और मिहिर गुस्से से ,,,,,,अपनी पकड़ ,,,,,रूही के गर्दन पर ,,,,,कसते जा रहा था ,,,,,,और वही रूही की अब सांस भी उखड़ने लगी थी,,,,,,,और उसके हाथ भी हल्के हल्के कांपने लगे थे ,,,,,,,और सांस न मिलने पर ,,,,,,अब रूही की आंखें भी ,,,,,,धीरे-धीरे बंद होने लगी थी,,,,,,,लेकिन वह आप भी मिहिर से खुद को नहीं छुड़ा रही थी,,,,
की तभी रूही की आंखें बंद हो जाती है ,,,और रूही का कमजोर शरीर भी,,,,अब कापना बंद कर देता है ,,,,,लेकिन मिहिर उसे आ भी नहीं छोड़ना
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Aab aage __________________
रूही का गला घुटने की वजह से ,,,,,उसकी सांस लेने में प्रॉब्लम होने लगी थी ,,,,,,जिससे कि अब रूही की सांस तक घुटने लगी थी
,,,,,जिससे उसकी आंखें बंद होने लगी थी,,,,,, और रुही ने अपना सारा शरीर,,,,धिला छोड़ दिया था
की तभी अलीशा की मां दौड़ते हुए ,,,,, मिहिर का हाथ रुहे के गार्डन से हटा,,,,,, मिहिर को रोहि से अलग करती है,,,,जिससे रूही जमीन पर जा गिरती है
जिससे अलीशा की मां रोहि की तरफ देखती है ,,,,,तो वह जमीन पर आंखें बंद कर लेती हुई थी,,,,
जिसे देख अलीशा की मां जल्दी से रूही के गालों को थप थापा ,,,,,,उसे उठाने की कोशिश करने लगती है ,,,,,,लेकिन उसके ऐसा करने से भी,,,,,रूही कोई रिस्पांस नहीं करती
जिसे देख अलीशा की मां ,,,,,,जल्दी से ,,,,,अपने हाथों को आगे बढ़ा,,,,,रूही के सासे ,,,,चेक करने लगती है ,,,,,,तू रोहि के सासे ,,,,,,बहुत स्लो चल रही थी ,,,,,,जिसे देख रुही जल्दी से ,,,,,,,अपने पास से पानी निकाल ,,,,,,रुही की आंखों पर छीते मारती है,,,,,,,,,और फिर उसके सीने पर हल्का सा मारने लगती है,,,,,जिससे आरुषि एक खांसी के साथ,,,,,,अपनी आंखें खोल ,,,,बैठ जाती है
और वही वह औरत,,,,,,,,रूही को जिंदा देख,,,,,एक राहत की सांस लेती है
और फिर गुस्से से मिहिर की तरफ देखा ,,,,,,,क्या करने जा रहे थे मिहिर ,,,,,,,,अगर उसे कुछ हो जाता तो,,,,,,तुम्हें पता भी है ,,,,,,,,,तुम्हें भी जेल जाना पड़ता
और मेरी मरी हुई अलीशा बेटी पर ,,,,,क्या बितटी ,,,,,तुम्हें इस तरह जेल में देखकर,,,,,,,उसकी आत्मा को शांति मिलती,,,,,,नहीं ना
अगर तुम्हें जाने से,,,,,,कोई फर्क नहीं पड़ता ,,,,,तो तुम प्लीज ,,,,,मेरी बेटी के लिए,,,,ऐसा दोबारा कभी मत करना
क्योंकि मैं नहीं चाहती ,,,,,कि यह मरे,,,,,वह भी तुम्हारे हाथ है ,,,,,,इसलिए तुम इसके साथ ,,,,,,ऐसा दोबारा बर्ताव नहीं करोगे,,,,,,,यह देख वह औरत,,,,,,एक नजर रुही की तरफ देख,,, मिहिर की तरफ देखने लगती है,,, जिस पर गुस्सा ,,,आब भी ,,,साफ नजर आ रहा था
और वही रूही ,,,,,,,जो आब भी,,,,,,अपनी सांसों को कंट्रोल करने की कोशिश ,,,कर रही थी,,,,,,लेकिन मिहिर और उन दोनों की बातें ,,,,,,,और उनका ध्यान खुद पर ना देख ,,,,,,,वह यहां से ,,,,,बस अब भागना चाहती थी
