लेकिन अफसोस, , ,,,,मिहिर की चील जैसी आंखों से ,,,,,,वह बच ना पाइ,,,,,,और मिहींर,,,,अपने पंजों से ,,,,,रूही की कमर पकड़ ,,,,, उसे दबोच लेता है ,,,,,,और वही रूही खुद को बचाने के लिए,,,,,,,बार-बार मिहींर के हाथों पर ,,,,मारने लगती है
और वहीं मिहींर,,,, रुही को ,,,,अपनी गोद में उठा ,,,,,उसे बेड पर दोबारा पटक देता है ,,,,,और फिर पास में पड़े ,,,,,,लैंप को जला ,,,,,,रूही की स्कर्ट भी फाड़ देगा
और वही एक चीज के साथ रूही,,,,,,Mihir stay away from me don't even touch me,,,,, वरना मैं तुम्हारी जान, ,,,रूही ने इतना ही कहा होगा,,,,,,,,कि मिहींर उसके गालो पर दोबारा ,,,,,उसे खींच के थप्पड़ दे मारता है
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अब आगे___________
और फिर बगैर रुको कोई मौका दिये,,,,उसके ऊपर आ,,,,उसका मुंह दबा,,,,,अपने दांत पीसते हुए,,,,,तुझे क्या लगा,,,,तू ऐसा करेंगी,,,,और तुम मुझे बच जाएगी,,,,तो ऐसा कभी नहीं होगा,,
मैं तो तुझे कब से तुझे ढूंढ रहा था,,,,,,लेकिन मुझे क्या पता था ,,,,,कि तू खुद ही ,,,,यहां आ ,,,,मेरी कैद में फंसेगी ,,,,,और अब तो यहां आई ,,,,,,अपनी मर्जी से है,,,,लेकिन जाएगी मेरी मर्जी से,,,, ,,,, यहाँ तू हर रोज जिल्लत की जिंदगी जियेगी,,,, मेरी राखै***** बन कर,,,,,, बहुत सौख है ना,, दुसरो के सामने कपड़े उतारने का,,,, उनहे रिझाने का,,,, अब हर रात,,,,तू, मुझे रिझायेगी,,,, ,,,, अब मैं,, , ,,,,हर रात तेरा आरमान पूरा करुगा,,,,
यह कह मिहिर अपने शख्स होठ,,,,रोहि के नरम होँठो पर रख,,, उससे बेदर्दी से काटने लगता है,,,,,,,,,, और मिहिर बेदर्दी से अपने हाथों,को,,,,, उसके शरीर पर चलाने लगता है,,,,, और वही रूही अपने छोटे-छोटे हाथों कका,,, मुठ्ठि बना,,, मिहिर की पीट पर बरसाने लगती है,,,,,,
और वही मिहिर इन 7 सालों का गुस्सा ,,,,आज पूरा में रूही पर उतार देता है
और कुछ देर में,,,,,उस कमरे से ,,,,रूही की दर्द भरी चीखें सुनाई देने लगती है, ,,,, क्योंकि मिहिर ने कोई कसर नहीं छोड़ी थी,,,,रूही को दर्द देने की,,,,,,वह जानबूझकर रूही को ऐसा ट्रीट करता ,,,,,जिससे रूही की दर्द भारी चीख,,,,,,उस कमरे में गूंज उठती है ,,,,,,,
और वैसे भी रोहि बहुत ही ज्यादा पतली,,,,और कमजोर थी ,,,,,और उसके,,, शरीर पर ,,,,,पहले से ही बहुत सारे जख्म भरे हुए थे ,,,,,,,,,जो अब तक भरे नहीं थे ,,,,,क्योंकि रोहि को कुछ दिन पहले ही ,,,,,बहुत मारा गया था ,,,,,,जिसके जख्म अब भी रुही के शरीर पर मोजूद थे, ,,,, जो आधेरा होने की वजह से,,, मिहिर कुछ नहीं,, देख पा रहा था,,,
और मिहिर को ,,,,रूही के दर्द से,,,,,कोई फर्क नहीं पड़ता,,,,,वह लगातार 3 घंटे तक,,,,,रूही को उस दर्द से ,,,,रूबरू कराता है ,,,,, जो रूही को बर्दाश्त से बाहर हो रहा था
और वही लगभग 3 घंटे तक ,,,लगातार रुही की दर्द भारी चीख,,,,उस कमरे में गूंज रही थी,,,,, और उस कमरे में चारों तरफ अंधेरा था,,,,,सिर्फ उस लैंप की रोशनी थी, , और आब जाकर मिहिर रुही को छोड़ता है ,,,,,और उसके ऊपर से उठ ,,,,,,,अपने हाथों से ,,,,,अपने होठों को साफ कर,,,,,पास में पड़े अपने कपड़े पहन,,,,,एक नजर रूही को देखता है
