जिसके कारण वह अंधेरे में भी देख सकता है भले ही उस को अंधेरे में पूरे रंग नहीं दिखते हो उसको सब कुछ कृष्ण धवल जैसा दिखता हो पर उसे उन हत्यारों की आंखें साफ साफ दिखाई दे रही थी जिनका वह चाकू से निशाना लेते जा रहा था वहां पर देखते ही देखते 100 से ज्यादा हत्यारे मारे गए और गर्व ने अपनी मानसिक शक्ति का उपयोग करते हुए उन लोह मानवों को स्टोरेज रिंग से भी बाहर निकल दिया और वह भी अपने स्टोरेज रिंग के बाहर निकल गया वहां पर मौजूद सिंह मानवो ने देखा कि जंगल के अंधेरों में फिर से वह लोह मानव फिर से प्रकट हो गए हैं और उनके तलवार की दोनों तरफ की धार से अग्नि प्रज्वलित होते जा रही है और गर्व भी वहां पर अचानक से प्रकट हो गया है उसके हाथ में एक तलवार होती है उसमें से बर्फ निकलकर बाहर गिर रही होती है फिर गर्व ने वहां पर मौजूद पेड़ों पर बर्फ को फैलाना चालू किया अपने 100 से ज्यादा लोगों को मरता हुआ देखकर वह हत्यारे भड़क गए उन्होंने जैसे ही वहां पर उन लोह मानवों को एक छेद से प्रकट होते हुए देखा वह फिर से उन लोह मानवों की तरफ टूट पड़े फिर से उन हत्यारों ने उन लोह मानवो को चारों तरफ से घेर लिया दूर खड़े हुए दूसरे समूह के सैनीक यह सब देखे जा रहे थे साथ में राज्य वर्धन सिंह भी यह सब देखे जा रहा था इस वक्त गर्व अपने काले ध्यान शक्ति की ताकत की मदद से उन लोह मानवों को सिर्फ तो स्टोरेज रिंग के अंदर ही नहीं भेज रहा था बल्कि वह उनके पूरे कवच को नियंत्रित भी कर सकता था वह उनके कवच को आगे पीछे दाएं बाएं या फिर किसी भी दिशा में भेज सकता था पर गर्व ने उनके कवच की जो हाथ की मुट्ठीया होती है उन पर पहले ही चाकू लगा दिए थे यह चाकू उनके कवच के अंदर होते हैं गर्व ने अपनी मानसिक शक्ति का उपयोग उन चाकुओं को उनकी मुट्ठी के बाहर ला दिया क्योंकि गर्व की ताकत अब पृथ्वी मंडल के योद्धा की तरह हो गई थी इसलिए वह उन हत्यारों का आसानी से सामना कर पा रहा था ऊपर से उसकी काली ध्यान शक्ति की ताकत भी जाग उठी थी गर्व इस वक्त अपने सैनिकों को उन हत्यारों से लड़ने की पूरी आजादी दे रहा होता है भले ही गर्व उनके कवच को पूरी तरह से नियंत्रित कर सकता हूं पर वह एक साथ 15 लोह मानव के ऊपर अपनी मानसिक शक्ति का उपयोग नहीं कर सकता है पर जब भी उन लोह मानवो में से एक की भी जान खतरे में होती उसी वक्त अपनी मानसिक शक्ति का उपयोग करता और उन लोह मानवों को अपनी जगह पर से दूर हटा देता और उनकी जान बच जाती दूर खड़े सिंह मानवो के साथ बाकी के सैनिकों के समूह देख रहे थे कि कैसे वह गर्व के सैनिक आकाश मंडल के होने के बावजूद भी उन हत्यारों से लड़ते जा रहे थे और फिर भी उनके 15 में से 15 में एक भी सैनिक मारा नहीं जा रहा था यह देखकर उनको अपने ऊपर शर्म आने लगी उन्होंने तो उन लोगों को बहुत ही कम समझा था पर वह तो सारे के सारे बहादुर निकले जब वह सारे सैनिक किला बना कर खुद की जान बचा रहे होते हैं उसी वक्त वहां पर कोई अपनी जान पर खेलकर उन हत्यारों से लड़ते जा रहे होते हैं गर्व ने इस वक्त पाठ 100 मीटर में मौजूद पेड़ों पर पूरी तरह से बर्फ जमा दिया था और वह और उसके सैनिक इन बर्फ की जगह पर जाकर उन हत्यारों का सामना कर रहे होते हैं क्योंकि गर्व ने वहां पर चारों तरफ बर्फ फैला दी होती है इसलिए वहां पर जमीन पर पैर रखना भी उन हत्यारों के लिए मुश्किल होते जा रहा था उन हत्यारों के