मेरी और निहारिका की शादी का जश्न !!

रावत फार्महाउस 

 

Cherry बिस्तर पर बैठी थी और उसने खुद को ब्लैंकेट से कवर किया हुआ था।

 

 अभी-अभी उसके और दिव्यांश के बीच इंटिमेसी हुई थी... लेकिन इंटिमेसी के बाद जब दिव्यांश ने एक बार फिर से खुद की ओर निहारिका की शादी का जिक्र किया तो Cherry हैरान रह गई।

 

 मतलब उन दोनों के बीच इतना सब कुछ होने के बाद भी दिव्यांश निहारिका से शादी करेगा…. ये उसके लिए बहुत शॉकिंग था और उसे तकलीफ भी बहुत ज्यादा हो रही थी!! न जाने…. कितनी देर वो यू अपनी जगह पर बैठी रही….

 

जबकि दिव्यांश उसे बोल कर गया था कि वो बाहर उसका इंतजार कर रहा है। लगभग से एक घंटा बीत चुका था और अभी भी Cherry यूं ही अपनी जगह पर बैठी थी, पर अब उसने खुद को संभाला और अपने कपड़े लेकर वॉशरूम की तरफ बढ़ गई।

 

तकरीबन और आधा घंटा बीत जाने पर वो रूम से बाहर निकली तो उसकी नज़रें हॉल में इधर-उधर घूमने लगी।

 

 दिव्यांश ने उससे कहा था कि वो हॉल में उसका इंतजार करेगा लेकिन अब वो उसे कहीं भी नजर नहीं आ रहा था। 

 

Cherry ने बेहद तकलीफ भरी आवाज के साथ उसे पुकारा "Avocado…"

 

लेकिन सामने से दिव्यांश का कोई जवाब नहीं आया। Cherry अब थोड़ा आगे की तरफ आई तो उसे एक सर्वेंट नजर आई जो फार्म हाउस की देख रेख का काम करती थी।

 

Cherry ने उस सर्वेंट की तरफ देखते हुए पूछा Avocado मेरा मतलब है… दिव्यांश कहां है, वो अभी यहीं थे ना!!"

 

 वो सर्वेंट तुरंत बोली "लेकिन उन्हें गए तो तकरीबन डेढ़ घंटा हो गया!! जब रूम से बाहर निकले थे तो बस दो-चार मिनट बाहर बैठे और फिर वहां से निकल गए!!"

 

 Cherry उस सर्वेंट की बात सुनकर अब और भी ज्यादा टूट गई। मतलब, दिव्यांश ने उसका इंतजार किया… वो भी तो सिर्फ दो-तीन मिनट… उसने सोच भी कैसे लिया कि वो जो Cherry के साथ अंदर रूम में करके आया है और उन दोनों के बीच जो बात हुई है।

 

 उसके बाद Cherry सिर्फ दो-तीन मिनट में नॉर्मल हो जाएगी। वो कोई खिलौना नहीं था, जो टूट गया और जुड़ गया…. इस वक्त उसका दिल टूट रहा था और अब उसे इस चीज का पछतावा हो रहा था कि वो इंडिया आई ही क्यों?? उसे यहां आना ही नहीं चाहिए था!! 

 

सालों पहले वो इंडिया इसी बात पर छोड़कर गई थी क्योंकि दिव्यांश ने उसका दिल तोड़ा था और आज एक बार फिर से वापस आने पर भी वही सब हो रहा था। उसकी आंखों से आंसू बहने लगे।

 

 तभी वो सर्वेंट उसकी तरफ देखते हुए बोली "उन्होंने कहा है कि बाहर गाड़ी आपका इंतजार कर रही है!! आप जाकर गाड़ी में बैठ जाइए… आपको जहां जाना होगा, वो गाड़ी आपको छोड़ देगी!!"

 

 Cherry ने अपना चेहरा हां में हिलाया। वो बाहर आई तो सच में एक गाड़ी बिल्कुल बाहर की तरफ खड़ी थी।

 

वो उस गाड़ी में बैठी और बोली "ड्राइवर… प्लीज आप एयरपोर्ट की तरफ चलिए!!"

