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और उसने अपने एक हाथ में बर्फीली तलवार पकड़ी हुई होती है और दूसरे हाथों की अंगूठी से चाकू बाहर निकलते जा रहे थे और वह चाकू सीधा उन हत्यारों के आंखों का निशाना लेते जा रहे थे गर्व इस वक्त अपने सैनिकों का भी लड़ने के लिए इस्तेमाल कर सकता था पर अगर वह अपने सैनिकों का लड़ने के लिए इस्तेमाल करता तो उनमें से कोई कोई मारे भी जा सकते थे पहले तो वह सिर्फ हत्यारे ही उन पर हमला कर रहे होते हैं उस वक्त वह अपने सैनिकों की जान बचा सकता था और इस वक्त उन हत्यारों के साथ साथ उनका नेता भी इस लड़ाई में कूद गया था और गर्व को उस हत्यारों के नेता की असली ताकत का कोई अंदाजा नहीं होता है अगर गर्व को एक साथ उस हत्यारों के नेता और उन हत्यारों से लड़ना पड़े तो उसको उनसे लड़ना मुश्किल हो जाता वह हर वक्त अपने सैनिकों पर नजर नहीं रख सकता था और इसके कारण उसके कुछ सैनिक भी मारे जाते भले ही गर्व का इस जिंदगी में उसके लक्ष्य के अलावा उसको किसी की भी ज्यादा चिंता नहीं होती है पर वह सैनिक उसके लिए काम के साबित हो सकते हैं उनकी जान ऐसे ही जाते हुए गर्व नहीं देख सकता है उस हत्यारों के नेता ने जैसे ही गर्व की तरफ देखा वहां पर गर्व अकेला ही होता है और वह उसके साथी हत्यारों को मारते जा रहा था गर्व को देखकर उसे गुस्सा आ गया उसने गुस्से से अपने सामने जो हत्यारे मौजूद होते हैं उनको अपने दोनों हाथों से बाजू की तरफ धकेला और वह दोनों ही तीस फिट हवा में उड़ कर वापस नीचे जमीन पर आ गिरे उसकी शक्ति को देखकर गर्व अचंबित रह गया उसे तो पहले से लग रहा था कि यह हत्यारों की नेता के पास बहुत ज्यादा शक्ति है उसका वह अंदाजा भी नहीं लगा सकता है फिर उस हत्यारों के नेता ने गर्व की तरफ छलांग लगा दी छलांग लगाते लगाते ही उसके हाथ में पत्थरों का बना हुआ एक चाबुक सा आ गया वह चाबुक उसके शरीर के अंदर से निकला और उसके हाथों में आ गया गर्व ने जैसे ही देखा कि वह अपने पत्थर के बने हुए चाबुक से उस पर हमला कर रहा है उसने भी अपनी बर्फीली तलवार की नोक अपनी तरफ आ रहे पत्थर के चाबुक के ऊपर कर दी गर्व की तलवार की नोक से भी बर्फ का तूफान निकल कर उस पत्थर के चाबुक के ऊपर जा लगा और उसका पत्थर का चाबुक बर्फ की मोटी दीवार के अंदर फस गया इस वक्त वहा जो भी हत्यारे मौजूद होते है वह गर्व और उनके नेता के बीच की लड़ाई में नहीं आ रहे थे वह उनके 100 मीटर दूर रहकर ही इस लड़ाई को देखे जा रहे थे जैसे ही उस हत्यारों के नेता का चाबुक गर्व के बर्फ के पत्थर की दीवार के अंदर फस गया गर्व ने उससे कहा क्यों क्या हुआ पहलवान बस इतना ही दम है तुममें पर गर्व ने उसको कुछ कम ही आक लिया था इस वक्त गर्व की नजर उस हत्यारों के नेता की आंखों में होती है तभी उसका दूसरा हाथ हवा में उसके पीछे से उठ गया और उसकी दूसरी हाथों में भी एक पत्थर का चाबुक उसके हाथों से निकल कर तैयार हो गया उसके शरीर पर जो पत्थर होते हैं वह उसके शरीर से चलते हुए उसके हाथों तक पहुंच रहे होते हैं और उन्हीं पत्थरों से वह पत्थर का चाबुक बनते जा रहा था वह चाबुक 2 सेकेंड के अंदर पूरा बनकर तैयार हो गया और उस हत्यारों के नेता ने उस चाबुक को पूरी शक्ति से गर्व के शरीर पर चला दिया गर्व ने उस चाबुक के वार को देख लिया और समय रहते वह अपनी जगह पर से हट गया और अपनी जगह से छलांग मार कर 10 मीटर पीछे