chapter ६०

इसके बाद राजा वीर प्रताप सिंह का पक्षी जोर से चिंघाड़ता है और गर्व की तरफ आता है सारे लोह मानव भी अपने कवच को वापस पहन लेते हैं और तैयार हो जाते हैं कालीचरण के शरीर से निकलती हुई हंसने की आवाज तेज होती है और वह कहता है तुम्हें लगता है कि तुम जीत गए हो पर तुम सच में एक हारे हुए इंसान हो और तुम आज रात हार चुके हो वहां मौजूद भेड़िया मानव कालीचरण के धड़ को खींचते हुए उसे वापस गुफा के अंदर लेकर जा रहे थे वहां पहले से मरे पड़े तांडव कबीले के हत्यारों के शरीर बदलते जा रहे थे और वह सारे भेड़िया मानव में तेजी से परिवर्तित होते जा रहे थे गर्व को लगा कि कालीचरण का सर कटकर कालीचरण मर जाएगा पर उसकी प्राणशक्ति उसके सर में नहीं थी इसलिए वह निली ऊर्जा की गोली सर में लगने के बावजूद भी चल फिर पा रहा था और वहां सर कटने के बावजूद भी जिंदा था उसने इतनी देर तक सबके सामने मरने का नाटक किया था क्योंकि उसे वक्त मिले और वह फिर से हमला कर सकें वहां पर लगातार तांडव कबीले के हत्यारों के शरीर बदलते जा रहे थे और वह सारे भेड़िया मानव में परिवर्तित होते जा रहे थे गर्व ने फिर अपने शरीर पर सौ चाकू रस्सियो की मदद से बांध दिये इन रस्सियों के दूसरे छोर को उसने अपने छाती पर लगे नीलम पत्थर बांध दिया और वह फिर राजा वीर प्रताप सिंह के पक्षी की पीठ पर चढ़ गया और गुफा के अंदर जाने लगा जहां पर वह भेड़िया मानव कालीचरण को लेकर जा रहे थे और दूसरी तरफ वहां मौजूद सारे लोह मानव भेड़िया मानव को सर काटकर मारे जा रहे थे पर वह हजारों की तादाद में वह हत्यारे मरे पड़े थे वह एक के ऊपर एक मरे हुए होते हैं वह हत्यारे भेड़िया मानव में परिवर्तित होते जा रहे थे उनकी संख्या लगातार बढ़ते जा रही थी इसलिए उनका सामना करना उन लोह मानवों को कठिन हो गया था दूसरी तरफ गर्व उस गुफा के अंदर चला गया था उसको भी उन हत्यारों ने चारों तरफ से घेर लिया था वह नीली उर्जा की गोलियों से उन भेड़िया मानवो को लगातार मारते जा रहा था पर वह भेड़िया मानव लगातार आते ही जा रहे थे वह देखता है की कालीचरण का पूरा शरीर लगा लगातार बदलते जा रहा था जहां से उसका सर कटा हुआ होता है वहां पर धीरे-धीरे करते हुए एक नया सर उसी के शरीर के मांस से बनता जा रहा था उसको देखकर गर्व को अपने शक पर पूरा यकीन हो गया कि जरूर ही इसकी प्राणशक्ति उसके सर में नहीं है वह उसके शरीर में कहीं पर भी हो सकती है या फिर इसके शरीर के बाहर भी हो सकती है कालीचरण का शरीर लगातार बड़े होते जाता है और गर्व देखता है कि उसका पूरा शरीर 20 फीट से भी लंबा हो गया था फिर गर्व अपने राजा के पक्षी के कान में कुछ कहता है इस वक्त तक उस पक्षी को गर्व पर भरोसा हो गया था और वह गर्व की बात को मानकर यहां से गुफा की बाहर की ओर उड़ जाता है और बाहर मौजूद लोह मानव की मदद करने लगता है फिर कालीचरण का पूरा शरीर एकदम से भेड़िया मानव में बदल गया था गर्व उसकी तरफ आश्चर्य से देख रहा था उसको अपनी तरफ आश्चर्य से देखते हुए कालीचरण अपना हाथ उठाकर सारे भेड़िया मानव को रुकने का इशारा करते हैं और वह सारे भेड़िया मानव रुक जाते हैं फिर वह कालीचरण गर्व की तरफ देखते हुए कहता है बोलो तुम्हें क्या जानना है क्योंकि तुम जल्दी ही मरने वाले हो और मरने वाले की हर आखिरी इच्छा को पूरा करने का रिवाज होता है फिर गर्व कहता है मेरा तो पता नहीं पर मैं तुमसे एक सवाल पूछना चाहता हूं क्या तुम्हारे पास कोई आदमियों को पैदा