 

उस ड्राइवर ने कुछ नहीं कहा। बस चुपचाप गाड़ी आगे की तरफ बढ़ा दी।

 

 Cherry खुद से ही बोली "मुझे यहां नहीं रहना स्ट्रॉबेरी… मैं जानती हूं, आपने मुझे यहां पर बुलाया आप चाहती थी कि मैं यहां पर आऊं, शायद दिव्यांश की शादी देखूंगी तो उस तकलीफ को भूल जाऊंगी जो मेरे दिल में हो रही है लेकिन नहीं… अब तो वो तकलीफ और भी बढ़ जाएगी! पहले तो Avocado मेरे नहीं थे लेकिन अब तो मैंने उन्हें फील किया है! अब अगर अपनी आंखों के सामने उन्हें किसी और का होते हुए देखूंगी तो मर जाऊंगी मैं इसलिए मुझे यहां नहीं रहना!! एम सो सॉरी…. मैं यहां से बिना आपको मिले जा रही हूं लेकिन फिलहाल यही हम सबके लिए सही है!!"

 

ये बोलते हुए उसने अपनी आंखें बंद कर ली और अपना सर पीछे गाड़ी की सीट पर टिका दिया।

तकरीबन आधे घंटे बाद 

 

गाड़ी का हॉर्न बजा तो Cherry की आंखें खुली। उसे तो पता भी नहीं चला वो कब सो गई?? शायद थकावट की वजह से उसकी आंख लग गई थी।

 

उसने दरवाजे पर अपना हाथ रखा और फिर बाहर की तरफ देखा तो वो चौंक गई। वो एयरपोर्ट के बाहर नहीं बल्कि रावत मेंशन के पार्किंग एरिया में थी।

 

वो ड्राइवर की तरफ देखते हुए बोली "मैंने आपको एयरपोर्ट चलने के लिए कहा था ना भैया तो आप मुझे यहां…"

 

 वो ड्राइवर तुरंत बोला "सॉरी मेम साहब…. लेकिन मुझे जो छोटे मालिक ने आर्डर दिए हैं, मुझे उन्हीं को फॉलो करना होगा!!"

 

 ये बोलकर वो गाड़ी से बाहर निकला और अगले ही पल उसने Cherry की तरफ से भी गाड़ी का दरवाजा खोला। Cherry ने अपने माथे पर अपना हाथ रख लिया।

 

 उसे समझ नहीं आ रहा था कि वो धरा के सामने कैसे खुद को नॉर्मल पेश करेगी?? वो गाड़ी से बाहर निकली और रावत मेंशन की तरफ देखने लगी।

 

 कितने साल लगे उसे वापस आने में… अगले ही पल उसकी नजर धरा पर गई, जो दरवाजे से बाहर की तरफ आ रही थी।

 

धरा पिछले 4 घंटे से Cherry को कॉल कर रही थी लेकिन Cherry का फोन लग ही नहीं रहा था और फिर उसे पता चला कि Cherry दिव्यांश के साथ थी लेकिन दिव्यांश तो अब उसे कहीं नजर नहीं आ रहा था!!

 

 Cherry को अकेले वहां पर देखकर धरा और भी ज्यादा बेचैन होने लगी।

 

 वो जल्दी से Cherry के पास आई और अगले ही पल उसकी आंखों में नमी तैर गई। Cherry भी उसे देखते हुए रो रही थी। 

 

उन दोनों की पिछले इतने सालों में सिर्फ और सिर्फ वीडियो कॉल पर बात हो रही थी। धरा तो बहुत जिद करती थी कि उसे Cherry से मिलने उसके पास जाना है लेकिन Cherry उसे मना कर देती थी... 

 

कुछ ऐसा लगता था, जैसे धरा उसके पास आएगी तो जो हिम्मत उसने सालों से रखी हुई है, वो टूट जाएगी…

 

धरा ने अपनी बाहों को फैलाया तो Cherry भी झट से आकर उसके सीने से लग गई और बिलख बिलख कर रोने लगी। इस वक्त वो सच में हद से ज्यादा कमजोरी महसूस कर रही थी और उसका रोना देखकर धरा का दिल बैठने लगा था।

 

 उसे डर लग रहा था कि कहीं दिव्यांश ने उसके साथ कुछ ऐसा वैसा कर तो नहीं कर दिया??

 

 उसने Cherry के सिर पर अपना हाथ रखा और बोली "कहां थी तुम?? तुम्हें पता है, मैं तुम्हें कब से कॉल कर रही थी लेकिन तुम्हारा फोन बंद आ रहा था? दिव्यांश…. दिव्यांश तुम्हारे साथ था ना, उसने तुम्हें एयरपोर्ट से लिया तो वो कहां है?? वो तुम्हारे साथ नहीं आया क्या??"

 

 Cherry ने उसकी बात सुनी तो उसे समझ आया कि दिव्यांश रावत मेंशन में भी नहीं है… मतलब किसी को कुछ पता भी नहीं होगा! 