शरीर पर पत्थर लगे हुए के कारण वह उन पर पैर देकर फिसलते जा रहे होते हैं वह अपना संतुलन नहीं बना पा रहे होते हैं इसीलिए गर्व को और उसके सैनिकों को उन हत्यारों से लड़ना थोड़ा आसान होते जा रहा था गर्व इस वक्त बर्फ बनाते बनाते उन सिंह मानव ने बनाए हुए किले की तरफ भी जा सकता था पर उसने जंगल के दूसरी तरफ जाने का निर्णय लिया उन सिंह मानवो के साथ दूसरे सैनिकों के समूह अपने गर्व की मुश्किल हालत में मदद नहीं की थी गर्व भी उन्हें दिखाना चाहता था कि वह और उसके सैनिक भले ही आकाश मंडल के क्यों ना हो पर वह भी किसी भी खतरों का अकेले सामना करने में समर्थ है वह भी किसी से कम नहीं है उसे उन पृथ्वी मंडल के सैनिकों के समूह की मदद की कोई आवश्यकता नहीं है वह लोग खुद इतने समर्थ है कि पूरे 3 महीने तक इन जंगलों में अकेले रह सकते थे और हर समस्या का सामना करने का सामर्थ्य रख सकते हैं इस वक्त गर्व की शारीरिक शक्ति उसके चरम पर होती है गर्व ने यहां पर जो बर्फीली जगह बनाई होती है वहां पर किसी भी हत्यारे को गर्व के सैनिकों को मारना असंभव हो रहा था अचानक वह हत्यारे अपनी जगह पर ही रुक गए गर्व ने भी अपने सैनिकों को रोकने का आदेश दिया वहां पर मौजूद हत्यारों की भीड़ बाजू हटते जा रही थी वह वहां पर किसी के लिए रास्ता बनाने जा रहे होते हैं उस रास्ते में से एक सात फीट ऊंचा आदमी चलते आ रहा था वह उन हत्यारों का नेता लग रहा था क्योंकि वह सब हत्यारे इस वक्त गर्व की बनाई हुई सफेद बर्फीली जगह पर होते हैं इसलिए दूर किले पर खड़े हुए सैनिकों को भी यह नजारा साफ साफ दिखाई दे रहा होता है वहां पर मौजूद सारे परीक्षार्थी उम्मीदवार यह देखकर जल भुन उठे उन्हें यह लग रहा था कि उस हत्यारों के नेता ने गर्व को इतना काबिल और लायक समझ लिया है कि वह उसके सामने खुद आ रहा है उसने वहां पर मौजूद किसी भी दूसरे सैनिकों के समूह को और उनके नेता को इतना काबिल नहीं समझा कि वह उनके सामने आए वह हत्यारों का नेता जल्द ही गर्व के सामने आ गया वह 7 फीट ऊंचा होने के साथ-साथ उसके शरीर यष्टि भी काफी तगड़ी होती है उसकी छाती बहुत ही चौड़ी लग रही होती है साथ ही उसकी आंखों का रंग भी पूरा काला होता है कोई भी उसकी आंखों में देखता तो वह यह पता नहीं लगा सकता था कि उस आदमी के मन में क्या चल रहा है वह जैसे ही गर्व के समूह के सामने आया उसने उनकी आवाज में कहा कौन हो तुम लोग और तुम लोग किस राज्य से आए हो तुम्हारे नेता का नाम क्या है और तुम्हारा युद्ध मंडल कौन सा है उसने इतनी ऊंची आवाज में सवाल पूछे थे कि यह आवाज उन सिंह मानव के बनाए किले की तरफ भी जा रही होती है उस किले के सारे लोग उस दिशा में उन हत्यारों के नेता की दिशा की तरफ देखने लगे जैसे ही उस नेता ने गर्व के सैनिको से यह सवाल पूछा कि केदार ने भी ऊंची आवाज में उस नेता को कहा तुम कौन हो और तुम्हारा क्या हक बनता है कि तुम हमसे सवाल पूछो तभी गर्व ने केदार के आंखों में आंखें डाल कर उसे शांत रहने का इशारा किया गर्व का इशारा मिलते ही वह शांत हो गया गर्व इस वक्त उन सैनिकों के दाएं ओर एक कोने में खड़ा होता है और उसने अपने हाथ में बर्फीली तलवार को पकड़ा हुआ होता है वह फिर उस कोने से सैनिकों के बीच में आ गया गर्व की लंबाई साडे 5 फिट होती है और उन लोह मानव की कवच की लंबाई 10 फिट होती है यह देखकर उस हत्यारों के नेता की आंखें ही