Begunah ishq

और फिर अपने दर्द भरी नजरों से,,,,,,, मिहर की तरफ देखते हुए,,,,,,,,प्लीज मिहिर,,,,,,अब तो मुझे छोड़ दो,,,,,आंखिर में ,,,,,अब तुम मुझसे चाहते क्या हो,,,,,,,मुझे जाने क्यों नहीं देते ,,,,अपनी जिंदगी से ,,,,,

और रुही यह कह ,,,,,उस कार से ,,,,,बाहर निकलने लगती है

और वह मिहीर भी,,, कार के अंदर बैठ जाता है ,,,,और वही रोहि को कार से बाहर निकालने के लिए छटपटाता ,,,,,और उसे चीखता देख,,,,,,रुही को सीट पर लेटा,,,,,,खुद उसके ऊपर आ ,,,,,,,बगैर उसे कोई मौका दिए ,,,,,,उसके होठों पर होट,,, रख,,,,, गुस्से से,,, मिहिर रुही को,,,,फोर्सफुली किस करने लगता है 

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अब आगे______

और मिहिर के ऐसा करते ही रूही छटपटाने लगती है ,,,,और अपने छोटे हाथों की,, मुठ्ठी बना,,,उसके पीट पर बरसते हुए ,,,,,मिहिर को ,,,,खुद से दूर करने लगती है,,,,,,लेकिन मिहिर तो,,,,रूही को छोड़ने का नाम ही,,,नहीं दे रहा था

और कार अपने रफ्तार पर ,,,,बार की तरफ,,,,कदम बढ़ाए जा रहे थे ,,,,,और वही रूही आब भी खुद को मिहिर छुड़ाने की पूरी कोशिश कर रही थी

और लगभग 15 मिनट बाद ,,,,, मिहिर रूही को छोड़,,,,,उससे थोड़ा दूर होता है ,,,,,,और फिर उसके गालो, को,,,,,,अपने हाथों से ढाबाते हुए गुस्से से ,,,,दांत पीसते हुए,,,,,अगर तुम चाहती हो ,,,,,कि इस कार में आगे कुछ ना हो ,,,,,तो तू चुपचाप ,,, सांती से बैठे रहो ,,, वो ,,, बगैर किसी हंगामा ,,और नौटंकी की ,,,,,वरना आगे का अन्जाम ,, भुगते के लिए,,,,तैयार रहो ,,,,,यह कह मिहिर,, रुही के उपर से उठ,,अपनी जगह जाकर बैठ जाता है

और वही रुही मिहिर की बात सुन,,,,,,चुपचाप आराम से ,,,,, चुपचाप बैठ जाती है ,,,,,,और अपने सोनी आंखों से ,,,,,कार की विंडो की तरफ ,,,,,,,अपना मुख मोड़,,,,,,,वह बाहर की दुनिया को देखने लगती है

और लगभग 20 मिनट बाद ,,,,,उनकी कार बार के बाहर रूकती है ,,,,और मिहिर कार से उतर ,,,, रुही का हाथ पकड़ ,,,,,खींचते हुए ,,,,,,बार के अंदर जाने लगता है ,,,,,और फिर उसे सीधा ,,,,,,उसके कमरे में ले जा,,,,,,,,,,,उसे कमरे के अंदर धक्का दे देता है,,,,,,जिससे रोहि,,,,सीधा जमीन पर जा सकती है 

उसे जमीन पर गिरा हुआ देख,,,,, मिहिर,,,,, तू गिरी हुई है,,,,,तभी तो,,,,,तु बार-बार इसी तरह ,,,,,,दूसरों के पैरों पर ,,, जा गिरती है,,,,,,और हां अब दोबारा भागने की कोशिश मत करना,,,,,,,वरना अंजाम तो तुम देख ही चुकी हो ,,,,,,अगर तुम भागने की कोशिश की,,,,,,तो अंजाम इससे भी बुरा हो सकता है 

जिसे सुन रुही,,,,,,अपने होठों पर ,,,,,दर्द भरी मुस्कान ,,,,,,और अपनी आंखों में दर्द और अफसोस के मिले-जुले भाव, ले,,, मिहिर की तरफ देखते हुए,,,,,,,क्या करोगे बोलो ,,,,,,,क्या करोगे ,,,,,,,मार दोगे मुझे,,,,,,,,तो मार दो ,,,,,,,

आखिर में,,,,मैं ,,,,,तुमसे डरती ही ,,, क्यो हूँ,,,, सब कुछ छीन लिया है,,,,,,अब बचा ही क्या है,,,,,जो तुम अब मुझसे,,,,,छीनोगे ,,,,,,,सिर्फ एक जान,,,,,तो ले लो ,,,,,,,, मुझे अब,,,,फर्क नहीं पड़ता मरने से ,,,,सुना तुमने

