मैं खराब करना चाहता हूं अपनी Red को!!!

रावत मेंशन

दिव्यांश की बातें सुनते हुए Cherry ने अपना चेहरा नीचे की तरफ झुकाया हुआ था क्योंकि दिव्यांश और निहारिका के बारे में सुनते हुए उसके चेहरे पर तकलीफ भरी एक्सप्रेशन आ गए थे, जो उसकी आंखों में तैर रही नमी से साफ झलक रहे थे। वो नहीं चाहती थी कि कोई उसकी आंखों में आंसू देखे, इसलिए उसने अपना चेहरा झुका लिया।

धरा दिव्यांश की बात पर मुस्कुराई और बोली, "मेरी Cherry को तो मेरे पास लौटकर आना ही था! तुम्हारी शादी का तो पता नहीं, लेकिन अब और बहुत कुछ होने वाला है!"

दिव्यांश तुरंत बोला, "जैसे कि ??बताना चाहेंगी क्या !"

धरा मुस्कुराई और बोली, "अब वो तो जब होगा, तुम्हें तब ही पता चलेगा, दिव्यांश!"

दिव्यांश के चेहरे पर तिरछे एक्सप्रेशन आ गए। इतना तो वो भी जानता था कि उसकी मॉम के दिमाग में कुछ न कुछ भयंकर ही चल रहा होगा। तभी उनके एक्सप्रेशन भी इतने खतरनाक थे।

तभी वहां पर एक गाड़ी आकर रुकी और उसमें से व्योम बाहर निकला। Cherry ने जैसे ही व्योम को देखा, उसके चेहरे पर मुस्कुराहट तैर गई। वो जल्दी से व्योम की तरफ भाग गई।

व्योम ने भी अपनी बाहें फैला ली थीं। Cherry उसके सीने से लगकर बोली, "कैसे हैं आप, डैड?"

( बचपन में व्योम ने चेरी को अडॉप्ट किया था, एक्चुअली उसे चेरी कहीं पर मिली थी और तब उसने चेरी को अपनी बेटी बना लिया था लेकिन दिव्यांश और चेरी के बीच ब्लड रिलेशन नहीं थे और ये बात हमेशा से ही व्योम के लिए क्लियर भी थी कि चेरी और दिव्यांश कभी भाई बहन नहीं हो सकते! न ही कभी उन्होंने उन्हें भाई बहन की तरह रखा!" 

व्योम ने उसके सिर पर हाथ रखा और कहा, "मच बेटर। तुम आ गई हो ना, तो अब तो बहुत ही ज्यादा बेटर।" ये कहकर उसने हल्के से उसके सिर को चूम लिया।

दिव्यांश की आंखें बड़ी हो गईं। उसके चेहरे पर गुस्सा झलक उठा और अगले ही पल उसने अपना चेहरा दूसरी तरफ घुमा लिया।

धरा की नजरें दिव्यांश पर थीं। वो हल्का सा मुस्कुराई और मन ही मन बोली, "जलकुकड़े कहीं के! "

Cherry, व्योम के साथ बातों में लग गई और व्योम उसे लेकर अंदर की तरफ बढ़ गया। वहीं, धरा भी अंदर जाने लगी लेकिन फिर अचानक से रुकी और दिव्यांश की तरफ देखते हुए बोली, "तुम अंदर नहीं आओगे क्या?"

दिव्यांश तुरंत बोला, "क्यों? आपको मुझसे कुछ खास काम है?"

धरा हंसी और बोली, "नहीं, ऐसा तो कुछ नहीं है। बस जानना ये चाहती थी कि तुम यहां पर सिर्फ पार्किंग एरिया में घूमने आए थे क्या? अगर घर पर कोई काम नहीं था, तो यहां आए क्यों?"

