chapter 27

गर्व की तलवार जैसे ही उस कवच की खरोच को तोड़कर सीधा कालीचरण के पेट में दो तीन सेंटीमीटर अंदर तक चली जाती है वैसे ही गर्व अपनी तलवार के माध्यम से बर्फ को भी कालीचरण के शरीर में भेज रहा था जिससे कि कालीचरण के शरीर में काफी भयंकर पीड़ा उत्पन्न होने लगती है और वह जोर-जोर से चीखने लगता है गर्व अपनी पूर्ण शक्ति से अपनी तलवार को कालीचरण के पेट में डालने की कोशिश करता है पर उसके चांदी के कवच के कारण उसकी तलवार कालीचरण के शरीर में नहीं जाती है अगर उसके शरीर पर अभी कवच नहीं होता तो वह कब का गर्व के हाथों मारा जाता कालीचरण की चीखें सुनकर हत्यारे केदार का पीछा छोड़ कर गर्व के पीछे लग जाते हैं वह सारे मिलकर गर्व की तरफ तीरो की वर्षा कर देते है और बाकी के सारे हत्यारे किसी पागल सांड की तरह गर्व के पीछे पड़ जाते हैं क्योंकि यहां पर कालीचरण की जान का सवाल होता है और कालीचरण उनका नेता भी होता है अपनी तरफ आने वाले तीरो को गर्व एक बर्फ की चादर हवा में बिछा कर रोक देता है पर यहां पर कालीचरण की चीखों की कारण हत्यारों की भीड़ बढ़ती जा रही थी वह सारे के सारे एकदम से गर्व की तरफ बढ़ना चालू कर देते हैं गर्व इतने सारे हत्यारों का एक साथ सामना नहीं कर सकता था पर वह यहां से ऐसे ही जा भी नहीं सकता था क्योंकि कालीचरण जल्द ही अपना घाव ठीक करके फिर से गर्व के पीछे पड़ जाएगा ऐसा तो कोई लड़की भी किसी लड़के के पीछे नहीं पड़ती है वह कालीचरण के पूरे शरीर को बरसे लपेट देता है जिससे कि ठंडी के कारण उसकी सांसे बंद हो जाए और उसकी तड़प-तड़प कर मौत हो जाए वह उसके शरीर को सर से लेकर पैर तक एक बर्फ की मोटी चादर में लपेट देता है और फिर बाद में वह अपना मोर्चा उन बाकी के हत्यारों की तरफ कर देता है अब तो यहां पर बस वह हत्यारे और गर्व और केदार ही बचे थे वह अब इन हत्यारों से अब तक की सारी भागा दौड़ी का चुन चुन कर बदला लेने वाला थे वह केदार को भी इशारा करके उसके पास जाने लगता है वह दोनों मिलकर उन सारे हत्यारों को उनकी नानी याद दिला देंगे गर्व अपनी तरफ बढ़ रहे हत्यारों को चीरते हुए केदार की तरफ बढ़ता है और वह जल्द ही उसके पास पहुंच जाता है और उससे कहता है कि अब हमारी बारी है इनसे हमें एक एक बात का चुन चुन कर बदला लेना है इसके बाद वह दोनों भी उन सारे हत्यारों पर टूट पड़ते हैं कालीचरण के जख्मी होने की खबर अभी लेकर हत्यारों में किसी जंगल की आग की तरह फैल जाती है और वह सारे हत्यारे मानो अपना आपा ही खो देते हैं वह सारे के सारे किसी पागल बैलों की तरह आपस में चिपक कर गर्व और केदार की तरफ उनको मारने के लिए बढ़ने लगते हैं और दूसरी तरफ वह बर्फ में लिपटे कालीचरण को भी वहां से लेकर चले जाते हैं वह हत्यारे जो गर्व और केदार की तरफ हमला करने के लिए बढ़ रहे थे उनके बीच में बहुत ही कम जगह होती है वह एक साथ मिलकर नीचे और ऊपर से कहीं से भी वार कर सकते थे इनसे लड़ना गर्व और केदार के लिए बहुत मुश्किल होने वाला था क्योंकि इन सभी लोगों ने अपने दिमाग से मानो अपना आपा ही खो दिया था इतने त्वेश में तो वह पहले बिल्कुल भी नहीं थे पर जैसे ही कालीचरण जख्मी हो गया इनका तो अपने आप से नियंत्रण ही छूट गया वह हत्यारे बहुत ही अजीब अजीब आवाज निकाल रहे थे उनकी भाषा भी समझ के बाहर की थी यह बहुत ही अजीब था मानो कालीचरण और इन हत्यारों के बीच में कोई संबंध हो गर्व समझ जाता है कि इन हत्यारों का कालीचरण के साथ कोई ना कोई संबंध होगा क्योंकि कालीचरण के जख्मी होने के बाद इन हत्यारों में अपना आपा खोने के साथ-साथ और भी काफी सारे बदलाव आए थे कालीचरण के ठीक रहते वक्त इनकी आंखें किसी सामान्य आदमी की तरह ही थी पर उसके गंभीर रूप से जख्मी होते ही इन हत्यारों की आंखों में मौजूद काली पुतलिया गायब हो गई थी और उनकी पूरी की पूरी आंखें सफेद हो गई थी उनके मुंह से लगातार लाड टपकते जा रही थी साथ ही साथ उनके नाखून भी काफी बढ़ गए थे और साथ ही नुकीले भी हो गए थे वह जैसे ही पेड़ पर अपने नाखून घुमाते उस पेड़ पर लंबी और गहरी खरोच आती जा रही थी और वह किसी सामान्य मनुष्य की तरह पूर्ण शक्ति से दौड़ नहीं रहे थे वह अपने कंधों को लगातार ऊपर नीचे करते हुए किसी पागल आदमियों की तरह दौड़ रहे थे साथ ही साथ उनके काले बालों का रंग भी बदल चुका था उनके बाल पुरे किसी भूतिया चुड़ैल की तरह सफेद हो गए थे और वह सारे के सारे गर्व और केदार की तरफ ही बढ़ रहे थे गर्व और केदार भी इन सारे हत्यारों पर भीड़ जाते हैं पर गर्व को इन हत्यारों की तरफ देखकर शक हो रहा था कि यह हत्यारे कोई पिशाच तो नहीं पर यह पहले कालीचरण के स्वस्थ होने तक तो एकदम ठीक थे यह एकदम से ऐसे भूत की तरह क्यों बन गए उसके दिमाग में कई सारे बाते आती जा रही थी कई सारे सवाल उसके मन में उठते जा रहे थे उसके पिछले जन्म में भी कई सारी अलग-अलग पिशाच होते थे जो आदमियों के साथ-साथ प्राणियों के भी मांस का भक्षण किया करते थे कोई कोई खास तरह के पीछे तो विषाणुओ को आदमियों में संक्रमित कर देते थे जिससे कि लाखों लोग मारे जाते थे उसके पुनर्जन्म हुए अब 900 साल बीत चुके थे इस वक्त में तंत्रज्ञान पहले के मुकाबले बहुत ज्यादा प्रगति कर चुका होगा वह जल्द से केदार को रोकता है और उसे अपने स्टोरेज रिंग में से एक एक मजबूत कवच निकाल कर देता है यह कवर सर से लेकर पांव तक शरीर के हर अंग को ढक रहा था और वह किधर को सख्त हिदायत देता है कि कुछ भी हो जाए इन हत्यारों को तुम्हारे शरीर को छूने मत देना क्योंकि यह पिशाच भी हो सकते हैं यह सुनकर केदार की आंखें ही बड़ी हो जाती है उसे तो यह सुनकर विश्वास नहीं हो रहा था कि इस दुनिया में भी पिशाच भी हो सकते हैं क्युकी वह एक छोटे राज्य से था इसीलिए उसने अपनी जिंदगी में पहले कभी भी पिशाचो को देखा नही था वह सारे हत्यारे उन दोनों के करीब आते जा रहे थे यह देखकर वह दोनों भी उन हत्यारों पर भीड जाते हैं गर्व इस बार अपनी बर्फीली तलवार का इस्तेमाल करने का निर्णय लेता है क्योंकि इस बार उसका युद्ध मंडल बढ़ गया था और युद्ध मंडल बढ़ने के साथ-साथ उसकी हथियार की क्षमता भी बढ़ गई थी इस दुनिया में जो भी जादुई और तिलिस्मी हथियार होते हैं वह अपने मालिक के युद्ध मंडल के अनुसार ही काम करती थी हथियार का मालक जितना ज्यादा ताकतवर होता उसका जादुई हथियार भी उतना ही शक्तिशाली होता अगर जादुई हथियार का मालिक का युद्ध मंडल कम होता तो उसका हथियार भी कमजोर ही होता देखते ही देखते गर्व अपनी तलवार की मदद से खुद को एक बर्फीले दानव में बदल देता है और उन सारे हत्यारों पर टूट पड़ता है वह हवा में ही कई सारे बर्फीले चाकू उत्पन्न ना करते जा रहा था और उनको वह हत्यारों पर उछलते जा रहा था यह चाकू सीधे उन हत्यारों के शरीर के अंदर घुसते जा रहे थे पर आश्चर्य की बात तो यह होती है की चाकू शरीर के अंदर घुसने के बाद भी वह फिर से उन दोनों के तरफ बढ़ते जा रहे थे केदार गर्व की सलाह को मानता है और वह उन हत्यारों के ज्यादा करीब नहीं जा रहा था वह उनके 1 मीटर दूर रहते ही उन पर वार किए जा रहा था उसने भी कई सारे हत्यारों को काट कर रख दिया था और आश्चर्य की बात तो यह थी की अपने ऊपर वार होते हुए भी वह दर्द के मारे चीखते नहीं है बल्कि वह और तेजी से केदार की तरफ बढ़ने लगते हैं यह देखकर केदार के आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहता और वह अपनी गति को और तेज कर देता है और वह तेजी से उनको मारना काटना चालू कर देता है उनको मारते वक्त उसे एक बात पता चलती है कि वह सिर्फ सर कटने के कारण ही मरते जा रहे थे उसने तो एक हत्यारों को कमर की ओर से बीच में से ही दो टुकड़ों में काट कर रख दिया था उसके शरीर के कमर के हिस्से से दो टुकड़े हो गए थे पर भी वह जरा सी भी दर्द के मारे चिल्लाता नहीं है और ऐसे ही आधे कटे शरीर से केदार की तरफ रेंगते हुए बढ़ते जाता है अगर यहां पर कोई दूसरा होता वह कब का मर जाता परंतु यह तो दर्द के मारे चीखता भी नहीं है और मुंह से लाड टपकाते हुए केदार की तरफ बढ़ते रहता है यह नजारा देखकर तो केदार के साथ-साथ गर्व को भी विश्वास नहीं हो रहा था कि ऐसा भी हो सकता है गर्व ने भी अपने पिछले जन्म में ऐसा होते हुए कभी नहीं देखा केदार एक क्षण का भी विलंब नहीं करते हुए उसके सर को उसके धड़ से अलग कर देता है फिर गर्व और केदार एक ऊंचे पेड़ की डाली पर जाते हैं फिर केदार गर्व से कहता है यह सब क्या हो रहा है मैंने अपनी पूरी जिंदगी में ऐसे अधमरे लोग कभी नहीं देखे क्या तुम्हें पता है यह यह क्या हो रहा है