begunah ishq

जिससे रोहि छटपटाते हुए,,,,,सर सर, ,,,यह आप क्या कर रहे हैं,,,,,,छोड़िए मुझे ,,,,,,,देखिए सर मेरा काम यहां खत्म हो गया है,,,,,,अब मुझे यहां से जाने दीजिए 

जिसे सुन मिहीर,,,,,रही के कंधे को पकड़,,,,,उसे घुमा देता है ,,,,,,और फिर उसके चेहरे को देखते हुए,,,,,,उसे धक्का दे सोफे पर गिरा ,,,,,,झट से उसके ऊपर आ,,,,,,सउसे घोर,,,,,,अपने दांत पीसते हुए ,,,,,क्या हुआ मैं भी तो,,,,,वही कर रहा हूं ,,,,जो तुम कुछ देर पहले ,,,,,,और लड़कों के सामने,,, कर रही थी,,,,,,अपनी शर्ट को ,,,,अपने शरीर से उतारने की 

जिसे रूही मैहर की बात सुन,,,,, और ज्यादा छटपटाने लगती है,,,,,,,क्योंकि उसे डर लग रहा था,,,,,,उसके बातों से ,,,,,,और वही मिहिर,,,,,रुही को चटपटा देख,,,,,,क्या हुआ लगता है तुम उन सब लड़कों को इकट्ठे हैंडल कर सकती थी,,,,,,लेकिन मुझे अकेले नहीं ,,,,, यह कहे,,,, मिहीर रुही की तरफ झुकने लगता है

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अब आगे__________________

और वही रूही मिहिर की बातें ,,,,,,और उसे खुद के ऊपर झुकता देख,,,,,,झट से ,,,, अपनी पूरी हिम्मत जुटा ,,,,,,,गुस्से से घुरते हुए,,,,,देखिए देखिए सर ,,,,,यहां का कुछ रूल्स है, , ,,,इसलिए आप मेरे साथ ऐसा कुछ नहीं कर सकते हैं ,,,,,,जब तक कि मेरी खुद की मर्जी ना हो,,,,,यह कहते हुए रूही लंब-लंबी सांस लेने लगती है,,,,,,क्योंकि उसने यह सब ,,,,,डर की वजह से ,,,,बड़ी मुश्किल से बोला था 

और वही मिहिर,,,रुही की बात सुन,,,,,अपने हाथों की मुट्ठी बना लेता है,,,,,क्योंकि उसके दिमाग में ,,, अब भी,,,,यही चल रहा था कि, ,,,वह पता नहीं,,,यहां कितने दिनों से है

और कितने लोगों ने रूही को इस तरह छुआ होगा,,,,,जिसे सोच मिहिर,,,, अच्छा यहां पर,,,ऐसा कोई भी रूल है ,,,,लेकिन मुझे कोई से,,,,फर्क नहीं पड़ता,,,,,,,क्योंकि यह रुल बनाने वाला भी मैं ही हूं,,,,और तोड़ने वाला भी मैं ही हूं,,,,,,,यह कह मिहीर ,,,,रुही का ,,,मुंह पकड़ ,,,,,अपने फेस के नजदीक ला,,,,, रूही के होठो पर,,, आपने होठ रख,,,,,, उसे बेहुत बेदर्दी से चुमने लगता है 

और वही ,,,,रूही की ,,,,तो जैसे सांस ही अटक गई हो ,,,,वह मिहीर के नीचे दबी डर से कांप रही थी ,,,,,जिससे रूही अपने छोटे-छोटे पतले हाथों से ,,,,,खुद को ,,, मिहिर से बचाने के लिए ,,,,,,उसके बैक पर मारने लगती है 

और वही रुही के हाथों को ,,,,,अपने बैक पर महसूस कर,,,,,,अपने होठों से ,,,,,,,रूही की हॉटो पर ,,,,,,अपनी पकड़ और टाइट कर देता है,,,,,,,और उसे अपने नीचे कर उसे पूरी तरह ,,,,, अपने कब्जे में कर लेता है 

औ्र वही रूही जो,,,,,इतनी पातली और कमजोर थी ,,,,,,वह तो जैसे मिहिर के नीचे कहीं छूप ही गई थी,,,,

