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वह कमरा पूरा पारदर्शी होता है जिसे अंदर से बाहर का और बाहर से अंदर का साफ-साफ देखा जा सकता है जैसे कि वह सारे लोग उस कमरे में प्रवेश कर गए वह गोल कमरा गोल गोल घूमने लगा आश्चर्य की बात यह थी कि उस कमरे में खड़े लोग अपनी जगह पर ही आराम से खड़े होते हैं उनके पैर को हल्का सा भी धक्का नहीं लग रहा था बस उस कमरे की बाहर की दीवार बाएं से दाएं की और गोल गोल घूमते जा रही थी भरतपुर राज्य के लोहमानव सैनिक यह देखकर भौचक्के रह गए थे जल्दी वह कमरा गोल गोल घूमते हुए इस इमारत के ऊपर की ओर जाने लगा फिरसे यह कई सारी मंजिलों को निचे छोड़ते हुए ऊपर की ओर बढ़ते जा रहा था और फिर वह एक मंजिल पर रुक गया इस कमरे का दरवाजा अपने आप ही खुल गया इस मंजिल पर जो अधिकारी अधिकारी आकाश सिंह के साथ मौजूद होते हैं वह उतर गए और फिर से यह कमरा गोल गोल घूमते हुए ऊपर की तरफ बढ़ने लगा फिर से यह कई सारी मंजिलों को नीचे छोड़ते हुए ऊपर की ओर जा रहा था और फिर यह एक मंजिल पर रुक गया इस कमरे का दरवाजा अपने आप ही खुल गया और वहां मौजूद सारे लोग इस कमरे के बाहर निकल गए वो लोग फिर से एक सफेद कमरे के अंदर मौजूद होते हैं और इस कमरे में वही 20 फीट ऊंचा दरवाजा होता है यहां पर फिर से उस दरवाजे के ऊपर बने काले तेंदुए ने अधिकारी आकाश सिंह के चेहरे को जाचा और फिर वह दरवाजा अपने आप ही खुल गया और वह सारे लोग इस दरवाजे के बाहर निकल गए दरवाजे के बाहर आकर वह एक बड़े से हॉल में आ गए यहां पर चारों तरफ चहल-पहल होती है यहा कई सारे अधिकारी यहां वहां टहलते जा रहे थे और उनके पीछे पीछे कई सारे लोगों का समूह होता है जैसे अधिकारी आकाश सिंह के पीछे कई सारे लोगों का समूह है वैसे ही उन अधिकारियों के पीछे भी कई सारे लोगों का समूह होता है गर्व समझ गया कि यह अधिकारी लोग पूरी दुनिया के कोने कोने से यहां पर आए हैं और उनके पीछे पीछे जो लोगों का समूह होता है उनमें से कोई एक केंद्रीय अधिकारी की परीक्षा देने वाला होता है उन्होंने भी अपने राज्य में से सबसे प्रतिभाशाली लोगों को खोजा होता है और वह लोग केंद्रीय अधिकारी की परीक्षा देने वाले होते हैं इस हॉल के मध्य भाग में एक कांच से बना एक मेज होता है उसके पीछे एक औरत बैठी हुई होती है वह औरत 25 के आसपास की लग रही थी वह दिखने में बहुत ही सुंदर दिखाई दे रही थी उसके लंबे काले घने बाल होते हैं वह दिखने में भले ही सुंदर दिखाई दे रही हो पर उसके आभामंडल से वह काफी ताकतवर मालूम पड़ रही थी उस मेज के सामने लंबी कतार लगी होती है अधिकारी आकाश सिंह ने गर्व के साथ बाकी के लोह मानवो के सैनिकों को एक जगह पर खड़े कर दिया और वह उस कतार में लग गए यह कतार परीक्षा के लिए उम्मीदवार को पंजीकरण करने के लिए होती है गर्व यहां पर आजू बाजू देखता है तो वह देखता है की यहां पर कई सारे लोगों के समूह का जगह पर खड़े हुए होते हैं गर्व के समूह में लोह मानवो के कवच पहने सैनिक होते हैं वैसे ही वहां पर कई सारी धातु के कवच पहने सैनिक मौजूद होते हैं गर्व उनको देखकर अच्छे से बता सकता था की उनके कवच का तंत्रज्ञान भरतपुर राज्य के तंत्रज्ञान से कई गुना अधिक होता है वहां पर मौजूद कोई कोई लोह मानव तो उड़ भी पा रहे थे और इसके साथ साथ उनके कवच पर कई सारे यंत्र भी लगे हुए होते हैं जिनका अलग-अलग काम हो सकता है वहां पर कई सारे लोग ऐसे होते हैं जिनका आधा शरीर आदमी का और आधा शरीर किसी दूसरे