और लगभग 1 घंटे बाद रूही ,,,हॉस्पिटल वाली गली में ,,,,ऑटो रूक्वती है ,,,और फिर पैदल ही अस्पताल की तरफ निकाल देती है
की तभी रूही ,,,,लगभग दो कम ही चली होगी,,,,,,कि तभी कोई रूही का हाथ पकड़ ,,,,,अपनी तरफ घुमा,,,,,एक खींच के,,,,,रूही को थप्पड़ मारता है ,,,,
जिससे रुही सीधा ,,,,,जमीन पर जा ,,,,,गिरती है,,,,,और उसका परस भी,,,जमीन पर गिर जाता है,,,
,जिससे,,रोही अपना सर उठा ,,,,सामने देखती है,,,,तो वह औरत गुस्से से ,,,,,,,तेरी हिम्मत कैसे हुई,,,,,मेरी नजरों के सामने आने की ,,,,तुझे तो मैं
और वही,, ,,,,उसे देख ,,,,,रूही के होठों पर ,,,,,दर्द भरी मुस्कान आ जाती है
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अब आगे_________
और वही रुही को मुस्कुराता देख,,,,,वह औरत,,,एक दोबारा खींच कर,,,,,रूही को थप्पड़ मारती है ,,,,जिससे रूही का चेहरा दूसरी तरफ से झुक जाता है ,,,,,लेकिन रोहि के चेहरे पर,,,,अब भी मुस्कान जाती नहीं है, ,,,,
क्योंकि यह सब इसी औरत की वजह से तो हुआ था,,इसी ने,,,,,इसी औरत ने इंल्जाम लगाया था ,,,,कि मैंने,,,इसकी बेटी को मारा है
यह कोई और नहीं ,,,,,यह अलीशा की मां थी,,,,सजो की रूही तरफ उंगली दिखाते हुए,,,,,तूने मेरी बेटी को मारा है,,,,,,तुझे तो मैं छोडूंगी नहीं ,,,,,,,जेल होकर आई है ना,,, तुझे तो उम्र कैद की सजा हुई थी ना ,,,,,फिर तू इतनी जल्दी ,,,बाहर खैर छोड़
,मैं,, ऐसा कुछ करती हूं ,,,,,,कि तुझे दोबारा जेल करवा देती हूं,,,,,,, जिससे तू जिंदगी भर जेल में सरती रहे ,,,,,
फिर कुछ रुक,,,,,रुक,,,तुझे जेल क्यों ,,,,,तुझे तो मिहिर के पास भेज देती हूं,,,,,,वैसे भी वह तुझे कब से ढुढ़ रहा था,,,,तुझे सबक सीखने के लिए,,,,,लेकिन तू यहां चुप कर बैठी है, ,,, ताकि तुझे मिहिर ढूंढ ना सके,,,,,,रुक मैं अभी मिहीर को फोन करती हूं,,,,,,,यह कहा मिहिर को फोन कर देती है,,,, वह तो तुझे जेल से ज्यादा अच्छा सबक सिखाएगी,,,,,,,,
और वही रूही अलीशा की मां की बात सुन,,,,,,,,उसके चेहरे पर डर के भाव आ जाते हैं,,,,जिससे वह अलीशा की मां की तरफ कदम बढ़ाते हुए,,,,,प्लीज ,,,प्लीज आंटी ,,,, मिहिर को मिहिर को फोन मत करो
उसके लफ्जों में डर था,,,,,उसकी आवाज अब भी कर्कश थी,,,,,जिसे सुन किसी के भी आंखों से पानी आ सकती थी ,,,, उसकी बुरी तरह गिड़गिड़ाना ,,,,,किसी का भी ,,,,उसे इस तरह देखकर ,,,दिल पिघल सकता था,,,,
लेकिन अनीशा की मां, तो,,,,,,रूही की एक नहीं सुन रही थी,,,,,,, और वही रुही,,, अपने हाथ जोड़, ,,,,, गिड़गिड़ाते हुए प्लीज आंटी, ,,,,मिहिर को फोन ,,,,,ना करने को कह रही थी,,,,,,क्योंकि उसे दुनिया में सबसे ज्यादा डर मिहिर से ही लगता था,,,,, मिहिर से,,,,वाह हमेशा भाग रही थी ,,,,और आज भी,,,,,लेकिन वह,,,, अलीशा की मां ,,,,,रूही की एक बात नहीं सुनती ,,,,और मिहिर को फोन कर देती है