और वही मिहिर,,,,,,रूही की कमर को,,,,,बड़े बेदर्दी से मसल रहा था ,,,,,, ,,,,, मिहिर को पता नहीं क्यों,,,,,,,लेकिन उसे,,,,,यह एहसास ,,,,,जाना पहचाना लग रहा था ,,,,,,

 और वही रूही के हाथों को ,,,,,,अपने बैक पर चलता महसूस कर मिहिर,,,,,, अपने उसे हाथ को में रूही के कमर से हटा , ,,,,रही कि दोनों हाथों को ,,,,,,अपने एक हाथ से पकड़,,,,,, उसके सर के ऊपर कर देता है

और वही रुही,,,,पूरी कोशिश कर रही थी,,,, खुद को मिहीर से बचाने की,,,,,,,,लेकिन वह,,,ना मुकीन हो रही थी ,,,,,,,जिससे रोहि ,,,,,चटपटे हुए ,,,,,,अपने पैरों को चलाने लगती है,,,,,,,जिसे महसूस कर मिहिर,,,,उसके पैरों को भी,,,,,,अपने पैर से कैद कर लेता है,,,, 

जिससे अब रूही की,,,आंखों में आंसू तक आने लगे थे,,,,,,,,,और वही मिहिर,,,,,लगभग 20 मिनट ,,,,,जबरदस्ती से किस करने के बाद,,,,,,थोड़ा उठ ,,,,रूही को देखने लगता है,,,,

और वही रूही मिहिर के छोड़ते ही,,,,,वह लंबी लंबी,,,,,सांसे,,,,लेने लगती है ,,,,,और वहीं मिहिर को,,,,, तो जैसे ,,,,,,कोई फर्क ही न पड़ा हो ,,,,,,वह आब भी,,,,,नॉर्मल ही था 

मिहिर तो बस ,,,,, रोहि के,,,,होठों को देख रहा था ,,,,जहां अब ,,,,उसका खून रश रहा था ,,,,,,पर रुही को देखते हुए ,,,,,,उसे पहचानने की कोशिश कर रहा था ,,,,,,क्या यह वही लड़की है,,,,,जो उस दिन

 और वहीं रुही,,,,लंबी सांस ले,,,अब भी मिहिर की बाहों में पूरी तरह कैद थी ,,,,,,, और वही रुही को ,,,,अब घुटन सी होने लगी थी ,,,,,, इस आप खुद से किनारे थी, ,,,,,,,,,खुद को मिहिर की बाहों में देखकर,,,,,जिससे रुहे जल्दी से ,,,,,अपने सांसों को कंट्रोल कर,,,,,थोड़ा ऊपर उठ ,,,, मिहिर के गर्दन पर जोर से बाईट कर ,,,,,उसे खुद से छुड़ा ,,,,,,झट से ,,,,,,सोफे से खड़े हो ,,,,,वहां से जाने लगती है

 और वही मिहिर,,,,जिसे रुही के,,, एसा करने की उम्मीद नहीं थी ,,,,,,उसके अचानक बाइट करने से,,,,मिहिर की पकड़,,,,उस पर ढीली हो जाती है,,,,,

लेकिन रूही को खुद से भागता देख ,,,, मिहिर उसी तरह सोफे पर,,,पड़े हुए ,,,,,,रूही की शर्ट पकड़ लेता है ,,,,,,,और वही रूही ,,,,,अपनी शर्ट पर ,,,,, मिहिर की पकड़ देख,,,,,,,अपने पसीने को पूछ,,,,,,,,अपने शर्ट को छुड़ाते हुए,,,,,,,छोड़िए मुझे

लेकिन रुही की बात सुन ,,,,,,वह एक झटके से,,,,रोहि की शर्ट पड़क,,, उसे खींच देता है ,,,,,जिससे रोहि की शर्ट,,,,,,एक झटके में,,,,,,उसके शरीर से अलग हो जाते हैं

जिसे देख रुही की आंखें बड़ी हो जाती है,,,,,, क्योंकि उसे उम्मीद नहीं थी ,,,,,,कि मिहिर ऐसा कुछ करेगा,,,, क्योंकि उसे पता था,,,,,,अगर यह वह ,,,, मिहिर भी होगा,,,,,तो ,,,,वह उसे नीचा दिखा सकता है,,,,,उसकी बेजती कर सकता है,,,,,लेकिन इस तरह वह उसके साथ जबरदस्ती नहीं कर सकता

