और दूसरा थप्पड़ मारते हुए ,,,,,अपने मन मे ,,,,,उससे शादी करके ,,,,,,अलीशा को मिहिर से बचाने की सजा,,,,,,और फिर दोबारा अलीशा के मा की तरफ देखते हुए,,,,हां मैंने ही अलीशा को मारा है,,, मैं आप सबकी गुनहगार हूं
और फिर ऐसे करते हुए रुही,,,लगातार अपने गालो पर ,,,,10 थपड़े मार देती हैं ,,,,,,इस वक्त उसके पूरे गाल सुज चुके थे ,,,,
लेकिन वह अपने दर्द को बर्दाश्त कर ,,,,,अपने गालो पर 10 थप्पड़ मारते ही,,,,,और रोहि दास थप्पड़ होने के बाद ,,,,,,ऐसे अपने इमोशनलेस चेहरे से ,,,,,,अलीशा की मां की तरफ देखते हुए,,,,,,आपने जो कहा ,,,,मैंने किया ,,,,,अब आप मेरे पैसे ,,,,,,वापस लाओ ,,,,,यह कहते हुए,, रुही,,,,अपना हाथ आगे बढ़ा,,,, उससे आपने,,,,पैसे मागने लगती हैं ,,,,,,कि तभी वह औरत ,,,,,,कुछ ऐसा करती,,,,हैं ,,,,जिसे देख रुही की आंखों में ,,,,,दोबारा आंसू आ जाते हैं
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अब आगे________
रोहि अपना हाथ ,,,,, बढा ,,,,,उस औरत से पैसे मांगने लगते हैं ,,,,कि तभी वह औरत ,,,,,रूही की तरफ घिन,, भरी,,,,नजरों से देखते हुए ,,,,,उसके पैसे को,,,,अपने हाथ में लिए हुए,,,,,लाइटर से जलाने लगती है ,,,,,जिसे देख रूही ,,,,रोते हुए ,,,,अपने हाथ जोड़ ,,,,,उसके सामने गिड़गराते हुए,,,,,प्लीज प्लीज आंटी ,,,,,ऐसा मत करो,,,,मैंने,,,,बड़ी मेहनत से ,,,कमाया है ,,,,,प्लीज आंटी ,,,,,ऐसा मत करो ,,,,,लेकिन वह औरत,,,,,उसकी एक नहीं सुनती ,,,,और उन पैसों को आग लगा देती है
और वही रूही अब भी,,,,,,अपनी आंखों में आंसू लिए ,,,,,आंटी प्लीज ऐसा मत करो,,,,,आंटी प्लीज
लेकिन वह औरत उसकी नहीं सुनती ,,,,,और उन पैसों को जला ,,,,,रुही के आगे फेंक देती है ,,,,,और वही रूही ,,,,,जल्दी से जमीन पर बैठ ,,,,,,उन पैसों को ,,,,अपने हाथ से ,,,,बचाने लगती है
जिससे रूही के हाथ तक जल जाते हैं ,,,,,लेकिन वह पूरी कोशिश करती है ,,,,,अपने पैसे को बचाने की,,,,,लेकिन अफसोस ,,,,,,उसके सारे पैसे जल चुके थे ,,,,,,और वही वह औरत ,,,,,रोहि पर हंसते हुए ,,,,तेरी औकात यही है,,,,हमारे पैरों में
और वही रूही को अब बहुत गुस्सा आ रहा था ,,,, कि उसकी इतने दिनों की ,,,,,मेहनत से कमाए हुए पैसे को ,,,,इस तरह जला दिया ,,,,,
जिससे रोहि,,उन पैसों की राख को आपने हाथ में ले,,,,,खड़ी हो जाती है,,,,और अलीशा की मां की तरफ देख ,,,,,अपने कदम बढ़ा देती है ,,,,,
और बगैर कुछ देखे,,,,, एक खींच के थप्पड़ मारती है,,,,,,जिससे वह औरत थोड़ी ज्यादा उम्र की होने की वजह से,,,,,,,वह सीधा जमीन पर चा गिरती है ,,,,,और उसके गालों पर राख समेत,,,,,रूही की उंगलियों की छाप पड़ जाते हैं
इस वक्त रोहि,,,,काफी गुस्से में लग रही थी ,,,,,,और वही वह औरत ,,,बड़े गुस्से से,,,,,रूही की तरफ देखते हुए,,,,,,यू ब्लडी बीच ,,,,,,तूने मुझे मारा,,,,,,यह कहते हुए ,,,,वह उठने लगती है ,,,,,,कि तभी वह,,,,,,,उसी तरह जमीन पर बैठे हुए,,,,,,रूही के पैरों के पास जा ,,,,,रूही मुझे मुझे मत मारो ,,,,,,प्लीज मुझे मत मारो ,,,,,मैं तो तुम्हारी मां जैसी हूं ,,,,,तुम ,,मुझ पर हाथ क्यों ,,,,,,यह कहते हुए,,,,वह जोर-जोर से रोने लगती है
