जितना मैं रोई हु,,,,,,उससे कई गुना दर्द के साथ तुम रोयोगे ,,,,,,,और फिर अपने आंसुओं को साफ कर,,,,,,,बस और नहीं ,,,,,,,अब तुम मुझसे कुछ नहीं छीनोगे,,,,,,मैं अपनी मां को लेकर यहां से बहुत दूर चली जाऊंगी,,,,,,बहुत दूर ,,,,,,,जहां पर तुम्हारा साया भी ना हो ,,,,,
और फिर रुही बडे बेरहमी से,,,,अपने आंसुओं को पूछते हुए ,,,,,, मैं,,मैं ,,,,तुम जैसे खटिया इंसान के हाथों ,,,,,,अपनी मा नहीं लगने दूंगी ,,,,,,मैं अपनी मां को,,,,,,और खुद को ,,,,,,,तुमसे बच्चा लूंगी ,,,,,,और यहां से बहुत दूर चली जाऊंगी ,,,,यह कहते हुए रूही रोए जा रही थी, ,,, ,,,
की तभी रूही की चिख सुन,,,,,संध्या बाथरूम का दरवाजा खोल एक झटके में अंदर आ जाती है,,,,,,,,लेकिन सामने का नजारा देख उसके मुंह से,,,,एक चीख निकल जाती है
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और वही रूही ,,,,जो आइने के सामने खड़े हो ,,,,,,खुद से बातें कर रही थी ,,,,,,,बगैर एक शब्द कहे चुपचाप दोबारा शावर के नीचे जा ,,,,,अपने सर को अपने घुटनों के बीच में ,,,खुद को अपने हाथों से छुपा ,,,,,कवर हो,,नीचे बैठ जाती है ,,,,,,क्योंकि इस वक्त उसे सुकून चाहिए था
और वही संध्या जो रूही की चीक ,,,,और कांच टूटने की आवाज सुन ,,,,,वह जल्दी से रूही के पीछे-पीछे वोसरूम में आ जाती है,,,,और सामने रोहि की बॉडी देख ,,,,जहां पर अंन गिणित जख्म थे ,,,,,कुछ नये,,,,तो कुछ पुराने जख्म थे,,,,जिसे देख किसी की भी रूह काप सकती थी
उसकी शरीर पर नये से ज्यादा पुराने जख्म थे,,,,,जैसे किसी बेलट या हंटर से ,,,,,उसे यह जख्म दिया हो,,,,,और सबसे ज्यादा खतरनाक उसका पेट पर,,,,,,लेफ्ट साइड बनी उस कट पर था,,,,,,,,,जैसे कि किसी इंसान ने,,,,, बरे बेदर्दी से,,,उसे,,,,,टांके लगाए हो ,,,,,,जिसे देख उसके भी रोगते खड़े हो गए थे,,,उसके मुंह से चीक निकल गई थी
लेकिन खुद को शांत कर रोहि को शावर के नीचे इस तरह बैठा देख ,,,,वह खुद को ना रोक सकी,,,,,और धीरे कदमों से वह रूही के पास जा ,,,,शावर बंद कर ,,,,रूही कहते हुए ,,,,,उसे पकाने लगती है
लेकिन रुही तब भी,,,,,,कोई रिस्पांस नहीं करती ,,,,,वह आब भी,,,,उसी तरह बैठी रहती है ,,,,और वहां संध्या के बातों का कोई भी रिस्पांस नहीं देती ,,,, जिसे देख संध्या,,,,,अपना हाथ आगे बढ़ा ,,,उसके कंधे में रख देती है
संध्या का हाथ अपने कंधे पर महसूस कर,, रुही,,,,,,अपना सर उठा,,,,संध्या की तरफ देखने लगती है
और वही संध्या एक पल के लिए डर जाती है ,,,रोहि की गुस्से वाली लाल आखे देख,,,,,,जिससे वह हकलाते हुए ,,,,रूही तुम्हारा यह हाल् ,,,,की तभी रूही की,,,,गुस्से वाली आवाज आती है
