गर्व अपनी गदा को पकड़ कर आराम से खड़ा हुआ होता है फिर गर्व ने उस अधिकारी के तरफ देखकर कहा और और ताकत बढ़ाओ फिर उसने अपनी तलवार से निकलती हुई अग्नि की ज्वाला को और बढ़ा दिया इन ज्वाला की चौड़ाई 2 सेंटीमीटर से 5 सेंटीमीटर तक बढ़ गई फिर भी उसका गर्व की गदा पर कोई भी असर नहीं पड़ रहा था पर इस वक्त गर्व को अपने गदा पर अपनी पकड़ को और मजबूत करना पड़ा और उसने अपने पैरों को जमीन पर मजबूती से गाड़ दिए साथ ही दबाव पड़ने कि कारण उस अधिकारी को भी अपने पैरों को जमीन पर मजबूती से गाड़ने पड़े फिर गर्व ने कहा और ताकत बढ़ाओ उस अधिकारी ने फिर से उस अग्नि की ज्वाला की चौड़ाई को फिर से बढ़ा दिया उसने उस ज्वालाओं की चौड़ाई को 10 सेंटीमीटर तक बढ़ा दिया था वह अग्नि की ज्वाला एक सीधी रेखा में आकर गर्व की गदा से टकराते जा रहे थी इसका गर्व की गदा पर कोई भी असर नहीं पड़ रहा था उसने अपनी जादुई शक्ति से उस नीलम पत्थर की उर्जा को में गदा में भेज दिया था और उस गदा के ऊपर एक सुरक्षा कवच उत्पन्न हो गया था जिसके कारण उस गदा के ऊपर उन ज्वालाओ का कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा था पर इसके कारण गर्व के और उस अधिकारी के शरीर पर बहुत दबाव पड़ रहा था उनके पैर जमीन में 2 फीट अंदर तक घुस गए यह देखकर वहां मौजूद सैनिकों की सांसे ही अटक गई क्योंकि यहां पर ऐसा ही दबाव बढ़ता रहा तो इस सुरंग की दीवार नीचे धंस जाएगी और उसके नीचे सारे मारे जाएंगे साथ ही उस अधिकारी के तलवार से निकलती हुई अग्नि के कारण यहां पर गर्मी बढ़ती जा रही थी बहुत हुआ अधिकारी आकाश सिंह ने अपनी जगह से उठते हुए ऊंची आवाज में कहा उनके इतना कहते ही वह अधिकारी अपनी जगह पर रुक गया और उसने अपनी तलवार से अग्नि को प्रज्वलित करना बंद कर दिया इस वक्त गर्व के साथ वह अधिकारी अत्याधिक दबाव के कारण जमीन में 3 फीट नीचे धसे हुए थे गर्व के हाथों से उसकी गदा भी पकड़े नहीं जा रही थी उसकी हाथों से वह गदा लगातार छुट्ती जा रही थी अगर उसे कुछ देर और वह दबाव झेलना पड़ता तो वह अग्नि की उर्जा गर्व के शरीर पर पड़ जाती और वहां मारा जाता उसके हाथों से बहुत आता लगातार फिसलते जा रही थी पर उसने अपनी जादुई शक्ति की मदद से उस गदा को एक जगह पर स्थिर कर दिया था वह उन अधिकारियों के सामने अपनी बेज्जती नहीं करवा सकता था उसे भी दिखाना था वह भी किसी से कम नहीं है अधिकारी आकाश सिंह तुरंत ही आखाड़े में आ गया और उसने गर्व के हाथों से गदा को अपने हाथों में ले ली वह उस गदा का ध्यान से निरीक्षण कर रहा था जैसे ही वह गदा गर्व के हाथों से चली गई गर्व को एक सुकून का अहसास हुआ उसके हाथों पर बहुत ज्यादा दबाव उत्पन हो गया था और वह एक झटके में खत्म हो गया पर उसने अपने चेहरे के भाव को तनिक भी नहीं बदला उसके चेहरे पर देखकर ऐसा लग रहा था कि उसने कोई काम किया ही ना हो वह अपनी बेज्जती थोड़ी करवाना चाहता था और उसे एक बात का पता चल गया कि वह अभी भी ताकत के मामले में औरो से कितना कम है और उसे अभी भी बहुत लंबा रास्ता तय करना है उस अधिकारी आकाश सिंह ने उस गदा को पकड़कर गर्व से कहा वाह यह तो बहुत ही कमाल का हथियार है क्या तुम हमें इस हथियार को बनाना सिखाओगे पर यह तो मैंने उन तांडव कबीले के हत्यारों से चुराई थी और मुझे नहीं पता कि यह नीली ऊर्जा किसी दूसरे गदा से भी प्रवाहित हो सकती है या नहीं गर्व ने उस अधिकारी से कहा नहीं पता नही तो फिर पता करके देखते हैं इतना कहकर उस अधिकारी ने वहां पर रखी हुई दूसरी गदा उठाई इसे उसने गर्व को दिया गर्व ने इस में भी नीली ऊर्जा को प्रवाहित करने की कोशिश की गर्व को लगा कि इसमें भी वह नीली ऊर्जा प्रवाहित होगी पर आश्चर्य की बात यह थी कि इसमें जैसे ही वह नीली ऊर्जा प्रवाहित होने लगी इस गदा का धातु पिघलना चालू हुआ जरूर ही वह तांडव कबीले के लोग किसी खास तकनीक से अपनी गदा को बनाते होंगे इसलिए यह ऊर्जा उनकी गधा से प्रवाहीत होती है पर वह दूसरी किसी भी गदा से प्रवाहित नहीं होती है फिर गर्व को एक बात के बारे में विचार आया और उसने अधिकारी आकाश सिंह से कहा कि आपने क्या आपने तांडव कबीले के लोगों के हत्यारों की गुफा की तलाशी ली वहां पर कई सारे हथियार रखे हुए थे क्योंकि गर्व वहां पर रखे हुए सारे सामानों को अपने पास स्टोरेज रिंग में रख नहीं सकता था इसलिए उसको कई सारा सामान वहीं पर ही छोड़ना पड़ा था अरे तुम उसकी चिंता मत करो हमने पहले ही वहां पर भरतपुर राज्य के सैनिकों को भेज दिया है वह उस गुफा का चप्पा चप्पा छान मार रहे हैं और उन्हें वहां पर जो कुछ भी मिलता है वह सब यहां पर ला रहे है उन्होंने अपने राज्य के आजू-बाजू मौजूद पूरे जंगल की तलाशी करनी चालू कर दी है उन्हें कभी भी कोई भी तांडव कबीले का हत्यारा मिलता है तो वह उनको तुरंत ही मार देंगे और तभी गर्व को एक और बात का ख्याल आया और उसने अधिकारी आकाश सिंह से पूछा आपको बाकी के सारी चीजों को अपने राज्य में लाने की जरूरत नहीं है क्या आपने वहां पर दीवारों पर लगी बड़े गोल कमरों को देखा है वह चीजें बहुत ही खतरनाक साबित हो सकती है हमें उन चीजों से दूर ही रहना चाहिए हमें पता है इन तांडव कबीले के लोगों के पास बहुत ही खतरनाक तंत्रज्ञान है इन्हीं के दम पर उन्होंने पहले भी कई सारे राज्यों को मिट्टी में मिला दिया और वह यह काम भरतपुर राज्य के साथ भी करना चाहते थे पर तुम्हारे जैसा शूरवीर होते हुए इस राज्य का कोई भी कुछ भी बिगाड़ नहीं सकता है मुझे तो ऐसा लगता है कि स्वयं भगवान ने तुम्हें भरतपुर राज्य की रक्षा के लिए भेजा है यह सुनकर गर्व ने अपने मन ही मन में कहा भगवान को मैं ही मिला था इस राज्य की रक्षा करने के लिए बाकी सब मर गए थे उन्होंने इतने सारे लोगों में से सिर्फ मेरी ही वाट लगा दी और समय में 900 साल आगे अपने घर से दूर किसी अनजान जगह पर भेज दिया अधिकारी आकाश सिंह की बात सुनकर राजा वीर प्रताप सिंह भी अपनी जगह से उठ गए और उन्होंने अधिकारी आकाश के पास जाकर कहां है तो एकदम सही बात है अगर गर्व ने पिछले रात लड़ाई में शामिल नहीं होता तो हमारे पूरे राज्य के लोग भेड़िया मानव में परिवर्तित हो गए होते और आप जैसे अधिकारियों को हमारे पूरे राज्य के लोगों को अग्नि देवता की भेंट चढ़ाना पड़ता फिर उन्होंने गर्व की तरफ देख कर कहा भरतपुर राज्य के लोग और मैं राजा वीर प्रताप सिंह सदैव ही आभारी रहेंगे भले ही तुम भविष्य में कितने भी बड़े केंद्रीय सत्ता के अधिकारी बन जाओ और दुनिया में कहीं पर भी चले जाओ तुम्हारे लिए जब तक मैं जिंदा हूं तुम्हारे लिए हमारे राज्य के दरवाजे हमेशा ही खुले रहेंगे और हमारा राज्य तुम्हारी