Tu ek khooni h

अगर चला लेती,,,,,,,,तो तुम्हें इस तरह,,,,,,किसी और के सामने ,,,,,,खड़ा ना होना पड़ता,,,,,,,,यह कह आर्य ,,,,बगैर पीछे मुद्दे,,,,वहां से चली जाती है

और वहीं साइना सिर्फ,,,,,,,,,arya को जाता हुआ देखती रह जाती है ,,,,,,,चीन को उसकी आंखों से,,,,,,,उसकी बातों से,,,,,वह यह तो समझ जाती हैं ,,,,,,कि कुछ तो दर्द है,,,,,,,,,,जो वह सबसे छुपा रही है ,,,,,,,,क्योंकि उसकी बातों से उसका दर्द साफ जाहिर हो रहा था

जिससे साइना,,,,,आर्य के बातें सोचने लगती है,,,,,,,,,जिससे साइना अपने मन मे ,,,,,,सही तो कहा आर्य ने ,,,,,,,,जो इंसान खुद की मदद नहीं कर सकता ,,,,,,,,वह दूसरों से मदद की उम्मीद कैसे कर सकता है ,,,,,,,,यह कहते हुए उसकी आंखों में ,,,,,,,दर्द साफ झलक रहा था, ,,,,,,,,यह कैसा दर्द ,,,,,,,,वह आपको आगे पता चलेगा

🩷🩷🩷🩷

अब आगे______________

और वही एक मेंशन के बाहर एक ऑटो आता है,,,,,,,उसमें से एक लड़की बाहर निकलती है ,,,,,,,यह कोई और नहीं ,,,,,,रूही थी ,,,,,जो उस मेंशन को बड़े गौर से देख रही थी,,,,,इस घर से ,,,,,,,,उसकी कई यादें थी ,,,,,कुछ अच्छी ,,,,तो कुछ बुरी

वह जैसे-जैसे मेंशन के अंदर ,,,,,,अपने कदम रख रही थी,,,,,,उसके दिल की धड़कन बढ़ रही थी,,,,,उसके पैर कांप रहे थे ,,,,,,,कि वह अंदर जाए या ना जाए ,,,,,,उसके चेहरे पर एक घबराहट और बेचैनी साफ नजर आ रही थी,,,,,,किसी को देखने की

उसके मन में बस ,,,,,,,अभी यही चल रहा था,,,,,,,,क्या वह अब भी,,,,,,,उसे खुद से मिलन देगी ,,,,,उसे देखने देगी ,,,,,,क्या वह इन ,,,सालों में बदल गई होगी ,,,,,,यह अब भी ,,,,,उससे नफरत ही कर रही होगी,,,,,,,,,यह सोच सोच कर रुही अपने कदम बढ़ाती जा रही थी,,,,,,,, 

की तभी उसकी नजर वहां जाती है ,,,,,,,,,जहां पर कुछ साल पहले ,,,,,,,उसके डैड की ,,,,,,,खून से सनी बॉडी पड़ी थी,,,,,,,,,जिसे महसूस कर ,,,,,,,,,,,,,उसकी रूह काप जाती है,,,,,,,,,उसके पैर कांपने लगते हैं,,,,,,,,और वह वहां जा बैठ जाती है ,,,,,,,,,और अपने हाथों से उस जगह को,,,,,,,अपने कापते हाथों से छूने लगती है 

उसे जगह को जगह को छुते हुए ,,,,,,रूही की आंखों में आंसू थे ,,,,,,,जो गालो से होते हुए ,,,,,,,,उस जगह को भीगो रहे थे,,,, 

तू कभी नहीं सुधरेगी ना ,,,,,,, मैं अब मैं तेरे से कभी बात नहीं करूंगी

सॉरी माँ,,,,,,,वह,,,,अब मैं पक्का ऐसा ,,,,,नहीं करूंगी ,,,,पर प्लीज मुझसे बात करना मत छोड़िए

जानवी गुस्से से ,,,,,,,,पहले रुही की तरफ देखते हैं ,,,,,,अब तो बड़ी हो गई है ,,,,,,बच्ची नहीं रही 

