chapter 62

वह स्टोरेज रिंग सीधा उसके कान के अंदर चली गई और गर्व उस स्टोरेज रिंग के अंदर था गर्व ने इतनी ही तेजी से उस स्टोरेज रिंग को उस भेड़िया मानव के कान के अंदर डाली थी कि वह उसके कान में ज्यादा अंदर तक ना जाए नहीं तो वह स्टोरेज रिंग उस भेड़िया मानव के कान के पड़दो को फाड़ सकती थी और फिर गर्व का काम बिगड़ जाता इसके बाद वह भेड़िया मानव पूरी मंजिल को छान मारता है और वहां पर गर्व उसको कहीं पर भी नजर नहीं आता है इसके वह भेड़िया मानव उस इमारत के बाहर आता है और वह भेड़िया मानव के राजा बने कालीचरण से कहता है महाराज हमें इस इमारत में गर्व कहीं पर भी नहीं मिला हमने इस पूरी इमारत को छान मारा पर वह वहां पर है ही नहीं मूर्खों वह वहां नहीं है तो गया कहा उसे जमीन ने निगल लिया या उसे आसमान ने खा लिया वह यहीं कहीं छुप कर होगा वह हमसे बिल्कुल भी बच नहीं सकता आज रात तो उसे हमारे हाथों से मरना ही होगा गर्व स्टोरेज रिंग के अंदर रहकर यह बाहर का सारा नजारा देख रहा था उस भेड़िया मानव के कान के अंदर बहुत सारे बाल थे और उन बालो के अंदर वह स्टोरेज रिंग फसी हुई होती है जिसके अंदर इस वक्त गर्व मौजूद था अगर उसके कानों में बाल ना होते तो बाहर के किसी को भी वह स्टोरेज रिंग नजर आ गई होती और गर्व की जान खतरे में पड़ गई होती गर्व स्टोरेज रिंग के अंदर रहकर ही गर्व देखता है कि इस वक्त कालीचरण गर्व के दिए हुए घावो से उभर रहा होता है उसे गर्व ने काफी गहरे घाव दिए हुए होते हैं पर वह सारे घाव काफी तेजी से भर रहे होते है उसके तरफ देखकर गर्व को ऐसा लगा कि काश मेरे पास भी ऐसी शक्ति होती कि मेरे भी घाव अपने आप और तेजी से ठीक हो जाए परउसके लिए उसे तांडव कबीले में शामिल होना होगा और उसे उन लोगों का गुलाम बनना पड़ेगा और यह उसे कतई मंजूर नहीं था कि वह किसी का गुलाम बने उसका इस जिंदगी का एक ही लक्ष्य था और उसे हर हाल में वह लक्ष्य को ही होगा भले ही उसके सामने ऐसे सौ कालीचरण भी क्यों ना आ जाए फिर वह भेड़िया मानव गर्व को ढूंढने के लिए पूरी गुफा के चक्कर लगाने लगा वह हर एक कोने में जाने लगा और गर्व को ढूंढने लगा उसको गुफा में काफी कीमती सामान थे वहां पर दस पंद्रह मंजिला इमारत होती है उन अलग-अलग इमारतों में अलग-अलग कीमती सामान रखे हुए थे वहां पर कई तरह की जड़ी बूटियां थी जिनका उपयोग वह दीवार पर लगे गोलो को बनाने में करते होंगे जहां पर वह उन हत्यारों को बनाते थे उन जड़ी बूटी का कोई अलग भी काम हो सकता है गर्व को को जड़ी बूटियों के बारे में काफी कुछ पता था उसने अपने पिछले जन्म में कई सारे जड़ी बूटियों का अभ्यास किया था अपने गुरुकुल में वह जड़ी बूटियों की परीक्षा में हमेशा ही अव्वल आता था उसे देखकर बाकी की विद्यार्थियों को काफी जलन होती थी उसको देख कर लड़कियां भी काफी जलती थी वह सारे समझ नहीं पाते थे कि आखिर कैसे कोई दुनिया में इतने कठिन विषय में पूरे के पूरे अंक हासिल करता है कोई भी परीक्षा में 30 से भी ज्यादा उनका हासिल नहीं कर पाता पर गर्व हमेशा ही जड़ी बूटियों की परीक्षा में पूरे के पूरे यानी कि 100 अंक मिलाता था वह किसी भी जड़ी बूटियों फूल पत्तों को दूर से ही देख कर उस उसके गुण अवगुण बता सकता था अपने पिछले जन्म की इस बातों को