तभी वह स्त्री गुस्से से गर्व के तरफ देखने लग जाती है तब गर्व वापस अपने होश में आता है वह स्त्री बहुत ही दिव्य और तेजस्वी लग रही थी वह गर्व से कहती है कौन हो तुम और यहां पर कैसे आए क्या तुम उन्हीं के साथ हो जो कि तुम्हारे पीछे-पीछे यहां पर आए हैं तो फिर गर्व हड़बड़ाते हुए कहता है नहीं नहीं वह तो तांडव कबीले के पिशाच हत्यारे है वह तो जंगल की पहाड़ियों पर मेरे और मेरे अंगरक्षक केदार के जान के पीछे पड़े हुए थे हम तो यहां पर गलती से अपनी जान बचाते हुए यहां पर आए हैं हमें नहीं पता था कि यह आपका इलाका है हमसे गलती हो गई कृपया करके हमें इसके लिए क्षमा कर दें शांत वह स्त्री ऊंचे आवाज में गर्व से कहती है फिर गर्व शांत हो जाता है फिर वह थोड़ी देर तक गर्व के तरफ घूरती रहती है और फिर उसे पूछती है सच सच बताओ क्या तुम तांडव कबीले से तालुक रखते हो मेरा नाम चंद्रमुखी है चंद्रमुखी मैं किसी का भी सच आसानी से पता लगा सकती हो अगर मैं चाहूं तो किसी का भी भूत भविष्य पिछले और अगले जन्म के बारे में बता सकती हूं मेरे साथ झूठ बोलने की हिम्मत ना करना यह सुनकर गर्व की आंखें चमक उठती है और वह उत्साहित होकर कहता है सच में आप सच में किसी के भी पिछले और अगले जन्म के बारे में बता सकती है हां सच में चंद्रमुखी कहती है सच तो यह है कि मुझे भी अपनी पिछली जन्म की सच्चाई के बारे में जानना है मुझे भी अपने पिछले जन्म के बारे में कुछ नहीं पता और यह भी नहीं पता कि मुझे फिर से यह जन्म क्यों मिला है आप खुद ही मेरी सच्चाई का पता क्यों नहीं लगाती मुझे भी मेरी सच्चाई का पता नहीं है अगर आप मुझे मेरी सच्चाई का बता दोगी तो आपका मुझ पर बहुत बड़ा एहसान रहेगा गर्व की बातें सुनकर चंद्रमुखी चौक जाती है वह यह देख कर चौक गई थी कि किसी को अपनी ही सच्चाई का पता नहीं है और वह मुझसे ही अपने बारे में सवाल पूछ रहा है उसे कुछ गड़बड़ होने का एहसास होता है और वह आंखें बंद करके गर्व कि सच्चाई के बारे में पता करने लग जाती है पहले पहले तो वह गंभीरता से कोई चीज के बारे में सोचने लग जाती है और वह कुछ देर बाद उनके मुंह पर हल्की सी मुस्कुराहट आ जाती है यह देखकर गर्व हड़बड़ा जाता है उसे समझ में नहीं आ रहा होता है की चल क्या रहा है चंद्रमुखी के चेहरे के भाव लगातार बदलते जा रहे थे यह देखकर गर्व के मन में कुछ गड़बड़ होने का एहसास होता है चंद्रमुखी थोड़ी देर बाद अपनी आंखें खुलती है और वह गर्व की तरफ ऊपर से नीचे तक दिखती है और थोड़ी देर तक उसकी तरफ देखती ही रहती है गर्व भी बड़ी आशा भरी निगाहों से चंद्रमुखी की तरफ देखते रहता है उसे अपने पिछले जन्म की मौत की सच्चाई के बारे में जानना था थोड़ी देर बाद चंद्रमुखी गर्व से कहती है तुम्हारे साथ पिछले जन्म में जो भी हुआ वह बहुत ही बुरा हुआ मुझे इसके लिए दुख है तुम बहुत ही भाग्यवान हो जो तुम्हें फिर से एक बार मनुष्य प्राणी में जन्म मिला है मनुष्य प्राणी में जन्म मिलना बहुत ही मुश्किल होता है कोई कोई आत्माएं हजारों लाखों साल तक मनुष्य प्राणी में जन्मा नहीं ले सकते हैं मनुष्य प्राणी में जन्म मिलने के बाद हम ध्यान साधना के जरिए हम खुद में काफी प्रगति कर सकते हैं मनुष्य योनि में ध्यान के जरिए अपनी आत्मा जितनी प्रगति कर सकती है इतनी प्रगति वह दूसरी योनियों में जैसे कि यक्ष गंधर्व नाग प्राणी योनियों में नहीं कर सकते