तुझे कितनी बार कहा है ना टाइम पर घर पर आया कर ,,,,,,लेकिन नहीं,,,,,,,तुझे तो हमेशा अपने दोस्तों के साथ रहना है,,,,,,उनकी मसीहा बना है ,,,,,,अरे हम तो कुछ है ही नहीं ,,,,,,तेरे लिए,,,,,जा ना, ,,,अपने दोस्तों के पास

रुही रोई अपनी मां की बात सुन अपने ,,,,,,, और कान पकड़ उठक बैठक करते हुए ,,,,,,,,सॉरी माँ,,,,,,प्लीज इस बार माफ कर दो,, 

जिसे देख कर जानवी पीछे पलट,,,,,,,,नहीं माफ करूंगी,,,,,,,,,,,,इस बार ,,,,,,,तो पक्का नहीं ,,,,,,,

तु हर बार ,,,,यही अपनी चुपड़ी हरकतें और बातें कर ,,,,,,मुझे फसा देती है,,,,,,इस बार में बिल्कुल नहीं फसूंगी,,,,,,,यहां का वह अब,,,किचन में काम करने लगती है

और वही रूही जानवी की बात सुन ,,,,,अपना मुंह बना लेती है ,,,,नहीं मारोगे ना ,,,तो ठीक है ,,,,यह कह अपने पैर पटकते हुए,,,रसोई से चली जाती है

और वही रुही के डैड,,,,,,,,,,रोहि को इस तरह ,,,,मुंह फुलाया देख ,,,,,क्या हुआ मेरे लाडो को

डैड माँ नाराज हो गई है,,,,,,,,,,,कुछ करो ना,,,,,उसकी बात सुन वनराज ,,,,,,रूही के गालो को खींचते हुए,,,,,,,तो ठीक है चलो तुम्हारी मां को मनाने का मिशन शुरू करते हैं,,,,,,,यह कह बलराज,,,,,अपनी बेटी का हाथ पकड़,,,,वहां से चला जाता है

 और वहीं जानवी,,,,,,,जब किचन से बाहर आती है,,,,,,,तो हाल में पूरी तरह से अंधेरा था ,,,,,की तभी उसके ऊपर एक रोशनी पड़ती है ,,,,,,,,और अचानक से ही लाइट जल जाती है ,,,,,,,,और चारों तरफ गुबारे पड़े थे,,,,,,,और इस वक्त वनराज ने और रूही ने बच्चों वाले कपड़े पहने थे

रोहि ने छोटी सी फ्रॉक,,,,,,और उसके डैडी ने,,,,बच्चों वाली जंप सूट पहना था 

की तभी music start hota है,,,,,,,,दादी अम्मा ,,,,दादी अम्मा मान जाओ ना ,,,,,छोड़ो भी यह गुस्सा,,,,जरा हंस के दिखाओ

की तभी music start hota है,,,,,,,,दादी अम्मा ,,,,दादी अम्मा मान जाओ ना ,,,,,छोड़ो भी यह गुस्सा,,,,जरा हंस के दिखाओ

और उन दोनों की हरकत देख ,,,,,,,जानवी उनकी तरफ मुंह फुला,,,,,,,,उधर से जाने लगती है,,,,,,,और वही रुही और वनराज,,,,, गाना गाते हुए,,,,,,,,जानवी के पीछे-पीछे,,,,,,,उसे मनाते हुए आ रहे थे

की तभी जानवी गुस्से से म्यूजिक बंद कर देती है,,,,,,जिससे रूही को बिल्कुल अच्छा नहीं लगता ,,,,,की तबी रुही को अपनी मां की आवाज आती है ,,,,,,,,क्या मैं तुम दोनों को दादी दिखती हूं ,,,,,,,,दादी वाले गाने लगाए थे ,,,,,

जानवी की बात सुन,,,,,,,,दोनों के फेस पर समाइल आ जाती है ,,,,,,,और फिर वह दोनों जानवी के अगल-बगल खड़े हो ,,,,,,,,तो यह बात है,,,,और फिर दोबारा गाना शुरू कर देते हैं

