कबीर की वैहसीयत!!

ईशा की बात पर वह शख्स उसे कोई जवाब नहीं देता और ना ही उसका हाथ छोड़ता है, वही उस शख्स के मुंह से कोई जवाब ना मिलने पर, और उसका हाथ ना छोड़ने पर ईशा छटपटाहटने लगती है।

और खुद को बचाने के लिए चिल्लाने लग जाती है , ईशा को चिल्लाते देख शख्स तुरंत एक सफेद कपड़ा जबरदस्ती ईशा के मुंह पर रख देता है जिससे ईशा को तुरंत ही बेहोश हो जाती है।

ईशा के बेहोश होते ही वह शक्स तुरंत ईशा के हाथ-पांव बांध देता है और उसके मुंह पर भी टेप लगाकर उसे वही सीट की साइड में बैठा देता है, उसके बाद वह शख्स तुरंत अपने जेब से फोन निकाल एक नंबर पर कॉल कर देता है।

कुछ देर तक रिंग होने के बाद दूसरी तरफ से कॉल पिक होता है, कॉल के पिक होते ही जिस शख्स ने कॉल लगाया था वह दूसरी तरफ वाले शख्श से कहता है। - "बॉस आपका काम हो गया, वह लड़की इस समय हमारे कब्जे में है!"

उस शख्स की बात सुन कॉल की दूसरी तरफ वाला शख्स उसे शाबाशी देते हुए ही अपना अगला आर्डर देता है। - "बहुत बढ़िया आज के काम कि मैं तुम्हें बहुत अच्छी कीमत दूंगा, अब उस लड़की को लेकर सीधे मेरे शहर के बाहर वाले फार्महाउस पर पहुंचो !"

कॉल के दूसरी तरफ वाले शख्स का आर्डर सुनकर वह शख्स जवाब देते हुए कहता है। - "जी बस हम कुछ देर में ही आपके फार्म हाउस पर पहुंच जाएंगे!"

इतना कहकर वह शख्स कॉल कट कर देता है।

कुछ देर बाद वह एसयूवी शहर के बाहर एक बड़े से फॉर्म हाउस के पार्किंग में आकर रूकती है, पार्किंग में एसयूवी के रुकते ही एसयूवी में बैठे सभी लोग एस यू वी से बाहर उतरते हैं, और फिर एसयूवी का बैक डोर खोल उसमें से बेहोश पड़ी ईशा को एसयूवी से बाहर निकालते हैं और उस फॉर्म हाउस के अंदर ले जाते हैं।

फार्म हाउस के अंदर ले जा कर वह सभी लोग एक कमरे का दरवाजा खोल ईशा को उस कमरे के अंदर ही बने बेड पर पटक कर वहां से बाहर निकल जाते हैं।

उन सभी के बाहर जाने के कुछ ही समय बाद एक अधेड़ उम्र का शख्स उस कमरे का दरवाजा खोल धीरे कदमों से कमरे के अंदर आता है।

इस वक्त कमरे मैं सिर्फ डिम लाइट जली हुआ था, तभी उस शख्स की नजर बेड पर बेहोश पड़ी उस खूबसूरत लड़की पर पड़ जाती है जिसे देखते ही उसकी आंखों में एक चमक आ जाती है, और वह शख्स अपनी आंखों में उसी चमक को लिए बेड की तरफ अपने कदम बढ़ा देता है बेड के बगल में पहुंच वह शख्स अच्छे से ईशा को देखने लगता है।

ईशा ने अभी अपना कल शाम वाला रेड गाउन पहना हुआ था जिसमें वह इस समय भी बेहद हॉट एंड सेडक्टिव लग रही थी, उस रेड गाउन में ईशा को देख उस आदमी की आंखों में लालच भर जाता है और वह धीरे से खुद मैं ही कहता है। - "वाह! कितनी फुर्सत से बनाया है ऊपर वाले ने तुझे, तभी तो तुझ पर मेरा दिल आ गया है !"

यह सब कहते हुए वह शख्स धीरे से ईशा के बधे हुए हाथों की रस्सी को खोल देता है और फिर ईशा के मुंह पर चिपके हुए टेप को धीरे से खींचकर अलग कर देता है और ईशा के गुलाबी होठों पर अपनी उंगली रखते हुए कहता है। - " तुम्हारे यह होंठ किसी गुलाब से कम नहीं है, जी चाहता है अभी इसका सारा रस निचोड़ कर पी जाऊं !"

इतना कहते हुए वह शख्स धीरे-धीरे ईशा के होंठों को चूमने के लिए उसके ऊपर झुकने लगता है, लेकिन इससे पहले वह शख्स, ईशा के होंठों को छू भी पाता ईशा की आंखें हल्की खुल जाती है, और जैसे ही वह किसी को अपने इतने करीब देखती है तो वह अपने आंखो को झट से पूरा खोल तुरंत उसे धक्का देकर खुद से दूर धकेलते हुए चिल्लाकर कहती है। - "मिस्टर कबीर सक्सेना यह आप क्या करने की कोशिश कर रहे हैं?"

यह सब कहते हुए ईशा बेड से उठ जाती है।

वही अचानक ईशा के दिए धक्के की वजह से कबीर कुछ कदम पीछे हो जाता है और फिर बेड पर बैठी ईशा की तरफ देख उसके चेहरे पर एक बड़ी सी शैतानी मुस्कान आ जाती है और उसी मुस्कान के साथ वह ईशा को भी जवाब देते हुए कहता है। - "अच्छा हुआ तुम्हें होश आ गया, वैसे भी बेहोशी की हालत में तुम्हारे साथ यह सब करने में बिल्कुल मजा नहीं आता!"