जिससे रोहि ,,,,,,,एक नजर मिहिर को देखती हैं ,,,,,,,,जिसने उसकी आंखों में ,,,,,,,,अपने लिए,,,,,,,,,सिर्फ और सिर्फ नफरत और घिन दिख रही थी,,,,,,,,जिसे रोहि समझ जाती है,,,,,,,,,कि अगर वह यहां से निकली नहीं तो ,,,,,, उसके साथ कुछ,,,,,,बहुत बुरा हो सकता है ,,,,,,,,,जिससे रूही उसी हालत में,,,,,,,,वहां से बाहर निकलने का सोचती है ,,,,,,और फिर वह,,,,,,बाहर की तरफ अपने कदम बढ़ा देती है 

रूही उसे कमरे का गेट खोल पाती ,,,,,,,,उससे पहले वह खुद को ,,,,,हवा में महसूस करती है ,,,,,,,क्योंकि मिहिर उसके गेट खोलने से पहले ही,,,,,,,,,,वह जल्दी से,,,,,,,रूही के पास जा,,,,,,,उसकी कमर पड़क,,,,,,,उसे अपने कंधे पर उठा लेता है 

और फिर मिहिर खुद ही ,,,,,,,उस कमरे का दरवाजा खोल,,,,,, रुही को ,,,,,,,अपने कंधे पर लदे हुए ,,,,,,उस कमरे से निकल जाता है 

और वही रूही ,,,,,,मिहिर के इस प्रक्रिया से रुही चटपटाने लगती है,,,,,,और फिर वह अपने नाजुक और कमजोर हाथों की मुट्ठी बना ,,, मिहिर के बैक पर बरसने लगती है,,,,,

और फिर रोते हुए मुझे पता है ,,,,,,तुम ही मिहिर हो ,,,,,,अब तुम्हें मुझसे क्या चाहिए,,,,,,छोड़ो मुझे यह कहते हूए,,,,,,रूही अब चिल्लाने लगती है

लेकिन इस सबसे ,,,,, मिहिर को ,,,,,,कोई फर्क नहीं पड़ रहा था,,,,,,,वह उसी तरह ही रूही को,,,,,,लादे हुए,,,,अपने केबिन में इंटर करता है 

और फिर उसे उसी तरह लादे हुए ,,,,,,,केबिन में बने ,,,,,,,अपने पर्सनल रूम में ला,,,,,,,रूही को बेड पर पटक देता है

और वही रुही बेड पर गिरते ही,,,,,,,,खुद के अध नगन शरीर को,,,,,चादर से कवर कर,,,,,,,,,गुस्से से मिहिर की तरफ घुरते हुए ,,,,,,,,मुझे पता है तुम ही मिहींर हो

तो आब तुम्हें मुझसे क्या चाहिए,,,,,,,,क्यों ले कर आए हो ,,,,,,,तुम मुझे यहां ,,,,,,,,सब कुछ तो बर्बाद कर दिया मेरा ,,,,,,,,,अब क्या बचा है बर्बाद करने को,,,,,,,,,दे तो दिया तुमने मुझे सजा ,,,,,,,,,जो मैंने कभी किया ही नहीं था

जिसे सुन मिहिर ,,,,,,,अपने चेहरे से मार्क्स हटा जमीन पर फेकते हुए,,,,,,,,,क्या कहा तुमने,,,,,,,,,कि तुमने कुछ किया ,,,,नहीं है ,,,

 और फिर आपने दात पिसते हुए,,,,,,,,,फिर से झूठ ,,,,,,,फिर से कहानी ,,,,,,, तुम कितनी बार झूठ बोलोगी,,,,,,जब मैने खुद ,,,,,अलीशा के मुंह से सुना था,,,,,,,,,कि तुम अलीशा को मारना चाहती थी,,,,,,,वह भी सिर्फ मुझे पाने के लिए, ,, 