चली जाओ तुम यहां से ,,,,मुझे किसी की जरूरत नहीं है ,,,,मुझे सबसे नफरत है ,,,,चली जाओ ,,,,आई हेट यू ,,,आलपिपल,,,सब लोगों ने ,,,मेरा फायदा उठाया ,,,,चली जाओ जाओ यहां से ,,,,मुझे किसी की हमदर्दी नहीं चाहिए ,,,,,सुना नहीं तुमने,,,,,यह कहते हुए आरुषि की आंखें लाल होती जा रही थी,,,
और वही संध्या रूही की इतनी गुस्से भरी आवाज सुन ,,,,वह शहम जाते हैं ,,,और फिर बगैर देरी की ,,,, वह वोसरुम से चली जाती है
और वही संध्या के जाते ही रुही,,,, दोबारा अपना सर,,,,पैरों में छुपा रोने लगती है
और वही संध्या कमरे के अंदर,,
,,,संध्या के दिमाग में ,,,अब फिर रुही के जख्म ही घूम रहे थे ,,,,,आब जाकर उसे समझ आय था,,,,कि रोहि आपने अंदर,,,कितना दर्द छुपा रखी थी
उसने आज उसकी आंखों में ,,,वह दर्द देखा था,,,
वह 5 दिनों से उसके साथ थी ,,,,लेकिन उसने कभी सोचा नहीं होगा ,,,,कि रोहि के साथ,,,,ऐसा कुछ हुआ होगा ,,,,उसे तो रूही को देखकर गुस्सा आता था ,,,,,कि वह उसे इग्नोर करके क्यों ,,करती है ,,,,लेकिन उसे आज समझ आया,,,,,कि वह उसे नहीं ,,,,अपने दर्द को छुपाती थी
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और वहीं दूसरी तरफ आदित्य और साइना एक ही चादर पर ,,,,में बगैर कपड़ों के,,,लेते हुए थे,,,और साइन के चेहरे पर आब भी थकान नजर आ रही थी,,,,,,,और आदित्य के चेहरे पर सुकून
साईना अब भी अपनी आंखें बंद कर सो रही थी,,,,,लेकिन आदित्य साईना को लगातार देखी जा रहा था,,,,,,उसका तो मन ही नहीं भर रहा था ,,,,,,, साईना के चेहरे को देख कर,,,,
जिससे आदित्य ,,,,,,अपना हाथ बड़ा साईना के होठों को सहलाते हुए,,,,,,तुम सिर्फ मेरी हो,,,,,तुम्हारा हर एक चीज आब मेरा है,,,,,,यह तुम्हारे होंठ मेरे है,,,,,और फिर अपनी उंगलियों को नीचे की तरफ ले जाते हुए ,,,,,
,,उसके नेक पर हाथ रख ,,,,ये भी मेरा है,,,,,और भी धीरे से थोड़ा और नीचे ले जाते हुएअपने ,,,उंगली रख,,,यह भी मेरा है,,,,, इस वक्त आदित्य की आंखों में ,,,, साईना के लिए जुनूनियत ,,,,साफ नजर आ रही थी ,,,,
यह कहते हुए आदित्य की नजर आब भी साईना के होठों पर थी ,,,,जिसे देख आदित्य,,,,,कब से कंट्रोल करने की कोशिश कर रहा था
लेकिन एक ऐसा वक्त आया,,,,जब आदित्य,,,,,अपन आपा खो,,,,नीचे झुक,,,,साईना के होठों पर हॉट रख देता है
और वह किस,,,बहुत ही प्यारी ,,,,और केयर भरा था,,,,,लेकिन वक्त के साथ उसकी किस वाइल्ड में बदल जाती है,,,,,और वह ,,, उसे बड़ी शिद्दत से चुम्मने लगता है
और वहीं साईना,,,,,जो थक कर अभी-अभी ,,,उसकी आख लगी थी,,,,,आदित्य को,,,,,खुद को इस तरह किस करता महसूस कर,,,,,, साईना,,की,,,,दोबारा आंख खुल जाती है,,,,,और वह आदित्य की तरफ देखने लगती है,,,,,जो अपनी आंखें बंद कर,,,,बस साईन को चुमे,,,जा रहा था