जो इस वक्त बेजान बेड पर पड़ी थी ,,,,,,,उसकी आंखें सुज चुकी थी और ,,,,,,उसके गालों पर उंगलियों के निशान थे ,,,,,,और उसके होठों से खून बह रहा था ,,,,,,
जो उस हल्की रोशनी मैं,,,,,,रूही का दर्द से भरा फेस ,,, साफ नजर आ रहा था, ,,, लेकिन उसकी आंखों में आंसू ,,,,एक मात्र नहीं था
जिसे रुही खुद को ,,,,मिहिर से बचाने के लिए ,,,,पूरी कोशिश की थी ,,,,,वह आखरी दम तक,,, मिहिर से लड़ती रही ,,,,,खुद को मिहिर से बचाने के लिए लेकिन,,,, लेकिन वह नाजुक सी लड़की ,,,,,कब तक मिहिर के आगे टिक्कते हैं,,
उसे इस तरह देख ,,,,,एक पल के लिए मिहिर का दिल धड़क उठा ,,,,,,लेकिन फिर से अपनी आंखों में रूही के लिए,,,,,,घीन और नफरत ला,,,,,उसे घुरते हुए,,,,,तुम इसी के लायक हो ,,,,,,
यहां सोच मिहिर वहां से जाने लगता है ,,,,,कि तभी वह दोबारा पीछे मुद्,,,,,,रोही के पास जा ,,,,,,उसके मुंह को दबाते हुए, ,,, तुम्हें पता है यह जगह मुझे बिल्कुल पसंद नहीं थी,,,,,,तभी तो मैं यहां आता नहीं था,,,,,,,,लेकिन अब से यह मेरी पसंदीदा जगह होगी ,,,,,,अब मैं यहां रोज आऊंगा,,,,,,क्योंकि यहां पर मेरा खिलौना जो है ,,,,,,मेरा मन बहलाने के लिए ,,,,,यह कह मिहीर अपने होठों पर घिन भरी मुस्कराहट ला,,,,,रोहि को घूरते हुए,,,,,एक बार दोबारा झुक ,,,,,,रूही के होठों पर,,,बाइट कर देता है
और बगैर एक नजर रूही को देखे,,,,,,वहां से चला जाता है
और वही रूही एक तक शिवलिंग को घूर रही थी,,,,,,,और उसके दोनों पलके भीगी हुई थी,,,,,,,,जिसे साफ पता चल रहा था,,,,,,,कि रोहि बहुत रोई थी,,,,,,
उस अंधेरे कमरे में ,,उस हल्की सी लैंप की रोशनी में ,,,,,रूही का सिर्फ चेहरा नजर आ रहा था,,,,,,,,जिस पर इस वक्त सिर्फ और सिर्फ खाली पन था ,,,,, कोई इमोशन नहीं थे,,,, वहां बस एक तक सीलिंग को घुरी जा रही थी ,,,,,जैसे कि वह कोई जिंदा लाश हो
और लगभग आधे घंटे तक, ,,,,इसी तरह लेते हुए ,,,बस सिलिग को देखी,,,, जा रही थी,,,,,,,, उसकी आत्मा जैसे कह रही हो कि वह मर क्यों नहीं जाती अब तक जिंदा ही क्यों बची है दोबारा मिहीर के हाथों तड़पने के लिए,,,,,,
और फिर आधे घंटे बाद,,,,वह धीरे से बेड से उठ ,,, चादर को अपने शरीर से लपेट,,,,,धीरे से उस कमरे से होते हुए ,,,,,,केबिन से बाहर निकल जाती है,,,,, और फिर वह अपने कमरे से जाने लगती है, ,,,,
और वही मिहिर अपने केबिन के बालकनी में जा ,,,,,अपने होठों से धुएं के छल्ले उड़ा किसी गहरी सोच में था,,,,,,,
कॉलेज की ग्राउंड फ्लोर पर,,,,,,,एक खूबसूरत लड़की,,,,,,,,जिसने ब्लैक स्कर्ट और रेड क्रॉप टॉप ,,,,उसके ऊपर श्रग डाला था ,,,,, वह माइक पड़े,,,आई लव यू मिहिर ,,,,मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूं ,,,बहुत ज्यादा
