और वहां पर मौजूद सारे सैनिक जो की पहाड़ों की तरफ बढ़ते जा रहे होते हैं वह वहीं पर रुक गए और उनमें से कोई कोई सैनिक उन पेड़ों के ऊपर चढ़ने लगे पर वहां पर कोई भी मौजूद नहीं होता है वहां पर बर्फ के सिवा कुछ भी मौजूद नहीं होता है गर्व ने वहां पर मौजूद अपनी बर्फीली तलवार को पहले ही अदृश्य कर दिया था फिर वहां पर विदेश भी चढ़ गया और उसने भी देखा कि वहां पर तो कोई भी मौजूद नहीं है इसे देखकर तो वह हैरान रह गया उसे लगा यहां पर कोई भूत तो नही मौजूद है पर वह भी एक बड़े राज्य का होता है और उसे भी कई सारे जादुई शक्तियों के बारे में पता होता है वह बिल्कुल भी घबराया नहीं वह उस पेड़ से नीचे उतर गया और उसने वहां पर मौजूद सारे सैनिकों को एकत्र किया पर इस सब के कारण कामराज थोड़ा गुस्से में आ गया था उसे समझ में नहीं आ रहा था कि यह कौन है जो कि उसके साथ खेल खेलते जा रहा है वह तो उसे भी दिखाई नहीं दे रहा है इस वक्त वह कामराज हड़बड़ाया जैसे लग रहा था और साथ में उसे थोड़ा गुस्सा भी आते जा रहा था कामराज का यहां पर जो भी हत्यारे मौजूद होते उन सबसे उसका दिमागी संपर्क होता है पर इस पूरे वक्त उसको यहां पर किसी भी तांडव कबीले के हत्यारे पर शक नहीं हो रहा था उसे तो अपने हत्यारों पर पूरा भरोसा होता है कि उसको उन पर पूरा नियंत्रण है पर फिर भी उसे यह समझ में नहीं आ रहा होता है कि इस जंगल में ऐसा कौन है जो उसके साथ खेल खेलने की हिम्मत रखता हो और वह कौन है जो उसके साथ खेल खेलते जा रहा है तभी उसको पिछले साल की बात याद आ जाती है और उसकी आंखें बड़ी हो जाती है गर्व इस वक्त उसके चेहरे पर ही अपनी नजर को बनाए हुए था जैसे ही गर्व ने देखा कि कामराज को कुछ याद आकर उसकी आंखें बड़ी हो गई है वह सतर्क हो गया इस वक्त कामराज यहां पर किसी भी हत्यारे को पहचानता नहीं होता है वह से उनको एक गुलाम की तरह ही देख रहा होता है वह सिर्फ उनको आदेश दे सकता है पर उनके चेहरे और उनकी पहचान को वह नहीं समझ सकता है फिर वह वहां पर जो कोई भी हत्यारे है उनके चेहरों से पत्थर के आवरण को हटाने लगा और उनके चेहरे को ध्यान से देखने लगा वहां यहां पर गर्व को ही ढूंढते जा रहा था इस वक्त वह बहुत ही जल्दबाजी में लग रहा होता है गर्व इस वक्त कामराज से सिर्फ 6 मीटर की ही दूरी पर खड़ा होता है और वह कामराज जल्द ही हत्यारों के चेहरे को देखते देखते उसके पास पहुंच जाएगा वह गर्व के पास भी पहुंच गया था तभी वहां पर मौजूद सारे के सारे हत्यारो के ऊपर बर्फ की चादर बिछ जाती है इस बर्फ का रंग सफेद होता है और यह चादर उन हत्यारों के ऊपर बिछती हुई जाकर वहां मौजूद सैनिकों की तरफ बढ़ती जाती है जैसे ही यह बर्फ की चादर बिछते हुए सैनिकों की तरह बढ़ती जाती है वहां पर मौजूद वीरेश के साथ बाकी सैनिकों की नजर इन हत्यारों पर पड़ती है और वह सब इन हत्यारों पर धावा बोल देते हैं इस वक्त वह सारे के सारे हत्यारे बर्फ में लिपटे हुए होते हैं वह कुछ भी कर नहीं रहे होते हैं उन्हें तो सिर्फ कामराज ही आदेश देता है और वह सारे कामराज के ही गुलाम होते है पर यह कामराज किसका गुलाम होता है यह गर्व को जानना होता है जैसे ही वहां पर मौजूद सैनिक उन हत्यारों के ऊपर अपना धावा बोल देते हैं वहां पर मौजूद कामराज की भी उन सैनिकों के ऊपर नजर पड़ जाती है