13. Try for my baby.   dream and real life.

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सब जानने के बाद दीप्ति को अपने भाई के लिए बेचैनी होने लगी थी।   

" मैं अपने भाई को बचाने के लिए ये सब करने के लिए आई थी।  लेकिन,  जब मेरा भाई ही नहीं बचेगा तो फिर मुझे ये सब करने का क्या फायदा।   इससे तो अच्छा है,, कि.... मैं अपनी जान दे दूं।   या तो मुझे अपने भाई को बचाना होगा,,  या फिर मुझे अपनी जान दे देनी चाहिए।"   अपनी जगह पर खड़ी दीप्ति के घबराते हुए ये सब सोच ही रही थी,  कि.... तभी अचानक से उस रूम का दरवाजा खुला,   और दीप्ति अपने ख्यालों से बाहर आ गई।    

लेकिन,   अपने ख्यालो से बाहर आने के बाद दीप्ति ने जो देखा,   उसे देखने के बाद दीप्ति लड़खड़ाते हुए दो कदम पीछे हट गई,   और डर के मारे उसकी सांस फूलने लगी।   

और दीप्ति की सांस इसलिए फूल रही थी,  क्योंकि.... दीप्ति के सामने इस वक्त दो मोटे काले सांड जैसे इंसान खड़े थे।   जो बेहद ही डरावने ओर घिनोने type के नजर आ रहे थे।  

उन दोनों आदमियों को देखकर पहले उन दोनों लड़कियों ने भी मुंह बनाया।   लेकिन,,  फिर एक दूसरे की तरफ देखने के बाद वो दोनों लड़कियां उसे आदमी की तरफ बढ़ गई।   

उन दोनों के पास पहुंचने के बाद उन लड़कियों ने उन दोनों के सूट को उतारा।

लेकिन,   वो दोनों आदमी उन दोनों को ignore करके एक साथ कदम से कदम मिलाकर दीप्ति की तरफ बढ़ने लगे।   

दीप्ति ने जब उन दोनों को अपनी तरफ आते देखा ,, तो दीप्ति को ऐसा लगा,   जैसे उसका सब कुछ खत्म होने वाला है।

दीप्ति घबराते हुए अपने कदम पीछे लेने लगी।

अचानक से दीप्ति की नजर table पर रखे एक स्टील स्टैचू पर गई,  तो दीप्ति ने अचानक से वो स्टैचू उठाया,,  और उसे अपने पीछे वाले खिड़की पर दे मारा।   

स्टैचू जैसे एक खिड़की पर लगा,   तो वो glass window चूर-चूर होकर बिखर कर नीचे गिर गया। 

दीप्ति को glass window तोड़ते देख उन दोनों लोगों ने एक दूसरे की तरफ देखा,,    और  दीप्ति को पकड़ने के लिए तेजी से दीप्ति की तरफ दौड़ पड़े।

लेकिन,,   इससे पहले कि.... वो लोग दीप्ति तक पहुंच पाते,,  अचानक से दीप्ति ने खिड़की से छलांग लगा दी।  

यह सब देखते ही उन दोनों लड़कियों ने हारने से अपने मुंह पर हाथ रख लिया। तुझे ये बात उन दोनों लड़कियों ने भी नहीं सोची थी,  कि.... दीप्ति छलांग लगा देगी।  

"Ohhhh shit. call my gaurds.   i want that girl.i want him back. "  दीप्ति के खिड़की से कुदते ही उनमें से एक आदमी चिल्लाते हुए बोला।  और खिड़की से झांककर ये देखने लगे की आखिर दीप्ति कहां गिरी है।   

,,,,,, 

अपनी बीवी को यूं ही रात भर देखते देखते देवा ने पूरी रात निकाल दी थी।  लेकिन,   देवा की नजरे थी,,  कि.... दिव्या से के चेहरे से हट ही नहीं रही थी। 

देवा का दिल नींद में बार-बार दिव्या के सिकुड़ते होठों ओर आँखों पर चला जाता,,   जिन्हे देखकर देवा का दिल जोरो से धड़कने लगता।   लेकिन, ,  अपनी बीवी के wish को पूरा करने के लिए देवा किसी तरह से खुद को कंट्रोल किये बैठा,   बस अपनी बीवी को निहारे जा रहा था। 