और रही बात यहां से भागने की ,,,,,,तो सुनो ,,,,,मैं बार-बार कोशिश करूंगी,,,,,,जब तक मैं यहां से आजाद नहीं हो जाती ,,,,तुमसे दूर नहीं चली जाती,,,,,,क्योंकि बहुत शाह लिया है मैंने ,,,,,आब सहने की बारी ,,,,तुम्हारी है

सुना तुमने,,,,,,इसलिए मैं यहां से भाग जाऊंगी,,,, 

जिसे सुन मिहिर रुही का मजाक उड़ाते हुए,,,,,,, क्या हुआ उतार गया प्यार का भूत ,,,,,, याद है तुम्हें ,,,,,मैंने एक दिन कहा था,,,,,कि एक दिन,,,,,,,,,आएगा ,,,,,,जब मैं तुम्हारे सर से ,,,,,,प्यार का भूत उतार दूंगा

तो देखो उतार दिया,,,,,,, और फिर ,,,,, मिहिर रुही के चेहरे को,,,,,छूटे हुए,,,,,क्या हुआ अब तुम्हें मेरे आगे पीछे नहीं घूमना ,,,,,,,अब तो मैं तुम्हें पूरा मौका देता हूं ,,,,,,,तो मेरे आगे पीछे घूमो ,,,,,,लेकिन तुम हो ,,,,कि तुम तो मुझे बहुत भाग रही हो,,,,, यह कह मिहिर जोर-जोर से हंसने लगता है ,,,,,जीसे देख साफ पता चलता है,,,,,कि मिहिर ,,,,रुहे का मजाक उड़ा रहा था

 और फिर एकदम से शांत हो, ,,,गुस्से से ,,,,रोहि का मुंह,,,,पकड़ लेता है,,,,,,और उसके फेस पर गुस्सा साफ देखा जा सकता था,, ,,,आब भी उसकी आंखें लाल ,,,,,,और चेहरा भी हलका लाल हो गया था

 और फिर उसके गालों पर अपनी पकड़ कसते हुए ,,,,,,,, भागना है तुझे,,,,,,

तो, भाग कर तो दिखा,,,,,मैं तुझे जिंदगी भर के लिए ,,,, आपाहिज कर दूंगा ,,,,,मैं तेरे पैर तोड़ दूंगा ,,,,,,अगर तुम भागने की कोशिश की तो ,,,,,,यह कह मिहिर,,,,,एक नजर रुही क़ो देख ,,,,वहां से चला जाता है 

मिहिर की बातें सुन ,,,,रुही की आंखों में ,,,,,फिर से आंसू आ जाते हैं ,,,,,,जिसे रुही,,,,,बड़े मुश्किल से,,,,कब से रोक रखी थी

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और वहीं दूसरी तरफ कॉलेज में ,,,, चारों तरफ,,,,,शोर शराब और हंगामा चल रहा था ,,, और आर्य सब पर,,,,अपनी हुकूमत चला रही थी,,,,,वह आराम से सोफे पर बैठ ,,,,,,उसे हाल में को काम करता हुआ देख रही थी

और फिर सभी को अपना आर्डर देते हुए नहीं नहीं ,,,,इस फ्लावर को,,,,वहां लगाओ,,,,नहीं इस सामान को उधर रखो,,,,,,,,नहीं तुम्हारा काम यह नहीं ,,,,,वह था ,,,,जिसे सब लोग ,,,,,, बगैर किसी एक्यूमेंट से आर्य की सारी बात मां से हाथों को जल्दी-जल्दी कहां पर लगा रखे थे

और यह सब नजरा ,,,,वहां खड़ा है आयान भी देख रहा था,,,,,लेकिन वहां आर्य को कुछ नहीं कहता ,,,,, बस उसे गुस्से भरी नजरों से देखता ही है

क्योंकि इस पार्टी की सारी जिम्मेदारी सिर्फ वही को नहीं ,,,,,,,्आर्य और दो और बच्चों को दिया गया था ,,,,,,जो वह ते बच्चे और आर्यन भी उन सब बच्चों को ऑर्डर के साथ ,,,खुद भी काम कर रहा था लेकिन यह कार्य ही थी जो सिर्फ सोफे पर बैठ उन सबको ऑर्डर दे रहे थे ,,,,कुछ काम नहीं

जिसे देख उसमें से एक लड़का ,,,,,जिसे आर्य को देखकर गुस्सा ही आ रहा था ,,,,आपको गुस्सा बर्दाश्त का सीधा आर्य के पास है उसके सामने खड़ा हो आगे की तरफ,,,,,,,देखते हुए ,,,,,आर्य तुम भी कुछ कर लो ,,,ऑर्डर देने के सिवा 