करने का यंत्र है जिससे कि यह तुम्हारे ये हत्यारे खत्म ही नहीं होते हैं इन्हें जितना भी यमलोक को भेजो यह फिर से यमलोक को जाने के लिए मेरे सामने आ जाते हैं इसके बाद वह कालीचरण जोर-जोर से हंसने लगता है वह थोड़ी देर तक ऐसे ही हंसते रहता है गर्व भी उसकी हंसी के रुकने का इंतजार करता है वह जैसे ही हंसना बंद करता है वह अपनी उंगली गुफा के एक दीवार की तरफ कर देता है तुम्हारा जवाब उन दीवारों पर है गर्व उस दीवार की तरफ ध्यान से देखता है वहां पर दीवार पर कई सारे गोल आकार के कमरे बने हुए होते हैं और वह सारे काले लाल रंग से चमकते जा रहे थे वह एक गोला 7 से 8 फीट लंबा था और वह सारे उस गुफा की दीवारों पर लगे हुए थे इन गुफा की दीवारों पर हजारों की तादाद में वह गोले लगे हुए थे फिर कालीचरण अपने हाथ से एक चुटकी बजाता है वह जैसे ही चुटकी बजाता है वहां मौजूद गोलो में से करीब एक हजार के आसपास गोलों में से काला रंग का द्रव्य निकलने लगता है और थोड़ी देर बाद वह काले रंग का द्रव्य निकलना बंद हो जाता है फिर वह गोले एकदम से फट जाते हैं और उनमें से करीब एक हजार के आसपास आदमी बाहर आ जाते हैं वह सारे बिना वस्त्र के होते हैं और उनकी लंबाई करीब पाच फिट के आसपास होती है मां की कोख से जब बच्चा निकलता है तब वह करीब 1 फीट के आसपास ही होता है और वह पैदा होते ही चल फिर नहीं सकता पर यह तो वह 5 फीट के आदमी जिनमें औरतें भी होती है वह थोड़ी देर जमीन पर लुढ़कते है और फिर अपने पैरों पर खड़े हो जाते हैं वह और कालीचरण की तरफ बढ़ना चालू करते हैं यह देखकर तो गर्व की आंखें ही चौड़ी हो गई ऐसा नजारा तो उसने अपने पिछले जन्म में भी नहीं देखा था और ना ही अपने पिछले जन्म के सपनों में सोचा था उसकी पिछले जन्म में भी जीव शास्त्र विषय में बड़ी तरक्की हुई थी पर ऐसा उसने ना कभी देखा था ना ही सोचा था पर इस दुनिया में उसके मर कर वापस दूसरा जन्म मिलने में 900 साल बीत चुके हैं और इन 900 सालों में विज्ञान तंत्रज्ञान और बाकियों के विषयों ने कितनी प्रगति की होगी उसका वह अंदाज भी नहीं लगा सकता अगर भरतपुर राज्य जैसे छोटे राज्य में इतनी खतरनाक चीज हो सकती है तो अब बाकी की दुनिया में क्या-क्या हो सकता है गर्व के चेहरे पर आए आश्चर्य के भाव को कालीचरण ने पढ़ लिया वह गर्व की तरफ देखकर कहता है बच्चे मैंने कहा था ना कि तुम कुछ भी नहीं हो तुम्हारा हम लोगों से कोई मुकाबला नहीं है इसके बाद उसने फिर एक चुटकी बजाई चुटकी बचते ही वहां वह जो लोग उन गोलों में से निकले थे वह अब बदलना चालू होते हैं उनका शरीर का आकार एकदम से बदलना चालू होता है वह बड़े होते जा रहे थे और वह देखते ही देखते भेड़िया मानव में परिवर्तित हो गए और उनके जो गुप्तांग थे वह गायब होते जा रहे थे और वहां पर सिर्फ मास ही रह जाता है हे भगवान इस जन्म में तुम मुझे क्या क्या दिखाने वाले हैं गर्व मन ही मन में सोचता इस वक्त उन भेड़िया मानवो ने गर्व को चारों तरफ से घेर लिया था वह सारे भेड़िया मानव गर्व से कुछ मीटर की दूरी पर होते हैं और वह सारे कालीचरण के आदेश की प्रतीक्षा कर रहे हो होते हैं कि कब कालीचरण आदेश के और वह सारे गर्व के ऊपर टूट पड़े वह सारे गर्व की तरफ देख कर अपने मुंह से लाड टपकाते हुए बहुत ही घिनौनी और चित्र विचित्र आवाज निकालते जा रहे थे फिर कालीचरण गर्व की तरफ देखता है अब तो तुमने हमारी असली ताकत देख ही ली है तुम जान ही गए होंगे यहां मौजूद तुम्हारे सारे लोह