और वही मैहर के मास्क हटाते ही,,,,,,वह मिहिर को देखने लगती है ,,,,,, मिहिर बिल्कुल भी नहीं बदला था ,,,,,,,वह आब भी,,,,,उसी तरह हैंडसम लगता था,,,,,,,उसकी पर्सनालिटी ,,,अब भी उसी तरह थी ,,,, बस फरक इतना था ,,,,,,की रूही की नजरों में मिहर का नशा उतर चुका था,,, जिसे देख ,,,,,,रुही की फेस पर,,,,,,दर्द भरी मुस्कान आ जाती है,,,,,की कभी वह,,,,,,,,,इसी चेहरे पर मर मीटी थी

क्योंकि उसे पहले से पता था,,,,,,कि हो ना हो ,,,,,,ह मिहींर है,,,,,,,,जिसे देख अनजाने में ही सही,,,,,,,लेकिन रूही की फेस पर ,,,,,,,दर्द भरी मुस्कान आ जाती है ,,,,,,,,,क्योंकि उसने कभी इस इंसान को टूट कर चाहा था

लेकिन मिहिर की बात सुन ,,,,,,,, उसी तरह,,,,,,अपने फेस पर,,,,,,दर्द भरी मुस्कान लिए,,,,,,देखो मिस्टर मिहिर ,,,,,,,तुम्हें मुझ पर यकीन करना है,,,,,तो करो,,,,,,नहीं करना है,,,,,तो मत करो

क्योंकि अब तो मैंने ,,,,,,,उस चीज की सजा भुगत ली,,,,,,,,, 7 साल जेल में रहकर ,,,,,,,,इसलिए अब तुम मुझे बक्स दो,,,,,,और जीने दो

यह सब रुही,,,,,,,बड़ी हिम्मत कर बोल रही थी,,,,,,,,,क्योंकि उसने सोच लिया था ,,,,,,,कि आब उसके पास है ही क्या ,,,,,,जो मिहिर उससे छीनेगा,,,,, उसे धमकायेगा,,,, ,,, वह आखिर ,,,,,,अब उससे डर क्यों रही है,,,,, वह तो अब सजा भी भुगत ली है,,,,,,जिससे वह अपने डर को दूर भगा,,,,,,मिहिर से यह सब बोल देती है 

और वही मिहिर को ,,,,,,रूही बात की पर ,,,,,,गुस्सा तो बहुत आता है,,,,,,लेकिन फिर भी ,,,,,,,वह ,, रुही की बातों का मजाक उड़ाते हुए,,,,,ओ ओ तो तुम्हें आजाद होना है,, तुम्हें जीना है,,,,,, ,,,,जो आब कभी नहीं होगा ,,,,,,, क्योंकि तुम भी ,,,,,,, अब अलीशा की तरह ही मारोगी

क्योंकि तुम्हें वह 7 साल की सजा,,,,,सिर्फ मुझसे ,,,,,,मेरी अलिशा को ,,,,,,दूर करने की मिली है,,,,,, उसे जान से मारने की नहीं,,,,,,,,इसलिए उसे मारने की सजा ,,,,,, अब मैं तुम्हें दूंगा ,,,,,,,वह भी अपने तरीके से ,,,,,, जिससे तुम ,,,,दिन रात,,,घूंट कर मारोगी, ,, ,,, लेकिन मरने नहीं दूंगा

तुम्हें तो आब पता चलेगा ,,,,,कि मेरे द्वारा दी गई सजा होती,,,,,कैसी है ,,,,,,,क्योंकि, ,, अब बारी है ,,,,,,तुम्हारी तड़पने की ,,,,,,,जैसे बिन पानी की मछली तड़पती है,,,,,,,अब वैसे ही,,,,,,तुम्हारी जिंदगी भी ,,,,,बिन पानी की मछली की तरह ही तड़पेगी 

और फिर अपने कदम,,,,,,रुही की तरफ बढ़ाने लगता है

आज के लिए बस इतना

तू क्या करने वाला है, ,,,मिहिर रोहि के साथ ,,,,,अब आगे चलकर रूही की जिंदगी कैसे होने वाली है ,,,,,

जाने के लिए पढ़ते रहे,,,,,, यू

और हां कमेंट करना मत भुलना ,,,,,कि आज का चैप्टर ,,,,आप सबको,,,,कैसा लगा