और अगर तुम्हें कुछ नहीं करना ,,,,,,तो सब बच्चों पर हुकूमत जमाना बंद कर

जिसे सुन रुही,,,जो अपने फोन में लगी हुई थी ,,,,,वह अपने सामने खड़े लड़के की बात सुन ,,,,,,अपने अपने फोन को इस तरह चलाते हुए ,,,अपने तिरछी नजरों से ,,,,उस लड़के की तरफ देखते हुए ,,,,अगर मैं तुम्हारी बात ना मानो तो

जिसे सुन वह लड़का ,,,,,रोहि की तरफ घुरते हुए ,,,,दूसरे यहां से चले जाओ,,,,क्योंकि तुम्हें तो कुछ आता जाता है,,,,नहीं ,,,,यहां का सारा डेकोरेशन खराब कर दिया ,,,,सब अपनी मर्जी से,,,,

सारे समान को इधर से उधर करवा रही हो ,,,,सब कुछ यहां खराब करके रख दिया है ,,,,क्योंकि तुम्हें आता ही क्या है ,,,,सिवाय लोगों पर हुकूमत थतना और मारपीट करना

जिसे सुन रुही,,,,,बगर कुछ कहे,,,,,चुपचाप अपना फोन अपने पॉकेट में डाल ,,,,,अपनी जैकेट सही कर सोफे से उठ,,,,उस लड़कों की तरह,,,,,,,अपने कदम बड़ा,,,,,उसके पास पहुंच,,,, उसकी आंखों में देखते हुए ,,,,,तो मिस्टर क्या कहा तुमने,,,,,कि मुझे कुछ आता नहीं ,,,,सिर्फ मारपीट के सिवा

तो ठीक है,,, तो तू भी बता दो ,,,,,कि तुम्हें क्या आता है

जिसे सुन,,,वह लड़का ,,,,मुझे सब कुछ आता है,,,सुना तुम्हें ,,,,बस तुम्हारी तरह ,,,,बदतमीजी करना नहीं

जिसे सुन ,,,,आर्य बड़े एटीट्यूड से,,,,तो ठीक है ,,,तुम्हें सब कुछ आता है ,,,,तो ठीक है ,,,,तुम वह करके दिखाओ,,,,,जो चीज में ,,,,,अपनी आंखें बंद कर के,,, कर सकती हूं ,,,,,तुम वही चीज़ ,,,,अपनी आंखें खोल के करके दिखा सकते हो

जिसे सुन वह लड़का ,,,अपने मन ,,,,क्या मैं इसकी बात मान लू,,,,वैसे तो यह बहुत ही चालक और स्ट्रांग है ,,,,,लेकिन फिर भी,,,, जब आर्य वही काम ,,,,आंख बंद करके कर सकती है,,,,,,,तो मैं आंखों खोल कर क्यों नहीं कर सकता

 और वैसे भी ,,,,,यह मुझसे ज्यादा ताकतवर नहीं होगी ,,,,,क्योंकि यह है तो एक लड़की है ,,,,लड़का नहीं ,,,,,

 जिसे सोच वह लड़का ,,,,बगैर ज्यादा कुछ सोचे,,,,बड़े एटीट्यूड से ,,,,,आर्य की आंखो में देखते हुए ,,,,,हा मैं भी कर सकता हूं ,,,,,,अगर तुम वही काम ,,,,,,अपनी आंखें बंद कर सकती हो ,,,,,तो मैं वही काम,,,आंखें खोल कर ,,,क्यों नहीं कर सकती

उसे लड़के के मुंह से,,,,,यह बात सुन ,,,,आर्य अपने फेस पर डेविल स्माइल ला ,,,,एक लड़के को अपने हाथों के इशारे से ,,,,,अपने पास बुलाती है ,,,,,,और उसकी कान में कुछ कहती है,,,,जिसे सुन,,,,वह लड़का,,,,पहले थोड़ा शौक होता है ,,,,,और फिर आर्य की तरफ देख ,,,,,, एक खतरनाक स्माइल कर,,,,,वह वहां से चला जाता है 

और फिर आया दोबारा बड़े एटीट्यूड से ,,,,चलते हुए ,,,,,,दोबारा अपने सोफे पर जा बैठती है ,,,,,और फिर अपने पैरो पर पैर रख ,,,,उस लड़के को बड़ो गौर से देखने लगती है 

आज के लिए बस इतना ,,,,तो आर्य ने क्या सोचा है ,,,,,,और आर्य क्या चीज है ,,,,जो अपनी आंखें बंद कर के कर सकती है,,,,,लेकिन वह लड़का नहीं ,,,,यहां आप सब,,,मुझे कमेंट में जरूर बताइएगा और मुझे अच्छे-अच्छे कमेंट और शेयर जरूर करेगा

और हां आज भी, ,,,आप सबके कमेंट ,,और शेयर मुझे अच्छे लगे ,,, तो आप सबको दूसरा एपिसोड,,,,आज शाम 5:00 बजे तक मिल जाएगा 

ओके बाय एंड गुड नाइट

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