और वही रूही ,,,,उस औरत की नौटंकी देख,,,,,हैरान हो जाती है,,,,,जिससे वह समझने की कोशिश करती है ,,,,,,कि तभी कोई रूही को पलट ,,,,एक खींच के थप्पड़ दी मारता है
जिससे रूही समझ ना पाने की वजह से ,,,,,,सीधा जमीन पर जा गिलती है,,,,,,और सामने पत्थर होने की वजह से ,,,,उसका सर उस पत्थर से जा लगता है ,,,,,,जिससे उसके सर से ,,,,हलका सा,,,,खून बहने लगता है ,,,,,,और थप्पड़ इतनी जोर का बाजा था ,,,,,,कि रूही के कान ,,,,कुछ पलों के लिए,,,,सुन रह जाता है ,,,,,और उसे कुछ सुनाई नहीं देता , ,,,
जिससे रूही अपने कान पर हाथ रख लेती है,,,,तो देखती है ,,,,,,,कि उसके हाथों में खून लग गया था ,,,,,तो वहां देखते हैं की रूही की कान से खून बह रहा था
जिसे देख रुही,,,,,के होठों पर फिर से दर्द भरी मुस्कान आ जाती है ,,,,,,,क्योंकि वह समझ गई थी ,,,,,,कि उसे थप्पड़ मारने वाला कोई और नहीं ,,,,मिहिर ही है
जिससे रूही अपना सर उठा ,,,,,सामने देखती है ,,,,,,तो वह मिहिर ही है ,,,,,जो उस औरत को ,,,,,जमीन से उठाते हुए ,,,,,आंटी आपको ज्यादा तो नहीं लगी,,,,यह पूछ रहा था
की तभी रोहि,,को,,,,,, उस औरत की आवाज सुनाई देती है,,,,,,,जो मिहिर से कह रही थी ,,,,,,मिहिर इस सब मे,,,, उसकी कोई गलती नहीं है,,,,
उसे उसे पैसों की जरूरत थी ,,,,,,,और वह मुझसे पैसे छीन कर भाग रही थी,,,,,,,लेकिन मैंने उसे पैसे नहीं दिया ,,,,,,तो उसने मेरे सारे पैसे जला दिए
देखो उसकी ,, हाथो में,,,,,पैसों की राख भी है ,,,,,लेकिन इस सब मे,,,,,उसकी कोई गलती नहीं है,,,,,,उसे पैसों की जरूरत थी ,,,,,, इसलिए उसने ऐसा किया,,, उसे जाने दो ,,,,,,, और वैसे भी मुझे इसकी शक्ल नहीं पसंद ,,,,,क्योंकि इसलिए मेरी बेटी को मारा है ,,,,,इसलिए इसे जाने दो,,,, क्योंकि उसे उसकी किये की सजा मिल गई ,,,,,जेल में रहकर ,,,,, यह कहते हुए,,,,,,वह अपनी आंखों में ,,,नकली आंसू ला ,,,,, रोने लगती है
और वही मिहिर जो ,,,, रुही को,,,बार से भाग जाने से,,,,पहले से गुस्से में था ,,,
लेकिन आंटी की बातें सुन,,,,,उसका गुस्सा और बढ़ जाता है ,,,,,,और फिर वह गुस्से से अपने कदम रूही के पास ले जा ,,,,,,उसका गला पकड़,,,,,उठाते हुए ,,,,,,तेरी हिम्मत कैसे हुई ,,,,,,आंटी पर हाथ उठाने की ,,,,,,,क्या तुझे अपनी जान प्यारी नहीं है ,,,,,,,,यह कहते हुए ,,,,, मीहिर,,,,अपनी पकड़ रोहि के गर्दन पर टाइट कर देता है
लेकिन रोहि उसे एक शब्द नहीं कहती ,,,,,वह आब भी,,,,,उसे अपने होठों पर स्माइल ले ,,, घुरी जा रही थी ,,,,,,
जो उस स्माइल में ,,,, रुही,,, का दर्द था,,,,एक चुभन थी ,,,,,एक एहसास था ,,,,,की मिहिर उसकी एक भी बात नहीं सुनेगा ,,,,,चाहे वह सही हो ,,,,या गलत हो,,,, मिहिर,,,,उसे ही गलत ही समझेगी
उसकी आंखों में एक असहनीय दर्द था ,,,,,,जो सिर्फ में रूही ही समझ सकती थी,,,,,,,,की गलती ना होने के बावजूद भी ,,,,,,उसे सजा पर सजा ,,,,मिलनी जा रही थी