क्योंकि उसे,,,,,इस मैहर के पास ,,,,,,अब 1 मिनट भी नहीं रुकना था ,,,,,,,वह किसी भी तरह अपनी और अपनी मां की जान बचा,,,,,,,इस शहर को छोड़कर ,,,,जाना चाहती थे,,,,,मिहिर से खुद को बचाना चाहती थी
जिससे रूही मौका पा,,,,, बस वहां से भागना चाहती थी,,,,, जिससे रूही धीरे से ,,,,,,जमीन से उठने की कोशिश करती है,,,,,,,कि तभी उसके लेफ्ट साइड ,,,,,,,पेट में बहुत तेज दर्द निकलता है ,,,,,,,लेकिन फिर भी ,,,,,,वह अपने दर्द को ,,,,,,बर्दाश्त कर,,,,,वह वहां से उठकर जाने लगती है
क्योंकि रूही में पहले से ही ,,,,,खून की कमी थी,,,,,,और उपर से इतना खून बहने की वजह से ,,,,,,उसे काफी कमजोरी फील हो रही थी,,,,,,,,जिससे उसका दोबारा पेट दर्द शुरू हो गया था,,, जिससे रुही अपना एक हाथ ,,,,,अपने बहते हुए खून पर रख , और दूसरा हाथ अपने लेफ्ट साइड,,,,,पेट पर रख ,,,,,,उसे दबाते हुए ,,, वह वहां से भागने लगती है ,,,,,,,ताकि वह खुद को,,,,mihir से बचा सके ,,,,
और वही रोहि,,,,छे कदम ही आगे गई होगी ,,,,की तभी मिहिर की नजर रुही पर पड़ती है,,,, जो अपनी एक हाथ से ,,,,,,अपने बहते हुए खून को ,,,,,,,और दूसरे हाथ से ,,,,,,अपने पैर को पकड़ ,,,,,वहां से चली जा रही थी
जिसे देख मिहिर गुस्से से ,,,, इतना कुछ हो गया ,,,,,,,फिर भी यह मुझसे,,,,दूर जाना चाहती है ,,,,इसे तो मैं,,,,,,,यह कहते हुए मिहिर ,,,,,,अपने लंबे कदमों से ,,,,,,रूही के पास जाने लगता है
और वही रूही दर्द की वजह से,,,,,उसे भागा भी,,,,,नहीं जा रहा था ,,,,,,,जिससे वहां सिर्फ अपने कदमों को ,,,,,,जल्दी-जल्दी भागा रही थी
की तभी मिहिर,,,जल्दी से रूही के पास बहुच,,,,,,,,उसके बालो को पकड़ ,,,,,,अपनी तरफ घुमा देता है ,,,,,और उसके गालो पर ,,,,,,अपनी पकड़ बनाते हुए,,,,,गुस्से से दांत पीसते हुए,,,,,क्या कर रही थी,,,, तुम,,,,,,
मुझसे दूर जाने की कोशिश कर रही थी ,,,,,,मैंने तुझे पहले ही कहा था,,, की तो आई अपनी मर्जी से है,,,,,,लेकिन जाएगी मेरी मर्जी से ,,,,,,और फिर उसका हाथ पकड़,,,,,,जबरदस्ती अपनी कार की तरफ ले जाने लगता है
और वही रूही ,,,,,,मिहिर के साथ किसी हवा की तरह,,,,,पीछे-पीछे चली जा रही थी
मैहर की पकड़ रुही के हाथों पर ,,,,,,बहुत मजबूत थी ,,,,,जिससे रूही को बहुत दर्द हो रहा था ,,,,,,,वह अब भी ,,,,,,अपने- पतले हाथों को ,,,,,,, मिहिर के हाथों पर मारते हुए ,,,,,छोड़ो मिहिर मुझे,,,,,,,कहां लेकर जा रहे हो ,,,,,,,अब तो मुझे बक्श दो ,,,,,,और मुझे जाने दो प्लीज ,,,,,मैंने तुम सब का,,,,,क्या बिगाड़ा है ,,,,,मुझे जाने दो