इस वक्त वह कामराज वैसे भी बहुत ही हड़बड़ाया और गुस्से में होता है जैसे ही उसने देखा कि उन सैनिकों ने उन हत्यारों पर हमला बोल दिया है उसको भी गुस्सा आ गया और वह भी अपनी जगह से पीछे पलट गया इस वक्त वह कामराज गर्व के सिर्फ 3 मीटर की दूरी पर मौजूद होता है उसे इस वक्त बहुत गुस्सा आया हुआ था और उसने भी अपनी तरफ आते हुए सैनिकों की तरफ कुछ ना सोच समझकर धावा बोल दिया और वहां पर मौजूद हत्यारों को उन सैनिकों पर एकदम से टूट पड़ने का आदेश दे दिया उसने उन हत्यारों से दिमागी संदेशों से कहा मार डालो इन सब को यहां पर कोई भी जिंदा नहीं बचना चाहिए और फिर वहां पर जो कोई भी हत्यारे मौजूद होते हैं वह सारे के सारे उन सैनिकों के ऊपर टूट पड़े गर्व को तो यही चाहिए होता है कि कब कामराज का अपने दिमाग से पूरा संतुलन बिगड़ जाए और गर्व इसी का ही फायदा उठाकर वहां पर मौजूद हत्यारों पर अपने दिमागी संपर्क को स्थापित करने का प्रयास करें अगर गर्व कामराज के होशो हवास में रहते हुए वहां पर मौजूद हत्यारों से अपनी दिमागी संपर्क को स्थापित करने का प्रयास करता तो कामराज को यह बात पता चल जाती और वह उन हत्यारों को गर्व पर हमला करने का आदेश देता और तब गर्व बच नहीं पाता पर अब इस वक्त कामराज को बहुत ज्यादा गुस्सा आया हुआ था वह इस वक्त सैनिकों की तरफ दौड़ते जा रहा होता है उसके दोनों हाथों में दो पत्थरों के चाबुक आ गए होते हैं और वह उन चाबूको को हवा में घुमाते घुमाते उन सैनिकों की तरफ गुस्से से दौड़ते हुआ जा रहा होता है और इस वक्त उन सैनिकों का नेता वह वीरेश ही होता है और वह भी पूरे गुस्से से कामराज की तरफ दौड़ते जा रहा होता है उसे लगा कि यह वही है जिसने पहले उसके खाने में बर्फ को मिलाया और उनके सैनिकों की हत्या कि इस वक्त वीरेश के दोनों हाथों में दो तलवार होती है गर्व उन तलवारों को देखते ही समझ गया कि यह दोनों ही तलवारे मायावी होती है और इन तलवारों के अंदर जादुई शक्ति होती है और देखते ही देखते कामराज और वीरेश एक दूसरे के तरफ टकरा गए और उनमें घमासान जंग छिड़ गई इस वक्त वीरेश के दोनों हाथों में जो तलवार होती है वह दोनों ही धातु की बनी होती है और वीरेश अपनी तलवार के आकार को घटा या बड़ा भी सकता है जैसे ही वह कामराज अपने पत्थरों के चाबुक से वीरेश के ऊपर वार करता वीरेश की तलवार किसी धातु की दीवार का रूप ले लेती और वह वीरेश के पूरे शरीर को संरक्षण प्रदान करती इसलिए वह कामराज इस वक्त वीरेश का कुछ भी बिगाड़ नहीं पा रहा होता है पर फिर भी वह कामराज इस वक्त अपने दिमाग से अपना संतुलन खो चुका होता है उसके दिमाग में पूरी तरह से गुस्से ने अपना कब्जा जमाया हुआ होता है वह कामराज अपने चाबूको के द्वारा वीरेश के शरीर पर कई सारे वार करते जा रहा था इसी का गर्व को फायदा उठाना होता है वह अपने दिमागी संपर्क को वहां पर मौजूद बाकी के हत्यारों के दिमाग से स्थापित करने की कोशिश करते जा रहा था वह अपने दिमाग पर काफी ज्यादा जोर दिए जा रहा था और आखिर में उसने वहां मौजूद एक हत्यारे से अपना दिमागी संपर्क स्थापित करने में कामयाबी पा हि ली गर्व इस वक्त सैनिकों से लड़ नहीं रहा था वह तो वहां पर एक जगह पर नीचे बैठा हुआ था और उसके आजू बाजू चारों तरफ वह हत्यारे मौजूद होती है गर्व ने जैसे ही वहां पर एक