जैसे ही वह उस इमारत की मध्य में आता है वह अपनी पूर्ण शक्ति से उस जलती दीवार पर से दौड़ना चालू करता है इसकी वजह से उस इमारत की दीवार टूटना चालू होती है गर्व जैसे जैसे जलती दीवार पर ऊपर की तरफ दौड़ते जा रहा था उन दीवारों में दरार पड़ती जा रही थी वह पूरी दीवार टूट कर नीचे गिरती जा रही थी गर्व पूर्ण शक्ति से उस इमारत की दीवार पर दौड़कर उस इमारत के ऊपर पहुंच जाता है और पूर्ण शक्ति से आसमान में छलांग मारता है मारता है उसके आसमान में छलांग मारते ही वह जिस दीवार पर से दौड़ रहा था उसमें दरारे आकर वह टूट जाती है और नीचे गिरने लग जाती है गर्व ने अपने पूर्ण शक्ति का उपयोग करके आसमान में छलांग मारी थी और वह आसमान में उन पक्षियों का नेता जहां पर था वहीं पर छलांग मारकर पहुंच रहा होता है दरअसल वह पक्षियों का नेता उसी इमारत के ऊपर थोड़ी दूरी पर आसमान में अकेला था इसीलिए गर्व ने इस इमारत की दीवार का सहारा लेकर आसमान में छलांग मारी हुई थी वह आसमान में उस पक्षियों के नेता की तरफ बढ़ ही रहा होता है तभी अचानक एक दूसरा बाज पक्षी हवा में ही पैरों से गर्व को जकड़ लेता है यह सब देख कर पक्षियों के नेता को झटका लग गया था उसे तो पता ही नहीं था कि कोई उस पर छलांग मारकर उसके पास आ रहा था वह तो इस दूसरे पक्षी का गर्व पे ध्यान चला गया था नहीं तो गर्व उस पक्षियों के नेता तक पहुंच ही गया होता वह दूसरा भाग पक्षी गर्व के कंधों पर अपना नाखून गाड़ना चालू करता है इसके वजह से गर्व के कंधे में दर्द उत्पन्न हो जाता है इस वक्त वह पक्षियों का नेता दूसरी तरफ चला गया था और गर्व की तरफ गुस्से की निगाहो से उसको ऊपर से नीचे तक देखने लगता है उसे तो मानो झटका लग गया था कि कैसे इसने उसके जैसे बड़े पक्षी को मूर्ख बनाया अब तक नीचे उन हत्यारों को मार रहे सैनिकों की भी आसमान में लटके हुए गर्व पर नजर पड़ती है अचानक गर्व अपने हाथ की तलवार को कलाई से ही उस बात पक्षी के पैरों पर घुमा देता है और उसको उस पक्षी का एक पैर टूट जाता है अचानक से हुए इस हमले के कारण उस बाज पक्षी के पैर में पीड़ा उत्पन्न हो जाती है वह तो इस घमंड में था कैसे उसने अपने शिकार को पकड़ लिया और वह कैसे अपने शिकार को तड़पा तड़पा कर मारेगा गर्व उस पक्षी को संभलने का एक भी मौका नहीं देता है और अपने हाथों से उसके पैरो को अपने कंधों पर से उखाड़ कर उस पक्षी को हवा में ही नीचे लाकर उस पक्षी के पीठ पर चढ़ जाता है और अब शिकार और शिकारी का किरदार बदल चुका था गर्व अपने एक हाथ से उस पक्षी की गर्दन को जकड़ लेता है गर्दन जकड़ते ही उस पक्षी को बहुत तेज पीड़ा महसूस होती है क्योंकि उसकी सांसों का नियंत्रण अब गर्व के हाथों में आ गया था वह उसकी गर्दन को पकड़कर हवा मे इधर उधर घुमाते जा रहा था वह उस पक्षी की गर्दन को हवा में जिस दिशा में घुमाते जा रहा था उस पक्षी को पीड़ा के कारण हवा में उसी दिशा में उड़ना पड रहा था यह देखकर वहां पर हवा में मौजूद वह पक्षियों का नेता जोर से चिंघाड़ता है उसके चिंघाड़ते ही नीचे जमीन पर मौजूद सारे बाज पक्षी ऊपर आसमान की तरफ उड़ना चालू करते हैं वह पक्षियों का नेता पक्षियों की भाषा में बाकी के पक्षियों को कह रहा था कि गर्व पर हमला करना है