७८

इस वक्त गर्व बहुत ही ज्यादा थक चुका था क्योंकि उसने रात पर उन हत्यारों से लड़ाई की थी उसके पूरे शरीर में दर्द उत्पन्न हो गया था वह जल्द ही पलंग की तरफ गया और जल्दी से सो गया गर्व कुछ देर और जगह हुआ रहता तो वह खुद ही बेहोश हो जाता वह बहुत देर तक सोते रहा उसे भी पता नहीं चला कि वह कितने देर तक सोते रहा तभी उसको अपने पिछले जन्म के कुछ दृश्य दिखाई देने लगे सोते समय उसके मन में घबराहट आना चालू हो गई उसके पूरे शरीर में पसीना बहने लगा उसके माथे पर भी बहुत सारा पसीना आया ऊसे लगा वह वापस अपने पिछले जन्म में तो नहीं चला गया फिर उसने सपने में ही खुद को एक जोरदार चांटा मारा उसके चांटा मारते ही वह अपने सपने में से उठ गया वह उठकर देखता है कि उसने अपने आप को यह सच में चांटा मार दिया था उसका पूरा गाल सूजा हुआ था पर उसके लिए यह बात चिंता की नहीं थी वह अपने आजू-बाजू की जगह का निरीक्षण करने लग जाता है वह देख रहा था कि वह राजमहल में ही तो है या नहीं वह दूसरे जगह तो नहीं आ गया वह अभी इस वक्त राजमहल में ही मौजूद होता है यह देखकर उसकी जान में जान आ गई वह पहले भी जब गहरी नींद में गया था तब भी उसे कुछ पता नहीं चला और वह 900 साल आगे किसी कमजोर लड़के के शरीर में और एक कमजोर राज्य में पहुंच गया था उसे आइंदा से सोने से पहले बहुत ज्यादा सावधानी बरतनी होगी उसके गालों से लगातार खून टपकते जा रहा था उसने खुद को जो जोरदार चांटा मारा था यह उसी की वजह से हो रहा था उसने फिर अपनी स्टोरेज रिंग में से एक जड़ी-बूटी निकाली और उसका सेवन कर लिया उसका सेवन करते हैं उसके गाल के घाव तुरंत ही ठीक होने लगे और उसका रक्त बहना भी बंद हो गया अब तक रात हो चुकी थी उसने जब खिड़की से बाहर देखा तो बाहर पूरी तरह से रात हो चुकी थी सिर्फ राजमहल की अलग-अलग रंगों की मशाले जल रही थी और बाहर अभी भी आसमान में आतिशबाजी हो रही थी तभी उसको कमरे के अंदर किसी के मौजूद होने की आहट हुई उसने हवा से भी तेज गति से आपने तलवार को पीछे की तरफ घुमा दिया वह तलवार की नोक उस आदमी के गले के सिर्फ 1 इंच दूर रहकर ही रुक जाती है जल्द ही गर्व को अपनी गलती का एहसास होता है उस वक्त उस उसने उस केंद्रीय अधिकारी के गले के ऊपर अपनी तलवार को रखा हुआ था जो गर्व के कमरे में पहरेदारी कर रहा होता है अपनी गलती का एहसास होते ही गर्व ने अपनी तलवार को वापस नीचे कर दिया वह केंद्रीय अधिकारी अपने गले पर तलवार होने के बावजूद भी अपनी जगह से हिला नहीं था वह अपनी जगह पर शांति से खड़े होकर गर्व की आंखों में आंखें डाल कर घूरे जा रहा था ऐसा लग रहा था उसका गर्व कुछ भी बिगाड़ नहीं सकता है अपने शरीर के इतने पास तलवार होने के बावजूद भी वह अपना आसानी से बचाव कर सकता है इस बात का गर्व को काफी आश्चर्य हुआ वह उस अधिकारी की ताकत का अंदाजा लगाने लगा तभी वह अधिकारी एकदम से गर्व से कहता है क्या तुम्हें इस कमरे में कोई परेशानी है मुझे बाहर रहते हुए तुम्हारी चिल्लाने की आवाज आ रही थी क्या तुम्हें यहां पर कोई मारने आया था अरे नहीं नहीं मुझे इस कमरे में कोई भी परेशानी नहीं है वह तो मुझे एक बुरा सपना आ गया और उसी की वजह से मैं बिस्तर से नीचे जमीन पर गिर गया और मुझे