मानवो का बचना असंभव है और साथ ही तुम्हारे उस पक्षी का भी वह सारे आज हमारे हाथों से मारे जाएंगे और भेड़िया मानव बन कर तांडव कबीले में शामिल हो जाएंगे और साथ ही तुम्हारा वह पक्षी भी हमारा हो जाएगा तुम्हारे पास अब दो रास्ते हैं या तो तुम अभी हमारे सामने अपने घुटने टेक दो और तांडव कबीले में शामिल हो जाओ या फिर हम जबरदस्ती तुम्हें पकड़ लेंगे और तुम्हें भेड़िया मानव में परिवर्तित कर देंगे गर्व फिर कहता है मुझे नहीं लगता कि तुम सब में इतना दम है कि तुम सारे मिलकर मुझे पकड़ पाओ जैसे तुम छुटकी बजाकर लोगों को पैदा कर सकते हो वैसे ही मैं चुटकी बजाकर उन सब को परलोक भेज सकता हूं इतना कहकर गर्व जोर से हंस बड़ा गर्व ने फिर एक बार कालीचरण को गुस्सा दिला दिया उसकी आंखें गुस्से से लाल हो गई वह जोर से दहाड़ मारकर कहता है पकड़ो इसको और पकड़ कर इसे मेरे सामने ले आओ उसके इतना कहते ही वहां मौजूद सारे भेड़िया मानव गर्व की तरफ दौड़ पड़े और उन्होंने उस पर छलांग लगा दी गर्व ने तुरंत ही अपनी जादुई शक्तियों से अपने शरीर पर मौजूद सौ चाकूओ को सक्रिय कर दिया उन सौ चाकूओ में से हर एक चाकू का एक भेड़िया मानव के गले पर निशाना होता है और उन चाकुओं में से नीली ऊर्जा की गोलियां निकल कर सीधा उन भेड़िया मानव के गले का निशाना ले रही थी और उनके सर अपने धड़ से अलग होकर जमीन पर गिरते जा रहे थे गर्व ध्यान से देखता है कि यह सिर कटे भेड़िया मानव वापस से जिंदा तो नहीं हो सकते पर वहां ऐसा कुछ भी नहीं हो रहा था यह देखकर गर्व के जान में जान आ जाती है अगर वह फिर से जिंदा होते तो गर्व तो उन्हें सौ जन्म ले ले फिर भी उन्हें मार नहीं पाता गर्व लगातार उन्हें मारते जा रहा था गर्व उन्हें मारते मारते गुफा की दरवाजे पर आता है वह बाहर देखता है तो पाता है की वहां मौजूद लोह मानव उन भेड़िया मानवो से लड़ रहे होते हैं और उनका साथ राजा का पक्षी भी दे रहा होता है वह पक्षी अपने पंजों पर लगे राजा की तलवार से उड़ते हुए उन भेड़िया मानवो पर चला रहा होता है जिससे की एक साथ 1 किलोमीटर लंबी रेखा में मौजूद भेड़िया मानव एक साथ मारे जा रहे थे और बाकी के लोह मानव सारे जंगल में चले गए थे उनका नेतृत्व उप सेनापति वीरसेन कर रहे थे गुफा में और गुफा के बाहर बहुत सारे भेड़िया मानव मौजूद थे उनकी तादाद तीन या चार लाख के करीब हो सकती थी इस वक्त सारे लोह मानव जंगल में चले गए थे और जंगल में पेड़ों की सहायता से वह उन भेड़िया मानव को मारते जा रहे थे कालीचरण ले जैसे ही देखा कि गर्व गुफा के दरवाजे तक जा रहा है उसने अपने भेड़िया मानव को आदेश दिया पकड़ो उसे वह गुफा के बाहर जाने ना पाए गर्व कालीचरण की तरफ देखता है तो वह पता है कि इस वक्त कालीचरण पत्थर से बने सिंहासन पर बैठा होता है उसका सिहासन 30 फीट से भी लंबा होता है और उसके आजूबाजू लाल ऊर्जा की परछाई होती है ऐसा लग रहा था मानो वह कोई नरक का देवता हो उसको देखकर गर्व मन ही मन में सोचता है माफ करना पर मेरा भी इस गुफा से बाहर जाने का कोई इरादा नहीं है और वह फिर से उन भेड़िया मानव पर नीली ऊर्जा की गोलियां बरसाते हुए टूट पड़ता है और साथ ही अपने हाथ में बर्फीली तलवार लेकर उन सारे भेड़िया मानव का सामना करने लग जाता है वह उनका सामना करते करते ही इस गुफा के चारों तरफ नजर डालता है इस गुफा की हर दीवार पर गोले बने हुए होते हैं गर्भवती इनकी गिनती भी नहीं कर पा रहा था गर्व अभी पहली गुफा के अंदर होता है