छोटी-छोटी बातों पर तुम मुंह ना फुलाया कर,,,,,,छोटी-छोटी बातों पर तुम मुंह ना फुलाया कर 

करू तुझे बहुत प्यार,,,,,,,ऐसे ना आजमाया कर,,,,,,करू तुझे बहुत प्यार,,,,,,,ऐसे ना आजमाया कर 

हाल होगा तेरा जो, ,,,दुर गई तो ,,,,,,,,,,,हाल होगा तेरा जो दुर गई तो

सीने से लगाके फोटो,,,,,रोया करेगी ,,, की,मैं,,,अगर खा पी के मर मुर गई तो

सीने से लगाके फोटो,,,,,रोया करेगी ,,,, कि मैं ,,,,अगर खा पी के मर मुर गई तो

सीने से लगाके फोटो,,,,,रोया करेगी 

यह गाना सुन वह तिनो हंसने लगते हैं,,, 

यह सब याद कर ,,,,,,,,रुही के आंखों से,,,,,,,,,,,,लगातार आंसू बहने लगते हैं,,,,,,,,,,क्योंकि यहां पल,,,,,,,,,,अब दोबारा,,,,,उसकी जिंदगी में ,,,,,,,कभी नहीं आएगा ,,,,,,,,क्योंकि उसके डैड,,,,,,,,यह दुनिया छोड़कर चले गए हैं ,,,,,,,अब उसके पास कुछ नहीं है,,,,,,,,,शिवये,,,,,,,उसकी मां की ,,,,,जो अब शायद उसे पसंद नहीं करती

कुछ मिनट होने के बाद रुही,,,,,,अपने आंसुओं को पोछ,,,,,,अपने कदम मेंशन की तरफ बढ़ा देती है ,,,,,,,,वह अब बस अपनी मां से मिलना चाहती थी ,,,,,उन्हें देखना चाहती थी,,,,की वाह ,,,,,,कैसी है

जिसके लिए वह यहां आई थी,,,,,,,,,क्योंकि अब तो उसके पास कोई नहीं था,,,,,सिवाय उसकी मां की,,,,,,,,,जिससे वहां अपने कदम मेंशन के अंदर बढ़ा देती है ,,,,,,,की तभी कुछ गांड रूही को रोक लेते हैं,,,,,,,,और उसे अंदर नहीं जाने देते

जिससे रूही उनकी तरफ देखते हुए ,,,,,,,मुझे अंदर जाने दो ,,,,,,मेरी,,,,,,,,,,मुझे अपनी मां से मिलना है ,,,,,,,,यह मेरी मां का घर है ,,,,जानवी शर्मा 

जिसे सुन वाह गार्ड,,,,,,,यहां कोई जानभी नहीं रहती ,,,,,,और उसे धक्का देते हुए,,,,,,,,,,यहां से जाओ,,,,,,यह किसी जानवी का मेंशन नहीं है,,,,,,,यह हमारे बॉस मिहिर त्रिवेदी का मेंशन 

 जिसे सुन रूही हड़बड़ा जाती है, ,,, और अपने चेहरे पर दर्द भरी मुस्कान ला ,,,,,,,अपने मन में,,,,,,,,, तुमने मुझे सच में पूरी तरह बर्बाद कर दिया ,,,,,,,,, अब तो तुमने,,,,,,यह घर भी मुझसे छीन लिया,,,,,

, और फिर एक नजर उस मेंशन को देख ,,,,,,,,मैं तुम्हारे साये से भी ,,,,,,,खुद को दूर रहना चाहती हूँ,,,,,,,यह कहते हुए रोही अपने उल्टे कदम ले,,,,,उस मेंशन से कोसों दूर चली जाती है 

और कुछ देर बाद रूही ,,,,,,,एक गेट के बाहर खड़ी होती है ,,,,,,,और वह दरवाजा खटखटाती है ,,,,,,,यह घर किसी और का नहीं रूही के पड़ोसन का था

जिसे रोहि हमेशा मदद की थी ,,,,,उसे घर में एक लड़की भी रहती है ,,,,,,,,, की ही उम्र की थी रूही की उसे लड़की से ,,,,,,,काफी बनती भी थी ,,,,,,,,यह उसकी सहेली भी थी