चोट लग गई इसलिए मेरी थोड़ी चीख निकल गई अच्छा ऐसी बात है ठीक है कोई बात नहीं मुझे तुमसे इस वक्त कोई जरूरी बात करनी है इतना कहकर वह गर्व के कमरे के बिस्तर पर जाने लगा और वहां पर बैठ गया उसके वहां पर बैठते हैं उस पलंग से कट की आवाज आई और वह पूरा पलंग ही टूट कर नीचे गिर गया और साथ में वह भी उसके साथ नीचे गिर गया उसे नीचे गिरने की वजह से चोट लग गई और उसकी चीख निकल गई गर्व भी उस पर बैठने वाला था पर उसके पहले ही वह पलंग टूट कर नीचे गिर गया अगर गर्व वहा बैठा होता तो वह भी इस वक्त जमीन पर गिरा होता उसने तुरंत ही नीचे गिरे अधिकारी को उठा लिया और वहां मौजूद एक चारपाई पर बिठा दिया उस अधिकारी ने गर्व से कहा अच्छा हुआ तुम्हारी जगह तुम्हारी जगह पर मैं उस पलंग से गिर गया अगर तुम्हे चोट लग जाती तो अधिकारी आकाश सिंह की डाट मुझको पड़ जाती गर्व को तो लगा था कि वह अधिकारी वह पलंग कैसे टूटा इसके बारे में उससे सवाल पूछेगा और गर्व उसे अपने सपने के बारे में और खुद को थप्पड़ मारने के बारे में तो नहीं बता सकता था अच्छा हुआ कि एक सवाल शुरू होने के पहले ही खत्म हो गया गर्व को फिर वहां पर अच्छी सुगंध आने लगी उसने उस सुगंध की तरफ देखा तो वहां पर 1 मीटर लंबी 10 से ज्यादा थालिया रखी हुई थी तालियों में मांसाहार के साथ-साथ शाकाहार खाना रखा हुआ था और वहां पर चार-पांच घड़े भी रखे हुए थे और उसमें कई तरह के रस के साथ-साथ मद भी रखा हुआ था वह इतनी देर से सोया हुआ था कि उसे वहां पर रखे व्यंजनों के बारे में कुछ पता ही ना चला उसने उस अधिकारी की तरफ देख कर उससे पूछा क्या यह सब मेरे लिए है उस अधिकारी ने गर्व से कहा यह सब तुम्हारे कमरे में रखा होगा तो या तो मेरे लिए तो नहीं हो सकता यह तो तुम्हारे लिए ही होगा यह सुनकर गर्व 1 सेकंड भी देरी ना करते हुए उन व्यंजनों पर टूट पड़ा हुआ वह कितने देर तक सिर्फ जड़ी बूटियां खाकर अपनी प्यास को मिटाता रहेगा वह वहां पर रखे सारे व्यंजनों पर टूट पड़ा उसने कल रात से लेकर उस कालीचरण से पूरे 14 घंटों से ज्यादा देर तक लड़ाई की थी उसके पूरे शरीर का मांस गायब हो चुका था उसका वजन 15 किलो से भी ज्यादा कम हो चुका था उसके शरीर की नसे बाहर दिखाई दे रही थी फिर वह किसी राक्षस के तरह उन व्यंजनों के ऊपर टूट पडा उसने 1 मिनट के अंदर पूरी एक थाली को खत्म कर दिया यह शाकाहारी थाली थी वहां पर मौजूद अधिकारी गर्व की तरफ है हैरानी से देख रहा था पर वह भी गर्व की हालत को अच्छे से समझ सकता था इसलिए उसे ज्यादा कोई हैरानी नहीं हुई गर्व ने 15 मिनट के भीतर वह पर रखे बीस से भी ज्यादा थालियों को खत्म कर दिया और साथ में एक घड़ा रस को भी खत्म कर दिया पर वह करते समय कर अपने सावधानी से हर व्यंजन की पहले गंध ली क्योंकि वह जड़ी बूटियों का विशेषज्ञ होता है इसलिए वह किसी की गंध से वहा पर जहर मिला है या नहीं यह पहचान सकता है वह भले राजमहल में हो पर उसे कहीं से भी कैसे भी हमला हो सकता है इसलिए उसे हमेशा सतर्क रहना होगा उसने वहां पर रखी हर व्यंजन का पहले गंध लिया और उसके बाद ही उसमें उनका सेवन किया उसने 20 मिनट के भीतर ही वहां पर रखें हर व्यंजन का सेवन किया और वहां पर रखे घड़ी को भी गट कर लिया सारे