हत्यारे से अपना दिमाग संपर्क स्थापित करने में कामयाबी पाई वह हत्यारा अपने जगह पर ही रुक गया वह इस वक्त गर्व के पास ही खड़ा हुआ होता है गर्व इस वक्त अपने एक घुटने के बल पर नीचे बैठा हुआ होता है वह भी हत्यारा गर्व के सामने आ गया और वह भी गर्व के सामने अपने घुटने को जमीन पर टिकाते हुए नीचे बैठ गया वह हत्यारा अभी आजाद नहीं हुआ होता है वह अभी गर्व के दिमागी नियंत्रण में होता है पहले वह कामराज के दिमागी नियंत्रण में होता है वह अब गर्व के दिमागी नियंत्रण में होता है वह दोनों तरफ से एक गुलाम ही होता है वह हत्यारा जैसे ही नीचे जमीन पर बैठा गर्व ने उसके चेहरे के पत्थर के आवरण को अपने दिमाग के नियंत्रण से बाजू हटाया उसका चेहरा देखकर गर्व को झटका ही लग गया क्युकी यह और कोई नहीं बल्कि कामराज की ही शक्ल होती है यह कैसे हो सकता है यह कामराज तो उन हत्यारों से लड़ रहा होता है ना फिर यह यहां पर कैसे आ गया अचानक गर्व का उस हत्यारे से अपना दिमागी नियंत्रण टूटने लगता है और वह जो गर्व के सामने नीचे घुटने के बल पर हत्यारा बैठा हुआ होता है वह गर्व की तरफ देखकर हंसने लग जाता है गर्व को अपने कानों में साफ साफ आवाज में वीरेश की और कामराज की लड़ाई करने की आवाज सुनाई दिए जा रही होती है फिर यह कामराज यहां पर कैसे आ गया यह गर्व को समझ में नहीं आ रहा था
वह कामराज गर्व की तरफ देख कर हंसने लगा और उसने कहा क्यों आया ना मजा कैसा लगा मेरा खेल इस वक्त गर्व के आजू-बाजू जो भी हत्यारे मौजूद होते हैं उन्होंने गर्व को और कामराज को चारों तरफ से घेर लिया होता है और जो बाकी के हत्यारे होते हैं वह सैनिकों के साथ लड़ते जा रहे होते हैं इस वक्त कामराज एक साथ दो जगह पर मौजूद होता है एक साथ वह वीरेश के साथ लड़ाई भी करते जा रहा होता है और दूसरे ही पल में गर्व के सामने नीचे बैठकर बातें भी करते जा रहा होता है गर्व को समझ में नहीं आ रहा होता है कि उसने तो उस हत्यारों से बड़ी कोशिशों के बाद अपने दिमाग से संपर्क स्थापित करने में सफलता पा ली थी फिर यह तो दूसरा हत्यारा निकलना चाहिए था यह कामराज कैसे हो सकता है गर्व के चेहरे के भाव को देखकर वह कामराज समझ गया कि इस वक्त वह क्या सोच रहा है यह देखकर वह हंसने लगा और उसने गर्व से कहा मानना पड़ेगा तुम्हें तुम्हारी मानसिक शक्ति बहुत ही मजबूत है यहां तक कि मैं भी तुम्हारी चालबाजी में अंधा हो गया था मुझे तो यही देखना था कि तुम इस वक्त कहां पर हो इसलिए ही मैंने यह जाल तुम्हारे लिए बिछाया हुआ होता है और देखो तुम मेरे जाल में फंस ही गए हा हा हा तो बताओ यहां पर सबसे बड़ा खिलाड़ी कौन है तुम या मैं
मैं गर्व ने कहा और उस कमराजबके चेहरे पर अपने हाथों से एक जोरदार मुक्का जड़ दिया जैसे ही गर्व ने कामराज के चेहरे पर अपना मुक्का जड़ दिया उसकी नाक की हड्डी टूट गई और वह पीछे की तरफ जा गिरा और उसके मुंह से खून बहने लगा जैसे ही गर्व ने उसके चेहरे पर अपना मुक्का जड़ दिया उसके मुंह से आह की आवाज नहीं आई बल्कि जो वीरेश से लड़ रहा होता है वह जोर से चिल्लाया आह जैसे ही वह वीरेश से लड़ रहा कामराज चिलाया आह वैसे ही गर्व के सामने बैठे हुआ कामराज का चेहरा बदलने लगा और उस राज्य वर्धन के चेहरे में परिवर्तित हो गया जो कि पिछले साल उसके साथ जंगल में होता है