जिससे साईना आदित्य के सीने पर हाथ रख,,,,,,उसे खुद से दूर करने लगती है ,,,,,लेकिन साईना,,,,,,जितना उसे खुद से दूर करने की कोशिश करती ,,,,,अदितय उतना ही साईना के,,,और करीब होता जा रहा था ,,,,,जिसे साईना की आंखों में ,,,,आंसू आ जाते हैं
साईना की आंखों में आंसू महसूस कर ,,आदित्य ,,, साईना के होठों को ,,,,छोड़,,,,,,उसके चेहरे को देखने लगता है,,,,,,,जिस पर अब भी ,,,,,बहुत थकान थी ,,,,,,,जिसे देख आदित्य,,,,,बगैर एक पल गवाए ,,,,,दोबारा साईना के होठों पर हॉट रख ,,,,,उसे स्मूथ,,,,किस कर,,,वह बेड,,, से उठ,,,जिम की तरफ चला जाता है
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और वहीं दूसरी तरफ रूही लगभग 2 घंटे बाद वॉशरूम से बाहर आ ,,,,,अपने पुराने कपड़े पहन ,,,,,क्योंकि उसके पास कोई कपड़े नहीं थे ,,,,,शिवाय उस यूनिफार्म के,,,जिससे,,,,, रुही,,,अपने सारे पैसे ले ,,,,,परस,,सहित ,,,,लगभग सुबह के 5:30 बजे,,,,,,उसे क्लब से बाहर निकल जाती है
,,,,, इस वक्त,,,,,उसकी आंखें सुनी थी ,,,,,,उसके दिमाग में,,,,क्या चल रहा था ,,,,,कोई सोच नहीं सकता था ,,,,,लेकिन उसकी आंखों में दर्द साफ देखा जा सकता था ,,,,वहां लगातार चली जा रही थी
और लगभग 1 घंटे बाद रूही ,,,हॉस्पिटल वाली गली में ,,,,ऑटो रूक्वती है ,,,और फिर पैदल ही अस्पताल की तरफ निकाल देती है
की तभी रूही ,,,,लगभग दो कम ही चली होगी,,,,,,कि तभी कोई रूही का हाथ पकड़ ,,,,,अपनी तरफ घुमा,,,,,एक खींच के,,,,,रूही को थप्पड़ मारता है ,,,,
जिससे रुही सीधा ,,,,,जमीन पर जा ,,,,,गिरती है,,,,,और उसका परस भी,,,जमीन पर गिर जाता है,,,
,जिससे,,रोही अपना सर उठा ,,,,सामने देखती है,,,,तो वह औरत गुस्से से ,,,,,,,तेरी हिम्मत कैसे हुई,,,,,मेरी नजरों के सामने आने की ,,,,तुझे तो मैं
और वही,, ,,,,उसे देख ,,,,,रूही के होठों पर ,,,,,दर्द भरी मुस्कान आ जाती है
आज के लिए बस इतना
मेरी प्यारी readers,,,मैं प्रॉमिस करती हूं,,,,,कि अब मैं आप सबको ,,,रोज चैप्टर दूंगी,,,,,लेकिन आप सब भी मेरी मदद करो ना,,,
और मेरी readers बनाने में हेल्प करो,,,,,जितना हो सके उतना ज्यादा शेयर करो ,,,,,,ताकि मुझे भी रोज चैप्टर अपलोड करने ,,,,और लिखने में ,,,,मजा आए
सच में मुझे,,,,आप सभी ke कमेंट ,,,बहुत अच्छे लगते हैं
अगर आप सब ,,,मेरे रिडरस बढा दोगे,,,,,तो मैं आप सब ,,, को,,,,कुछ दिन में,,,, दो दो चैप्टर देने की पूरी कोशिश करूंगी ,,,,यह मेरी तरफ से ,,,,पक्का वाला ,,,,पक्का प्रॉमिस है😁😁
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