लेकिन, ,   देवा के हंसी की चेहरे की मुस्कुराहट तब हवा हो गई,   जब उसकी क्वीन नींद में परेशान होते हुए गहरी सांस से लेकर बिस्तर पर हाथ पर मारते हुए तड़पने लगी।  

दीप्ति ने जब खुद को ऊपर से नीचे गिरते देखा,   तो उसकी चीख निकल गई, ,

लेकिन,    इस चीख में भी दीप्ति के मुंह से एक नाम निकला था, ,    "अर्जुन...।" 

अचानक से दीप्ति अर्जुन नाम लेते हुए जोरों से चिल्लाई,,  और घबराहट के मारे, पसीने से लथपथ गहरी सांस लेते हुए दिप्ति उठकर बिस्तर पर बैठ गई।   

जी हां. ...  जिसे अब तक देव दिव्या समझ रहा था,,  वो दिव्या नहीं,  बल्कि.... दीप्ति थी।   

और दीप्ति के देवता पहुंचने का रीजन कुछ ऐसा था..... दीप्ति मैं जब खिड़की से छलांग लगाई थी,    तभी वहां पर फूलों से भरा एक ट्रक गुजर रहा था।   और दीप्ति पर भगवान की कृपा कुछ इस तरह से थी,,  कि.... दिप्ति सीधे फूलों से भरे ट्रक में जा गिरी।

वैसे तो दीप्ति को कोई ज्यादा चोट नहीं आई थी।   लेकिन,  मरने के सदमे की वजह से दीप्ति वहीं पर बेहोश हो गई।  और जब गोलियों की आवाज सुनकर दीप्ति को होश आया,,  तब की सिचुएशन को आप सभी जानते ही है।  

 दीप्ति के मुंह से अर्जुन नाम सुनने के बाद देवा का गुस्सा उसके सर के ऊपर से जा चुका था।   

"कौन है ये अर्जुन?   जिसने मुझसे ज्यादा मेरी बीवी के दिल में जगह बनाकर रखी हुई है? "   दिप्ति बेचारी घबराते हुए ठीक से सांस भी नहीं ले पाई थी,,  कि..... अचानक से आई आई देवा की गुस्से से भरी आवाज ने दिव्या की सांसों को एक बार फिर से अटका दिया।  

 दीप्ति को लगा था,,  कि.... वो किसी बंद जगह पर पड़ी हुई है।

लेकिन,,  देवा की आवाज सुनने के बाद दीप्ति ने जैसे ही अपने सामने बैठे देवा ओर room की डेकोरेशन को देखा,,   तो दिप्ति को याद आया,   कि....  अब उसकी शादी हो चुकी है,   और वो देवा के साथ उसके कमरे में है।

 देवा की हुई हरकतें ओर जबरदस्ती वाली शादी दिप्ति की आंखों के सामने एक-एक करके reel की तरह घूमने लगी।   ये सब याद आते ही दीप्ति एक बार फिर से पूरी तरह से जवाब देने की उसकी हिम्मत भी जवाब दे गई। 

दीप्ति सोच ही रही थी,   कि.... देवा को अर्जुन के बारे में कैसे बताएं,, कि.... तभी अचानक से दीप्ति को तेज झटका लगा      और  इस झटके के साथ दीप्ति बिस्तर पर आ गिरी। 

हालांकि देवा का बेड इतना नरम और सॉफ्ट था, ,  कि....  दिव्या को चोट नहीं आई थी।   लेकिन,   झटका लगने की वजह से दीप्ति के मुंह से चीख निकल गई थी।

लेकिन,   दिव्या की सांस तब अटक गई।   जब देवा झुक कर सीधे दीप्ति के ऊपर आया,,   और दीप्ति के गले को पड़कर गुस्से से भरी,    खून जैसी लाल आंखों से उसकी आँखों मे देखते हुए बोला,,    "कौन है ये अर्जुन,,    जिसने.... King की क्वीन के दिल में किंग से ज्यादा जगह बना कर रखी है? "   

देवा को इस तरह से गुस्से में देखकर दीप्ति की तो जान ही निकल गई।   ओर देवा के गला दबाने की वजह से दिप्ति का चेहरा लाल पड़ने लगा।   

  अपने गले पर बनी देवा के हाथ की पकड़ की वजह से  दीप्ति सांस नहीं ले पा रही थी। 

दिव्या बड़ी मुश्किल से सांस लेने की कोशिश करते हुए कुछ बोलने वाली थी,   कि....  तभी देवा गुस्से से दांत पीसते हुए बोला,,    "कहीं ये वही अर्जुन तो नहीं,,   जिसके साथ तुम भागने की कोशिश कर रही थी?  हाँआ... बताओ मुझे?"  