याद करके गर्व के चेहरे पर मुस्कुराहट आ गई वह इस इमारत में रखी हुई जड़ी बूटियों को पहचान गया था वह बहुत ही काम की हो सकती है पर गर्व इस समय वहां से बाहर नहीं निकल सकता था नहीं तो उस पर सारे भेड़िया मानव हमला कर देते और उसके चक्कर में वहां मौजूद सारी जड़ी बूटियां नष्ट हो जाती गर्व उन जड़ी बूटियों को नष्ट होते हुए नहीं देख सकता था थोड़ी देर बाद गर्व महसूस करता है की इमारत की इस मंजिल पर उस भेड़िया मानव के अलावा कोई मौजूद नहीं है तो फिर गर्व तेजी से उसके कान में से निकल कर उसी वक्त अपनी तलवार को उसकी गर्दन में घोप देता है जिससे कि उसकी आवाज भी नहीं निकलती है फिर गर्व तेजी से जाकर उन जड़ी बूटियों को अपने छोटी स्टोरिंग में डालता है जहां पर इस वक्त राजा वीर प्रताप सिंह के साथ साथ वैज्ञानिक विक्रांत और साथ में बाकी के 70 से भी ज्यादा घायल सैनिक पड़े हुए होते हैं और फिर वह उस भेड़िया मानव को भी स्टोरेज रिंग में भेज देता है जिसको उसने अभी-अभी मारा है नहीं तो किसी को शक हो जाता यहां पर गर्व मौजूद है और वह सारे गर्व के पीछे पड़ जाते इस मंजिल पर इस वक्त गर्व के सिवा कोई भी दूसरा भेड़िया मानव मौजूद ना होने के कारण गर्व का काम आसान हो गया उसने उस कमरे में एक कोने पर अपनी स्टोरेज रिंग को फेंक कर उस में प्रवेश कर लिया यह कोना काफी अंधेरे में था यहां पर किसी की भी आसानी से नजर नहीं जा सकती है इसीलिए गर्व ने इस कोने में अपनी स्टोरेज रिंग को फेकी थी स्टोरेज रिंग के अंदर जाते ही गर्व देखता है कि यहां पर अभी भी राजा बहुत ही जख्मी हालत में होता है उनकी सांसे चल रही होती है पर वह अपने शरीर को हिला नहीं पा रहे होते हैं फिर गर्भ अभी-अभी जमा की हुई जड़ी बूटियों को देखने लग जाता है कि उसको वहां पर कुछ काम की जड़ी बूटियां मिलती है या नहीं उसका नसीब अच्छा होता है और उसे एक काम की जड़ी बूटी मिल जाती है जिसे वह राजा को दे सकें भले ही राजा वीर प्रताप सिंह एक वक्त में उसके जान के दुश्मन बने हुए थे और वह उसकी जान भी लेने वाले थे और गर्व को भी अपनी सुरक्षा के लिए राजा वीर प्रताप सिंह से लड़ना पड़ जाता पर अभी परिस्थितियां अलग थी गर्व राजा की जान नहीं ले सकता था वह एक राजा है उनके ऊपर राज्य के हर नागरिक की जिम्मेदारी होती है अगर राज्य का राजा मर जाए तो उस राज्य में राजनीति बढ़ जाती है और सत्ता के लिए लोग आपस में लड़ मर जाते हैं इस राज्य की परिस्थिति काफी मुश्किल होती है और अगर बाकी लोगों को पता चलता कि गर्व के साथ रहकर राजा वीर प्रताप सिंह की मृत्यु हुई है तो उनकी मृत्यु का सारा इंजाम गर्व पर ही आ जाता इसलिए गर्व वहा पर एक जड़ी बूटी को बनाता है और वह इसे राजा को देता है इसको पीते ही राजा वीर प्रताप सिंह के शरीर में थोड़ी शक्ति आती है वह फिर चल फिर और बोल पा सकते थे वह थोड़ा ठीक होते ही उठ कर बैठ जाते हैं और गर्व की तरफ एकटक देखने लग जाते है उन्हें यकीन नहीं हो रहा था कि कैसे एक छोटा सा आश्रम का किशोर युवक इतना बहादुर हो सकता है और साथ में ज्ञानी भी उसके बनाए हुए जड़ी बूटी से राजा की अंदरूनी और बाहरी घाव तेजी से ठीक होते जा रहे थे यहां देख कर उन्हें यकीन नहीं हो रहा था उन्हे वह वक्त भी याद आ रहा था कि जब गर्व ने उन्हें