Begunah ishq

वह सिर्फ मिहिर जानता था,,,,,,जब उसने, पहली बार रुही को ,, उस रेस्टोरेंट में देखा था, , ,,,, उस नीली वेटर्स की साड़ी में ,,,,,,सच में ,,,,,, मिहिर उसे,,,,,देखता रह गया था,,,,,,,,

वह देखने में,,,,,, बहुत कमजोर लग रही थी ,,,,,,,फिर भी वह बहुत खूबसूरत लग रही है,,,,,,, उसकी वह परफेक्ट हार्ट शेप लिप्स,,,,,,उसका परफेक्ट फिगर ,,,,,,उसकी लाइट ग्रे आंखें ,,,,,,,सच में उसकी खूबसूरती का कोई जवाब नहीं था

इतने दिन ,,,,,जेल में बिताने के बाद भी ,,,,,,,उसके फेस पर,,,,,,वह मासूमियत,,,,दिख रही थी,,,,,,जिसकी आड़ में ,,,,,उसने अलीशा को मारा था

उसकी फेस पर,,,,,कोई मेकअप नहीं था ,,,,,,आंखों में डार्क सर्कल ,,,,,फिर भी वह बहुत ही खूबसूरत लग रही थी,,,,,,जिसे देख मिहिर,,,,,,,, का दिल,,,, जोरो,, से धड़कने लगा था ,,,,,,,,लेकिन उसे अपने दिल से ,,,,,नफरत हो रही थी ,,,,,,,कि वह अपने सामने खड़े ,,,,,इस खुनी के लिए,,,,,क्यों धड़कता है,,,, 

मिहिर का दिल ,,,,,,जितनी तेजी से धड़कता था,,,,,,,मिहिर को उतना ज्यादा ,,, रुही से नफरत होती थी ,,,,,,क्योंकि मोहब्बत का दूसरा नाम जो नफरत है ,,,,, 

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अब आगे______________________

इसलिए महीने अपने दिमाग पर जोर दे ,,,,,रूही को अपने दिल में नफरत की जगह दे दी थी

यह समझ कर,,,,,कि वह कभी भी ,,,,रूही से मोहब्बत कर ही नहीं सकता,,,,,क्योंकि रुही एक खूनी है,,,,,मासूम होने का दिखावा करती है ,,,,,यह समझा ,,, आपने दिल को ,,,,, मिहिर ने,,,,रूही की ,,,,,,सबके सामने ,,,,उस रेस्टोरेंट में ,,,,बहुत बेज्जती की 

और जब उसने रुही को ,,,,,उस होटल में देखा था,,,,,,,वह बगैर पहचाने ,,, रुही की तरफ अट्रेक्ट हो गया था,,,,,,और जब उसने रुही कमर छुई, थी ,,,

तभी मिहिर का दिल ,,,,,,बहुत जोरों से ,,,,,धड़क रहा था ,,,,,जैसे की उसने ,,,,,,उसे पहले भी महसूस किया हो,,,,,

उसे वह टच,,, जैसे जाना पहचाना लग रहा था,,,,,जिससे वह उस लड़की का घूंघट उठा,,, उसे देखना चाहता था ,,,,,लेकिन शायद किस्मत को कुछ और ही मंजूर था ,,,,,उससे पहले ,,,,वह लड़की वहां से चली गई थी

और जब उसने,,,,,,तीसरी बार रूही को,,,,,अपने ही बार में ,,,,,,एक बार गर्ल,,,का ,,,,,,काम करते देखा था,,,,

और उसे ड्रेस मे,,,,,जो कि ,,,,वह ,,,,,,उस अपार्टमेंट का एक कोड ड्रेस था

वह सच में रोहि को देखता रह गया था ,,,,,उसका दिल कह रहा था ,,,,,,,कि वह अभी रूही का हाथ पकड़ ,,,,,,,अपने करीब खींच,,,,,,उसके होठों पर हॉट रख दे ,,,

और 7 सालों का प्यास ,,,,,रोहि के,,,इन होठों से बुझा ले,,,,,,,, ,,,,,,, लेकिन दोबारा रूही दुयारा,,, की गई,,,, हरकत को देख,,,,,,,उसके दिल में ,,,,,जागे जज्बातों को ,,,,,दोबारा गुस्से की जगह दे दिया

जब उसने रूही को किसी और की गोद में बैठते हुए देखा ,,,,,उसका खून खोलने लगा था ,,,,और रोहि द्वारा की गई हरकत से,,,,,,,,,,,, वह दूबारा,,,,उसकी नजरों में गिर गई