और सारे के सारे बाज पक्षी पर गर्व की तरफ उड़ जाते हैं अपने साथी को तड़पता हुआ देखकर वह पक्षियों का नेता बहुत ही गुस्से में आ गया था इसलिए उसने अपने सारे पक्षियों को गर्व पर हमला करने का आदेश दिया था यह देखकर नीचे मौजूद सैनिकों की और वीरेसेन की आंखें बड़ी हो गई थी वह इस समय हाथ पर हाथ धरे बैठे नहीं रह सकते थे वह सारे जमीन से आसमान की ओर जाने वाले पक्षियों को एक-एक कर मारते जा रहे थे वह भी दीवार का सहारा लेकर आसमान की तरह छलांग मारते हुए पक्षियों को एक एक करते मारते जा रहे थे इससे गर्व का काम आसान हो गया था और फिर भी वहा आसमान में कई सारे बाज पक्षी मौजूद थे और वह आसमान में ही पंजों से ही गर्व पर हमला करते जा रहे थे गर्व अब अपने हाथों में दो तलवार पकड़ लेता का एक का वजन सौ किलो होता है और दूसरे हाथ में बर्फीली तलवार होती है वह आसमान में उड़ रहे पक्षियों को दोनों तलवार का उपयोग करके मारते जा रहा था वह आसमान में ही छलांग मार कई सारे पक्षियों की पीठ पर चढ़ता और अपनी दो तलवार का उपयोग करके अपनी तरफ आने वाले कई सारे पक्षियों को मारते जा रहा था वह अपनी पिछले जन्म में से सीखी तलवार की कई कलाबाजीयो का उपयोग करते जा रहा था उसके पास एक साथ दस पंद्रह पक्षी उड़ते आ रहे थे और वह अपनी तलवार ऐसी कलाबाजीया करते हुए घुमाते जा रहा था कि कोई भी पक्षी उसको आसमान में छू तक नहीं पा रहा था वह एक पक्षी की पीठ से दूसरे पक्षी की पीठ पर छलांग मारते जा रहा था और कई सारे पक्षियों को यमलोक पहुंचाते जा रहा था इतने सारे पक्षी मिलकर भी उसका कुछ बिगाड़ नहीं पा रहे थे यह देखकर वह पक्षियों का नेता गुस्से से लाल होते जा रहा था वह पक्षियों की भाषा में कई सारे पक्षियों को वहां पर बुलाता है और कोई भी पक्षी गर्व के बालो तक को छू नहीं पा रहे थे अचानक एक बड़ी सी तलवार गर्व के सीने की तरफ आने लगती है जल्दी से गर्व अपनी दोनों तलवार को अपनी पीठ के पीछे म्यान में डालकर अपने दोनों हाथों से वह हवा में ही उस बड़ी तलवार को रोकता है वह देखता है कि यह कोई तलवार नहीं बल्कि यह तो उस पक्षियों के नेता का पैर का पंजा है जो कि किसी तलवार के जैसा नुकीला होता है अगर वक्त रहते गर्व ने इस पंजे को रोका नहीं होता तो गर्व की छाती दो टुकड़ों में विभाजित हो गई होती इस वक्त वह पक्षियों का नेता अपने इतने सारे साथियों को मरता हुआ देखकर गुस्से से पागल हो गया था उसने अपनी पूर्ण शक्ति से उड़ते हुए जाकर अपने पंजों से गर्व पर हमला किया था अपना वार विफल होते हुए देखकर उसको और ज्यादा गुस्सा आ जाता है और वह गर्व को लेकर सीधा एक इमारत की छत की तरफ बढ़ने लगता है यह इमारत पत्थर से बनी हुई होती है और 70 मीटर से भी ज्यादा ऊंची होती है वह पक्षी गर्व को लेकर उस इमारत की छत पर तेजी से जाकर टक्कर मारने वाला था वह जैसे ही इमारत की छत के करीब जाता है वैसे ही गर्व फुर्ती दिखाते हुए उसकी पंजों के ऊपर छलांग मारता है और उस पक्षी के माथे पर जाकर बैठता है यह इतना तेजी से हुआ कि उस पक्षियों के नेता को कुछ समझ ही नहीं आया और जब तक कुछ समझ में आता वह पक्षी अपने पंजों के साथ उस इमारत की छत को टक्कर मार देता है यह टक्कर इतनी जोरदार थी कि इसकी वजह से उस इमारत