की तभी वह दरवाजा खुलता है ,,,,,,,,,और उसमें से औरत बाहर निकलती है,,,,,,,,,जिसे रूही देखने लगती है ,,,,,,,,और वही वह औरत रूही को देख ,,,,,जट से दरवाजा बंद करने लगती है

जिसे देख रुही ,,,,,,,झाट से,,,,,,दरवाजे के आगे अपना हाथ रख,,,,,,,उन्हें रोकते हुए,,,,,प्लीज आंटी एक बार मेरी बात तो सुन लीजिए,,, 

और वह औरत रूही को धक्का देते हुए,,,,,,मैं किसी खूनी की बात नहीं सुन सकती,,,,,,,पता नहीं अब किसका खून करने ,,,,,,,,,यहा, आई है

चली जा ,,,,यहां सेह,,,,और यह कह दोबारा दरवाजा बंद करने लगती है

 की तभी रूही हाथ जोड़ते हुए प्लीज आंटी,,,,,,मैं आपका ज्यादा टाइम नहीं लूंगी,,,,,,बस मुझे यही जानना है ,,,,,,की क्या आप मेरी मां के बारे में,,,,जानती हैं ,,,,,,कि वह इस वक्त कहां होंगे

वहां औरत रुही की तरफ देखते हुए ,,,,,,कहां हो सकती है,,,,,,खूनी की मां ,,,,,,,,वह भी तेरी तरह ही ,,,,,किसी का खून कर रही होगी ,,,,,,अरे तू तो ,,,,कितनी गिरी हुई है ,,,,एक लड़के के लिए किसी की जान ले ली,,,,,,,,तभी तो तेरा बाप भी तुझे छोड़कर चला गया ,,,,,अरे सच,,,,,तू ही नहीं ,,,,,तेरा पूरा खानदान ही गिरा हुआ है 

की तभी एक लड़की की आवाज आती है ,,,,,,यह क्या कह रही हो मां,,,,,आप ऐसा कैसे कह सकती हैं,,,,,,कि आप अपना वक्त भूल गई है ,,,,,,जब डैड बीमार थे ,,,,,,तब इन्हीं के खानदान ने आपकी मदद की थी,,,,,,,,,,

और वह रुही थी ,,,,,,जिसने आपको पैसे दिए थे ,,,,,,डेड की इलाज के लिए,,,,और आप इस गिरा हुआ कह रहे हैं

अरे माँ किस पर,,,,,मुसीबत नहीं आती ,,,,,,,,एक वक्त था जब हम पर मुसीबत आई थी,,,,,,,और आज मुसीबत रूही पर आई है,,,,,,तो आप ऐसे ,,,,,मुह मौड रहे हो

अगर आपको उसकी मदद नहीं करतो,,,,तो कह दो,,,,,,और वैसे भी वह आपसे चाहती ही क्या है,,,,,,सिर्फ यही ना,,,,,,कि आप उसे बता दो ,,,,कि उसकी मां कहां है ,,,,,अगर नहीं बताना तो ऐसे उसे बातें तो मत सुनाओ,,, 

अपनी बेटी की बात सुन उसकी मां शर्मिंदा हो जाती है ,,,,,,,क्योंकि उसकी बेटी सही तो कह रही थी,,,,

जब वह सब मुसीबत में थे,,,,,,,,तब रुही ही थी,,,,,जिसने उनकी मदद की थी,,,,,,,लेकिन फिर भी वह अपने चेहरे पर घमंड लिए,,,,,,,तो क्या हुआ ,,,,,,,,जो इसने हमारी मदद करती

हम कोई खूनी या टेररिस्ट थे नहीं,,,,कि यह हमारी मदद ना करती,,,, लेकिन यह एक खुनी है ,,,,,,,,,और मैं किसी खुनी की मदद नहीं कर ससकती,,,,,,,,यह कह वह ,,,,,वहा से,जाने लगती है

क्या कोई रूही की मदद करेगा अब क्या होगा रोहि के साथ,,,, और कहां है रोहि की मां