इस दुनिया में हमेशा ही अच्छे लोगों को बहुत ही बड़ी और कड़ी परीक्षाएं देनी होती है ऐसा लगता है कि दुनिया के सारे बुरे लोग ताकतवर होते हैं अच्छे लोगों का उनसे कोई मुकाबला नहीं होता सारे बुरे लोग जन्नत में जी रहे होते हैं पर ऐसा होता नहीं है यह तो बस एक व्यवस्था है जिससे कि अच्छे लोगों की परीक्षा हो भले ही अच्छे लोग बहुत ही कठिनाइयों में जीते हैं पर यह कठिनाइयां ही उनकी असली परीक्षा होती है इस परीक्षा से यह पता लगाया जाता है कि उनकी अच्छे कामों पर और अच्छाई पर कितना भरोसा है तुमने भी अपने पिछले जन्म में कई अच्छे काम किए हैं तुमने कभी भी कमजोरो पर अपनी ताकत का इस्तेमाल नहीं किया पर तुम्हें अपने अच्छे कामों का कोई भी नतीजा हासिल नहीं हुआ पर तुम्हें मायूस होने की जरूरत नहीं है यह सारी तुम्हारी परीक्षा ही हो रही है मैं तो तुम्हें सारी चीजों के बारे में नहीं बता सकती क्योंकि मेरी भी कोई मजबूरियां है मेरे हाथ भी नियमों से बंधे हुए हैं मैं तुम्हें इतना ही कहूंगी कि तुम भाग्यवान हो तुम्हें फिर से मनुष्य प्राणी में जन्म मिला है तुम्हारी जिंदगी में बहुत सारी कठिनाई आने वाली है परंतु कुछ भी हो जाए तुम्हें बिल्कुल भी खुद के ऊपर से भरोसा उठने नहीं देना है और अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते जाना है तुम्हारी तो बस मैं इतनी ही मदद कर सकती हूं कि तुम्हें इन पहाड़ों के बाहर का रास्ता दिखा सकती हु और तुम्हारी सेहत को पहले की तरह ठीक कर सकती हु इतना कहने के बाद चंद्रमुखी अपनी आंखें बंद कर देती है वह कुछ मंत्रों का उच्चारण करने लग जाती है और फिर कुछ देर बाद वह अपनी आंखें खोल देती है इसके बाद गर्व के सामने हवा में एक तैरता प्याला आ जाता है जिसमें नीले रंग का द्रव्य होता है चंद्रमुखी गर्व से कहती है यह जो द्रव्य है इसके जरिए तुम्हारी पहले की तरह ही ताकत हो जाएगी इसका सेवन कर लो इसके बाद वह उसको पूरा पी जाता है इसके बाद वहां पर अंधेरे में एक जगह से सुरंग बनना चालू होती है वह सुरंग पूरी तरह से हीरे से बनी होती है और वह चमकते जा रही थी इसके बाद चंद्रमुखी उस सुरंग की दिशा में उंगली करते हुए गर्व से कहती है तुम उस सुरंग में प्रवेश करो इस सुरंग से चलते चलते तुम जल्द ही इन पहाड़ों की सीमा पर बहुत जाओगे वहां पर तुम्हारा अंगरक्षक मंदार भरतपुर राज्य के सेना की एक टुकड़ी के साथ पहुंचा हुआ हैं पर याद रखो तुम्हारी असली सफर यहीं से चालू होता है तुम्हारी आगे बहुत ही कठिन परीक्षा होने वाली है और उसके अनुसार ही तुम्हें आगे का भविष्य तय होगा और अपने अंगरक्षक को भी इस औषधि से उठा लो इसे यहां पर भूल मत जाओ मेरा काम अब यहीं पर समाप्त हो जाता है और तुम्हारा चालू होता है इतना कहते ही गर्व के आगे फिर से एक प्याला हवा में तैरते हुए आता है इसमें वही नीले रंग का द्रव्य होता है जिसकी गंध हवा में फैलते जा रही थी इसके बाद धीरे-धीरे चंद्रमुखी और उसका सिंहासन अदृश्य होने लगता है और थोड़ी देर बाद वह पूरे अदृश्य हो जाते हैं और वहां पर पूरी जगह उजाला हो जाता है गर्व जल्दी से उस नीले द्रव्य को केदार के मुंह में डालता है वह अभी भी बेहोश पड़ा था वह निला द्रव्य उसके गले के नीचे जाते ही केदार को होश आने लगता है और उसकी शक्ति एकदम से पहले जैसी हो जाती है केदार को इस बात का बहुत ही आश्चर्य होता है वह तो उस हीरे से