की तरफ चला गया गर्व जैसे ही अपनी जगह पर से हटा वह पत्थर का चाबुक गर्व की बनाई हुई बर्फ की दीवार पर जा टकराया और उस बर्फ की दीवार के टुकड़े-टुकड़े हवा में चारों तरफ फैल गए वह समझ गया कि यह जो हत्यारों का नेता होता है वह अपने शरीर पर लगे पत्थरों को जैसा चाहे वैसा नियंत्रित कर सकता है पत्थरों का इस्तेमाल करके जैसा चाहे वैसे चीजों को बना सकता है इससे लड़ना गर्व के लिए काफी मुश्किल भरा हो सकता है फिर गर्व ने थोड़ा सा भी समय नहीं गवाते ते हुए उस हत्यारे के नेता की आंखों की तरफ बर्फ के छोटे टुकड़े उछाल दिया इस वक्त वह हत्यारो का नेता गर्व की तरफ् गुस्से से देख रहा होता है गर्व को लगा की इसी वक्त का फायदा उठाकर वह हत्यारों के नेता की तरफ हमला कर सकता है और उसको चोट पहुंचा सकता है पर गर्व का अंदाजा गलत निकल गया उस हत्यारों के नेता की गर्व के तरफ अपनी पूरी नजर होती है वह बर्फ के छोटे टुकड़े जैसे ही उसके तरफ आए उसने अपना दाया हाथ अपने सामने कर दिया और उसके दाएं हाथ में चाबुक होता है उस चाबुक में उस इस वक्त एक पत्थर की दीवार का रूप ले लिया और वह भी हवा में गर्व का अंदाजा बिल्कुल सही निकल गया वह हत्यारो का नेता अपने पत्थरों से जिस भी आकार को अपने मन में चाहे उस आकार को बना सकता है इससे लड़ना तो उसके लिए काफी मुश्किल भरा हो सकता है गर्व ने देखा कि उस हत्यारों के नेता की आंखों में इस वक्त खून उतर चुका था वो गर्व को जिंदा पकड़ना नहीं चाहता था वह इस वक्त गर्व को जान से मारना चाहता था गर्व भी अपनी पूरी शक्ति से तैयार हो गया उसने भी अपनी दूसरे हाथ में स्टोरेज रिंग से गदा निकाल कर पकड़ ली और वह चलते-चलते उस हत्यारों के नेता की तरफ बढ़ने लगा वह हत्यारों का नेता भी गर्व की तरफ चलते-चलते बढ़ने लगा और देखते ही देखते वह आपस में टकरा गए वह हत्यारों का नेता गर्व से शारीरिक शक्ति के मामले में बहुत ताकतवर होता है उसके पत्थरों के वार को रोकना गर्व के लिए मुश्किल होते जा रहा होता है पर गर्व जैसे ही अपनी शारीरिक शक्ति को कम होने का महसूस करता है वह तुरंत ही दूर हटकर जड़ी बूटी का सेवन करता जिससे कि उसकी शारीरिक शक्ति फिर से बढ़ जाती है और वह पहले जैसा ही उस हत्यारों के नेता से लड़ पाता वह हत्यारों का नेता अपने पत्थरों का इस्तेमाल करते हुए गर्व के दो हाथों में जो दो हथियार होते हैं उनको जकड़ने की कोशिश करते जा रहा था पर गर्व भी कुछ कम नहीं होता है उसे जैसे लगता कि उसके दोनों हथियार जकड़े जा चुके हैं वह अपने दोनों हथियारों को छोड़ देता और उस हत्यारो के चेहरे के सामने अपनी स्टोरेज रिंग को कर देता और तभी गर्व अपनी जादुई शक्तियों का उपयोग करते हुए अपनी स्टोरेज रिंग से चाकू निकाल कर उसकी आंखों पर वार करता इस से वह पूरी तरह से हड़बड़ा जाता और कुछ कदम पीछे की तरफ चला जाता और वह गर्व के दोनों हथियारों को अपनी पत्थरों की पकड़ से आजाद कर देता और वह दोनों हथियार फिर से गर्व के हाथों की पकड़ में आ जाते तभी अचानक वहां पर बाकी के सैनिकों के समूह ने हमला कर दिया जो कि इस वक्त सिंह मानव के किले पर बैठकर गर्व की और उस हत्यारों के नेता की लड़ाई को देखे जा रहे थे गर्व को और हत्यारों के नेता के साथ इतनी देर तक लड़ते हुए देखकर उनके घमंड के बांध ने जवाब दे दिया और वह टूट गया उनके घमंड का बांध जैसे ही टूटा उन्होंने कुछ भी ना सोचते समझते हुए उन