हमेशा ही मदद करेगा यह सुनकर वहां मौजूद बाकी के वैज्ञानिक चौक गए उन सब ने तो यह सुना था कि गर्व एक तांडव कबीले का जासूस है जो कि भरतपुर राज्य में रह रहा है और वह तो एक खलनायक नहीं बल्कि वह तो एक नायक है उनके मन में भी गर्व के प्रति आदर जग गया धन्यवाद राजा वीर प्रताप सिंह जी मैं आपके इस एहसान के लिए सदैव ही आभारी रहूंगा गर्व ने अपना सिर झुकाते हुए विनम्र भाव से राजा वीर प्रताप सिंह को कहा ठीक है अब तुम जा सकते हो और तुम्हें कल होने वाले सत्कार समारंभ के लिए तैयार रहना पड़ेगा क्योंकि हमारे राज्य की जनता के मन में तुम्हारे लिए काफी नफरत की भावना है मैं यह बिल्कुल भी देख नहीं सकता मैं खुद हमारे राज्य की जनता के सामने तुम्हारे हर एक काम का उल्लेख करूंगा मैं यह भी बताऊंगा कि कैसे तुमने कालीचरण से मेरी जान को बचाया और पूरी रात भर तांडव कबीले के हत्यारों से लड़ते-लड़ते अपने प्राण की बाजी लगा दी तुम्हें सबसे बड़ा खलनायक बनाने वाला मैं ही हूं और मैं ही तुम्हें फिर से सबसे बड़ा नायक बनाने वाला हूं तैयार हो जाओ और आज रात अपने कमरे में जाकर अच्छे से आराम करो क्योंकि कल का सूरज तुम्हारी जिंदगी में खलनायक का नहीं बल्कि नायक की तरह उगने वाला है इतना कहकर राजा वीर प्रताप सिंह अधिकारी आकाश सिंह को लेकर वहां से जाने लगे फिर जिस अधिकारी की गर्व की सुरक्षा करने की जिम्मेदारी होती है गर्व के पास आया गर्व भी इस वक्त राजा वीर प्रताप सिंह और अधिकारी आकाश सिंह के पीछे पीछे जा रहा था उस अधिकारी ने गर्व को हाथ पकड़कर रोका और उससे कहा वहां से नहीं हमें दूसरे रास्ते से जाना है यह सुनते ही वहां मौजूद लोग जोर जोर से हंसने लगे राजा को और अधिकारी आकाश सिंह को भी हंसी आ गई वह दोनों पीछे पलटते हैं और राजा गर्व को कहता है यह रास्ता सिर्फ मेरे लिए और अधिकारी आकाश सिंह के लिए ही है यहां मौजूद सारे लोग दूसरे रास्ते से यहां पर आते जाते हैं यह कहां का नियम है और तुम्हें भी इस नियम का पालन करना होगा ओ माफ करना मुझे पता नहीं था मैं पहली बार यहां पर आया हूं इसलिए ठीक है तुम अब जा सकते हो और राजा वीर प्रताप सिंह आकाश सिंह के साथ वहां से जाने लगे फिर गर्व अपने अंगरक्षक अधिकारी के तरफ गया और वह दोनों ही दूसरे रास्ते से इस जगह से बाहर जाने लगे गर्व देखता है कि इस गुफानुमा जगह में जगह में हर तरफ कई सारे यंत्र लगे हुए होते हैं इन यंत्रों में से कई सारी जादुई रसिया भी लगी हुई होती है वह अलग-अलग रंगों से चमकती जा रही थी साथ ही यहां पर कई अलग-अलग तरह के हथियार भी रखे हुए होते हैं कई सारे हथियारों को गर्व पहचान भी नहीं पा रहा था गर्व गुफा में लगातार आगे की तरफ चलते हुए अपने आजू-बाजू की ओर नजर डालते जा रहा था और उसे कई सारी अलग-अलग चीजें दिखाई दे रही थी वहां पर कई तरह के जानवर भी उसे दिखाई दे रहे थे कई तो पिंजरे में कैद होते हैं और कई सारे मरे पड़े हुए होते हैं वहां मौजूद वैज्ञानिक लोग उनके शरीर के अंगो को बाहर निकाल कर उनपर बहुत सारे रासायनिक प्रयोग करते जा रहे थे वहां पर कई सारी कांच की बोतले रखी हुई होती है वहां पर कई सारे तरह की जानवरों के अंगों को रासायनिक प्रक्रिया से सुरक्षित रखा हुआ होता है वहां पर गर्व को उसके काम की चीजें भी दिखाई दे और वह थी जड़ी बूटियां