मृत्यु के दरवाजे से वापस छीन कर लाया था राजा को लगा जब कालीचरण उनकी जान ले ही लेगा तभी गर्व किसी साए की तरह वहा आया और उन्हें मृत्यु के दरवाजे से वापस ले आया उनके मन में गर्व के प्रति मौजूद सारे बुरे भाव खत्म हो गए वह तो अब गर्व के प्रति ऋणी थे राजा के चेहरे के भाव को गर्व समझ गया कि इस वक्त राजा वीर प्रताप सिंह उसके बारे में कुछ भी बुरा नहीं सोच रहे है तभी राजा गर्व से कहते हैं हम इस वक्त कहां पर है और यहां पर यह बाकी के सैनिक क्यूं बेहोश पड़े हैं फिर गर्व उन्हें कारागार से लेकर अब तक हुई सारी बातें विस्तार में बताता है और वह साथ में जंगल में पहाड़ों पर हुई सारी घटनाओं के बारे में भी राजा को बताता है पर वह उन्हें चंद्रमुखी के बारे में और पूरे हीरे से बने पहाड़ों के बारे में कुछ भी नहीं बताता है अगर यह बात सारे दुनिया को पता चल गई तो यहां पर धन-संपत्ति के लिए खून की नदियां बह जाएगी फिर वह गर्व से कहते हैं इस वक्त तुम्हें मेरी जरूरत है हम दोनों साथ में मिलकर उस कालीचरण के बच्चे को ऐसा सबक सिखाएंगे कि वह पूरी जिंदगी हमारा नाम नहीं भूलेगा लेकिन इस वक्त राजा तो अपने पैरों पर चल भी नहीं पा रहे थे लड़ना तो दूर की बात है इसी वक्त गर्व को कुछ गलत होने का एहसास हो रहा था वह वहां से उठकर तेजी से स्टोरेज रिंग के दरवाजे तक पहुंचता है वहां पर पहुंचते ही वह देखता है बाहर कालीचरण स्टोरेज रिंग को हवा में ऊपर की ओर पकड़े हुआ था और उसकी तरफ देखकर लगातार हसे जा रहा था अचानक वह स्टोरेज रिंग को हवा में फेंक देता है और अपना मुंह खोलकर नीचे खड़ा हो जाता है वह स्टोरेज रिंग उसके मुंह में जा रही होती है फिर गर्व नीचे गिर रही स्टोरेज रिंग से तेजी से बाहर निकलता है पर वह अब कालीचरण के मुंह के अंदर गिरने वाला होता है वह तेजी से अपनी बर्फीली तलवार का इस्तेमाल करता है और कालीचरण के मुंह में पूरा बर्फ जमा देता है और वह अपनी स्टोरेज रिंग लेकर वहां बाजू में मौजूद एक इमारत की खाली बालकनी की तरफ छलांग लगा देता है गर्व उस बालकनी में जाते ही कालीचरण की तरफ देखता है वह अभी भी अपना मुंह खोले खड़ा हुआ होता है उसे तो अपने मुंह में जमा बर्फ का एहसास भी नहीं हो रहा था गर्व को उसके तरफ देखकर हंसी आ रही थी फिर कालीचरण को कुछ गलत होने का एहसास हो रहा था बहुत देर होने के बाद भी वह अंगूठी उसके मुंह के अंदर नहीं गई थी इसलिए वह अपनी में को बंद करता है वह जैसे ही अपने मुंह को बंद करता है वहां जमा हुआ सारा बर्फ टूट जाता है और उसके मुंह में ठंडक का एहसास होता है वह तुरंत ही अपने मुंह से सारे बर्फ को थूक देता है उसकी आंखें गुस्से से लाल हो गई थी वह आजू-बाजू देखकर गर्व को ढूंढे जा रहा था गर्व एक ऊंची इमारत की बालकनी में खड़ा होकर कालीचरण की तरफ देख रहा था कालीचरण की जैसे ही गर्व के ऊपर नजर पड़ती है वह उसके तरफ गुस्से भरी निगाहों से घूरे जाता है कालीचरण के अपने तरफ देखते ही गर्व अपनी हंसी को रोक नहीं पाता और कालीचरण की तरफ उंगली दिखाकर जोर जोर से हंसने लगता है क्योंकि इस बार गर्व ने बहुत ही बुरी तरीके से कालीचरण को चुतीया बनाया था बहुत हो गया कालीचरण ऊंची आवाज में चिल्लाता है और कालीचरण धीरे धीरे करते हुए गुफा के बाहर की तरफ चलने लगता है