बड़ी हो गई उसे यकीन नहीं हो रहा था कि वह छोटा सा किशोर युवक इन सैनिकों का नेता है तभी गर्व ने उस हत्यारों के नेता को कहा पहले मैं तुम्हारे एक सवाल का जवाब दूंगा मेरा नाम है गर्व है गर्व राठौड़ तुम्हारा क्या है हत्यारों के सरदार गर्व ने ऊंची आवाज में उस नेता से कहा हम्मम बहुत घमंड है तुम्हें इतने से हो पर जोश बहुत है तुममें हा हा हा चलो मैं तुम्हें अपना नाम बता ही देता हूं मेरा नाम कामराज है कामराज और मैं बता दूं मैं तुम्हारे ज्यादा सवालों के जवाब मैं नहीं देने वाला पर मैं तुमसे मेरे सारे सवालों के जवाब निकाल दूंगा सीधी उंगली से नहीं तो तेडी उंगली से ही सही चलो अब मेरे सवाल का जवाब दो बच्चे नहीं तो तुम्हें पता ही है कि हम तुम्हारा क्या हाल कर सकते हैं यह सुनकर गर्व जोर से हंस पड़ा उसने हंसते हुए उससे कहा हाल यह कहते हुए उसने अपनी तलवार की नोक को मरे पड़े हुए उसकी हत्यारो की तरफ घुमा दी उसने जैसे ही गर्व की तलवार की दिशा की तरफ देखा उसने अपने हत्यारे वहां पर मरे पड़े हुए दिखाई दिए वह देखकर उसका पारा ही चढ़ गया उसने अपने हत्यारे साथियों की तरफ देख कर कहा मार डालो इसके सारे सैनिकों को और मुझे यह गर्व का बच्चा जिंदा और सही सलामत चाहिए अगर किसी ने भी इस गर्व के बच्चे को मारा तो मैं उसे मार डालूंगा मैं इसके मुंह से अपने सारे सवालों के जवाब उगलना चाहता हूं मारो टूट पड़ो वह बहुत जोर से चिल्लाया उसके चिल्लाने के बाद वहां मौजूद सारे के सारे हत्यारे उन सैनिकों के साथ गर्व के ऊपर टूट पड़े और वह हत्यारों का भी नेता भी गर्व की तरफ दौड़ पड़ा एक साथ इतने सारे हत्यारे उसके ऊपर हमला करने के कारण गर्व ने बर्फीले तलवार को चारों तरफ फैलाना चालू किया उसने वहां पर बर्फ का तूफान हि ला दिया उसने अपने तरफ बढ़ रहे हत्यारो के नेता की आंखों पर भी बर्फ की परत चढ़ा दी जिसके कारण उसको थोड़ी देर के लिए दिखना बंद हो गया इसी का ही फायदा उठाकर गर्व ने वहां पर जो भी लोह मानव होते हैं उनको अपनी अपनी स्टोरेज रिंग में भेज दिया और उन स्टोरेज रिंग को अपनी स्टोरेज रिंग में रख दिया क्योंकि इस वक्त गर्व ने वहां की हर एक पेड़ की हर एक डालियो पर बर्फ जमा किया होता है इसलिए उन हत्यारों को पेड़ पर चढ़ना नामुमकिन होता जा रहा होता है उन्हें गर्व की तरह बढ़ने के लिए जमीन का ही इस्तेमाल करना होता है पर गर्व ने जमीन पर इतनी मात्रा में बर्फ को जमा दिया होता है कि उन हत्यारों को जमीन पर अपने पैरो से संतुलन बनाना भी मुश्किल होते जा रहा था वह लगातार जमीन से फिसलते जा रहे होते हैं क्योंकि गर्व ने इस वक्त जमीन पर जो बर्फ जमाई होती है उसका रंग सफेद होता है इसलिए उसके तरफ दूर से देखा जा सकता है और वह जो सैनिक सिंह मानव के बनाए हुए किले पर मौजूद होते हैं वह गर्व की तरफ देखकर गर्व से जल भून रहे होते हैं उनका मानना होता है कि गर्व उन तांडव कबीले के हत्यारों से लड़ने के बिल्कुल लायक नहीं है उसी जगह पर तो उनको उन हत्यारों के नेता से लड़ाई करनी चाहिए इधर उस हत्यारों के नेता की आंखों में जैसे ही बर्फ चली गई उसकी आंखों में थोड़ा दर्द हुआ पर वह बहुत जल्दी ही ठीक हो गया और उसने अपनी आंखें खोल कर गर्व की तरफ देखा इस वक्त गर्व ने इस बात अपने गति मंत्र को कार्यान्वित किया होता है जिसके कारण उसकी गति पृथ्वी मंडल के तीसरे चरण के योद्धा के बराबर हो गई थी