जवाब पत्थर से देना पड़ेगा अगर हम ऐसे ही भागते रहे तो हम खुद की नजर में एक कायर कहलाएंगे तुम इस अंगूठी को पहन लो इसे पहनते हैं तुम जिस जगह पर मौजूद हो वहां का स्थान मुझे हमेशा ही पता चलता है रहेगा यह खास अंगूठी होती है जिसे गर्व ने अपने मंत्रों का उपयोग करके जादुई शक्तियों से बनाया था और यही वह केदार को देता है केदार को भी अब गर्व पर भरोसा हो गया था और वह यह अंगूठी पहन लेता है इसके बाद आगे गर्व कहता है हमें अब इन हत्यारों से भिड़ना होगा और ध्यान रहे कुछ भी हो जाए तुम कालीचरण के साथ बिल्कुल भी मत भिड़ना उससे तो तुम दूर ही रहना उसकी बात सुनकर केदार अपना सिर हिला देता है इसके बाद गर्व उन तांडव कबीले के हत्यारों को मारने की योजना केदार को समझाता है और वह दोनों उन हत्यारों के पीछे लग जाते हैं जल्द ही उस घने कोहरे के भीतर से बिजलीओ के गड़गड़ाने की आवाज आने लगती है यह और कोई नहीं बल्कि कालीचरण ही था जो कि कोहरे के बीच में से अपनी तलवार चलाई जा रहा था