 

उसने जल्दी से खुद को संभाला और अपनी आंखों से आंसू साफ करते हुए बोली "मुझे… मुझे Avocado क्या कहेंगे?? कुछ भी तो नहीं! मुझे क्या पता, वो कहां है?? उन्होंने मुझे एयरपोर्ट से पिक किया और फिर फार्म हाउस लेकर गए लेकिन तभी उनका एक कॉल आ गया और वो वहां से निकल गए... एक्चुअली, मुझे फार्महाउस दिखाना चाहते थे... पर फिर उन्हें जल्दी में जाना पड़ा तो उन्होंने मुझे ड्राइवर के साथ यहां पर भेज दिया…"

 

उसकी बात सुनकर धरा ने एक राहत की सांस ली।

 

 अगले ही पल Cherry मुंह बनाते हुए बोली "लेकिन यहां पर आने के बाद अब मुझे बहुत अजीब लग रहा है स्ट्रॉबेरी… ये क्या बात हुई… आपको मेरी तो कोई फिक्र ही नहीं है!! आप तो बस अपने दिव्यांश के बारे में बातें किए जा रही हैं!!"

 

 Cherry की बात सुनकर धरा ने जल्दी से उसका चेहरा अपने हाथों में थामा और बोली "मुझे फिक्र हो रही थी कि कहीं वो तुमसे कुछ कह ना दे… उसका पता नहीं चलता आजकल, बहुत अजीब है.."

 

 उसकी बात पूरी होती उससे पहले ही Cherry मुस्कुराते हुए बोली "अजीब नहीं… आजकल लगता है Avocado बदलने लगे हैं!! कहते हैं ना, जब बीवी आ जाती है तो इंसान बदल जाता है, शायद वो शादी से पहले बदलने लगे हैं… थोड़ा संभाल कर रखिएगा आप अपने दिव्यांश को… हाथों से निकल ना जाए स्ट्रॉबेरी!!"

 

 ये बोलते हुए वो मुस्कुरा रही थी लेकिन उसके एक्सप्रेशन से साफ पता चल रहा था कि वो जबरदस्ती अपने आप को खुश दिखाने की कोशिश कर रही है। अगर उसके स्ट्रॉबेरी उसको नहीं पहचानेगी तो और कौन ही पहचानेगा?

 

धरा ने उसके गाल पर अपना हाथ रखा और कुछ बोलने को हुई, लेकिन तभी वहां पर एक गाड़ी आकर रुकी और वो गाड़ी किसी और कि नहीं दिव्यांश की थी।

 

 उस गाड़ी को वहां रुकते हुए देख Cherry की धड़कनें तेजी से बढ़ चुकी थी।

 

तभी गाड़ी की ड्राइविंग सीट का दरवाजा खुला और उसमें से दिव्यांश बाहर निकला। चेहरे पर हद्द दर्जे का एटीट्यूड और डेविल एक्सप्रेशंस लिए वो आंखों से गॉगल्स उतारते हुए Cherry और धरा की तरफ आया।

 

धरा हल्का सा मुस्कुराई।

 

 वही Cherry की सांसे तेज हो चुकी थी। उसे डर लग रहा था कि कहीं दिव्यांश धरा के सामने कुछ कहना दे… कहीं वो धरा को ये ना बता दे कि उन दोनों के बीच इतना सब कुछ हो गया.... और ऊपर से वो Cherry से शादी भी नहीं करने वाला…. ऐसे में धरा को बहुत बुरा लगता… उसका दिव्यांश पर से भरोसा टूट जाता!

 

दिव्यांश ने एक नजर Cherry की तरफ देखा और फिर धरा की तरफ देखते हुए बोला "अब तो काफी खुश होंगी आप?? आप चाहती थी कि मेरी शादी पर आपकी Cherry जरूर आए.... लो आ गई आपकी Cherry मेरी शादी पर.... अब तो मेरी और निहारिका की शादी का जश्न और भी ज्यादा खूबसूरत होगा!!"

 

 उसकी बात सुनते हुए धरा के चेहरे पर अजीब से एक्सप्रेशंस थे।

 

 वही दिव्यांश अब एक बार फिर से अपनी इंटेंस नजरों से Cherry को देख रहा था, जिसने अपनी नज़रें झुकाई हुई थी क्योंकि उसकी आंखों में नमी तैर रही थी।

 

 निहारिका और दिव्यांश की शादी का जिक्र सुनकर ही उसे कुछ-कुछ होने लगा था।