chapter ६३

गर्व को लगा कि कालीचरण अब अपना गुस्सा ज्यादा देर तक नहीं सह सकता है इसलिए वह थोड़ी देर अकेला रहना चाहता है जाते-जाते कालीचरण ने वहां मौजूद भेड़िया मानवो को गर्व को मारने का आदेश दिया और वह गुफा के बाहर चला गया यह तो एकदम मस्त हुआ अब तो मैं एकदम आराम से यहां मौजूद सारे गुफाओं की सैर कर सकता हूं और अपने पास बहुत सारे खजानो को जमा कर सकता हूं इतना सोच कर वह फिर वहां मौजूद एक इमारत के अंदर छुप गया इस वक्त उसके हाथ में 2 स्टोरेज रिंग होती है एक स्टोरेज रिंग में राजा के साथ वैज्ञानिक विक्रांत और घायल सैनिकों के साथ साथ कई सारे दूसरे कीमती चीजें रखी होती है और दूसरी स्टोरेज रिंग की लंबाई 2 किलोमीटर से भी ज्यादा होती है फिर उसके दिमाग में एक तरकीब आती है फिर वह अपने पहले स्टोरेज रिंग में से एक स्टोरेज रिंग निकालता है और उसमे अपनी एक खून की बूंद डालकर उसको सक्रिय करता है और इसमें वह अपनी सारी काम की चीजों को पहली स्टोरेज रिंग में से निकालकर इस तीसरे स्टोरेज रिंग में डालता है साथ में ही बाकी के जमा किए स्टोरेज रिंग को भी इसी तीसरे स्टोरेज रिंग में डालता है पहले स्टोरेज रिंग में सारे घायल सैनिकों के साथ साथ राजा वीर प्रताप सिंह और वैज्ञानिक विक्रांत को रखता है वह यह इसीलिए करता है क्योंकि अगर गर्व कालीचरण से जिंदा बचकर बाहर अपने राज्य में वापस लौट गया तो गर्व के खजाने के बारे में वैज्ञानिक विक्रांत के द्वारा बाकी लोगों को भी पता चल सकता है और बाद में राजा के द्वारा उसका यह सारा खजाना ले लिया जाता नहीं तो यह सारा खजाना केंद्रीय सत्ता के अधिकारियों के द्वारा ले लिया जाता क्योंकि इस वक्त उसके पहले स्टोरेज रिंग में मौजूद सारे लोग आधे बेहोश पड़े हुए होते हैं इसलिए उन्हें इसके बारे में कुछ पता नहीं चला वहां मौजूद वैज्ञानिक विक्रांत पहले पहले ठीक था पर वहा बाकी के मौजूद घायल सैनिकों को देखकर उसकी भी तबीयत बिगड़ गई और वह भी आधा बेहोश हो गया था इस समय गर्व के बाएं हाथ के तीन उंगलियों में तीन स्टोरेज रिंग होती है इसमें से तीसरे स्टोरेज रिंग में उसने अपना खजाना छुपाया हुआ होता है वह स्टोरेज रिंग के बारे में किसी को पता नहीं चलने दे सकता है तीसरे स्टोरेज रिंग की लंबाई 2 किलोमीटर के करीब होती है इस स्टोरेज रिंग अपने कपड़ों के अंदर छिपा देता है इस वक्त तक गर्व उन भेड़िया मानवो को मारते मारते तंग आ चुका था वह एक ही काम बार-बार नहीं कर सकता वह भले ही तंग आ चुका हो पर वह भेड़िया मानव अभी भी गर्व की तलाश कर रहे होते हैं गर्व के दिखते ही वह सारे गर्व की तरफ टूट पड़ेंगे और उसको भी वह भेड़िया मानव में बदल देंगे गर्व इस वक्त एक इमारत के अंधेरे कोने में होता है जहां पर किसी की भी नजर नहीं पड़ रही होती है इसी का फायदा उठाकर गर्व तेजी से अपने दूसरे स्टोरेज रिंग को दूसरे हाथ में पकड़ कर पहले स्टोरेज रिंग में जाता है और वहां पर वैज्ञानिक विक्रांत को उसकी बेहोशी से जड़ी बूटी देकर उठाता है और उसके मदद से वह एक चीज का निर्माण करता है क्योंकि वह वैज्ञानिक विक्रांत एक अभियंता होता है इसलिए किसी भी चीज की निर्माण करने की कला उसको गर्व से भी ज्यादा अच्छे से