chapter 29

उनके नाखून अभी भी किसी तेज तलवार की तरह चमक रहे होते हैं वह सारे हत्यारे उन दोनों की तरफ दौड़ पड़ते हैं गर्व और केदार जिस जगह खड़े होते हैं वह एक पाच मीटर लंबा रास्ता होता है इस रास्ते के बाजू में खाई होती है जहां पर लावा की नदी बहती जा रही थी और इस खाई के दूसरी तरफ सिर्फ एक पत्थर की दीवार थी लगातार सात आठ घंटे की भागा दौड़ी और युद्ध करने के बाद गर्व और केदार थक चुके थे पर आश्चर्य की बात यह थी कि इतनी देर होने के बाद भी यह हत्यारे बिल्कुल भी थके नहीं थे वह अभी भी ये ये की आवाज करते हुए अपने मुंह से लाड टपकाते जा रहे थे मानो कि वह किसी तरह की भेड़ियां हो जो की सालों से भूखे हो और अब अपने खाने पर टूट पड़ रहे हैं गर्व और केदार इतनी देर के भागा दौड़ी से पूरी तरह से थक चुके थे और वह दोनों भी इस वक्त बिलकुल भी आराम नहीं कर सकते थे अगर उन्होंने अभी लापरवाही की तो आगे क्या होगा यह उन्हें भी मालूम नहीं चलेगा उन्हें अपनी पूरी शक्ति लगाकर इस परिस्थिति का सामना करना पड़ेगा वह दोनों भी झट से अपनी जगह से उठ जाते हैं और केदार अपनी तलवार को लेकर उनका सामना करने के लिए आगे बढ़ता है तभी गर्व उसका हाथ पकड़ कर उसे पीछे खींचता है और उस पत्थर के रास्ते पर उल्टी दिशा में भागने लग जाता है केदार इस वक्त कुछ भी नहीं कर सकता था और वह भी गर्व के साथ पिछली दिशा में भागने लगता है उसके मन में इन हत्यारों के प्रति बहुत ज्यादा गुस्सा भरा हुआ था यह हत्यारे कुछ भी करो कम होने का नाम ही नहीं ले रहे थे वह इन हत्यारों को चीर कर रखने वाला था परंतु बीच में ही गर्व ने उसे पकड़कर पीछे खींच लिया और उलटी दिशा में भागने लगा तभी उसकी नजर गर्व की तलवार पर पड़ती है जोकि भागते हुए इन पथरीले रास्तों पर लगातार बर्फ छोड़ते जा रही थी और वह बर्फ इस गुफा में मौजूद ऊंचे तापमान की वजह से पिघल कर पानी बनती जा रही और वह पानी पूरे रास्ते पर फैलते जा रहा था जिससे कि उनका पीछा कर रहे हत्यारे उस पानी पर से दौड़ते दौड़ते फिसल कर गिरते जा रहे थे और वह फिसल कर सीधा खाई में मौजूद लावा में गिरते जा रहे थे यह सब गर्व की ही योजना थी उसने इतने कम समय में इतनी अच्छी योजना बना ली केदार तो किसी मूर्ख की तरह उन हत्यारों से भिड़ने जा रहा था अगर वह उनसे भिड़ता तो ज्यादा देर तक जिंदा नहीं रह सकता था इतने कम समय में गर्व ने इतनी अच्छी योजना बना ली यह देखकर केदार को गर्व पर आश्चर्य होता है पर साथ ही उसके मन में गर्व के प्रति आदर भी बढ़ जाता है वह लगातार सामने की ओर भागते जा रहे थे उनके पीछे पीछे सारे हत्यारे गिरते पड़ते हुए उनका पीछा करते जा रहे थे कई सारे हत्यारे फिसलते हुए जमीन पर गिर रहे थे तो कई सारे फिसल कर नीचे खाई में गिरते जा रहे थे उन गिर रहे हत्यारों का दूसरे हत्यारे बिल्कुल भी परवाह नहीं करते और वह गिरे हुए हत्यारों के शरीर पर चलकर गर्व और केदार का पीछा करते जा रहे थे जल्दी यह पथरीला रास्ता खत्म हो जाता है और वह पाते हैं उनके सामने पत्थरों से बनी सीढ़ियां है इन पत्थरों से बनी सीढ़ियों से एक वक्त पर सिर्फ चार पांच लोग ही चढ़ सकते थे यह बहुत ही आश्चर्य की बात थी कि दुनिया को यही पता था कि यहां पर सिर्फ चार-पांच किलोमीटर ऊंचे ही पर्वत है सारी दुनिया के भूगोल की पुस्तकों में भी यही लिखा है कि यहां पर ज्यादा से ज्यादा चार-पांच किलोमीटर ज्यादा ऊंची ही पर्वत है पर इस जगह कोहरे से ढके उससे भी ज्यादा 9 किलोमीटर ऊंचे पर्वत है और वह जीस सुरंग से यहां पर इस गुफा में आए हैं वहा की बनावट देखकर ऐसा लग रहा था कि इस जगह को किसी ने जानबूझकर बनाया है किसी भी गुफा के पत्थरों का आकार असामान्य होता है वह एक जैसा नहीं होता परंतु इस गुफा की प्रवेश द्वार की सुरंग एकदम सीधी सीधी