ही प्राणी का होता है गर्व के पिछले जन्म में वैज्ञानिकों ने आदमियों और बाकी की जानवरों से मिश्रण से नई जाति को बनाने के लिए काफी प्रयोग किए थे पर किसी भी वैज्ञानिक ने इस काम को करने में सफलता नहीं पाई थी पर उसके मरने के बाद वैज्ञानिकों ने यह भी चमत्कार करके दिखाया उस शेर के मुंह वाले आदमी को देख कर गर्व पहचान गया गया की वैज्ञानिक समुदाय ने जीवशास्त्र क्षेत्र में काफी गंभीर और बहुत बड़ी है प्रगति कर ली है वहां पर मौजूद किसी एक समूह के पास आदमी का शरीर होता है और उसके पास पंख भी मौजूद होते हैं जिससे कि वह आकाश में उड़ सकते हैं जब गर्व ने कालीचरण के पक्षी को देखा था तो उसको लगा था कि इन तांडव कबीलो के पास ही दुनिया का सर्वश्रेष्ठ तंत्रद्यान है पर वह तो सिर्फ शुरुआत होती है पर अभी असली खेल तो अब शुरू शुरू होने वाला है अधिकारी आकाश सिंह ने जल्दी अपना पंजीकरण कर लिया और वह गर्व के तरफ वापस आ रहे थे उन्होंने बाकी के लोह मानव को वहीं पर रहने का आदेश दिया और गर्व को लेकर वह एक गलियारे की ओर चल पड़े उस बहुत बड़े हॉल की एक तरफ गलियारा होता है जहां पर अधिकारी लोग अपने परीक्षार्थियों को लेकर जाते हैं गर्व ने देखा कि वहां पर मौजूद कोई कोई समूह उसके तरफ तुच्छता भरी नजर से देखे जा रहे थे गर्व उनकी भावनाओं को समझ सकता था क्योंकि उन सब का परीक्षार्थी उम्मीदवारों से मुकाबला होता है इसलिए वह अपने प्रतिद्वंदी के बारे में कम नजर से देखते हैं गर्व को उनकी सोच से कोई मतलब नहीं होता है उसका भले ही एक केंद्रीय सत्ता का अधिकारी बनने का लक्ष्य हो पर उसका असली लक्षा अपनी ताकत को बढ़ाना होता है और अपने पिछले जन्म के परिवार तक पहुंचना होता है उन सब की तुच्छता भरी नजरों को नजरअंदाज करते हुए गर्व अधिकारी आकाश सिंह के साथ गलियारे की तरफ बढ़ते जाता है गर्व मन ही मन में सोचता है वह मुकाबला ही क्या है जिसमें तुम्हारा प्रतिबंधी तुम्हारे बारे में गंभीरता से सोचता ना हो भले ही तुच्छता के भाव से ही सही वह तुम्हारे बारे में गंभीरता से सोचते हैं एक नजर से वह तुमको इज्जत ही दे रहे होते हैं उनके हिसाब से तुम्हारी इस दुनिया में एक जगह है और इसी जगह का उनकी नजर में एक महत्व होता है खैर गर्व अधिकारी आकाश सिंह के पीछे पीछे चलता रहा इस गलियारे की चौड़ाई 4 मीटर होती है और इस गलियारे के आजू-बाजू कमरे बने होते हैं हर एक कमरे के सामने एक उम्मीदवार खड़ा होता है कोई-कोई कमरों के सामने कोई भी खड़ा नहीं होता है उन्ही में से एक खाली कमरों के सामने जाकर अधिकारी आकाश सिंह रुक गए और उन्होंने गर्व को बाहर ही रहने का आदेश दिया और उन्होंने गर्व को कहा जब तक उसे अंदर बुलाने का आदेश नहीं आता उसे बाहर इंतजार करना पड़ेगा इसके बाद अधिकारी आकाश सिंह इस कमरे के अंदर चले गए इस कमरे के बाहर मौजूद खुर्सियो पर गर्व बैठ गया वह थोड़ी देर तक वहां पर बैठा रहा थोड़ी देर बाद वहां पर वह शेर जैसे दिखने वाला आदमी आया जिसको उसने उसके बाहर देखा था उसने साथ एक आदमी मौजूद था उसने भी एक कवच को पहना हुआ होता है इसलिए गर्व उसके चेहरे को देख नहीं पा रहा था फिर वह शेर जैसा आदमी वहां पर मौजूद थे खाली कमरे के अंदर चला गया जो कमरा खाली होता है उसका रंग नीला होता है और जो कमरा भरा हुआ होता है उसका रंग लाल होता है अधिकारी आकाश सिंह जैसे ही खाली कमरे के अंदर चले गए उस कमरे के दरवाजे का रंग नीला से बदलकर लाल हो गया था इसी से वहां पर खाली और भरे