आती थी गर्व भी उस चीज को बना सकता था पर विक्रांत का हुनर गर्व से ज्यादा अच्छा था फिर गर्व वैज्ञानिक विक्रांत की मदद से एक गोल टोपी का निर्माण करता है जिसको वह अपने सर में पहन सकें टोपी के चारों बाजू में गर्व चाकू की धार को लगा देता है वह धार इतनी तेज होती है कि अगर इस पर किसी ने अपना हाथ हल्के से भी रख दिया तो उसके हाथ को खून लग जाएगा और फिर गर्व नीलम पत्थर पर एक रस्सी को बांध कर उसकी दूसरे छोर को वह अपने गोल टोपी पर बांध देता है और वह अपनी इस नई टोपी को पहन कर स्टोरेज रिंग के बाहर निकल जाता है वह बाहर निकल कर देखता है कि वह भेड़िया मानव अभी भी गर्व को चारों तरफ ढूंढ रहे थे क्योंकि गर्व इस वक्त अंधेरे कोने में होता है इसीलिए किसी की भी उस पर नजर नहीं पड रही थी वह जैसे ही अपने स्टोरेज रिंग के बाहर निकलता है उसके छाती पर बंधा नीलम पत्थर चमकने लगता है और उसका नीला प्रकाश चारों तरफ फैल जाता है इसके वजह से वह जिस अंधेरे कोने में होता है वहां पर चारों तरफ नीली रोशनी फैल जाती है इसकी वजह से उन भेड़िया मानव की भी कोने में खड़े गर्व पर नजर पड़ती है और वह सारे गर्व की तरफ दौड़ पड़ते हैं गर्व उनकी तरफ अपने चेहरे पर बिना भाव लिए शांति से बढ़ रहा होता है जैसे कि उसका इस दुनिया में कोई भी कुछ भी बिगाड़ नहीं सकता है थोड़ी दूर चलने के बाद गर्व को एक खिड़की दिखती है गर्व सोचता है इतनी ऊंचाई पर उसकी नई चीज का उपयोग करने में कोई मतलब नहीं है यहां पर तो जगह भी कम है और भेड़िया मानव भी फिर वह तुरंत ही उस खिड़की से नीचे की तरफ छलांग लगा देता है और उसके पीछे पीछे सारे भेड़िया मानव भी खिड़कियों से नीचे छलांग मार देते हैं गर्व ने पत्थर से बने चौदहवे मंजिल से नीचे छलांग मारी होती है और उसके सर पर वह गोल टोपी बंधी हुई होती है जिसको उसने अभी-अभी बनाया होता है उसके गर्व के आजूबाजू भी चारों तरफ पत्थर और लोहे से बनी 15-16 मंजिल ऊंची इमारत बनी हुई होती है और उन इमारतों में मौजूद भेड़िया मानव ने जैसे ही देखा कि गर्व इस वक्त छलांग मारकर लगाकर नीचे जा रहा है वैसे ही उन्होंने भी उन इमारतों की खिड़कियों से गर्व के तरफ छलांग लगा दी वह सारे गर्व के सर के ऊपर से गर्व की तरफ बढ़ रहे होते हैं फिर गर्व एक भी पल का समय नहीं गवाते हुए नीचे गिरते गिरते ही अपनी सर में पहनी गोल टोपी को सक्रिय कर देता है उसके सक्रिय होने के बाद उसको टोपी में चारों तरफ मौजूद चाकू की धार में नीली ऊर्जा प्रवाहित होने लगती और चारों तरफ फैल जाती है यह ऊर्जा चारों तरफ किसी पडदे कि जैसे फैल रही होती है मानो किसी ने हवा में ही नीला पड़दा बिछा दिया हो इस नीली उर्जा की पडदे की दूरी को गर्व अपनी जादुई शक्ति से नियंत्रित कर सकता था वह इस पडदे को जितना चाहे बढ़ा या घटा सकता था वह अपने इस नीली उर्जा को आजू बाजू मौजूद इमारतों की तरफ बढ़ा देता है यह ऊर्जा जैसे ही उन इमारतों तक पहुंचती है उन इमारतों में मौजूद लोहा पिघलने लगता है और वहां मौजूद पत्थर टूटने लगते हैं जिसकी वजह से वह नीली ऊर्जा जिस भी मंजिल पर पड़ती है वह मंजिल पूरी तरह तहस-नहस हो जाती है और उस मंजिल पर मौजूद सारे भेड़िया मानव के शरीर के हाथ पैर