मैं तुम्हारे साथ अपनी जिंदगी बिताना चाहती हूं ,,,,,और फिर वहां खड़े सभी लड़कियों को देखते हुए,,,,,,मुझे पता है,,,,यहां पर कई लड़कियों का दिल,,,,,,मेरे मिहिर को देखकर तड़पता होगा ,,,,,
तु मै उन लड़कियों को साफ-साफ कह दूं ,,कि,,,,मिहिर सिर्फ मेरा है ,,,,,तो तुम सब अपनी नज़रें किसी और पर डालो,,,,,मेरे मिहिर पर नहीं ,,,,,अगर ऐसा किया तो मैं उन सब की आंखें नोच लूंगी
और फिर,,,वही दूर खड़ी अलीशा की तरफ देखते हुए ,,,,,,और अलीशा,,,,,तुम मेरे मिहिर की दोस्त हो ,,,,,तो दोस्त बनकर रहना ,,,,,क्योंकि उसके करीब जाने हक ,,,,सिर्फ मेरा है ,,,,और फिर दोबारा चिखते हुए,,,,,आई लव यू मिहिर
की तभी उसे ग्राउंड पर एक लड़की दौड़ते हुए ,,,,यह क्या कर रही है ,,, रुही जल्दी चल,,,,,अगर प्रोफेसर को पता चला ना ,,,,तो तुझे छोड़ेगा नहीं ,,,,और फिर उसे खींचते हुए
उसे ग्राउंड से उतर वहां से ढूंर जाने लगती है,,, और फिर उसे घुरते हुए,,,,रूही,,,,तू ये मिहिर ,, मिहिर,,,क्या लगा रही थी ,,,,,,अगर मिहिर को पता चला तो,,,,,वह तुझे छोड़ेगा नहीं,,,,,तुझे पता है ना उसका नेचर कैसा है,,,
हां चित्र मुझे पता है ,,,, तभी तो मैंने ऐसा किया,,,,आप भाव देगा ना मुझे ,,,,,, और वैसे भी ,,,,,अब तो वह मेरा पति बन गया है ,,,,,तू इतना तो चलता है ,,,,
और रही इन सब लड़कियों को, बता सकूं,,,,,कि मिहिर सिर्फ और सिर्फ मेरा है ,,,,,,ना कि इन सब की
देखा नहीं ,,, कैसे,,आखे फाड़ कर ,,,,मेरी मिहिर को देखती हैं ,,,,,,,,,मुझे गुस्सा आता है ,,,,,,,,इसलिए मैंने,,,, यह सब,, करके,,,,,,आज ,, इन सब का मह बंद कर दिया ,,,,,,ताकि यह दोबारा,,,,,मेरे मैहर के ऊपर,,,,,आंखें डोरे ना डाल सके
जिसे सुन चित्र अपने सर पर हाथ मार ,,,,,,रुही सुधर जा,,,,,, अब तो छोड दे,,,,यह हरकते,,,,,कोई लेकर नहीं जाता ,,,,,तेरे मिहिर को ,,,,,अगर वह तेरा प्यार है,,,,,,,तो तेरा ही रहेगा, ,,,
जिसे सुन रुही,,,,,तुम यह नहीं समझेगी,,,,क्योंकि तुझे प्यार नहीं हुआ है ना,,,,,,यह कहे वह उसके सर पर ,,,,हल्का सा मार वहां से भाग जाती है,,,,,,
यह सब सोचते हुए मिहिर की आंखों में ,,,,,एक दर्द और गुस्से के मिले जुले भाव थे,,,,,,,जिसे वह घिन में तब्दील कर ,,,,,,अपने होठों से धुएं के छल्ले उड़ाते हुए ,,,,,,तुम इसी के लायक हो ,,,,,,क्योंकि तुम मुझे कभी डिस्व करती ही नहीं थी,,,,,, मुझे घिन आती है,,,,,तुम जैसी लड़की से ,,,
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और वही,,,,,जब रूही ,,,,अपने कमरे की तरफ जाती है, ,,,तो कोई था जो अपनी आंखें फाड़े ,,,,रूही को ऊपर से नीचे देखी जा रहा था ,,,,,, जो बड़े धीमी कदमों से ,,,,,लगडाते हुए,,,,,वह अपने कमरे की तरफ जा रही थी,,,,,,यह कोई और नहीं मैगी थी ,,,,,,जो लगभग 3:30 घंटे से ,,,,,,यहां खड़े मिहिर के केबिन की तरफ देखी ,,,,,जा रही थी
क्योंकि उसने मिहिर को रोहि को ,,,,आपने कंधे से उठा,,,,,,केबिन के अंदर ले जाते हुए देख लिया था,,,,,,,उसे तो यकीन नहीं हो रहा था ,,,,,,कि मिहिर मिहिर सर कुछ ऐसा करेगे