दीप्ति से इतना बोलते हुए देवा ने अपने हाथों की पकड़ को दीप्ति के गले पर पहले से भी कहीं ज्यादा मजबूत कर दिया।     

देव के गला दबाने की वजह से दीप्ति को सांस नहीं आ रही थी।

लेकिन,   देवा की बातें सुनते ही दिव्या की आंखों से आंसू गिरने लगे।   और दिव्या ने रोते हुए ना मे सर हिला दिया।

अपनी जान की आंखों से गिरते आँसू को देखकर देवा के हाथ अचानक से ढीले पड़ गए। 

देवा ने दिप्ति की आंखों से गिरते आंसुओं को देख कर,,  देव ने बीपी के गले को छोड़ा और बेहद ही प्यार से दीप्ति के आंसुओं को अपने हाथों से पोंछ दिया।

दीप्ति देवा के गले दबाने की वजह से सांस नहीं ले पा रही थी।

इसलिए,    दीप्ति को सांस करने में हेल्प दिलाने के लिए देवा ने दीप्ति के होठों पर अपने होंठ रख और दीप्ति को सीपीआर देना स्टार्ट कर दिया। 

दीप्ति को देवा से डर भी लग रहा था।  लेकिन,   देवा को अपनी केयर करते देख दीप्ति को सुकून भी मिल रहा था।    इसलिए,   कुछ ही सेकेंड्स के बाद दीप्ति नॉर्मल हो गई।  

 दीप्ति के नॉर्मल होने के बाद देवा दीप्ति के माथे को प्यार से चूमते हुए बोला,,    "बताओ मुझे कौन है ये अर्जुन?   अगर कोई लड़का है,   तो मैं उसकी जान ले लूंगा।   क्योंकि.... तुम सिर्फ और सिर्फ king की queen हो।   And I don't want,   कि.... मेरे अलावा तुम्हारे दिमाग में किसी का ख्याल तक आए।   

"बच्चा...,,  बच्चा,,,, है....  अर्जुन। सपने में मुझे बच्चा दिखाई दे रहा था।"  अपने आप को किसी तरह से संभालते हुए दिव्या ने देवा को जवाब दिया,,  और देवा की आंखों में देखने लगी,,  जो अभी भी गुस्से से लाल हो रखी थी।   

लेकिन,    दिव्या के मुंह से अचानक से बच्चे का नाम सुनते ही देवा के एक्सप्रेशंस एकदम से चेंज हो गए,,  और देवा जो अब तक गुस्से में था उसके चेहरे पर अचानक से कातिलाना मुस्कान आ गई।  

"So that means.... तुम हमारे बच्चे का सपना देख रही थी?" देवा ने दीप्ति का मजाक उड़ाते हुए कहा।   

 लेकिन,   दीप्ति को देखने के बाद देवा रोमांटिक होते हुए बोला,,    "तुम तो बड़ी तेज निकली... यार,    अभी तक हनीमून भी नहीं हुआ और तुमने बच्चे तक के सपने देख लिए।"     दीप्ति से इतना कहते हुए देवा ने प्लस किया,   और अपने चेहरे को मुस्कुराते हुए अपने दोनों हाथों में छुपा लिया। 

दिप्ति की बातें सुनने के बाद देवा को इतनी खुशी हो रही थी, ,   कि देवा पहले नहीं समा रहा था।

लेकिन,   युवान की बातों ने दीप्ति के तोते उड़ा दिए थे।  

दीप्ति shock एक्सप्रेशंस और blank mind के साथ हैरानी से देवा को देखे जा रही थी,   जो खुशी के मारे blush करते हुए मुस्कुरा रहा था।   

" नहीं. ..,,  मैंने...,,  मैंने ये नहीं,,,,"

 अपने  sance मे आने के बाद दिव्या इतना ही बोल पाई थी,   कि.... अचानक से देवा ने फिर से दीप्ति के ऊपर आया     और दीप्ति को गहरी नजरों से देखते हुए बोला,,    "so... तुम्हारे कहे मुताबिक रात तो गुजर गई।   तो क्यों ना... हम,  अपने baby के लिए अभी try करें?"