और उसे सब कुछ बता,,,,,,मिहिर को यहां का एड्रेस दे देती है,,,,,लेकिन तभी रुही,,,,आगे बढ,,,,,अलीशा की मां के हाथों से फोन छीन,,,,,,उसे जमीन पर पटक देती है,,,,,,जिससे फोन जमीन पर गिरते हैं,,,,,,, फोन के उसके चार टुकड़े हो जाते हैं ,,,,,,जिसे देख,,,,अब रोहि के चेहरे पर,,,,,,डर के साथ-साथ,,,,,,,,,एक अफसोस ने भी घेर लिया था,,,,,कि उसने फोन क्यों तोड़ दिया
की तभी अलीशा की मां दोबारा एक थप्पड़ मार उसे पर चिखते हुए ,,,,,,तेरी औकात है इस फोन की,,,,,,मेरे लाखों का फोन तोड़ दिया,,,,,,,कि तभी उसकी नजर रूही के परस पर जाती है,,,,,,जहां से ,,, उसे कुछ पैसे नजर आ रहे थे ,,,,,,जिसे देख ,,,,वह अपनी आंखें छोटी कर,,,,,उसे परस को,,,,,,उठा लेती है ,,,हहहहऔर उसमें इतने सारे पैसे देख ,,,,,,तो, तू अब ,,,,,एक खूनी के साथ -साथ,,,,एक चोरनी भी है
यह कहते हुए वह ,,,, रुही के परस से,,,,,,सारे पैसे निकाल लेती है ,,,,,,,जिसे देख रूही उस कुछ नहीं कहती ,,,,,, और वह कुछ देर तक उसे देखती रहती है
कि तभी दोबारा अनीशा की मां की आवाज आती है,,,,,,,,तो चलो अच्छी बात है ,,,,,,,मेरे फोन के पैसे निकल गए,,,,,,,यह कह अलीशा की मां रूही के सारे पैसे ,,,,अपने पर्स में रख लेती हैं
और वही रूही ,,,,,,अपने पैसे अलीशा की मां के पास ज्यादा देखा ,,,,,,,वह जल्दी से आगे बढ़,,,,,,,उनके हाथों से पैसे लेने की कोशिश करते हुए ,,,,,,,,,आंटी प्लीज मेरे पैसे वापस दे दो,,,,,,मुझे इस पैसे की बहुत जरूरत है,,,,,,, देखो आंटी,,,,,,ऐसा मत करो ,,,,,,,मैं आपके फोन के पैसे बाद में दे दूंगी ,,,,,,,प्लीज आप मुझे मेरे पैसे वापस कर दो
लेकिन अलीशा की मां ,,,, रूही की एक नहीं सकती ,,,,,,,और उसे थोड़ा धक्का दे,,,,, सारे पैसे आपने पर्स👛👜 में डाल लेती है
जिसे देख रूही देखो आंटी में कितनी बार कहूं ,,,,,मैंने आपकी बेटी को नहीं मारा है ,,,,,लेकिन आपको फिर भी लगता है,,,, की मैंने मारा है,,,,,,तो मैं उसकी सजा ले ली हूँ,,,,,तो प्लीज मुझे जाने दो,,,,,,,
अब आप सब मुझे ,,,,कितनी और सजा दोगे ,,,,,जो मैंने किया ही नहीं ,,,,,,उस गुनाहों की सजा,,,,,में क्यों भक्तों,,,,सक्यों आप सब मेरा पीछा नहीं छोड़ देते ,,,,,,मुझे एक छोटी सी,,,,मामूली सी,,,,जिंदगी जीना है,,,,,,जीने दो ,,,,,क्यों तुम सब मुझे मिटाने पर तुले हो
की तभी वह औरत रुही की तरफ देखते हुए,,,,,क्या कहा तूने,,,,,,,तुझे जीने दे ,,,,,,क्या तूने मेरी बेटी को जीने दिया ,,,,,मार दिया ना तूने उसे, ,,, अब तू भी मारेगी,,,,,,जिस तरह मेरी बेटी,,,अलीशा मरी है
जिसे सुन रुही समझ जाती है,,,,,,कि अपने सामने खड़ी इस औरत को समझाना बेकार है ,,,,,,वह कितनी बार भी कहेगी,,,,,लेकिन उसे पर यकीन नहीं किया जाएगा ,,,,