दिव्यांश एक्सप्रेशनलेस होकर बोला, "मेरी मर्जी!" ये कहकर वो वापस अपनी गाड़ी में बैठा और वहां से निकल गया।

धरा हंसी और बोली, "बहुत मर्जी करने वाले हो गए हो ना तुम, दिव्यांश। अपनी मर्जी से ही तुमने एक लड़की पसंद की और उससे शादी भी फिक्स कर ली। अब मैं देखती हूं कि जब दूसरों की शादी फिक्स होती है, तब तुम्हें कैसा लगता है। इतना तो मैं भी जानती हूं कि तुम्हारे दिल में Cherry के लिए नफरत तो नहीं है। वो जो सालों पहले थी, वो बेशक नफरत हो, लेकिन अब? अब तुम Cherry के लिए कुछ तो फील करते हो, जो मैंने तुम्हारी आंखों में देखा है। अब देखती हूं मैं कि कैसे वो तुम अपने लबों पर नहीं लाते!" ये बोलते हुए उसके चेहरे पर एक डेविल स्माइल आ गई।

वहीं, दूसरी तरफ Cherry व्योम के साथ अंदर आई। अंदर सीढ़ियां उतरते हुए एक लड़की भागते हुए Cherry के पास आई और सीधा उसके सीने से लगकर बोली, "Cherry दीदी! आपको पता है, मैं कब से आपका इंतजार कर रही थी। लेकिन मम्मा बस मुझे बार-बार यही बोले जा रहे थे कि 10 मिनट और, 15 मिनट और... और ऐसा बोलते-बोलते उन्होंने पूरे 4 घंटे लगा दिए। चार घंटे से आप बिजी कहां थी? पहले तो आप मुझे उन चार घंटों का हिसाब दीजिए!"

ये कहते हुए वो Cherry से अलग हो गई। चार घंटे का जिक्र सुनकर Cherry के गाल गर्म होने लगे। उसे तो पता भी नहीं चला कि दिव्यांश के साथ वो 4 घंटे कब बीत गए लेकिन अब जब उसे एहसास हुआ कि वो पूरे चार घंटे दिव्यांश की बाहों में थी, तो उसे एक अजीब सी फीलिंग होने लगी।

उसने दरवाजे की तरफ देखा, जहां से धरा अकेली अंदर आ रही थी। वो कुछ बोलने को हुई, लेकिन फिर चुप रह गई।

रावी एक बार फिर से बोली, "बताओ ना Cherry दीदी, आपको इतना वक्त कहां लगा?"

Cherry ने रावी की तरफ देखा। वो हमेशा वीडियो कॉल पर उसे देखती थी, लेकिन आज वो उसके सामने थी। 20 साल की रावी, जिसकी आंखें सिर्फ और सिर्फ एक ही शख्स पर गई थीं, और वो था व्योम रावत। हां, दिव्यांश की आंखें भी व्योम से मिलती थीं, लेकिन इतनी ज्यादा नहीं। पर रावी तो डिट्टो व्योम की डबल कॉपी लग रही थी।

तभी धरा जल्दी से वहां आई और रावी की तरफ देखते हुए बोली, "तो, अब तुम्हें उन चार घंटों का हिसाब चाहिए? , या फिर तुम अपनी Cherry दीदी के साथ टाइम स्पेंड करना चाहती हो? जानती हो ना, आज रात को पार्टी है। तो तुम्हें नहीं लगता, तुम्हें अपनी Cherry दीदी को अपने रूम में ले जाना चाहिए और उन्हें वो ड्रेस दिखानी चाहिए, जो तुमने उनके लिए सिलेक्ट की है?"

धरा की बात पर रवि मुस्कुराई और बोली, "ओहफो मम्मा, आपको तो पता ही है कि मेरा दिमाग कभी-कभी चलना बंद कर देता है। आपको पता है, Cherry दीदी, रिया, हमारी डिजाइनर ने हम दोनों के लिए बहुत ही ज्यादा खूबसूरत ड्रेस बनाई है। आप मेरे साथ चलिए, मैं आपको दिखाती हूं।"

ये बोलकर उसने Cherry का हाथ पकड़ा और उसे वहां से ऊपर अपने रूम की तरफ ले गई।

उनके जाने के बाद व्योम धरा की तरफ देखने लगा। धरा वहां से जाने लगी, लेकिन व्योम ने उसका हाथ पकड़कर उसे रोक लिया और सीधा अपनी तरफ खींच लिया। धरा एक झटके से उसके सीने से लग गई।

वो तुरंत बोली, "क्या कर रहे हैं आप, मिस्टर रावत? छोड़िए मुझे, कोई देख लेगा!"