और फिर वही अपनी दर्द भरी नजरों से,,,,,उस औरत की तरफ देख ,,,, चीखते हुए,,,,,,,आंटी प्लीज मिहिर को रोको ,,,,,,मैं इसके साथ नहीं जाना चाहती ,,,,,, आपकी सारी बात मानूंगी ,,,,,मैं दोबारा सजा पाने के लिए भी तैयार हूं ,,,,,,आपके हाथों,,,,,,,बस आप मुझे मिहिर के साथ मत भेजो ,,,,,,,यह कहते हुए रोहि बार-बार रोए जा रहे थे
और वही अलीशा की मां ,,,, रुही को इस तरह गिड़गिड़ाता देख,,,,,रूही को इस तरह गिड़गिड़ाता देख ,,,,,उसके चेहरे पर से,, उसकी मुस्कान ,,,,जा ही नहीं रहती है
और फिर वहां स्माइल करते हुए,,,,,रुही की तरफ देखते हुए,,,,,जा अब,,,,पूरी जिंदगी मिहिर के द्वारा ,,,दिए गये,,,,दर्द को साहने के लिए
तुम्हें बहुत शौक है ना ,,,,,,तुम्हें मिहींर चाहिए था ना,,, तो रख आपने पास ्,,, तुमने मिहिर को ही पाने के लिए,,,,,मेरी बेटी को मारा था ना,,,,,,
तो अब तुम,,,, उसी के पास पड़े रहो ,,,,,अपने दर्द को सहते हुए ,,,,,अब तुम्हें पूरी जिंदगी अफसोस होगा ,,,,,कि तुमने मेरी बेटी से उसका प्यार क्यों छीना
तुम प्यार करती थी,,,,ना,,,,मिहिर से ,,,,,,जब वही तुम्हारी जिंदगी नरक बनाएगा ,,,,,,तब तुम्हें पता चलेगा,,,,,,बहुत प्यार था ना ,,,,,, तूम्हे मिहिर से,,,,,तभी तो तू,,,हमेशा,,,, उसके आगे पीछे घूमती थी ,,,,, तो अब घूमती रह जिंदगी भर मिहिर के आगे पिछे,,,
अगर मैंने तुम्हे,,,, खून के आसू रुलाया नहीं,,,,,,तो मेरा नाम भी ,,,,मेघना नहीं
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और वही ,,,, मिहिर रुही को खींचते हुए ,,,,सीधा कार के पास ले जा,,,,,उसे बैक शीट पर धक्का दे देता है
और वही रुही मिहिर के,,,,, धक्का देने की वजह से,,,,,,सीधा बैक सीट पर जा गिरती है ,,,,,,और फिर जल्दी से,,,,,,और फिर जल्दी से उठकर,,,, पैनिक होते हुए,,,,,थ्वह कार का डोर ओपन कर ,,,,,,,बाहर निकालने की कोशिश करने लगती है
और फिर अपने दर्द भरी नजरों से,,,,,,, मिहर की तरफ देखते हुए,,,,,,,,प्लीज मिहिर,,,,,,अब तो मुझे छोड़ दो,,,,,आंखिर में ,,,,,अब तुम मुझसे चाहते क्या हो,,,,,,,मुझे जाने क्यों नहीं देते ,,,,अपनी जिंदगी से ,,,,,
और रुही यह कह ,,,,,उस कार से ,,,,,बाहर निकलने लगती है
और वह मिहीर भी,,, कार के अंदर बैठ जाता है ,,,,और वही रोहि को कार से बाहर निकालने के लिए छटपटाता ,,,,,और उसे चीखता देख,,,,,,रुही को सीट पर लेटा,,,,,,खुद उसके ऊपर आ ,,,,,,,बगैर उसे कोई मौका दिए ,,,,,,उसके होठों पर होट,,, रख,,,,, गुस्से से,,, मिहिर रुही को,,,,फोर्सफुली किस करने लगता है
आज के लिए बस इतना
तो देखते हैं कल क्या होगा
मेरे प्यारे रिडर्स मैंने कहा था ना कि आप सब के शेयर और कमेंट पर डिपेंड करता है,,,,,कि मैं आप सबको अपना चैप्टर कब दूं
अब मैं आपको टारगेट देती हूं ,,,,,आप सब मेरे रिडर्स बढायेगे,,,,,मैं उतनी ही जल्दी ,,,,,आप सबको चैप्टर अपलोड कर ,,,,,दिया करूंगी,,,,,ओके बाय