chapter 26

उसकी तलवार चलते हैं वहां पर बिजली उत्पन्न होती जा रही थी उसका ही वह दोनों फायदा उठाते जा रहे थे और कालीचरण के दूर ही रहते थे और कई सारे हत्यारों को मारते भी जा रहे थे और वह तनिक भी कालीचरण के पास जाने की हिम्मत नहीं करते हैं और उसे अपनी दूरी बनाए रखते हुए बाकी के हत्यारों को मारते जा रहे थे वह यहां पर मौजूद घने कोहरे का पूरा फायदा उठा रहे थे जिसकी वजह से वह तांडव कबीले के हत्यारे गर्व और केदार को मार नहीं पा रहे थे और वह दोनों भी आकाश मंडल के योद्धा थे और बाकी के हत्यारे वायुमंडल के इन दोनों मंडल के योद्धाओं की गति में बहुत ज्यादा फर्क था इसलिए इस घने कोहरे में उनकी गति ज्यादा होने के कारण वह किसी भूत की तरह इस रात के घने अंधेरे में यहां वहां हत्यारों को मारते हुए भागते जा रहे थे यहां पर पहाड़ों में कोहरे के साथ साथ ऊंचे पेड़ भी थे जिनकी बहुत सारी डालिया भी थी इनका भी केदार और गर्व अच्छे से पूरा इस्तेमाल कर रहे थे और कई सारे हत्यारों को मारते भी जा रहे थे उन पहाड़ों पर रात के सन्नाटे में हत्यारो की चीखे सुनाई दिए जा रही थी कालीचरण जैसे ही चीखों की तरफ बढ़ते जाता गर्व और केदार अपनी जगह से दूर जाते रहते जिसकी वजह से कालीचरण को उनको पकड़ना मुश्किल होते जा रहा था उन्होंने रात में तीन-चार घंटों तक कई हत्यारों को मारा जल्द ही सुबह होने वाली थी सुबह के वक्त में रोशनी अच्छी पड ती है ऐसे में कालीचरण की नजर उन दोनों पर पड सकती थी इसीलिए गर्व केदार को दी हुई अंगूठी के माध्यम से उस तक पहुंचता है उसको यहां से पहाड़ों के ऊपर की दिशा पर भागने के लिए कहता है और फिर वह दोनों भी वहां से पहाड़ों के ऊपर की दिशा में भाग जाते हैं इन पहाड़ों की ऊंचाई बहुत ही ज्यादा थी वह कितनी भी ऊंचाई पर चले जाते पर इनकी ऊंचाई कम होने का नाम ही नहीं ले रही थी और वह जरा भी रुके बिना ऊपर की तरफ बढ़ना चालू रखते हैं वह दोनों की आकाश मंडल में होने के कारण उनकी ऊपर बढ़ने की गति हत्यारों के मुकाबले ज्यादा होती है वह हत्यारे किसी के भी शरीर की गंध को पहचान कर उसका पीछा कर सकते थे उनको पता चल गया था कि गर्व और केदार दोनों भी भाग गए हैं और पहाड़ के ऊपर की तरफ जा रहे हैं और वह उनका पीछा करने लग जाते हैं उनकी गति बहुत ही धीमी होती है उस गति से वह उन दोनों का पीछा ज्यादा देर तक नहीं कर सकते थे कालीचरण भी अकेले गर्व और केदार का सामना नहीं कर सकता था गर्व और कालीचरण के युद्ध के बीच में मौका पाकर केदार कालीचरण पर वार कर सकता था इसलिए वह भी अपने हत्यारो के बिना पहाड़ों के ऊपर बढ़ने की हिम्मत नहीं करता है उसकी भी गति गर्व और केदार जैसी ही थी और पर उसको अपने हत्यारे साथियों के साथ ही रहना होगा अगर वहां अकेला रहता तो उसकी जान को खतरा भी हो सकता था इसी का फायदा उठाकर गर्व और केदार अपनी गति को और भी ज्यादा बढ़ा लेते हैं और वहां जल्द ही उस पहाड़ी की चोटी पर पहुंच ही जाते हैं उस पहाड़ी की चोटी की ऊंचाई लगभग नौ किलो मीटर ऊंची होती है और ऊंचाई की वजह से यहां पर हवा बहुत ही पतली होती है यह बहुत ही आश्चर्य की बात होती है इस दुनिया में इतने ऊंचे ऊंचे पर्वत भी मौजूद है पर सारी जगह तो यही बताते हैं कि मंदार पहाड़ों पर चार-पांच किलोमीटर ही ऊंचे पर्वत है पर यहां पर तो वह एक नौ किलोमीटर ऊंचे पर्वत पर खड़े थे आश्चर्य की बात तो यह थी कि इतनी ऊंचाई पर होने के बावजूद भी यहां पर बर्फ का कोई भी नामोनिशान नहीं था आमतौर पर ऊंचे पहाड़ों पर बर्फ का मिलना एक आम बात होती है पर यहां पर इतनी ऊंचाई पर कहीं पर भी बर्फ दिखाई नहीं दे रहा था यहां पर तो सिर्फ ऊंचे ऊंचे पेड़ और पत्थर ही मौजूद थे वह दोनों भी अपने पीछे मुड़कर देखते हैं तो उनके आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहता क्युकी यहां पर इस पर्वत से भी ज्यादा ऊंचे पर्वत थे और उनकी ऊंचाई का कोहरे के कारण कुछ भी अता पता नहीं चल रहा था यह पहाड़ियां बहुत ही रहस्य से भरी हुई थी यहां पर कभी भी कुछ भी हो सकता था वह दोनों भी वक्त नहीं गवाते हैं और बड़े बड़े पेड़ों को काटना चालू कर देते हैं और उनको दूसरे पेड़ों पर रस्सी से बांध देते हैं और उन पेड़ों के पीछे बहुत बड़े-बड़े पत्थरों को भी रख देते हैं इसके बाद वह और ऊंचे पर्वतों पर जाकर एक बड़े पेड़ के पीछे छुप जाते हैं जल्द ही सुबह हो जाती है और वह हत्यारे भी पहाड़ी की चोटी की तरफ आना चालू होते हैं जैसे ही वह वहा से कुछ दूरी पर होते हैं वैसे ही गर्व अपनी जगह से तीर चला देता है वह तीर सीधा जाकर पेड़ो पर बंधी रस्सीयो पर जाकर लगता है और वह रसिया खुल जाती है उनके खुलते ही पेड़ पर बंधे दूसरे पेड़ ऊपर से नीचे गिरने लगते हैं और साथ-साथ कई सारे पत्थर भी ऊपर से नीचे गिरने लग जाते हैं यह देखकर सारे हत्यारों में एक ही भगदड़ मच जाती है वह तीतर बितर हो कर यहां-वहां भागने लगते हैं यह देखकर कालीचरण को बहुत गुस्सा आ जाता है और वह अपनी तलवार से कई सारे पेड़ों को काट डालता है और कई सारे पेड़ों और पत्थरों की दिशा उल्टी कर देता है उसे यकीन हो जाता है कि गर्व यही कहीं आसपास ही मौजूद है वह ज्यादा दूर नहीं है वह जिस दिशा से तीर आया था उसी दिशा में वह भागने लगता है उसके पीछे पीछे कई सारे हत्यारे उसका साथ देने के लिए उसके पीछे पीछे जाते हैं यह देख कर गर्व थोड़ी भी देरी नहीं करता और वह भी अपनी बर्फीली तलवार लेकर कालीचरण पर टूट पड़ता है उनकी आपस में लड़ाई शुरू हो जाती है और धीरे-धीरे वहां का तापमान दोनों की लड़ाई की वजह से बढ़ना चालू हो जाता है इन दोनों की लड़ाई के कारण किसी का भी केदार पर ध्यान नहीं जाता है जो थोड़ी ही दूरी पर पेड़ों में छुप कर बैठा होता है सारे हत्यारों का गर्व और कालीचरण की लड़ाई पर ही ध्यान लग जाता है कालीचरण गर्व पर कई बार वार करता है पर गर्व उसके सारे हमलों से खुद का आसानी से बचाव कर लेता है उसका अब युद्ध मंडल भी पहले के मुकाबले बढ़ गया था इसलिए कालीचरण का मुकाबला करना गर्व के लिए थोड़ा आसान हो गया था इस बार कालीचरण बहुत ही ज्यादा गुस्से में था और साथ ही गर्व का पीछा करते-करते वह तंग आ चुका था वह हर वार में अपनी पूर्ण शक्ति का इस्तेमाल करते जा रहा था पर गर्व उसके हर वार से अपना बचाव करते जा रहा था वह जैसे ही उसके वार से बचता कालीचरण का वार सीधा हत्यारों को जाकर लगते जा रहा था और उसके वार से उत्पन बिजली के कारण कई सारे हत्यारे मरते जा रहे थे पर वह कालीचरण इतने त्वेश में था की उसको गर्व को मारने के अलावा कुछ दूसरा सूझ ही नहीं रहा था वह अपने हत्यारों साथियों के मारे जाने की तनिक भी परवाह नहीं करता है और गर्व पर वार करना चालू रखता है उनकी लड़ाई के कारण कोई भी उस लड़ाई की जगह जाने की हिम्मत नहीं करता और बाकी के सारे हत्यारे तीर धनुष लेकर दूर ही खड़े हो जाते हैं क्योंकि मौका मिलते हैं वह गर्व को मार सके इस बार गर्व का युद्ध मंडल बहुत बढ़ गया था इसलिए उसकी गति भी पहले के मुकाबले कई गुना ज्यादा बढ़ गई थी वह एक ही वार में कालीचरण के साथ-साथ कई सारे तीरो से खुद का आसानी से बचाव कर रहा था उसका यह युद्ध कौशल देखकर कई तांडव कबीले के हत्यारों के होश उड़ गए थे उन्होंने दातों तले अपनी उंगलियां चबा ली  ऐसे युद्ध कौशल को उन्होंने अपनी जिंदगी