मंदार का सवाल सुनकर वह सैनिक कहता है मैं तो यहां पर बहुत देर से मूर्छित पड़ा हुआ था बाहर की युद्ध की आवाजों की कारण मेरी मूर्छा टूट गई और मैं होश में आ गया इस वक्त मंदार उन नीली उर्जा से बने कमरों में कैद कैदियों के तरफ देखे जा रहा था और उसका हाथ अभी भी उस सैनिक के कंधों पर होता है उस सैनिक का जवाब सुनते ही मंदार उसके कंधे पर अपने हाथ से दबाव बढ़ाते जा रहा था जिससे कि उस सैनिक को दर्द होते जा रहा था जिससे कि वह धीरे आवाज में चीख पड़ता है उसके चीखते ही मंदार उस सैनिक से कहता है क्या तुमने मुझको मूर्ख समझ के रखा है तुम्हें क्या लगता है कि मुझे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा है इस वक्त कारागार के अंदर वह सैनिक और लोह मानव के अंदर मंदार ही मौजूद होता है इसके वजह से किसी की उन पर नजर नहीं पड़ रही होती है सारे लोह मानव इस वक्त कारागार के मुख्य इमारत के बाहर खड़े हुए थे और वह लोह मानव कारागार की इमारत की सुरक्षा कर रहे होते हैं और वह किसी भी सैनिक को अंदर आने नहीं दे रहे थे मंदार का असली चेहरा देख कर उस सैनिक को झटका लग गया था पहले तो उसे पूरा यकीन नहीं था कि मंदार ही वह जासूस था क्योंकि वह मंदार को काफी समय से जानता था इस वक्त में उसका असली चेहरा देखकर वह काफी सदमे में आ गया था वह दर्द से चीखते ही मंदार से कहता है तुम ऐसा कैसे कर सकते हो तुम हमको कैसे धोखा दे सकते हैं उसके सवाल को अनदेखा करते हुए मंदार उसके कंधे पर अपनी पकड़ और मजबूत करता है जिससे कि उसके कंधे पर तेज दर्द उत्पन हो जाता है इस वक्त वह सैनिक मूर्छा के कारण काफी कमजोर हो गया था और यहां से बचकर भाग भी नहीं सकता था उसके कंधे से खून निकलते जा रहा था और वह सैनिक तड़पते जा रहा था फिर मंदार फिर से उस सैनिक से पूछता है यह कैदी वापस अपने कमरे में कैसे पहुंच गए यह सुनकर तो उस सैनिक का सारा दर्द ही गायब हो गया उसकी दर्द की जगह अब गुस्से ने ले ली थी वह मंदार से पूछता है क्या तुमको अपने राज्य अपने लोगों से गद्दारी करते हुए शर्म नहीं आई यह सुनकर तो मंदार को गुस्सा आ जाता है वह अपना हाथ धीरे-धीरे उस सैनिक के गर्दन की तरफ बढ़ा रहा होता है गर्व को कुछ बुरा होने का शक होते जा रहा था गर्व ने अपने पिछले जन्म में अर्जित की हुई ध्यान शक्ति के कारण उसको खतरे का पहले से ही अनुमान लग जाता है और इस वक्त भी उसको खतरे का अहसास हो रहा था वह बाहर जाने का निर्णय करता है तभी वहां पर जोर-जोर से ढोल बजते जा रहे थे और एक आदमी घोषणा करता है सावधान होशियार भरतपुर राज्य के राजा वीर प्रताप सिंह पधार रहे हैं यह सुनकर गर्व की जान में जान आ जाती है और वह वही स्टोरेज रिंग में रहता है इस वक्त वह सैनिक अपनी जेब में से वह स्टोरेज रिंग निकालकर अपने हाथ की छोटी उंगली में डालता है जिससे कि किसी इस पर नजर ना पड़े राजा के यहां आने से मंदार उस सैनिक के कंधे पर से अपना हाथ हटा लेता है वह राजा के सामने तो किसी सैनिक को मार नहीं सकता था उस सैनिक के अपने हाथों में स्टोरेज रिंग पहनने के कारण इस वक्त गर्व को बाहर का सब कुछ साफ-साफ दिख रहा होता है राजा कारागार के बाहर आ गए थे ना राजा ने इस वक्त वही मिश्र धातु के कवच को पहना होता है जो कि उन्होंने राजसभा में पहना होता है रात के अंधेरे में यह बहुत ज्यादा चमकते जा रहा था इसकी रोशनी आजू-बाजू फैलते जा रही थी साथ ही इस समय में राजा ने अपने सर पर भी कवच पहना होता है वह भी तेज रोशनी से चमकते जा रहा था इस वक्त राजा वीर प्रताप सिंह कोई स्वर्ग से उतरे हुए देव मानव की तरह लग रहे होते हैं राजा कारागार तक पहुंच गए होते हैं उन्हें देखकर कारागार की मुख्य इमारत की रक्षा कर रहे वह लोह मानव राजा को रास्ता देने के लिए बाजू हटते हैं और उनके सामने अपना सिर झुका देते हैं इस वक्त सुरक्षा दीवार के ऊपर मौजूद कई सारे सैनिक नीचे आ गए थे और वह भी राजा के पीछे पीछे जा रहे थे राजा और वह सारे सैनिक कारागार के