टूट जाते हैं और वह नीचे धरती हुई इमारतों की नीचे आने लगते है गर्व को इस वक्त बहुत बुरा लग रहा था उन भेड़िया मानवो के बारे में नहीं बल्कि उन इमारतों के अंदर मौजूद खजानो के बारे में अगर वह इमारते सही सलामत होती तो वह इमारतों में मौजूद सारे खजाने को लूट सकता था गर्व लगातार 14वें मंजिल से कूदकर नीचे जा रहा था और वह अपनी नीली ऊर्जा को उन इमारतों पर फैलाते जा रहा था जिसके वजह से उन इमारतों की एक एक मंजिल टूटकर तीतर बितर होते हुए नीचे ढहकर गिरती जा रही थी वह जैसे जैसे नीचे गिरता जाता वैसे वैसे वहा आजू बाजू मौजूद सारी इमारतें ढहती जाती ऐसा लग रहा था वहां पर भूकंप आया है पर सिर्फ एक ही जगह पर बाकी सारी जगह पर सिर्फ शांति होती है गर्व जल्दी ही जमीन पर आ गया वह जमीन की जिस जगह पर खुदा था वहां एक फीट गहरा गड्ढा हो गया और उसकी आजू-बाजू मौजूद सारी इमारतें लगातार ढहती हुए नीचे आ रही थी तभी गर्व की नजर अपने सर के ऊपर से आ रहे हैं भेड़िया मानव पर चली गई वह छलांग लगाकर उसके सर पर कूदने वाले थे फिर उसने अपनी बर्फीली तलवार का इस्तेमाल किया और अपने तरफ आ रहे भेड़िया मानवो को हवा में ही जमा दिया और दूसरी तरफ छलांग मार दि उसने उन भेड़िया मानव के पूरे शरीर पर बर्फ की मोटी चादर बिछा दी थी वह अपने शरीर की एक उंगली भी हिला नहीं पा रहे थे गर्व के बाजू में छलांग मारते वह बर्फ की दीवार नीचे जमीन पर गिर गई और उन बर्फ की दीवारों के अंदर वह भेड़िया मानव थे जमीन पर टकराने की वजह से उन दीवारों में दरारे आ गई फिर गर्व उस बर्फीली दीवारों पर ऊर्जा के पड़दो से हमला करता है जीसके कारण वह बर्फ गर्म होकर पिघल गई जिसके कारण उसके अंदर मौजूद भेड़िया मानव के शरीर जलने लगे फिर गर्व एक भी क्षण का समय नहीं गवाकर उन भेड़िया मानवो के गले पर अपनी नीली उर्जा से हमला करता हैं और उन सारे भेड़िया मानवो के सर कटकर हवा में उड़ जाते हैं उनके सर हवा में उड़ते जाते हैं और आजू बाजू मौजूद इमारत ढहती जाती है और उनके पत्थर हवा में फैलते जा रहे थे उन इमारतो में मौजूद सारे भेड़िया मानव उन पत्थरों के नीचे दबकर मरते जा रहे थे जल्द ही वहां मौजूद सारी इमारतें ढहकर नीचे गिर ही गई और उन ढही हुई इमारतों के बीच में गर्व खड़ा हुआ होता है उसकी तरफ भी कई सारे पत्थर गिर रहे होते हैं पर गर्व उन सब को बर्फ की दीवार बनाकर उनको अपने जगह पर ही रोक देता है गर्व उन पत्थरों के ढेर के बीच में खड़ा होता है और उन पत्थरों के ढेर के अंदर वह वह सारे भेड़िया मानव मौजूद होते हैं जो उन इमारतों में मौजूद थे उन सारे भेड़िया मानवो के हाथ पैर टूटे हुए होते हैं और उनके ऊपर कई हजार किलो के पत्थर गिरे हुए होते हैं उन् में भले ही अपने घाव को ठीक करने की क्षमता हो फिर भी उन पत्थरों की वजह से उनके घाव फिर से हरे होते जा रहे थे वह जैसे ही अपनी जगह से उठने की कोशिश करते वह पत्थर फिर से उनके ऊपर गिरते जाते और उनके घाव फिर से बड़े होते जाते उनके हाथ पैर फिर से टूट जाते हैं उन टूटी हुई इमारतों के आजू-बाजू भी कई सारी इमारते बनी हुई होती है वह भी पंद्रह सोलह ऊंची इमारतें बनी हुई होती है और वहां पर भी बहुत सारे भेड़िया मानव मौजूद होते हैं