में पहले कभी नहीं देखा था पर वह यहां पर गर्व को मारने के लिए आए थे ना कि उसकी प्रशंसा करने इसीलिए वह मौका पाकर गर्व पर अपने तीरों से हमला करते जा रहे थे और गर्व उन सारे तीरों के साथ-साथ कालीचरण के हमलों से भी बचते जा रहा था अगर यहां पर सिर्फ कालीचरण ही अकेला होता तो गर्व कालीचरण को कब का मर चुका होता यहां पर बाकी के हत्यारे थे इसीलिए कालीचरण की अब तक जान बची थी तांडव कबीले के हत्यारों के साथ-साथ कालीचरन और केदार के मन में भी गर्व के प्रति एक आश्चर्य का भाव उत्पन्न हो जाता है उन सब लोगों ने ऐसे युद्ध करते हुए किसी को भी देखा नहीं था इस वक्त केदार भी इस युद्ध में शामिल होना चाहता था और वह कुछ भी नहीं करते हुए सिर्फ बैठा नहीं रह सकता था वह उन हत्यारों को मारने के लिए बढ़ने ही वाला होता है तभी गर्व उसको दूर से ही इशारा करके वहीं पर रुकने के लिए कहता है और हाथ से ही इशारा करके उसको तीर धनुष के साथ तैयार रहने के लिए कहता है केदार वैसा ही करता है और तीर धनुष लेकर तैयार हो जाता है यहां पर गर्व कुछ देर तक कालीचरण के साथ युद्ध करते रहता है थोड़ी देर बाद में वह अचानक से ही अपनी गति को बढ़ाता है और कालीचरण ने अपनी तलवार जिस हाथ में पकड़ी होती है उसकी कलाई को वह अपने दूसरे हाथ से पकड़ लेता है जिससे कि उसके हाथ की तलवार की पकड़ गर्व के हाथ में आ जाती है उसकी हाथ की पकड़ को पकड़ कर गर्व घुमा के रख देता है जिससे कि कालीचरण की पीठ गर्व के सामने आ जाती है उसके पीछे पलटते ही गर्व पीछे से उसके पैरों के घुटने पर लात मार देता है जिससे कि वह नीचे घुटने के बल पर नीचे गिर जाता है उसके नीचे गिरते ही गर्व उसके बालों को पकड़ कर ऊपर करता है जिससे कि उसकी गर्दन सामने आ जाए ऐसा करने के बाद वह केदार की तरफ देख कर जोर से चिल्ला कर देता है अभी उसका इशारा समझकर केदार एक के बाद एक दस तीर  कालीचरण के गले को निशाना लगाकर चला देता है परीस्थिति को ऐसे पलटते कालीचरण हड़बड़ा जाता है  उसे पता चल जाता है कि उसकी जान को खतरा है और  वह अपने पास आने वाले तीरो को भी भाप लेता है और झट से दाई तरफ झुक जाता है जिससे कि वह तीर का निशाना चूक जाता है और वह सीधा जाकर उसके बाएं कान को लगता है और उसका कान उसकी जगह से ही निकल जाता है उसके दोनों कानो में से एक कान गायब हो चुका था एक कान के बिना उसका मुंह किसी बंदर की तरह लग रहा था पर यह ज्यादा सोचने का समय नहीं था क्युकी अभी भी नौ तीर उसके पास आ रहे थे वह झट से अपने घुटनों के बल पर बैठे-बैठे ही पीछे की तरफ खड़े गर्व के पैरों पर लात मार देता है जैसे ही गर्व को लात पड़ती है उसके पैर में दर्द उत्पन्न हो जाता है और वह थोड़ी देर के लिए और असहज हो जाता है इसका फायदा उठाकर कालीचरण अपने हाथ को गर्व के हाथों से आजाद करता है और अपनी तरफ आने वाले तीरो को काट डालता है और जोर से चिल्ला कर अपने हत्यारों से कहता है पकड़ो उस कमीने को उसकी नजर पूरी तरह से केदार की तरफ होती है क्योंकि उसने अभी-अभी उसके चेहरे के बाए कान को काट दिया था इसका ही फायदा उठाकर गर्व कालीचरण पर पीछे से हमला कर देता है वह पीछे से जाकर कालीचरण को दबोच कर हवा में उठाता है और पूर्ण शक्ति से उसको अपनी पीछे पटक देता है जिससे कि उस कालीचरण का पहना हुआ चांदी का कवर एक चोर की आवाज के साथ टूट जाता है और उस पर एक खरोच आ जाती है यह खरोच उसके पेट पर ऊपर बने कवच में आई थी गर्व जरा सी भी देरी नहीं किए बिना अपनी तलवार को सीधे उस खरोच में घुसा देता है उसकी तलवार उस कवच की खरोच को तोड़कर सीधा कालीचरण के पेट में दो तीन सेंटीमीटर अंदर तक चली जाती है