क्योंकि कमबख्त वक्त ही रुही का,,,साथ नहीं दे रहा था,,,,,, क्योंकि जब मिहिर,,,रूही के करीब जाने लगता,,,,,,तब कुछ ना कुछ ऐसा होता ,,,,,,,कि हमेशा वही ही गलत साबित हो जाती

और उसे दिन भी यही हुआ था ,,,,,,जिससे मिहिर को,,,,और गुस्सा आने लगा था,,,,,और साथ में,,,,रुही दुयारा कहीं गई,,,,,,वह कड़वी बातों ने भी,,,,,,,मिहिर के गुस्से में घी डालने का काम कर दिया था

 और आज भी वही हुआ था ,,,,,,जिससे मिहिर एक नजर रूही को देख ,,,,,वह सीधा ,,,,उस बाथरूम से निकल जाता है ,,,,,और फिर गुस्से से अपने केबिन में जा ,,,,कार की चाबी ले,,,,,वह गुस्से से,,,,,,,उस बार से,,,,निकल जाता है 

और मिहिर के जाते ही रूही,,,,,जमीन से उठ जाती है,,,,,,और फिर अपने होठों पर दर्द भरी मुस्कान ला,,,,,मैं पहले पागल थी ,,,,जो तुम्हारे बातों में आ जाती थी,,,,,लेकिन आब नहीं ,,,,,,,,

अब यह नफरत का सिलसिला ,,,,,अंत तक चलता रहेगा ,,,और मैं मर जाऊंगी ,,,,,लेकिन तुम्हें कभी ,,,,जिंदगी में माफ नहीं करूंगी ,,,,,तुम तड़पोगे,,,,,,लेकिन मैं तुम्हारी तरफ,,,,,,पलट कर भी नहीं देखूंगी ,,,,,

यह कह रूही बाथरूम से निकाल,,,,,कमरे में आ जाती है,,,,,,,जहां संध्या,,,,,बड़ी बेशरबरी से ,,,,,,रूही का इंतजार कर रही थी

रोहि के बाहर निकलते ही ,,,,संध्या जल्दी से रूही के पास जा ,,,,रूही रूही जो कल रात तुम्हारे साथ हुआ था,,,,क्या-क्या ,,, वह मिहिर सर ने,,,, तुम्हारे साथ किया था

संध्या की बात सुन,,,,,,रुही एक नजर संध्या को देख ,,,,वह अपने कदम आगे बढ़ा देती है ,,,,,की तभी संध्या रूही का हाथ पकड़ ,,,,,रोहि क्या मैं इतनी बुरी हूं ,,,,,,कि तुम मुझे अपना दोस्त भी नहीं मान सकती,,,, मुझसे तुम ,,,बात भी नहीं कर सकती,,,,तुम अपना दर्द भी ,,,,मुझसे बाट नहीं सकती,,,, 

यह कहते हुए संध्या रोहि के आगे आ ,,,,खड़ी हो जाती है,,,,,और संध्या रुही की आंखों में देखते हुए ,,,,,,मुझे नहीं पता,,,,रोहि,,,,,

कि बीते हुए ,,,,वक्त में ,,,,,,तुम्हारे साथ क्या हुआ है,,,,,,लेकिन इतना तो मैं,,,,अंदाजा लगा सकती हूं ,,,,,जो भी हुआ है तुम्हारे साथ,,,,,बहुत बुरा हुआ है ,,,,,,शायद मुझसे भी

 तुम्हें पता है ,,,,,दर्द सबकी लाइफ में होता है,,,,,,बस फर्क इतना ,,,,,,कि किसी की लाइफ में,,,,,दर्द कम ,,,,और किसी की लाइफ में ज्यादा,,,,,,,बस हर किसी को ,,,,,उस दर्द को सहने की ताकत होनी चाहिए ,,, 

तुम्हें पता है ,,,,हमें बहुत तकलीफ होती है ,,,,,जब वही दर्द ,,,,कोई अपना देता है,,,,तुमने मेरे होठों पर हमेशा मुस्कुराहट देखी होगी

लेकिन वह मुस्कुराहट मुझे पता है,,,,, कि मैं,,,,कितनी मुश्किल से वह मुकराहट लाती हूँ,,,,,

,और यह मुस्कुराहट मुझे तब आती है,,,,,,,जब मुझे याद आता है ,,,,,,कि मेरे अपनों ने,,,,,, मेरे साथ क्या किया है,,,,,,मुझे इस जगह लाकर फेंक दिया ,,,,,,जहां पर मुझे हर रोज,,,,,अपनी इज्जत खोने का डर लगा रहता है ,,,,,