हुए कमरों का पता लगाया जाता है जो आदमी शेर जैसे आदमी के साथ आया था वह गर्व के सामने की ओर एक कुर्सी पर बैठ गया गर्व को दिखा कि वहां पर दीवारों में कई सारे कप्पे बने हुए थे और उनमे कई सारे किताबें रखी हुई होती है यह किताबे वहां पर लोगों को अपने खाली समय को बिताने के लिए रखी हुई होती है गर्व वहां पर गया और उसने अपनी रुचि की एक किताब उठा ली यह किताब जड़ी बूटी के बारे में नहीं होती है इस वक्त गर्व ने वहा से भूगोल की किताब को वहा से उठाया होता है इस किताब में दुनिया के भूगोल के बारे में लिखा होता है भले ही इस किताब में पूरी दुनिया के भूगोल के बारे में नहीं लिखा हो और वहां थोड़ी सी ही जानकारी हो पर इस वक्त गर्व को थोड़ी सी जानकारी से काम चलाना पड़ेगा उसने उस किताब का पहला पन्ना पलटा और उसने जैसे ही पहले वाक्य को पढ़ा वह तो लड़खड़ा कर लगभग गिर ही पड़ा था पर उसने जैसे तैसे खुद को संभाला और वापस अपनी जगह पर स्थिर हो गया क्योंकि वहां पर वह एक और परीक्षार्थी बैठा हुआ था अगर उसने गर्व को इस किताब को पढ़कर नीचे गिरते हुए देखता तो उसको गर्व पर शक हो जाता उसे तो बस इतना ही दिखाई दिया कि गर्व अपनी जगह से थोड़ा हिला और फिर अपनी जगह पर वापस खड़ा हो गया गर्व ने जिस पहले वाक्य को पढ़ा था उसमें लिखा था इस ग्रह का व्यास 1 करोड किलोमीटर है यह जानकर तो उसे जोर का झटका लगा क्योंकि उसके पिछले जन्म में इस ग्रह का व्यास सिर्फ 1० लाख किलोमीटर होता है यानी कि तुम एक जगह से सीधी रेखा में चलते जाओ और वह रेखा जब इस ग्रह पर गोल घूम कर फिर से मिल जाएगी तब उस रेखा की लंबाई 1000000 किलोमीटर नहीं होगी उसकी लंबाई 10000000 किलोमीटर होगी गर्व सोचने लगा कि यह कैसे हो गया किसी भी ग्रह का व्यास और लंबाई चौड़ाई कैसे कम ज्यादा हो सकती है या फिर घट या बढ़ सकती है कहीं वह किसी दूसरे ग्रह पर तो नहीं आ गया यह सोच सोच कर ही उसका दिमाग चकराने लगा पर भरतपुर राज्य ही किताब में थे यही लिखा था कि इस ग्रह का पव्यास 1000000 किलोमीटर है पर इस किताब में तो कुछ अलग ही लिखा है कही अधिकारी आकाश सिंह ने उसे दूसरे ग्रह पर तो नहीं लेकर आए पर गर्व तो सारा समय युद्धपोत में खिड़की के बाहर ही देख रहा था यह तो बिल्कुल भी नहीं हो सकता है फिर अपने सारे विचारों को बाजू में रखकर गर्व ने आगे पढ़ना चालू किया आगे का पढ़कर तो उसको सदमा ही लग गया वह तो खड़े होकर ज्यादा सदमे नहीं सह सकता था इसलिए वह वहा पर एक कुर्सी पर बैठ गया गर्व ने आगे पढ़ा कि 900 साल पहले इस दुनिया का व्यास 1000000 किलोमीटर ही था पर उस वक्त इस दुनिया में एक पापी दुराचारी दुष्ट व्यक्ति रहता था वह एक राक्षस समुदाय का व्यक्ति था और वहां अपना भेष बदलकर इस दुनिया में रहता था वो व्यक्ति और कोई नहीं बल्कि गर्व ही होता है पर उसने तो अपने पिछले जन्म में बहुत अच्छे काम किए थे उसने उस वक्त दुष्ट लोगों के खिलाफ कई जंग लड़ी थी और कई जीती भी थी उस वक्त तो उसे लोग स्वर्ग लोक का योद्धा मानते थे जिसको खुद भगवान ने उनकी रक्षा करने के लिए भेजा है पर वह जैसे ही मर गया उसका तो पूरा नाम ही बदल गया उसे नायक से खलनायक बना दिया गया उस किताब में आगे लिखा था कि गर्व जैसे ही मारा गया इस दुनिया के राक्षसों की सेना ने पूरी दुनिया में आतंक मचा दिया क्योंकि वह गर्व उन राक्षसों का नेता होता है वह उसके मरने के बात को वह सह नहीं पाए इसलिए उन्होंने पूरी दुनिया में कत्लेआम करना चालू कर दिया