क्योंकि इतने सालों तक मिहिर,,,,,आज तक किसी लड़की की तरफ,,,,,,,आंख उठा कर,,,,,,देखा तक नहीं था ,,,,,,वहां कई बार यहां आया था,,,,,,और कुछ समय बीता,,,,, वह यहां से चला भी जाता था ,,,,,,बगैर कुछ कहे और बगैर कुछ किये
चाहे उसने आज तक मिहिर को देखा ना हो,,,,,,,लेकिन उसकी काफी रिस्पेक्ट करती थी,,,,,,क्योंकि उसको मानना था,,,,, मिहिर जैसा इंसान,,,,,,,इस दुनिया में कोई नहीं है,,,,,,,,लेकिन आज उसका यह रूप देख,,, मैगी के रोंगटे खड़े हो जाते हैं
वह तो रुही को बचाने के लिए ,,,,,अपने कदम बढ़ाती भी है,,,,,लेकिन कुछ सोच ,,,,,,वह अपने कदम,,,,,वही रोक लेती है,,,,,शयेद उसे कोई उम्मीद था,,,,,,की मिहिर इस लड़की के साथ कुछ नहीं करेगा
लेकिन रोहि को इस तरह ,,,,खुद को चादर से लपेटे हुए ,,,,और उसके पूरे चेहरे को देख,,,,,जहां पर उसका सारा मेकअप बिखरा हुआ था ,,,,,,और उसकी आंखें भी सूजी हुई,,,,,,लग रही थी
और उसकी आंखों की पूरी काजल फैला हुआ था ,,,,,,और उसकी लिपस्टिक तो,,,,ना मात्र उसके होठों पर थी, ,,,,और वह लंगड़ाते हुए,,,,,उसी की और,,,,आ रही थी,,,,,,जिससे साफ पता लगाया जा सकता है,,,,कि उसके साथ,,,,,उस कमरे में ,,,क्या हुआ होगा
और वही रोहि,,,,,उसी के सामने से होकर गई थी ,,,,,,,उसने तो जैसे मैगी को देखा ही ना हो,,,,,,या फिर उसने अपने दर्द के आगे उसे इग्नोर ही कर दिया हो,,,,,,अब तो मैगी को रोही की आंखों में आंसू भी नहीं नजर आ रहे थे,,,,,,उसे इस तरह देख मैगी के भी रोंगटे खड़े हो गए थे,,
उसने तो कभी मिहिर को अपना आइडल माना था,,,,,लेकिन रोहि एसा हाल देख ,,,,,,उसे मिहिर जैसे इंसानों से नफरत हो रही थी ,,,,,,,,उसे नहीं पता था,,,,,कि मिहीर ने ,,,,,रूही के साथ ऐसा क्यों किया,,,,,,, क्या सच में रोहि, ,,,इतनी खूबसूरती थी ,,,कि,,,,,वह किसी का भी मन,, बहका सकती थी,,,,
लेकिन उसे,,,,यह जरूर पता था,,,,,,की रूही एक अच्छी लड़की है ,,,,,,क्योंकि उसने रुही के साथ वक्त बिताया था ,,,,,, वह तो ज्यादा कुछ बोलती ही नहीं थी,,,,वह तो चुपचाप वह सारा काम करती थी ,,,जो उसे कहा जाता था,,
आज तक उसने खुलकर ,,,,रोहि को ,,, किसी के साथ,,,बात करते हुए नहीं देखा था,,,,,क्योंकि उसने रूही की आंखों में,,,,,मासूमियत देखी थी,,,,जो शायद किसी वजह से ,,,,,,कहीं दूर चली गई थी
आज के लिए बस इतना
तो देखते हैं कि मिहिर किस-किस कदर तक रुही का जीना हराम करेगा,,,
मेरे प्यारे रीडर ,,,,कुछ दिन और लगेगा,,,,,,रूही की सच्चाई मिहिर के आगे आने में
तो देखो मिहिर की लाइफ किस कदर तक बदलता है,,,,,की मिहिर कैसे टूट कर बिखर जाएगा,,,और बिखर कर जुड़ने की कोशिश करेगा ,,,, लेकिन वह खुद को,,,,,जोड़ नहीं पाएगा, , ,
और क्या मिहिर ,,,,, आपने करमो के साथ ,,,,,,,दोबारा रूही की जिंदगी में दस्तक देगा क्या ,,,,,क्या रोहि उसके साथ बिताए हुए दुख के साए को,,,,,भूलकर,,,,,मिहिर के साथ आगे बढ़ने की कोशिश करेगी,,,,,,जानने के लिए पढ़ते रहे
कमेंट करना मत भुलना मेरे प्यारे रिडर,,,,,कि आपको ,,,,आज का ,,,,,,यह चैप्टर कैसा लगा