हत्यारों पर हमला बोल दिया वह यह नहीं देख सकते थे कि जिस गर्व को और उसके सैनिकों के समूह को उनोहने अपने से कम आका था वह इस वक्त उनसे भी बड़े काम को कर रहा होता है उन सैनिकों ने उन हत्यारों पर पूरी शक्ति से हमला बोल दिया और उन हत्यारों ने भी उन सैनिकों पर हमला कर दिया क्योंकि गर्व ने ५00 मीटर के दायरे में जमीन पर और पेड़ों पर पूरी तरह से सफेद बर्फ को जमा दिया होता है इसीलिए वहां पर सब कुछ साफ साफ दिखाई दे रहा होता है वह उन हत्यारों को भी देख रहे होते हैं इसीलिए उन सैनिकों को उन हत्यारों से लड़ने में कोई भी दिक्कत नहीं आ रही थी वह सैनिक उन हत्यारों से लड़ते हुए गर्व की तरफ और उस हत्यारों की नेता की तरफ बढ़ने की कोशिश करते जा रहे थे वह हत्यारों का नेता इस वक्त गर्व के साथ लड़ाई में उलझा हुआ था पर उसका ध्यान बार बार उन सैनिकों की तरफ जा रहा होता है इसका ही फायदा उठाकर गर्व ने अपनी स्टोरेज रिंग से अपने लोह मानव सैनिकों को बाहर निकाल दिया और उनको वहां मौजूद हत्यारों से लड़ने का आदेश दिया गर्व का आदेश मिलते ही वह सैनिक उन हत्यारों पर पड़े क्योंकि गर्व के सैनिकों को इस वक्त बाकी के सैनिकों का साथ मिल रहा होता है इसलिए उन्हें उन हत्यारों से लड़ने में दिक्कत नहीं आ रही थी वह हत्यारों का नेता फिर भी गर्व पर लगातार हमले करते जहां रहा होता है और गर्व उन हमलों से बचते जा रहा होता है उनकी लड़ाई की जगह पर अब बाकी के परीक्षार्थी उम्मीदवार भी पहुंच गए थे पर उस हत्यारों के नेता कामराज और गर्व की लड़ाई के बीच वह नहीं कूद पा रहे होते हैं इस वक्त गर्व की काले ध्यान की शक्ति जाग उठी थी और उसका युद्ध मंडल भी बढ़ गया होता है इसलिए उसकी शक्ति पहले से कई गुना अधिक हो गई थी और वह हत्यारों के नेता कामराज की शक्ति पहले से ही बहुत ज्यादा होती है उनके लड़ाई के कारण गर्व के बनाए हुए बर्फ की सतह टूटकर हवा में बिखरती जा रही होती है पर गर्व लगातार वहां पर बर्फ की सतह को फिर से बना देते जा रहा था वह हत्यारों का नेता कामराज अपने चारों तरफ पत्थर का चाबुक घुमाते जाता जिससे कि कोई भी उसके पास नहीं आ सकता था इस चाबुक से पेड़ की डाली भी कट कर नीचे गिर जाती तभी वहां पर वह सिंहमानव का नेता राज्यवर्धन सिंह भी आ गया और उसने उस हत्यारों के नेता को पीछे से पकड़ लिया उसे उठाने की कोशिश कर रहा था पर वह उसको अपनी जगह से तनिक भी हिला नहीं पा रहा था यह बहुत ही आश्चर्य की बात होती है कि वह राज्यवर्धन सिंह इतना ताकतवर होते हुए भी उस हत्यारों के नेता को अपनी जगह से तनिक भी हिला नहीं पा रहा होता है उसकी ताकत को गर्व ने भी देखा हुई होती है इस परिस्थिति का फायदा उठाकर गर्व ने उसका कामराज की आंखों पर बर्फ फेंक दिया पर वह बहुत ही सतर्क और होशियार था वह बर्फ इससे पहले की उसकी आंखों को छु पाता उसके माथे के अंदर से पत्थरों का समूह बाहर निकला और उस पत्थरों के समूह ने उसके पूरी आंखों को ढक लिया और गर्व के फेके हुए बर्फ के टुकड़े उस पत्थरों से टकराकर नीचे गिर गए फिर उस हत्यारों के नेता कामराज ने अपना एक हाथ हवा में उठाया उस हाथ की कोहनी को उसने सिंह मानव के सिर पर दे मारा उसके सिर पर कोहनी लगते ही उस सिंह मानव राज्यवर्धन सिंह के माथे से खून टपकना चालू हुआ यह देख कर उसके साथ जो सिंह मानवो का समूह होता है वह सारे के सारे उस हत्यारों के नेता कामराज की तरफ दौड़ पड़े