व्योम ने तुरंत उसकी कमर पर अपना हाथ थोड़ा कसते हुए कहा, "कोई बात नहीं, देखने दो। जब हम दोनों हैं ही देखने की चीज़, तो क्या ही प्रॉब्लम है?" ये बोलते हुए उसने उसके चेहरे पर आए बालों को हटाना शुरू कर दिया।

धरा तुरंत बोली, "ये सब आप प्लीज़ अभी मत कीजिए। अभी मैं थोड़ा बिज़ी हूं। मुझे रात की पार्टी की तैयारी करनी है!"

व्योम तुरंत बोला, "तुम्हारा ये बिज़ी शेड्यूल क्या मेरे मूड को बदल सकता है? तुम्हें सच में लगता है कि अगर मेरा मूड है, तो मैं ये देखूंगा कि तुम्हें क्या करना है और क्या नहीं। मैं जो चाहता हूं वो हासिल करना जनता हूं Cry Baby"

ये कहते हुए उसने अपना चेहरा पूरी तरह से धरा के चेहरे के करीब कर लिया और अपनी गर्म सांसें उसकी गर्दन पर छोड़ने लगा। धरा ने उसकी शर्ट को कसकर मुट्ठियों में जकड़ लिया। उसकी खुद की सांसों में एक तूफान आना शुरू हो गया था।

अगले ही पल, व्योम ने उसे अपनी गोद में उठाया और सीधा अपने रूम की तरफ लेकर बढ़ गया।

व्योम आज भी बिल्कुल वैसा ही था, जैसा 24-25 साल पहले था। एकदम बेशर्म और निहायत जिद्दी, जिसके सामने धरा की एक नहीं चलती थी।

व्योम धरा को लेकर सीधा बिस्तर पर आया और अगले ही पल उसे बेड पर पटककर खुद अपनी शर्ट के बटन खोलने लगा।

धरा उसकी तरफ देखते हुए बोली, "बच्चों की लाइफ सेट करने की बजाय आप मेरे साथ ये सब कर रहे हैं, मिस्टर रावत? अब तो Cherry भी आ गई। कम से कम अब तो आप सीरियस हो जाइए।"

व्योम चेहरे पर डेविल स्माइल लिए बोला, "फिलहाल तो मैं वाइल्ड होना चाहता हूं।"

ये कहते हुए उसने अपनी पैंट के बटन पर हाथ रखा और अगले ही पल उसके कपड़े उसके बदन से अलग हो चुके थे। धरा का तन-बदन ढीला पड़ने लगा। व्योम को इस तरह से देखना ही उसके रोंगटे खड़े कर देता था। अब वो खुद ही बिस्तर पर पूरी तरह से लेट चुकी थी।

व्योम की वो डेविल स्माइल और भी ज्यादा लंबी हो गई।

दूसरी तरफ, 

दिव्यांश इस वक्त अपने ऑफिस में था। शाम के तकरीबन चार बज चुके थे और वो सामने लैपटॉप पर नजरें गड़ाए हुए था। स्क्रीन पर किसी और की नहीं, बल्कि Cherry की पिक्चर लगी हुई थी।

वो पिक्चर की तरफ देखते हुए बोला:

"हां जानता हूं मैने कोई खिलौना नहीं तोड़ा था, तुम्हारा दिल तोड़ा था...

लेकिन तुम भी कहां कम थी?

छीना था तुमने मुझसे मेरा सब,

और तुम्हें लगता है कि तुम बेहद मासूम थी...

उस वक्त मुझसे मेरा सब छीनकर

तुम मुझसे दूर गई थी…

तुमने क्या सोचा था कि मैं सब भूल जाऊंगा?

अब लाया हूं मैं तुम्हें खींचकर अपने पास...