की पत्थर से बनी छत टूट जाती है और वह पक्षी और गर्व उस पत्थर से बनी 70 मीटर से भी ऊंची इमारत के एक एक माले को तोड़ते हुए नीचे आते जा रहे थे क्योंकि गर्व इस वक्त उस पक्षी के सर के ऊपर होता है इसलिए उसको कोई भी चोट नहीं आ रही थी पर उस पक्षियों के नेता को पत्थर पर टकराते जाने से बहुत ही गहरी चोटें आते जा रही थी गर्व को तभी याद आता है कि कैसे कालीचरण के जख्मी होकर बेहोश होने के बाद बहुत सारे हत्यारे कैसे पिशाच में बदल गए थे अगर इस वक्त यह भी बेहोश हो गया तो बाकी सारे पक्षी भी पिशाच में बदल जाएंगे और उसके लिए बड़ा खतरा उत्पन्न ना हो जाएगा उसे इस परिस्थिति का फायदा उठाकर इस पक्षी को अभी के अभी मारना होगा इससे अच्छा मौका उसको बाद में नहीं मिलने वाला यह सोचकर वह उस पक्षी के सर के बालों को एक हाथ से पकड़ कर लेता है और दूसरे हाथ से अपनी म्यान से वह बर्फीली तलवार निकलता है उसके तलवार निकालते हैं उस पक्षी को खतरे का अहसास हो जाता है और वह अपने पंजों का इस्तेमाल करके अपनी पूर्ण शक्ति से ऊपर से नीचे गिर रहे पत्थरों के बीच में से हवा में छलांग मार देता है वह पक्षी किसी नरक के दानव की तरह ऊपर से नीचे गिर रहे पत्थरों के बीच में से फिर से हवा में उड़ने लगता है बाकी के सैनिकों की भी उस पत्थर की इमारत पर नजर होती है जहां पर वह पक्षियों का नेता और गर्व गिरे थे तांडव कबीले के सारे हत्यारे और सारे बाज पक्षी और वह सैनिक लड़ाई करना छोड़ कर उस इमारत की तरफ देख रहे थे उस पक्षी और गर्व को उन गिरते हुए पत्थरों पर से बाहर आते देख कर उनको तो मानो झटका ही लग गया था वीरसेन के मन में गर्व के एक छोटा बच्चा होने के विचारों अब निकल चुके थे गर्व की इस लड़ाई को देखकर उसकी आंखें आश्चर्य से बड़ी हो गई थी वह बाज पक्षी का नेता और गर्व गिरते हुए पत्थरों से बाहर आते ही सारे हत्यारे और सैनिक आपस में फिर से लड़ने लग जाते हैं अपने नेता की जान को खतरे में देखकर सारे बाज पक्षी गुस्से में आ जाते हैं वह सारे के सारे एकदम से गर्व के ऊपर हमला कर देते हैं इस वक्त गर्व अपनी बर्फीली तलवार को उस पक्षी के नेता के सर पर मारने वाला था और बाकी के बाद पक्षियों को अपनी तरफ आता हुआ देखकर वह अपना निर्णय बदल देता है वह अपने स्टोरेज रंग में से चाकू निकलता है और उस पक्षी के माथे पर से छलांग लगाकर उसकी पीठ पर आ जाता है उस पक्षी के पीठ पर काफी जगह हो होती है यहां पर चार पांच मीटर की जगह होती है इतनी जगह पर वह बाकी के पक्षियों का आसानी से सामना कर सकता है वह उस पक्षी के पीठ पर अपना चाकू घोंप कर फसा देता है क्योंकि उस पक्षी की चमड़ी बहुत ही मोटी और सख्त होती है इसलिए उसको इस बात का कुछ भी दो दर्द महसूस नहीं होता उसके पीठ पर मौजूद गर्व के ऊपर आसमान में ही बहुत सारे बाज पक्षी हमला कर देते हैं और साथ ही वह पक्षियों का नेता भी उड़ते हुए अपनी पीठ को लगातार हिलाते जा रहा था और ऊपर नीचे होकर आसमान में उड़ते जा रहा था इसकी वजह से गर्व को उसकी पीठ पर अपना संतुलन बनाना मुश्किल हो गया था और साथ ही इस वक्त वह उस पक्षी के नेता के सिर पर हमला भी नहीं कर सकता है क्योंकि यहां पर आसमान में ही कई सारे बाज पक्षी गर्व पर लगातार हमला करते जा रहे थे