मुझे बहुत रोना आता है ,,,,,,कि क्या मैं इतनी बदकिस्मत हूं ,,,,,,कि मेरे मा ,बाप ,,,,मुझे पाल नहीं पाए ,,,,,और यहां लाकर फेंक दिया ,,,,,मुझे कभी-कभी दुख होता है,,,,,कि मैं इस दुनिया में आई ही क्यु,,,,,,इस बार की ,,,,रौनक बनने के लिए ,,,,,यह कहते हुए संध्या की आंखों में आंसू आ जाता है

संध्या की आंखों में आंसू देख ,,,,पता नहीं क्यों ,,,,लेकिन रोहि के ,,,,,,अपने आप ,,,,हाथ आगे बढ़,,,,संध्या के आंसू पूछने लगते हैं,,,,,जिसे देख संध्या,,,,,,खुद को कंट्रोल ना ,,,कर,,,,,फूट फूट कर रोने लगती है ,,,,,,उसे इस तरह टूट कर ,,,,, रोता देख,,,,, रुही झट से संध्या को गले लगा लेती है 

लगभग 20 मिनट बाद,,,,संध्या खुद को शांत करती है ,,,,,,और फिर बेड पर बैठ,,,,,,एक नजर रुही की तरफ देखते हुए ,,,,,,,,,

और रोहि,,,,तुम्हारे साथ क्या हुआ है,,,,,जिससे तुम इस कदर ऐसी बन गई,,,,,, और तुम्हें भी, ,,,यहां आकर ,,,जॉब करना पड़ा,,,,,क्या तुम्हें भी तुम्हारे ,,,,अपनों ने ,,,

जिसे सुन रुही ,,,,एक टक संध्या को देखने लगती है,,,,,,और लगभग 5 मिनट,,,,इसी तरह संध्या को देखने के बाद ,,,,,रोहि जोर-जोर से ,,,,हंसने लगती हैं ,,,,उसके इस हसी में ,,,,दर्द था ,,,,,एक नफरत थी,,,,,एक दुख था ,,,,,किसी को ना बता पाने का 

और वही संध्या ,,,,,रोहि को इस तरह हंसता देख,,,,,संध्या रुही की तरफ देखते हुए ,,,,,,रूही क्या हुआ ,,,,,,तुम तुम ऐसे,, क्यु हस ,,,,,संध्या ने,,,,इतना ही कहा था,,,कि रोहि अपने ,, हसी को कंट्रोल कर ,,,,,क्या सुनना चाहती हो,,,,मेरी कहानी ,,,,

जिसका लेखक कोई और है ,,,,जो मान,,आता है,,,,,वह लिख देता है ,,,,जब मन करता है ,,,दर्द दे देता है,,,, 

अब तो मुझे उस दर्द से प्यार हो गया,,,,,,,और सुकून मिलने की ,,,,उम्मीद छूट गई,,,,,और रही बात मेरे बारे में जानने की,,,,,

तो जख्म,,,,,दिखाई नहीं दिखते ,,,,अगर दिखा दो,,,,,तो वह और नासुर बन जाते हैं ,,,,इसलिए उन्हें ,,,छुपा ही रहना चाहिए,,,,,वरना सब लोग हंसकर ,,,,,तुम्हारी तकलीफों का,,,मजाक बना देंगे,,,,

 और झुटा ,,,,हमदर्दी दिखा ,,,,, बची हुई जिनदगी भी तबाह कर देगे,,,,,,, क्योंकि कोई साथ नहीं देता इस दुनिया में ,,,,हमें सब कुछ खुद ही अकेले करना पड़ता है,,,, अब तो मुझे ,,,विश्वास ही नहीं रहा ,,,,,इस दुनिया में,,,,,क्योंकि जब अपनों ने साथ छोड़ दिया,,,, तो हम दुनिया वालों पर क्या भरोसा करेगे,,, 

रोहि के कहे ,,,,हर एक शब्द में उसका दर्द छुपा था,,,,,जो वह,,,,इन शब्दों के जरिए,,,,अपने दर्द को कह रही थी,,,, 

आज के लिए बस इतना

प्लीज मेरे प्यारे रीडर,,,,,आप सब मुझे ,,,,कमेंट करना ,,, और साथ में शेयर करना ना भुले,,,,

ओके बाय

एंड

गुड नाइट