अंदर चले जाते हो वहां पर मौजूद कमरों में मूर्छित कैदियों को देखकर सारे सैनिकों के जान में जान आ जाती है राजा मंदार के तरफ बढ़ते जा रहे थे वह उसके पास पहुंच गए और उससे चिल्ला कर पूछते हैं गद्दार गर्व का बच्चा कहां है वह इतनी जोर से कहते हैं कि वहां पर मौजूद कई सारे सैनिकों के कान में दर्द उत्पन्न हो जाता है और वह अपने हाथ अपने कानों पर रख देते हैं कई सारे सैनिक आवाज को बर्दाश्त ना कर पाने से फिर से बेहोश होकर जमीन पर गिर पड़ते हैं राजा को यह बात ध्यान में आ जाती है पर वह अपने चेहरे के भाव को जरा भी नहीं बदलते हो हुए मंदार के तरफ देखे जा रहे थे मानो उन्हें तो सिर्फ गर्व की ही चिंता हो यहां मौजूद सारे सैनिक मंदार के गद्दारी के बारे में राजा को बताने ही वाले होते हैं पर गर्व के प्रति राजा के गुस्से को देख कर वह अपना मन बदल देते हैं पर वह सैनिक जो कारागार के अंदर होता है उसे तो पूरा मालूम चल गया था कि मंदार ही असली गद्दार है और वही तांडव कबीले से मिला हुआ होता है वह राजा से कुछ कहने के लिए आगे बढ़ ही रहा होता है तभी राजा उसकी तरफ गुस्से की निगाहों से देखते हुए उस से कहता है रुको अभी नहीं बाद में इस वक्त में राजा बहुत ही गुस्से में होता है अगर वह सैनिक कुछ भी बोलने का प्रयास करता तो उसकी गर्दन यहीं पर धड़ से अलग हो जाती वह कुछ भी बोलता नहीं है और शांत हो जाता है फिर मंदार आगे कहता है शाम के बाद कारागार के अंदर की सुरक्षा की जिम्मेदारी मुझे दी गई थी इसलिए मैं कारागार के अंदर अकेले ही कैदियों की निगरानी कर रहा था मैंने जंगल में गर्व के साथ बहुत वक्त बिताया है मुझे कभी नहीं लगा कि गर्व तांडव कबीले के हत्यारो से मिला हुआ होगा मैं यहां के कैदियों की निगरानी कर रहा था कि तभी मैंने देखा कि यहां मौजूद कैदी एक के बाद एक बेहोश होकर नीचे गिरते जा रहे थे मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूं तभी मैंने देखा कि गर्व अपने कमरे में नहीं है वह अपने कमरे से गायब था मैं उसे यहां वहां ढूंढने के लिए भटक रहा था तभी मैंने देखा की गर्व एक कोने में जाकर खुदाई करते जा रहा था मैं उसको पकड़ने के लिए आगे बढ़ा पर उसने मुझको भी घायल कर दिया देखते ही देखते यहां पर उस खुदाई करने की जगह से भेड़िया मानव बाहर निकलते जा रहे थे वह यहां मौजूद कैदियों की तरफ देखते हुए घूरे जा रहे थे वह उन कैदियों को अगवा करने के लिए यहां आए थे यह सुनकर राजा को और ज्यादा गुस्सा आ रहा था मंदार आगे कहता है गर्व ने बहुत ही चालाकी से पहले ही सब कुछ तैयारी कर रखी थी उसको तो पहले ही आप को मृत्युदंड दे देना चाहिए था उसने पहले ही बहुत ही चालाकी से सारे सैनिकों के खाने में पहले से बेहोश करने की दवाई मिलाई थी और बाद में खाना बनाने वाले रसोइयों को भी मार डाला यह सुनकर वहां मौजूद सारे सैनिकों को मंदार पर गुस्सा आते जा रहा था पर वह राजा के गुस्से को देखकर शांत हो गए अगर वह इस वक्त अपनी जबान खोलते तो वह राजा के गुस्से के शिकार भी हो सकते थे साथ ही मंदार अभी इस तरह से बात कर रहा होता है कि जिससे लगे कि गर्व ही तांडव कबीले का जासूस है अगर वह सैनिक इस वक्त गर्व का पक्ष लेते तो राजा को लगता कि यहां मौजूद सारे सैनिक भी गर्व से मिले हुए हैं और उनको इसी वक्त मृत्युदंड दे दिया जाता मंदार आगे कहता है गर्व ने बहुत ही चालाकी से सारे काम को अंजाम दिया है उसको पता था कि वह इसी कारागार में बंदी बनाने वाला होता है और उसने पहले से ही तांडव कबीले की मदद से यहां पर जमीन के नीचे सुरंग खोद रखी थी और वहां से उसने तांडव कबीले के भेड़िया मानव को यहां पर लाया था इस वक्त गर्व में भी स्टोरेज रिंग के अंदर रहकर ही मंदार की बातों को सुनते जा रहा था इस वक्त मंदार गर्व की नहीं बल्कि खुद की योजनाओं के बारे में राजा को बता रहा होता है राजा को ऐसे चुतीया बनाते हुए देखकर गर्व को भी हंसी आती जा रही थी तभी गर्व मंदार की आगे की बात सुनने लगता है