इस कदर छीन लूंगा मैं तुमसे तुम्हारा सब कुछ,

कि तुम्हारे अंदर सिर्फ मैं ही रह जाऊंगा...

My Red!!! Welcome to the World of Divyansh Rawat.

इतने सालों से मैं जल रहा था। अब जलने की बारी तुम्हारी है और तुम्हें जलाने वाला होगा ये दिव्यांश रावत!"

ये बोलकर उसने कुछ पल Cherry की पिक्चर को देखा और फिर लैपटॉप बंद कर ऑफिस से निकल गया।

कुछ देर बाद, वो गाड़ी ड्राइव कर रहा था। तभी उसका फोन बजा। फोन पर "निहारिका" नाम से नंबर सेव था। उसने ब्लूटूथ से कॉल रिसीव किया।

सामने से निहारिका की आवाज आई, "कहां हो तुम, दिव्यांश? मैं कब से तुम्हारा डिजाइनर हाउस में वेट कर रही थी। तुमने खुद कहा था कि आज रात की ड्रेस तुम मुझे सिलेक्ट करवाओगे, लेकिन तुम आए ही नहीं! और ऊपर से तुम्हारा फोन भी स्विच ऑफ था। व्हाट इज दिस, दिव्यांश? तुम मुझे इग्नोर कर रहे हो क्या? वो भी आज के दिन, जब सबके सामने हमारी इंगेजमेंट की अनाउंसमेंट होने वाली है?"

दिव्यांश तुरंत बोला, "क्या? जरा याद करके बताना, निहारिका, क्या मैंने तुम्हें कहा था कि मैं तुम्हें डिजाइनर हाउस में मिलूंगा?"

उसकी बात पर निहारिका सोच में पड़ गई और उसे सुबह का वक्त याद आने लगा। उसने दिव्यांश को फोन पर बताया था कि वो डिजाइनर हाउस जाने वाली है और वो उसका वहां वेट करेगी! दिव्यांश ने सामने से कुछ नहीं कहा था।

वो तुरंत बोली, "लेकिन तुमने ये तो कहा था कि मैं तुम्हारी पसंद की ड्रेस पहनूंगी।"

दिव्यांश तुरंत बोला, "तो उसके लिए मेरा डिजाइनर हाउस आना जरूरी नहीं था। तुम्हें मुझसे एक बार कंफर्म कर लेना चाहिए था, निहारिका। अगर तुम अपने घर जाओगी, तो तुम्हें पता चलेगा कि मेरी बात का मतलब क्या था। दिव्यांश रावत किसी ऐरे-गैरे डिजाइनर की ड्रेस अपनी होने वाली बीवी को नहीं पहनने देगा। जिस डिजाइनर हाउस में तुम गई हो, वहां से तो मेरी कंपनी का सिंपल एम्प्लाई भी अपनी गर्लफ्रेंड के लिए ड्रेस लेकर आ सकता है। फिर उसमें और दिव्यांश रावत में फर्क क्या हुआ? आई होप, नाउ यू गेट माई पॉइंट।"

ये कहकर उसने कॉल डिस्कनेक्ट कर दी।

सामने से निहारिका, जो तकरीबन 22 साल की खूबसूरत लड़की थी, अपने फोन की तरफ देखती रह गई। 

अगले ही पल वो एक्साइटेड होकर बोली, "इट मीन्स दिव्यांश ने घर पर... ओह गॉड मैंने अपना दिमाग क्यों नहीं चलाया? मुझे जल्दी से घर जाना होगा।"

ये कहते हुए वो तुरंत अपनी गाड़ी में बैठी और घर के लिए निकल गई।

दूसरी तरफ, दिव्यांश मुस्कुराया और बोला, "इसमें तुम्हारी गलती नहीं है, निहारिका। दिव्यांश रावत के सामने किसी का दिमाग चलता ही नहीं। और जो चलाने की कोशिश करता है, उसका मैं सिर्फ दिमाग नहीं, उसे पूरा ही खराब कर देता हूं। और अब मैं खराब करना चाहता हूं अपनी Red को।"

ये कहते हुए उसकी आवाज बेहद इंटेंस हो गई थी।