उसे वक्त और किस्मत ने,,,,इस मोड़ पर ले आया था,,,,कि ना उसके आगे जिंदगी है ,,,,,,और ना ही मौत है,,,,,,,वह हर दिन मारते हुए जी रही ,,,,,और जीते हुए मार रही थी,,,,
एक वक्त था जब,,,,,,उसके पास सब कुछ था,,,,,,,लेकिन एक आज का, वक्त है ,,,,,,उसके पास कुछ नहीं है,,,,,,ना ही उसकी सेल्फ रिस्पेक्ट ,,,,,,और ना ही कोई इज्जत ,,,,
की कोई भी आता और कुछ भी कह,,,,,,उस पर,,,,,झूठे इल्जाम लगा जाता है ,,,,,,और वह कुछ नहीं कर पाती,,,,,,सिर्फ देखती रह जाती है
और मिहिर गुस्से से ,,,,,,अपनी पकड़ ,,,,,रूही के गर्दन पर ,,,,,कसते जा रहा था ,,,,,,और वही रूही की अब सांस भी उखड़ने लगी थी,,,,,,,और उसके हाथ भी हल्के हल्के कांपने लगे थे ,,,,,,,और सांस न मिलने पर ,,,,,,अब रूही की आंखें भी ,,,,,,धीरे-धीरे बंद होने लगी थी,,,,,,,लेकिन वह आप भी मिहिर से खुद को नहीं छुड़ा रही थी,,,,
की तभी रूही की आंखें बंद हो जाती है ,,,और रूही का कमजोर शरीर भी,,,,अब कापना बंद कर देता है ,,,,,लेकिन मिहिर उसे आप भी नहीं छोड़ना
आज के लिए बस इतना
मेरी प्यारे रीडर्स,,,,,मैंने आपको कहा था ,,,,,कि मेरे जितने चैप्टर पर ,,,,,,आप शेयर करेंगे,,,,, मैं, मैं उतने ही जल्दी ,,,,आप सब को चैप्टर दूंगी,,,,
और यहाँ तक मैंने आप सब से,,,वादा भी किया था,,,,कि मैं रोज चैप्टर दूंगी ,,,,,और वो भी 2,,,,2 दूंगी,,,,और देखो मैंने,,,,कल दो चैप्टर दिए भी
लेकिन मुझे कल के चैप्टर में आप सब का कोई रिस्पांस नहीं आया,,,,, ,,, इसलिए मैंने आप सबको ,,,आज ,,सिर्फ एक चैप्टर दिया
और हां मुझे किसी का कमेंट आया था, ,,,कि मुझे किसी दूसरे लेखक से सीखना चाहिए ,,,,,,
तो मिस अलीम खान,,,, मैं एक स्टूडेंट हूं ,,,,और मुझे पढ़ना भी होता है,,,,,कॉलेज वर्क भी करना होता है,,,,,,,और रही बात इस कहानी को लिखने की ,,,,
तो मुझे कोई पैसे नहीं मिलते ,,,,,और ना ही कोई प्रॉफिट होता है ,,,, मैं यह सिर्फ,,,,,,अपनी खुशी के लिए लिखती हूं ,,,,,,और आप सब के,,,,,,कॉमेंट्स पढ़ने के लिए,,,,,,कि आप सबको मेरी कहानी पसंद आ रही है कि नहीं,,,, ,,, ना कि आप सबके बुरे बुरे कमेंट पढ़ने के लिए, ,,,,अगर आप सब मुझे अच्छे कमेंट नहीं कर सकते ,,,,,तो प्लीज आप मुझे नेगेटिव कमेंट भी ना करें,,,
और रही बात मेरे नोवल के,,,,,,तो जब आप सब मुझे ,,,,ना कमेंट ,,,,ना शेयर करोगे ,,,,,तो मुझे पता कैसे चलेगा ,,,,,,कि आप सबको मेरी कहानी पसंद भी आ रही है,,,कि नहीं, , ,,,,,,
और मैं आपको पहले भी बता चुकी हूं और आब भी,,,,,मुझे इस कहानी में कोई प्रॉफिट नहीं मिलता,,,,,,,मैं सिर्फ अपनी खुशी के लिए कहानी लिखती हूं ,,,,,,अपनी स्टडी से टाइम निकाल कर,,,,,में आप सब के लिए एपिसोड लिखती हूं
और रही बात मेरे उन रीडर्स की,,,,, जो मुझे रोज कमेंट करते हैं,,,,,, मुझे खुशी भी मिलती है उन रिडर्स से , , ,
थैंक यू माय ऑल रिडर्स,,,,,
Arish,, TM,,, rk,,, trupti,,,,,sneha,, Priyanshu,, pooja rawat,, pooja thakur,, sheetal,,, vaishali,,,
थैंक यू मेरी कहानी पढ़ने और रोज कमेंट करने के लिए