इतना कहकर कबीर अपनी आंखों में एक हवस भरी चमक लेकर बेड की तरफ बढ़ने लगता है, वही कबीर की बातें और उसके चेहरे के एक्सप्रेशन देख ईशा कुछ घबरा जाती है, पर फिर वह हिम्मत करके कबीर सक्सेना से ऊंची आवाज में रहती है कबीर सक्सेना तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुझे किडनैप करके यहां लाने की तुम जानते नहीं हो मैं कौन हूं, चुपचाप मुझे यहां से जाने दो नहीं तो मैं तुम्हें छोडूंगी नहीं।

ईशा की बातों को सुन कबीर सक्सेना के फेस पर एक बड़ी सी शैतानी मुस्कान आ जाती है वह इस मुस्कान के साथ ईशा की तरफ देखते हुए कहता है –"डार्लिंग यही गुस्सा यही तेवर तो मुझे तुम्हारा और भी दीवाना बनाते हैं, और मैं तुम्हें ऐसे ही कैसे जाने दे सकता हूं आखिर इतनी मेहनत जो की है मैंने तुम्हें यहां लाने के लिए।

कबीर सक्सेना की ऐसी बातों को सुन इस है और भी ज्यादा घबरा जाती है वह तुरंत ही बेड से उतर कर वहां से भागने के लिए दरवाजे की तरफ तेजी से जाने लगती है।

लेकिन अभी ईशा ने एक दो कदम ही बढ़ाए थे कि तभी पीछे से कबीर उसका हाथ पकड़ उसे खुद की तरफ खींचते हुए उसे कहता है। - "कहां भाग रही हो जानेमन? कबीर सक्सेना अपने हाथ में आई हुई चीज को इतनी आसानी से खुद से दूर नहीं जाने देता है !"

यह सब कहते हुए कबीर ईशा को अपनी तरफ खींची रहा था कि तभी कबीर से छूटने के लिए ईशा उसके हाथों में दांत काट देती है जिससे कबीर की पकड़ तुरंत उसके हाथ से छूट जाती है और ईशा फिर से दरवाजे की तरफ तेजी से भागने लगती है।

ईशा कमरे के दरवाजे तक पहुंच दरवाजे को खोल बाहर निकलने ही वाली थी इससे पहले ही कबीर वहां पर पहुंच तुरंत गेट को बंद कर देता है और फिर ईशा को अपनी तरफ पलट उसके गालों पर एक जोरदार तमाचा जड़ते हुए गुस्से के साथ अपने दांत पीसकर कहता है। - "शाली दांत काटती है !"

कबीर का तमाचा पढ़ते ही ईशा जमीन पर जा गीरती है, और उसके होठों के किनारे से हल्का सा खून निकलने लग जाता है और उसकी आंखों में आंसू आ जाते हैं।

वही उसके ठीक सामने खड़ा कबीर अपने दांत पीसते हुए ईशा की तरफ गुस्से से देख आगे अपनी बात कहता है। - "पहले मैंने सोचा था तेरे साथ यह सब बहुत प्यार से करूंगा लेकिन प्यार से मेरा यह सब करना तुझे पसंद नहीं आया अब देख मैं तेरा क्या हाल करता हूं !"

अपनी बात पूरी करते ही कबीर ईशा को उसके बालों से पकड़ घशीठता हुआ बेड की तरफ ले जाने लगता है, वही कबीर के ऐसे घसीट कर ले जाने से ईशा को बहुत दर्द होने लगता है और वह छटपटा कर खुद को कबीर की पकड़ से छुड़ाने की कोशिश करती है लेकिन लाख कोशिश करने के बाद भी वह कबीर की पकड़ से खुद को नहीं छोड़ा पाती है।

वही बेड के पास ले जाकर कबीर ईशा को बालों से पकड़कर ही खड़ा करता है और एक और जोरदार तमाचा उसके गाल पर जमा देता है जिसकी वजह से ईशा सीधा बेड पर जा गिरती है।

ईशा के बेड पर गिरते ही कबीर तुरंत उसके गाउन को खींचने लग जाता है जिसकी वजह से ईशा का गाउन फट जाता है, वही गाउन को फाड़ने के बाद कबीर उसके दोनों हाथ पकड़ कर उसके ऊपर झुकने लगता है,कबीर को ऐसा करते हुए देख ईशा रोते हुए गिड़गिड़ा कर उससे जाने देने की भीख मांगने लग जाती हैं। - "प्लीज मुझे जाने दो.. प्लीज छोड़ दो मुझे..!"

पर कबीर उसकी एक नहीं सुनता और तुरंत अपनी शर्ट को भी उतार कर उसके ऊपर चढ़ जाता है, और धीरे-धीरे उसके होठों की तरफ बढ़ेने लगता है, वही कबीर को अपने करीब और करीब आते हुए देखा ईशा की आंखों से लगातार आंसू बहे जा रहे थे लेकिन कबीर उस पर कोई भी ध्यान नहीं देता और लगातार उसके होठों की तरफ बढ़ने लगता है।

to be continued....

क्या कबीर सक्सेना से खुद को बचा पाएगी ???

या कोई आएगा ईशा को बचाने के लिए???

जानने के लिए पढ़िए बन रहे इस स्टोरी के साथ जिसका नाम है "माय ड्रीम लव"💓