,जिससे रोहि,,,,आगे कुछ ना बोल ,,,,,,वह उसके परस से ,,,,,,अपने पैसे लेने लगती है,,,,,लेकिन रूही के पैसे निकालने से पहले ही ,,,,,वह औरत,,,,,, परस से पैसे निकाल ,,,,,,अपने हाथ ऊपर कर रुही की तरफ देखते हुए,,,,,,,तुझे पैसे चाहिए,,,,,,रुक देती हूं ,,, ,,,,,,,लेकिन इस पैसे को लेने से पहले ,,,ह,,तुझे कुछ करना होगा ,,,,,यह कहे ,,,,,वह औरत,,,,,पैसे से अपने चेहरे पर हवा करने लगती है,,,
और वही रुही,,,,आंटी की बात सुन ,,,, उसी तरह खड़े हुए,,,, ठीक है ,,,,, आप जैसे भी जो भी कहोगे मैं करने को तैयार हूं यह कहते हुए ,,,, रुही,,बेबस नजरों से उस औरत को देखने लगती है
ठीक है तू खुद के गालों पर ,,,,अपने हाथों से,,,,,10 थप्पड़े मार,,,,,यह कहते हुए,,,,,की ,,,,,,हां,,,,,,,,मैंने ही अनिशा को मारा था,,,, मैं आप सबकी गुनहगार हो
जिसे सुन रुही ,,,,अपने सुन्य इमोशन के साथ,,,,,,एक नजर अलीशा की मां को देख ,,,,,,अपनी आंखें बंद कर ,,,एक गहरी लंबी सांस छोड़ ,,,,,अपने हाथों को अपने गालों पर ले जाए,,,,एक खीच के थप्पड़ मारती है,,,,,वह थप्पड़ काफी जोर का था
की तभी अलीशा की मा,,,, रुही,की तरफ देखते हुए,,,,,,अरे मुझे सुनाई नहीं दिया ,,,,,थोड़ा और जोर से मारो ना,,,,,,यह कहते हुए ,,, वह औरत,,,,उन पैसों के गडी को हिलने लगती है
जिसे सुन रोहि,,,,,अपनी पूरी जान लगा,,,,,दोबारा अपने गालों पर थप्पड़ मारती है ,,,,,वह बड़े बेदर्दी से ,,,,,अपने गालों पर थप्पड़ मार रही थी ,,,,,और अपने मन मे ,,,,,,यह है,,,,मिहिर को प्यार करने की सजा ,,,,,,और फिर अलीशा की मां की तरफ देखते हुए,,,,हां,,,,अलीशा को मैंने ही मारा है,,,, मैं आप सबके गुनहगार हूं
और दूसरा थप्पड़ मारते हुए ,,,,,अपने मन मे ,,,,,उससे शादी करके ,,,,,,अलीशा को मिहिर से बचाने की सजा,,,,,,और फिर दोबारा अलीशा के मा की तरफ देखते हुए,,,,हां मैंने ही अलीशा को मारा है,,, मैं आप सबकी गुनहगार हूं
और फिर ऐसे करते हुए रुही,,,लगातार अपने गालो पर ,,,,10 थपड़े मार देती हैं ,,,,,,इस वक्त उसके पूरे गाल सुज चुके थे ,,,,
लेकिन वह अपने दर्द को बर्दाश्त कर ,,,,,अपने गालो पर 10 थप्पड़ मारते ही,,,,,और रोहि दास थप्पड़ होने के बाद ,,,,,,ऐसे अपने इमोशनलेस चेहरे से ,,,,,,अलीशा की मां की तरफ देखते हुए,,,,,,आपने जो कहा ,,,,मैंने किया ,,,,,अब आप मेरे पैसे ,,,,,,वापस लाओ ,,,,,यह कहते हुए,, रुही,,,,अपना हाथ आगे बढ़ा,,,, उससे आपने,,,,पैसे मागने लगती हैं ,,,,,,कि तभी वह औरत ,,,,,,कुछ ऐसा करती,,,,हैं ,,,,जिसे देख रुही की आंखों में ,,,,,दोबारा आंसू आ जाते हैं
आज के लिए बस इतना
सच में मेरे प्यार रीडर्स,,,आज मुझे बहुत खुशी मिली, सहसआप सबके कमेंट्स और शेयर्स देखकर
और ऐसे ही आप सब मुझे शेयर और कमेंट करते रहेंगे ,,,हहतो मैं भी आपको टाइम से पहले स्टोरी अपलोड करूंगी ,,,हओके बाय एंड हैव ए नाइस डे