बनी होती है उसकी ऊंचाई और चौड़ाई कहीं से भी कम ज्यादा नहीं होती है यह देखकर ऐसा लग रहा था कि इस गुफा को किसी ने जानबूझकर बनाया है यहां पर इन तांडव कबीले के हत्यारों से भी ज्यादा खतरनाक और शक्तिशाली लोग हो सकते हैं यह समझ कर गर्व और केदार दोनों भी आश्चर्यचकित हो जाते हैं फिर भी वह बिना देरी किए उन पथरीले सीढ़ियों पर चढ़ना शुरू कर देते हैं और उनके पीछे पीछे वह सारे हत्यारे भी उन सीढ़ियों पर चढ़ना चालू करते हैं क्युकी इन सीढियो की लंबाई कम होती है इसलिए गर्व और केदार जल्दी-जल्दी सीढ़ियों के ऊपर चढ़ते जाते हैं पर उन हत्यारों की संख्या बहुत ही ज्यादा होती है इसलिए वहां पर उन सीढ़ियों के नीचे हत्यारे की भीड़ जमा होती है और वह सारे तेजी से उन दोनों के पीछे पड़े होते हैं इसलिए उस छोटे से रास्ते में उन हत्यारों के बीच में भगदड़ मच जाती है और सारे के सारे एक दूसरे को धक्का देकर सीढ़ियों पर चढ़ने की कोशिश करते जा रहे थे वहां भगदड़ मच जाने से कई सारे हत्यारे खाई के नीचे गिरते जा रहे थे फिर भी वह हत्यारे बिल्कुल भी रुकते नहीं है उनके मर जाने का डर बिल्कुल खत्म हो गया था और वह किसी पागल आदमियों की तरह उन दोनों के पीछे पड़े थे इसका ही फायदा उठाकर गर्व सीढ़ियों पर बर्फ बिछाना चालू कर देता है जिससे कि वहां पर पानी जमा होता है और उस पर से वह हत्यारे फिसलते जा रहे थे उनके लिए सीढ़ियों पर से ऊपर चढ़ना मुश्किल होते जा रहा था पर वह सारे हत्यारे किसी भी चीज की बिल्कुल भी परवाह नहीं करते और वह एक दूसरे के शरीर पर चढ़कर सीढ़ियों पर ऊपर की तरफ उनका पीछा करते हुए बढ़ते जाते हैं जल्दी ही सीढियो पर भी हत्या की संख्या एकदम से बढ़ जाती है पता नहीं कैसे पर इन हत्यारों की संख्या कम होने का नाम ही नहीं ले रही थी वह लगातार आते ही जा रहे थे आते ही जा रहे थे अब तक इन्होंने मिलकर कितने सारे हत्यारों को मारा इन्होंने करीब-करीब हजारों हत्यारों को मृत्यु लोक के दर्शन करवा दिए पर इनकी संख्या कम होने का नाम ही नहीं ले रही थी इस पर गर्व को शक होने लगता है इतनी तो किसी शहर की जनसंख्या भी नहीं होती है जितने कि यहां पर यह हत्यारे मौजूद थे इनको मारते मारते गर्व और केदार तंग आ चुके थे पर ये हत्यारे कम होने का नाम ही नहीं ले रहे थे जितना भी इनको मारो उतने ही यह बढ़ते जा रहे थे अचानक से उन सीढ़ियों पर हत्यारे ही हत्यारे मौजूद होते हैं वह सारे एक दूसरे के शरीर पर चढ़कर उन सीढ़ियों पर ऊपर की तरफ गर्व और केदार का पीछा करना चालू करते हैं अचानक से उन सीढ़ियों पर कंपन उत्पन्न हो जाता है और यह कोई साधारण कंपन नहीं था किसी भी चीज का कंपन अनियमित होता है पर इन सीढियो में ठीक 1 सेकंड के बाद कंपन उत्पन्न होते जा रहा था गर्व और केदार दोनों को अभी बड़े खतरे में फंसने का आभास होता है यहां पर कोई तो भी इन हत्यारों से भी बड़ा खतरा मौजूद हो सकता है नहीं तो इन सीढ़ियों पर इतना नियमित कंपन ऐसे उत्पन्न कैसे हो सकता है अचानक से उन सीढ़ियों पर कंपन तेज हो जाता है और वह जोर-जोर से हिलने लगती है जिससे कि कई सारे हत्यारे नीचे गिरना चालू होते हैं कंपन इतना तेज होता है कि कोई भी ऊपर की सीढ़ियों की तरफ चल भी नहीं पा रहा था यहां पर कोई तो चाहता था कि सीडीओ के ऊपर कोई भी ना चढ़े और वही इस जगह का असली मालिक था उसने ही इस जगह को बनाया था गर्व अपनी तलवार को पूर्ण शक्ति से उन सीढ़ियों के पत्थर पर गाड़ देता है और फिर गर्व और केदार उस तलवार को पकड़कर उस पत्थर पर खड़े हो जाते हैं यहां पर कंपन इतना तेज हो गया था कि यहां पर खड़े रहना भी मुश्किल हो गया था उन सीढ़ियों पर कंपन की वजह से सारे हत्यारे नीचे लावा में गिरते जा रहे थे अचानक ही वह सीढिया पत्थरों से अलग होकर हवा में तैरने लग जाती है