भोजन को ग्रहण करने के बाद वह जमीन पर गिर पड़ा और एक लंबी तृप्ति की ढेकर दी इस जन्म में उसे इतना अच्छा पहले कभी महसूस नहीं हुआ थोड़ी देर आराम करने के बाद उसे वहां मौजूद अधिकारी ने आवाज दि उसके आवाज देते ही गर्व उठ गया उसके उठने के बाद उस अधिकारी ने गर्व से कहा तुम्हारा सारा काम हो चुका हो तो तुम्हें अधिकारी आकाश सिंह के साथ साथ राजा वीर प्रताप सिंह ने याद किया है उनको तुम्हारे साथ कोई खास काम है अब इतनी रात को उनको मेरे साथ क्या काम हो सकता है यह तो मुझे चैन से सोने भी नहीं देंगे इतना कहकर गर्व ना खुशी से ही उठ गया और वहां पर रखे हुए लोह मानव के कवच को पहन लिया और उस अधिकारी के साथ राजा वीर प्रताप सिंह के कमरे की तरफ जाने लगा गर्व ने देखा कि इस वक्त राजमहल में काफी चहल पहल थी चारों तरफ बस खुशी का माहौल था वहां मौजूद सारे लोग हंसते हुए बातें करते जा रहे थे गर्व ने उन लोगों से दुर्लक्ष कर दिया क्योंकि वह जानता था इतने हंसते खेलते चेहरे के पीछे कोई तांडव कबीले का आदमी मौजूद हो सकता है और वह कभी भी कुछ भी कर सकता है और उसे राज महल में हर वक्त सतर्क रहने की जरूरत है जल्द ही वह दोनों राजा वीर प्रताप सिंह के कमरे की तरफ आ गए उनके कमरे के बाहर तैनात सिपाही ने अंदर जाकर उनके बारे में राजा को खबर दी वह तुरंत ही बाहर आ गया और उसने उन दोनों को राजा की कमरे के भीतर जाने के लिए कहा वह दोनो ही फिर राजा वीर प्रताप सिंह के कमरे के भीतर चले गए राजा वीर प्रताप सिंह के साथ-साथ वक्त अधिकारी आकाश सिंह भी मौजूद थे उन दोनों के वहा आते ही राजा ने अपने हाथ में मौजूद एक अंगूठी को गोल घुमा दिया अंगूठी के पत्थर के गोल घूमते हैं उस कमरे में मौजूद एक मेज नीचे की तरफ जाने लगा गर्व वहां पर जा कर देखता है तो वह मेज लगातार नीचे की तरफ जा रही होती है वह जैसे जैसी नीचे की तरफ जा रही होती है वैसे वैसे वहां पर बनी सुरंग साफ साफ दिखाई दे रही थी उस सुरंग में सिड़िया भी बनी होती है इस सिडियो के जरिए सुरंग में नीचे की तरफ जाया जाता है फिर अधिकारी आकाश सिंह गर्व के पास जाकर उससे कहा यह देखो यह सुरंग राजा वीर प्रताप सिंह के कमरे में गुप्त तरीके से बनी हुई है और यहां पर सारे गुप्त काम किए जाते हैं उनकी बात सुनकर राजा वीर प्रताप सिंह ने अपना सिर हिला दिया और उन्होंने भी गर्व से कहा इस सुरंग के पार एक बहुत बड़ा कमरा है उसी जगह बहुत सारे गुप्त काम किए जाते हैं और तुमसे हमारे राज्य के वैज्ञानिकों को बहुत कुछ जानना है मैं आपको हर संभव मदद करने के लिए तैयार हूं गर्व ने राजा के कुछ कहना के पहले ही कह दिया और उसे डर लग रहा था कि राजा प्रताप सिंह और अधिकारी आकाश सिंह उसे सुरंग में ले जाकर मार तो नहीं डालेंगे क्योंकि पहले ही राजा ने अपनी तरफ सारे युद्ध की जीत का श्रेय ले लिया है और वह बिल्कुल भी नहीं चाहते कि किसी को भी सच के बारे में पता चले इसलिए वह अधिकारी आकाश सिंह के साथ मिलकर उसका काम तमाम करना चाहते हो पर उन्हें यह नहीं पता होता है कि गर्व के पास अभी भी स्टोरेज रिंग मौजूद है और उसका उपयोग करके गर्व किसी भी समस्या से आसानी से निपट सकता है इसलिए उसने झट से उस सुरंग में जाने के लिए हामी भर दि