बने कमरे में जाते ही बेहोश हो गया था उसने तो यह हीरे का महल भी नहीं देखा था वह अपने आजू-बाजू बने हीरे से बने चमकते हुए कमरे को देखकर दंग रह गया था वह गर्व से इसके बारे में प्रश्न करने लग जाता है पर वह केदार से कहता है पहले जल्दी द्रव्य पी लो हमें इस सुरंग से बाहर भी जाना है इस रास्ते में मैं तुमको सारी चीजों के बारे में बता दूंगा इसके बाद वह जल्द से उस नीले रंग के द्रव्य को पी जाता है और गर्व के साथ में उस सुरंग में चला जाता है रास्ते में गर्व उसके बेहोश होने से लेकर चंद्रमुखी से मिलने तक सारी चीजों के बारे में विस्तार से बताता है वह हीरे से बने महल के बारे में विस्तार से बताता है यह सुनकर केदार को भी बड़ा आश्चर्य हो रहा था पर गर्व केदार को चंद्रमुखी से हुई अपनी बातों के बारे में बिल्कुल भी नहीं बताता है वह अपने लक्ष्य के बारे में किसी को ऐसे ही नहीं पता सकता था वह जल्द की इधर-उधर की बातें करते हुए 2 दिनों में ही उस सुरंग के अंत में पहुंच जाते हैं वह दोनों जैसे ही उस सुरंग के बाहर निकलते हैं वैसे ही वह सुरंग चमत्कारिक ढंग से मिट्टी से भरना चालू होती है और थोड़ी देर में वह पूरी तरह से मिट्टी से भर जाती है कोई यह बिल्कुल भी नहीं बता सकता था यहां पर पहले कोई सुरंग भी मौजूद हो सकती है उस से बाहर निकलकर वह पाते हैं कि वह दोनों भी पहाड़ों के बाहर निकल चुके हैं वह जहां पर खड़े थे वहां से ही पहाड़ों की जगह चालू हो रही थी उन्होंने पहाड़ों के जिस जगह से चालू किया था अब वह वहीं पर पहुंच गए थे और दोनों भी अपने आजू-बाजू की जगह को ध्यान से देखने लग जाते हैं और पता करते हैं कि यहां पर कोई तांडव कबीले का कोई हत्यारा तो नहीं क्योंकि वह सारे जंगल के कोने कोने में फैले हुए थे वह कहीं से भी कभी भी हमला कर सकते हैं पर उन्हें वहां पर किसी के भी मौजूद होने का कोई भी प्रमाण नहीं मिलता यह जानकर वह राहत की सांस लेते हैं और वापस भरतपुर राज्य की तरफ जाने लगते हैं वह नौ से दस किलोमीटर ही चले होंगे तभी उन्हें कई सारे सैनिकों की चलने की आवाज आती है वह झाड़ियों के पीछे छुप कर उनकी तरफ देखते हैं उन्हें लगा की यहां पर कोई तांडव कबीले के हत्यारे होंगे परंतु यहां पर तो राज्य के उपसेनापति वीरसेन के साथ साथ मंदार था और वह ५०० से भी ज्यादा सैनिकों के साथ साथ मंदार पहाड़ियों की तरफ बढ़े जा रहे थे यह देखकर उनके जान में जान आ जाती है वह जल्दी से उनकी तरफ जाते हैं केदार को देखकर मंदार खुशी से उछल पड़ता है वह तेजी से केदार की तरफ खुशी से चिल्लाते हुए बढ़ते जाता है और वह दोनों ही गले मिलते हैं यह दोनों भी बचपन से ही साथ में थे वह साथ में खेले साथ में ही बड़े हुए थे और एक साथ में वह सैनिक भी बने हुए थे दोनों भी एक दूसरे के गले मिलकर रोए जा रहे थे मंदार रोते हुए केदार से कहता है मुझे तो लगा कि तुम्हारे साथ कोई अनहोनी तो नहीं हो गई हम तुम्हारे ही खोज में मंदार पहाड़ियों की तरफ चले आ रहे थे और चमत्कार तो देखो तुम लोग खुद ही हमारे पास आ रहे हो तुम लोगों को कुछ हुआ तो नहीं मंदार के केदार से सवाल करता है अरे ऐसे कैसे मुझे कुछ हो सकता है गर्व के साथ होते हुए मुझे दुनिया की कोई भी ताकत कुछ भी नहीं कर सकती है मंदार के ही बाजू में खड़े उप सेनापति वीरसेन यह सुनकर चौक जाते हैं उनकी यह सुनकर आश्चर्य से उनकी आंखें बड़ी हो जाती है